भोपाल, 19 फरवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की अहर्तादायी सेवा 25 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।
मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि ऐसे चिकित्सक, जिनकी मूल नियुक्ति चिकित्सा अधिकारी के पद पर हुई थी, वे 30 वर्ष की नियमित सेवा पूरी होने के बाद अन्य शासकीय अधिकारी की तरह वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान के पात्र होंगे।
मंत्रिपरिषद ने आयुष विभाग के शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति (मानधन) निर्धारित की है। प्रथम वर्ष में 21 हजार, द्वितीय वर्ष में 22 हजार और तृतीय वर्ष में 23 हजार रुपए की शिष्यवृत्ति को मंजूरी दी गई।
मंत्रिपरिषद ने नौ एकलव्य आदर्श आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिए कुल 412 पद सृजित करने को मंजूरी दी। अवसंरचना विकास के लिए भारत सरकार से प्राप्त राशि के अलावा खर्च होने वाली राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
मंत्रिपरिषद ने उद्यानिकी विभाग का नाम परिवर्तित करने का निर्णय लिया। अब विभाग का नाम उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग होगा।
मंत्रिपरिषद ने राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2015 का भी अनुमोदन किया। नीति में आगामी जरूरी बदलावों के लिए गृह विभाग को अधिकृत किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
मप्र : 30 वर्ष की सेवा बाद वीआरएस ले सकेंगे चिकित्सक
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