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इंडोनेशिया में नौका पलटने से 1 की मौत, 4 लापता

जकार्ता, 5 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। इडोनेशिया में शुक्रवार को एक नौका के पलट जाने से उसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए।

इस हादसे के बाद शनिवार को खोज एवं तलाश का काम जारी है।

बाली खोज एवं बचाव कार्यालय के प्रमुख डीडी हंजार ने बताया, "हमने शनिवार को एक शव बरामद किया और चार लापता लोगों की तलाश जारी है।"

प्रमुख ने कहा कि नौका में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। इसमें 37 यात्रियों और चालक दल के 14 सदस्य ही सवार होने चाहिए थे।

हंजार ने कहा, "हमने 76 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है और एक शव बरामद हुआ है। चार लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है।"

अधिकारी ने कहा कि शनिवार को जारी बचाव कार्यो में बाली और पूर्वी जावा के बचाव दल, नौसेना और पुलिस भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि एक हेलीकॉप्टर और जहाजों को भी बचाव कार्यो में मदद के लिए भेजा गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    जिनान, 21 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। पूर्वी चीन के शैंडोंग प्रांत के खाद्य तथा औषधि प्रशासन ने सोमवार को साल 2011 से 18 प्रांतों में अवैध तरीके से बेचे गए टीकों की एक सूची को सार्वजनिक की है।

    इनमें 12 टीके, दो प्रतिरक्षा ग्लोब्युलिन और एक चिकित्सीय उत्पाद शामिल है, जो कथित तौर पर एक मां और उसकी बेटी द्वारा बेचे गए थे। इन दोनों आरोपी महिलाओं को शैंडोंग से गिरफ्तार किया गया था। चीन का औषधि नियामक और पुलिस इन दवाओं का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इन टीकों का बाजार मूल्य करीब 57 करोड़ युआन (8.8 करोड़ डॉलर) है, जिनका रखरखाव उचित तरीके से नहीं किया गया था।

    पुलिस ने इस प्रकरण में शामिल दवा कपंनियों और वितरकों को दवाओं के प्रसार के बारे में जानकारी मुहैया कराने के लिए 25 मार्च तक की मोहलत दी है। इन दो महिलाएं पर लाभ कमाने के लिए अनुचित रखरखाव वाली इन टीकों की खरीद और बिक्री का आरोप है।

    दवाएं हालांकि योग्य कपंनियों द्वारा उत्पादित हैं, लेकिन इन दवाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए मानक वातावरण का ध्यान नहीं रखा गया, जिस वजह से इनकी गुणवत्ता की गारंटी नहीं दी जा सकती है।

    इस तरह की टीकों के उपयोग से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो विकलांगता और मृत्यु का कारण बन सकते हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • चीन के प्रधानमंत्री ने कृषि विकास पर दिया जोर
    बीजिंग, 21 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने 2016 से 2020 के दौरान कृषि के आधुनिकीकरण और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास करने को कहा ताकि ग्रामीण क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके।

    उन्होंने यह टिप्पणी सोमवार को जारी लिखित सार्वजनिक निर्देश में की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आर्थिक-सामाजिक विकास में कृषि की अहम भूमिका है।

    उन्होंने निर्देश जारी किया कि किसानों को बाजार में मांग के अनुरूप फसल और पशुधन को समायोजित करने के लिए मार्गदर्शन किया जाए।

    उन्होंने कहा कि कृषि कार्यो को बढ़ावा दिया जाए और इस क्षेत्र की दक्षता और प्रतिस्पर्धा में सुधार किया जाना चाहिए।

    उपप्रधानमंत्री वांग यांग ने रबी फसलों के बारे में रविवार से सोमवार तक चली राष्ट्रीय बैठक के दौरान कहा कि चीन को आपूर्ति असंतुलन को दूर करने के लिए कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधारों को तेज करने की जरूरत है।

    वांग ने कहा, "ग्रामीण अवसंरचना जैसे सिंचाई परियोजना में सुधार होनी चाहिए तथा बाढ़ और सूखे की निपटने की तैयारी होनी चाहिए।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • संयुक्त राष्ट्र ने यूएई की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रयासों को सराहा
    अबूधाबी, 21 मार्च (आईएएनएस)। यूएन ऑफिस फॉर आउटर स्पेस अफेयर्स (यूएनओओएस) की निदेशक सिमोनेटा डी पिप्पो ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अंतरिक्ष एजेंसी की प्रगति को सराहा है।

