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अजीत जोगी ने कई दिग्गजों से की गुफ्तगू
रायपुर, 4 जून (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नई पार्टी बनाने के ऐलान को कई नेताओं का समर्थन मिल रहा है। शनिवार सुबह जोगी से मिलने पिछड़ा वर्ग संगठन के अध्यक्ष सूरज निर्मलकर, पूर्व विधायक सुरेन्द्र बहादुर सिंह, गौरीशंकर पाण्डे, सतनामी समाज के युवा अध्यक्ष परमेन्द्र बंजारे, रविन्द्रनाथ चौरे, अल्पसंख्यक नेता सैयद हसन अली, धोबी समाज के प्रदेश महामंत्री चन्द्रहास निर्मलकर, देवांगन समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम सुंदर मेहर, कोसरिया मरार समाज के सचिव ललित पटेल ने मुलाकात कर नई पार्टी बनाने की बधाई दी।
उधर मरवाही विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कोटमी पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ चरणदास महंत ने कहा कि जोगी के नई पार्टी बनाने के संबंध में अभी से कहना जल्दबाजी होगी। कोटमी प्रवास के संबंध में अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनका प्रवास पूर्व निर्धारित था।
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के कहने पर यहां रुका हूं। यहां कोई राजनीति करने नहीं आया हूं। राजनीति 6 जून के बाद करेंगे। डा महंत ने कहा कि जोगी के कार्यक्रम में जाने से किसी को नहीं रोका जा रहा है। सबकुछ कार्यकर्ताओं के विवेक पर छोड़ दिया है।
-- आईएएनएस
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जाट आंदोलन रविवार से, निपटने के लिए हरियाणा तैयार
चंडीगढ़, 4 जून (आईएएनएस)। जाट समुदाय के नेताओं के एक वर्ग ने आरक्षण के लिए रविवार (5 जून) से फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है। इसके मद्देनजर हरियाणा सरकार और राज्य पुलिस खुद को स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर रही है।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जींद, पानीपत और कैथल जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिया गया है।
सोनीपत जिले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी गई है। इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के किसी जगह जमा होने पर रोक है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट एवं अन्य समुदाय के लिए आरक्षण कोटा की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। इससे उत्तरी राज्यों जिनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लोग इस बात से चिंतित हैं कि आंदोलन के हरियाणा में फिर सड़क और रेल मार्ग जाम हो सकता है।
आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति(एआईजेएएसएस) ने फिर से आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया है। जाट समुदाय के कुछ अन्य वर्गो और उनके नेताओं ने इस आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है।
एआईजेएएसएस के नेता हवा सिंह सांगवान ने आश्वस्त किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।
हरिणाया ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था।
आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था।
आंदोलन की घोषणा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को सभी पुलिसकर्मियों का अवकाश रद्द किए जाने की घोषणा की।
हरियाणा के अपर मुख्य सचिव गृह राम निवास ने यहां कहा कि हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 48 कंपनियां विधि व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की सहायता करेंगी।
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुहम्मद अकिल ने कहा कि पुलिस किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखेगी और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। व्यक्ति या समूह जो शांतिपूर्ण माहौल को सीधे या परोक्ष रूप से दूषित करने की कोशिश करेंगे वे कड़ी कार्रवाई को आमंत्रित करेंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी तरह से सड़क या रेल मार्ग जाम करना बर्दाश्त नहीं करेगी। पुलिस जिम्मेदार नागरिकों के साथ ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए बैठकें कर रही है।
