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तो ये है दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब

बीजिंग, 4 मार्च (आईएएनएस)। चीनी किताब "आर्डर : फेंगयान स्टोरी" ने हाल ही में जर्मनी में चल रहे एक सालाना उत्सव में दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब का खिताब जीता है।

दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब प्रतियोगिता का आयोजन हर साल मार्च में लेइपजिग में किया जाता है। इसका आयोजन जर्मनी की एक बुक आर्ट फाउंडेशन बुचकनस्ट करती है।

इस साल इसमें 32 देशों की कुल 600 किताबों की जांच की गई जिसमें से दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब का चयन किया गया। इस प्रतियोगिता में 8 अलग-अलग देशों की 14 किताबों ने पुरस्कार जीता।

विजेता चीनी किताब "आर्डर : फेंगयान स्टोरी" को लू चोंघुआ ने लिखा है और ली चीन ने इसे डिजाइन किया है। यह किताब फेंगयान के एक 33 साल पुराने किताबों की दुकान की कहानी पर आधारित है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    लखनऊ, 21 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार यानी 21 मार्च को डॉ. नरेश त्रेहन, विशाल भारद्वाज, अनुराग कश्यप, अशोक चक्रधर व सुरभि रंजन समेत अलग-अलग क्षेत्रों में मुकाम हासिल कर चुके 46 लोगों को यश भारती सम्मान से नवाजेंगे।

    वहीं संगीतकार समीर और वीरता के लिए अंजलि मिश्रा को अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

    सुबह 10:30 बजे डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में आयोजित इस सम्मान समारोह में सपा मुखिया व सांसद मुलायम सिंह यादव के अलावा संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमारी कोरी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद होंगी।

    प्रदेश की संस्कृति सचिव अनीता सी. मेश्राम ने बताया कि इन महान विभूतियों ने अपनी सृजनात्मक प्रतिभा के माध्यम से प्रदेश के गौरव को विश्व के कोने-कोने में आलोकित किया है। यश भारती सम्मान पाने वाले व्यक्तियों को 11-11 लाख रुपये तथा अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाली विभूतियांे को पांच-पांच लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • कहां से आती है मनुष्यों में कल्पनाशीलता?


    न्यूयार्क, 21 मार्च (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों का मानना है कि मनुष्यों में यह विशिष्ट क्षमता होती है कि वह किसी विचार या वस्तु को पहले से देखे बिना उसके बारे में कल्पना कर सकता है। लेकिन इसके पीछे के तंत्रिका तंत्र के बारे में हम काफी कम जानते हैं।

    बोस्टन विश्वविद्यालय के एंड्रे वेशेडस्की को अपने प्रयोग से यह जानकारी मिली है कि कल्पनाशीलता की प्रक्रिया जिसे मेंटल सिंथेसिस भी कहा जा सकता है, पहले से दिमाग में प्राप्त तस्वीरों, दृश्यों और संपकल्पनाओं को मानसिक रूप से मिलाने का नतीजा है।

    प्रयोग के दौरान उन्होंने पाया कल्पनाशीलता की क्रिया के दौरान दो विविध प्रकार की अनुभूतियों या दृश्यों से जुड़े न्यूरॉन एक साथ क्रियाशील हो जाते हैं।

    यह शोध रिसर्च आइडिया एंड आउटकम जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

    एंड्रे वेशेडस्की का कहना है, "चूंकि शोधकर्ता किसी एक मरीज में प्राय: विभिन्न वस्तुओं से जुड़े न्यूरॉन की पहचान कर लेते हैं। तो विभिन्न वस्तुओं से जुड़े न्यूरॉनों को अलग-अलग समूहों में मिलाकर अध्ययन किया जा सकता है। इसके अलावा एक मानसिक स्थिति में दो या दो से ज्यादा वस्तुओं के आकार बदलने की जांच की जा सकती है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • यश भारती पिता के आशीर्वाद का प्रतीक : सुरभि रंजन

    लखनऊ, 21 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अलिखेलश यादव के हाथों सोमवार को यश भारती पुरस्कार से सम्मानित गायिका सुरभि रंजन ने अपना सम्मान अपने पिता उदयभान सिंह को समर्पित किया।

    उन्होंने कहा कि उनके पिता और गुरुओं के आशीर्वाद से ही वह आज संगीत के क्षेत्र में मुकाम हासिल कर सकी हैं। यह सम्मान उन्हीं के आशीर्वाद का प्रतीक है।

    सुरभि रंजन प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन की पत्नी हैं। पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम देखने के बाद प्रदेश के निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर इस पुरस्कार के खिलाफ उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दायर कर चुके हैं।

    इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शास्त्री संगीत गायन में एमए तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर की डिग्री प्राप्त सुरभि रंजन ने करीब 30 वर्षों से आकाशवाणी व टीवी पर कई संगीत कार्यक्रम पेश कर चुकी हैं। संगीत के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें सुर कोकिला, संगीत शिरोमणि, शान-ए-अवध, नारी गौरव, वरदानश्री, अवध गौरव तथा मेलोडी क्वीन आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