    डी पिप्पो ने यूएई की अंतरिक्ष एजेंसी को यूएनओओएसए में अपनी सदस्यता के जरिए निभाई गई अहम भूमिका के लिए बधाई दी।

    उन्होंने यह सराहना यहां एजेंसी के मुख्यालय में यूएई अंतरिक्ष एजेंसी बोर्ड के अध्यक्ष खलीफा मोहम्मद अल रुमैथी से हुई मुलाकात के दौरान की।

    इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने संयुक्त सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

    अल रुमैथी ने डी पिप्पो को एजेंसी के काम और इसके उद्देश्य, पहल, कार्यक्रम और देश में अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसकी रणनीति के बारे में बताया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नेपाल और चीन के बीच पहली पारगमन संधि
    काठमांडू, 21 मार्च (आईएएनएस)।नेपाल और चीन ने पारगमन और परिवहन संधि एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए पत्रों के आदान-प्रदान के साथ दस समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते नेपाली प्रधानमंत्री के.पी शर्मा ओली की चीन यात्रा के दौरान हुए हैं।

    ओली नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीनी के प्रधानमंत्री ली केकियांग के आमंत्रण पर पहली बार चीन की यात्रा पर हैं।

    चीन-नेपाल के समझौतों में सबसे अहम पारगमन और परिवहन संधि है। इससे तीसरे देश के साथ व्यापार के लिए नेपाल की भारतीय बंदरगाह पर पूर्ण निर्भरता खत्म हो जाएगी।

    ओली और ली की सोमवार को हुई बैठक के बाद दोनों देशों के बीच संधियों और समझौता ज्ञापनों पर दस्तखत किए गए।

    नेपाल में नए संविधान पर आपत्तियों को लेकर दक्षिणी नेपाल के तराई क्षेत्र में मधेसी आंदोलन के पांच महीने बाद नेपाल का तीसरे देशों के साथ व्यापार एक तरह से ठप हो गया था, इसलिए नेपाली नेतृत्व को भारत के कोलकाता स्थित हाल्दिया बंदरगाह का विकल्प चुनने को बाध्य होना पड़ा।

    चीन और नेपाल के बीच हाल में हुए समझौतों के बाद नेपाल तीसरे देश के साथ व्यापार के लिए चीन का तियानजिन बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकेगा। यह बंदरगाह नेपाल की सीमा से करीब 3000 किलोमीटर दूर स्थित है, जबकि भारत की हल्दिया बंदरगाह नेपाल सीमा से सिर्फ 1000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    लेकिन चिंता का विषय यह है कि नेपाल चीन के तियानजिन बंदरगाह का तुरंत इस्तेमाल नहीं कर सकता। चीनी बंदरगाह अधिक ऊंचाई पर है और उसका इस्तेमाल के लिए नेपाल में आधारभूत ढांचा भी उन्नत नहीं है।

    एक अन्य समझौते के तहत चीन काठमांडू से करीब 200 किलोमीटर दूर पोखरा में क्षेत्रीय हवाईअड्डा के निर्माण के लिए नेपाल को 21.6 करोड़ डॉलर का सस्ता ऋण देगा।

    नेपाली पक्षों से मिली जानकारी के अनुसार, द्विपक्षीय व्यापार को बढ़वा देने के लिए नेपाल और चीन ने मुक्त व्यापार समझौता पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

    नेपाल में तेल और गैस की खोज करने पर भी चीन सहमत हुआ है और इसके लिए वह नेपाल को आर्थिक और तकनीकी सहयोग देने पर भी राजी हुआ है।

    एक अन्य समझौते के तहत चीन के व्यावसायिक बैंक अपनी शाखाएं नेपाल में और नेपाली बैंक अपनी शाखाएं चीन में खोलेंगे।

    नेपाली प्रधानमंत्री ओली के विदेश मामले के सलाहकार गोपाल खनाल ने कहा कि चीन नेपाल के 32 हजार घरों में सोलर पैनल लगाएगा। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है।