--आईएएनएस
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बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली, जीका वायरस के लक्षण
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जीका वायरस के संक्रमण और बचाव को लेकर शनिवार को सलाह जारी की। इसमें कहा गया है कि जीका एक किस्म की वायरल इंफेक्शन है, जिससे बुखार, रैश, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली आदि होते हैं।
इसमें बताया गया कि यह मुख्य तौर पर एडिस मच्छर की वजह से फैलता है लेकिन गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है। साथ ही गुदा व मुख मैथुन के साथ सामान्य यौन संबंधों के जरिए भी इसका संक्रमण हो सकता है। अगर गर्भावस्था में यह हो जाए तो यह भ्रूण में ही माईक्रो स्फैली का कारण बन सकता है। अगर आप गर्भवती नहीं हैं या गर्भधारण करने के बारे में नहीं सोच रही हैं तो यह ज्यादा खतरनाक नहीं है।
जीका का संक्रमण अफ्रीका, साउथ एशिया, पैसिफिक आयलैंड, सेंट्रल और साउध अमेरीका, मैक्सिको, कैरेबियन, प्योरिटो रीको और यूएस वर्जिन आयलैंड में पाया गया है। भारत में इसका अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। 80 प्रतिशत तक लोगों में इसके नाम मात्र या बहुत मामूली लक्षण देखे गए हैं। मच्छर के काटने के 2 से 12 दिन के अंदर यह लक्षण नजर आने लगते हैं।
इस बारे में आईएमए के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि अगर आप गर्भवती हैं या होना चाह रहे हैं तो जीका वायरस वाले देशों में जाने से परहेज करें। इसका कोई खास इलाज नहीं हैं, बस मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए, अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए और बुखार पर नियंत्रण करने के लिए पैरासीटामोल का प्रयोग करना चाहिए। एस्प्रिन बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। बच्चों में एस्प्रिन से गंभीर खतरा हो सकता है।
जीका वायरस से बचने के लिए एडिस की सक्रियता के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए। यह दिन के वक्त सूरज के चढ़ने से पहले या छिपने के बाद सुबह जल्दी या शाम को काटते हैं। अच्छी तरह से बंद और एसी इमारतें इस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित जगहें हैं। बाहर जाते हुए जूते, पूरी बाजू के कपड़े और लंबी पैंट पहने। डीट या पीकारिडिन वाले बग्ग सप्रे या क्रीम लगाएं। दो महीने से छोटे बच्चों पर डीट वाले पदार्थ का प्रयोग न करें। कपड़ों पर पर्मिथ्रीन वाले कीट रोधक का प्रयोग करें। रुके हुए पानी को निकाल दें। अगर आप को पहले से जीका है तो खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं, ताकि यह और न फैल सके।
जीका वायरस वाले क्षेत्रों से लौट रहे सैलानियों को यौन संबंध बनाने से आठ सप्ताह तक परहेज करना चाहिए या सुरक्षित यौन संबंध ही बनाएं। गर्भधारण की योजना बना रहे जोड़ों को आठ सप्ताह के लिए रुक जाना चाहिए। अगर पुरुष में इसके लक्षण नजर आएं तो छह महीने के लिए रुक जाना चाहिए। पहले आईएमए ने जीका वाले क्षेत्र से आए लोगों को 4 सप्ताह के लिए यौन संबंध ना बनाने की सलाह दी थी। रियो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे सभी खिलाड़ियों और दर्शकों को रियो में और लौटने के आठ सप्ताह तक केवल सुरक्षित यौन संबंध ही बनाने चाहिए।
-- आईएएनएस
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बेस्ट प्लानिंग थीसिस के लिए हेमंत शर्मा को जेपी भार्गव पुरस्कार
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंट्स रुद्राभिषेक एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईपीएल) ने बेस्ट अर्बन प्लानिंग थीसिस (शहरी नियोजन पर सर्वश्रेष्ठ शोध) के लिए हेमंत शर्मा को वार्षिक जेपी भार्गव पुरस्कार से सम्मानित किया।