    सुरभि ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन, लेफ्टिनेंट गवर्नर हाउस, लखनऊ स्थित राजभवन एवं कबीर शांति मिशन समेत कई स्थानों पर अपने संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं। उनके गाए भजनों की सीडी देश प्रदेश में लोकप्रिय है।

    सूत्रों के मुताबिक, समाजसेवा के रूप में अपने संगीत कार्यक्रम पेश करने वाली सुरभि रंजन कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए कोई शुल्क नहीं लेतीं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • उज्जैन की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहुंचेंगे 43 देशों के विद्वान

    भोपाल, 21 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान होने वाली अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की तैयारियों की सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की। इस संगोष्ठी में विश्व के 43 देश के विद्वान भाग लेंगे।

    उज्जैन में अप्रैल-मई में सिंहस्थ कुंभ होने जा रहा है, इस दौरान ग्राम निनोरा में 12 से 14 मई तक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी।

    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस संगोष्ठी की सभी तैयारियां समय से पूरी की जाएं, इस संगोष्ठी के माध्यम से पूरी दुनिया में सिंहस्थ का सार्वभौमिक संदेश जाएगा। इस तरह का वैचारिक महाकुंभ हर सिंहस्थ के दौरान होगा। संगोष्ठी के आयोजन की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।

    बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एस़ आऱ मोहंती, प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस़ क़े मिश्रा, जनसंपर्क आयुक्त अनुपम राजन और संस्कृति संचालक राजेश मिश्रा भी उपस्थित थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • कमजोर आंत से होता है मधुमेह, मोटापे का खतरा

    न्यूयार्क, 21 मार्च (आईएएनएस)। खानपान में विविधता की कमी के कारण मनुष्य की आंतों में जीवाणुओं का पारिस्थितिकी तंत्र कमजोर हो जाता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है जिसमें लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने भोजन में विविध प्रकार के खाद्य पदार्थो को शामिल करें।

    पिछले 50 सालों में खेती के तरीके में बदलाव के कारण कृषि विविधता कम हुई है जिसके नतीजे में हमारे खानपान में भी विविधता घट गई है।

    यह शोध मोलेक्युलर मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

    अमेरिका के बॉयोमेडिकल रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं के दल का कहना है, "एक स्वस्थ मनुष्य की आंत में विविध किस्म के जीवाणु पाए जाते हैं, लेकिन जीवाणुओं की विविधता में कमी आने से टाइप 2 मधुमेह, मोटापा और पेटदर्द जैसी बीमारियां बढ़ने लगती है। "

    पेट में पाए जाने वाले जीवाणुओं का काम मुख्य रूप से पाचन में सहायता प्रदान करना है और खाए गए भोजन से विभिन्न किस्म के पोषण को प्राप्त करने मदद करना है। इन जीवाणुओं की विविधता में नुकसान के नतीजे कई किस्म को रोगों के रूप में सामने आ सकते हैं।

    शोधकर्ताओं का कहना है कि जितना ज्यादा विविधता से भरपूर हमारा भोजन होगा, उतनी ही विविधता हमारे आंत में स्थित जीवाणुओं में होगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • तनावाग्रस्त व्यक्ति को महिला साथी के प्रति संवेदनशील बनाता है 'लव हार्मोन'

    लंदन, 21 मार्च (आईएएनएस)। 'लव हार्मोन' कहे जाने वाले ऑक्सीटोसिन को गंभीर आघात या ऑपरेशन के बाद तनाव से ग्रस्त (पीटीएसडी) मरीजों को दिए जाने पर उनमें महिलाओं के प्रति करुणा और सहानुभूति पैदा हो सकती है। एक शोध में यह खुलासा हुआ है।

    शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में किसी जोड़े के इलाज में ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जा सकेगा, क्योंकि इससे उनके बीच सकारात्मक व्यवहार और संचार को बढ़ावा मिलता है, खासतौर से उन मामलों में जहां पति पीटीएसडी से पीड़ित हो।

    इजरायल की हैफा विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सिमोन शामे-तसूरी ने एक बयान जारी कर कहा, "इस शोध से हमें ऑक्सीटोसिन द्वारा इस तरह के मरीजों के सामाजिक व्यवहार में सुधार के नए साक्ष्य मिले।"

    प्रोफेसर सिमोन शामे-तसूरी और रामबाम मेडिकल सेंटर के उनके सहयोगियों ने इस बात की जांच की क्या पीटीएसडी से पीड़ित मरीजों में करूणा की भावना घट जाती है।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि सामाजिक व्यवहार को निर्धारित करनेवाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन से करूणा की भावना बढ़ जाती है।

    शोधकर्ताओं का मानना है कि ऑक्सीटोसिन थेरेपी से जोड़ों की शादी की गुणवत्ता सुधर सकती है, जो विकार के कारण अक्सर बिगड़ जाती है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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