    एक और समझौते के तहत नेपाल और चीन के अनुषंगी शहरों के बीच संबंध स्थापित किए जाएंगे। चीन के चेंगदू शहर में नेपाल वाणिज्य दूतावास खोलेगा।

    चीन सुदूर पश्चिमी नेपाल स्थित हिलसा में पुल का निर्माण करेगा। इस पुल के निर्माण से तिब्बत और नेपाल के बीच संपर्क बहाल हो जाएगा। हिलसा नेपाल और तिब्बत के पारंपरिक व्यापार मार्ग पर स्थित है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • एमएच-370 के संभावित मलबे की विस्तृत जांच का वादा
    कैनबरा, 21 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ऑस्ट्रेलिया के अवसंरचना और परिवहन मंत्री डेरेन चेस्टर ने सोमवार को कहा कि मोजाम्बिक में मिले विमान के मलबे के दो टुकड़े ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुके हैं और उनकी अच्छी तरह जांच की जाएगी।

    चेस्टर ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि ये दोनों टुकड़े विमान के हो सकते हैं।

    विमानन कपंनी बोइंग, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया के जांचकर्ता, जियो साइंस ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के साथ मिलकर दोनों टुकड़ों की जांच करेंगे। वे यह पता लगाएंगे कि क्या ये टुकड़े मलेशिया के गायब विमान एमएच-370 के तो नहीं हैं।

    चेस्टर ने कहा, "ये टुकड़े ध्यान खींच रहे हैं, लेकिन इसकी काफी जांच-पड़ताल की जाएगी। इसलिए किसी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए कितनी लंबा जांच चलेगी, बता पाना मुश्किल है। मैं उस विमान में सवार लोगों के परिजनों और व्यापक यात्री समुदाय से यह कहना चाहूंगा कि यह जांच एक अनुभवी अंतर्राष्ट्रीय दल द्वारा की जाएगी और अच्छी तरह से की जाएगी।"

    मलेशिया का एमएच-370 विमान 8 मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा था। इसमें 239 लोग सवार थे, जिनमें ज्यादातर चीनी थे। रास्ते में यह विमान कहीं लापता हो गया। दक्षिणी हिंद महासागर में इस विमान के गिरने का अनुमान लगाया गया है और संयुक्त जांच दल इसकी जांच कर रहा है। हालांकि अभी तक इस विमान का मलबा नहीं मिला है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • इजरायल ने गोपनीय ढंग से 19 यहूदियों को यमन से निकाला
    तेल अवीव, 21 मार्च (आईएएनएस)। इजरायली प्रशासन ने सोमवार को कहा कि उसने गोपनीय ढंग से हवाई मार्ग से 19 यहूदियों को यमन से बाहर निकाला है। यहूदियों का यह आखिरी जत्था था जो युद्ध से तबाह देश को छोड़ने को तैयार हुआ था।

    कुछ दिनों पहले आए एक दंपति के अलावा 17 यमनी यहूदी सोमवार को इजरायल पहुंचे। यहूदियों को इजरायल में बसने के लिए प्रोत्साहन देने वाली इजरायल स्थित एक संस्था ने यह जानकारी दी।

    समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एजेंसी के मुताबिक यमन से निकाले गए लोगों में सना के एक परिवार के पांच सदस्य और रेदाह शहर के 14 लोग शामिल हैं।

    यमन में 50 यहूदी अब भी हैं। वहां जारी युद्ध के बावजूद उन्होंने देश छोड़ने से इनकार कर दिया है।

    चैनल 2 टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यमन से लोगों को निकालने में अमेरिकी विदेश विभाग ने मदद की है।

    1949 से 1954 के बीच इजरायल ने 50 हजार से भी अधिक यमन के यहूदियों को गुप्त अभियान में हवाई मार्ग से इजरायल पहुंचाया था। लेकिन, कुछ यहूदियों ने यमन में ही रहने का निश्चय किया था।

    यहूदी एजेंसी के अध्यक्ष नातान शारांस्की ने कहा, "आज हम इस ऐतिहासिक आप्रवासन अभियान को बंद कर रहे हैं। यह इजरायल के और इजरायल में आप्रवासन के इतिहास में यह बहुत महत्वपूर्ण क्षण है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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