आरईपीएल अर्बन प्लानिंग के छात्रों के बढ़ावा देने के लिए उनकी पोस्ट ग्रेजुएट थीसिस पर यह पुरस्कार देती है। इसके लिए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों और आईटीपीआई द्वारा संचालित मास्टर डिग्री या पीजी डिप्लोमा इन अर्बन एंड/या रीजन प्लानिंग से एंट्रीज मांगी गई थीं। प्रतिष्ठित प्लानर्स की एक ज्यूरी ने इनोवेशन, व्यावहारिकता, गहन विश्लेषण और निष्कर्षो आदि मानकों पर सभी शोध का मूल्यांकन किया।
इस पुरस्कार के फाइनलिस्टों में एसपीए दिल्ली के हेमंत शर्मा (आइडेंटिफिकेशन ऑफ फ्यूचर स्मार्टसिटी इन ए रीजन-कर्नाटक राज्य पर एक अध्ययन), एसपीए भोपाल की पूर्वा सक्सेना (लो कार्बन मोबिलिटी प्लान फॉर सीबीडी-एमपी नगर, भोपाल पर एक अध्ययन) और सीईपीटी अहमदाबाद की क्रिस्टी एन चेरियन (एसेसमेंट ऑफ ट्रांजिट ट्रांसफर एक्सपीरियंस, बेंगलुरु पर शोध) शामिल रहे। यह पुरस्कार दिल्ली के हेमंत शर्मा ने जीता जिन्हें एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया, जबकि दोनों फाइनलिस्टों में 50-50 हजार रुपये मिले।
आरईपीएल के सीएमडी प्रदीप मिश्रा ने कहा, "यह पुरस्कार जाने माने अर्बन प्लानर दिवंगत जगदीश प्रसाद भार्गव की याद में शुरू किया गया था, जिन्होंने देश के आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्च र के निर्माण मे सराहनीय योगदान दिया है। हमारा उद्देश्य युवा प्लानरों को प्रोत्साहित करना है, जो भविष्य में देश के शहरी परिदृश्य को आकार देंगे।"
-- आईएएनएस
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उप्र : कैदियों को भी मिलेगा आरओ का ठंडा पानी
लखीमपुर खीरी, 4 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अब जल्द ही जेल के कैदियों को भी आरओ का ठंडा पानी को मिलेगा। खीरी जेल में इस समय करीब 15,00 कैदी बंद है।
जेल के अंदर गर्मी के दिनों में पीने के पानी की किल्लत हो जाती है। ऐसे में कैदियों को जो पानी पीने के लिए दिया जाता है। उसका टीडीएस करीब साढ़े पांच सौ के आस पास है। ऐसा पानी पीने से कैदियों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
कैदियों को साफ पानी देने के लिए जेल प्रशासन ने अगस्त 2015 में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था, जिसमंे जेल परिसर के अंदर आरओ प्लांट का लगाने की बात कही गई थी। काफी दिनों तक शासन स्तर पर फाइल लटकी रही, बाद मंे शासन ने इसे मंजूरी दी है। जेल में आरओ लगने के लिए बजट पास हुआ। आरओ प्लांट लगने के लिए खीरी जेल भेज दिया गया है।
जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि तीन हजार लीटर का आरओ प्लांट उन्हें मिल चुका है। प्लांट अब सिर्फ लगना बाकी है। तैयारियां तेजी से चल रही है। जल्द ही जेल में आरओ लगकर तैयार हो जाएगा। जिससे साफ पानी पीने को मिल सकेगा।
--आईएएनएस
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महाराष्ट्र के मंत्री खडसे का इस्तीफा, पूर्व न्यायाधीश करेंगे जांच (राउंडअप)
मुंबई, 4 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार में दूसरा सबसे बड़ा कद रखने वाले राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को एक के बाद एक कई विवादों में फंसने के बाद शनिवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा। खडसे पर एक विवादित भूमि सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप है। इसके अलावा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कथित रिश्ते को लेकर भी वह विवादों में थे। सरकार ने उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच बंबई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की घोषणा की है।
सूत्रों के मुताबिक, कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे खडसे (63) के पास राजस्व, अल्पसंख्यक विकास एवं वक्फ, राज्य उत्पाद, राहत एवं पुनर्वास, भूकंप पुनर्वास, बागवानी, कृषि और पशुपालन, डेयरी विकास और मछली पालन विभाग थे। उन्होंने शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और मंत्री पद से इस्तीफा सौंपा। बाद में फडणवीस ने जांच की घोषणा की।
भाजपा के विधायकों के बीच खडसे के पर्याप्त समर्थन को देखते हुए उनके द्वारा दो साल पर होने वाले राज्य के छह राज्यसभा की सीटों और 10 विधान परिषद की सीटों के चुनाव में गड़बड़ी की आशंका थी। इसे देखते हुए शुक्रवार को जब चुनाव संपन्न हो गया तब शनिवार को यह इस्तीफा आया। इस बीच सभी दलों के नेता बिना किसी विरोध के चुनाव जीत गए।
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की संस्तुति के बाद खडसे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने मीडिया से कहा कि खडसे ने 'नैतिकता के आधार' पर इस्तीफा दिया है, लेकिन पार्टी पूरी दृढ़ता के साथ उनके पीछे खड़ी है।
राज्य में चार दशकों के दौरान पार्टी को मजबूत करने के लिए दानवे ने उत्तरी मुंबई से अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के भाजपा नेता खडसे के योगदान की सराहना की।
खडसे ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने 'कुछ भी गलत नहीं किया है' और न ही अपने 'पद का दुरुपयोग किया' है। वह पिछले कुछ हफ्ते से मीडिया ट्रायल के शिकार हैं।
खडसे ने कहा, "मैंने कुछ भी गलत नहीं किया.. जब मेरे खिलाफ आरोप लगे, तो मैंने आरोप लगाने वालों को सबूत पेश करने को कहा, जो वह कर नहीं पाए। मैंने मुख्यमंत्री से आरोपों और आरोप लगाने वालों की पूरी जांच करने को कहा है।"
पार्टी के अंदर और पार्टी के बाहर से अपनी आलोचना करने वालों पर बरसते हुए खडसे ने कहा, 'यह भाजपा पर हमला है।' यहां उल्लेखनीय है कि कुछ अन्य नाराज मंत्री भी खडसे के खिलाफ विभिन्न तरह के आरोप लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस से मिले थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने शाम में ट्वीट किया कि खडसे ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की है। बंबई उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इस जांच के लिए नियुक्त किया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को फडणवीस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की थी और इस मुद्दे पर उन्हें विस्तृत जानकारी सौंपी थी।
इसके बाद फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की और उन्हें इस विवाद से राज्य में धूमिल हो रही भाजपा की 'साफ छवि' से अवगत कराया।
खडसे पिछले कुछ सप्ताह से विवादों में थे। भ्रष्टाचार के मामलों में वह सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी पार्टी शिवसेना सहित कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और आम आदमी पार्टी (आप) और सामाजिक कार्यकर्ताओं की आलोचना झेल रहे थे।
खडसे ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए स्वयं को निर्दोष साबित करने की प्रतिबद्धता जताई है।
खडसे पर पुणे में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कॉर्पोरेशन (एमआईडीसी) के एक औद्योगिक प्लॉट को कौड़ियों के भाव आवंटित करने और उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लगातार फोन आने के आरोप लगे हैं।
खडसे के एक सहयोगी गजानन पाटिल द्वारा ठाणे के कल्याण में प्रस्तावित भूमि के संबंध में 30 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप भी हैं।
आप की पूर्व कार्यकर्ता अंजलि दमनिया ने उन पर करोड़ों रुपये के सिंचाई घोटाले में भी संलिप्तता का आरोप लगाया। इसके अलावा, सबसे नए आरोप में मछुआरों की एक सोसाइटी ने खडसे पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने खडसे के इस्तीफे का स्वागत किया है। साथ ही मांग की है घोटाले में जिन अन्य मंत्रियों का नाम आया है, वे भी इस्तीफा दें।
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने कहा, "खडसे को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए।"
कांग्रेस नेता और नवनिर्वाचित विधायक नारायण राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री खेल खेल रहे हैं और अपनी पार्टी से पिछड़े वर्ग के सभी नेताओं का सफाया कर रहे हैं। उनके साथ बड़ा अन्याय कर रहे हैं।
खडसे के दावे का मजाक उड़ाते हुए राकांपा के नेता ने कहा कि यदि इस्तीफा नैतिकता के आधार पर था, तो इतना अधिक विलंब क्यों किया?
--आईएएनएस
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