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                        Monday, 30 May 2016 23:00
                        
                      युवाओं को तंबाकू की लत लगने से रोकें : नड्डा
नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने सोमवार को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से लोगों को तंबाकू का उपयोग शुरू करने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। तंबाकू के कुप्रभाव के बारे में अभी भी बहुत लोगों को नहीं मालूम है।
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े साझीदार अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें इसकी रोकथाम वाले हिस्से पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि छात्रों को तंबाकू सेवन के कुप्रभावों की जानकारी नहीं है। वे तंबाकू की लत के शिकार होते चले जाते हैं। तब तक ऐसा होता है जब तक जांच के बाद उन्हें कैंसर या अन्य घातक बीमारियां हो जाने की जानकारी नहीं मिल जाती।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के विरोध में तंबाकू उत्पादक किसानों ने प्रदर्शन भी किया। वे तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर स्वास्थ्य की चेतावनी से जुड़ी बड़ी तस्वीर के नियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
नड्डा ने कहा कि इसके साझेदारों के लिए यह जरूरी है कि वे स्कूलों एवं कॉलेजों तक तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रमों को ले जाएं।
मंत्री ने कहा कि इसके पीछे विचार यह है कि शुरुआत से ही उन्हें तंबाकू के नुकसानदेह प्रभावों से अवगत कराया जाए ताकि वे धूम्रपान या चबाने वाले रूप में इसकी शुरुआत ही न करें।
उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने के बावजूद भारतीय आबादी का 35 फीसदी युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है।
इस अवसर पर उन्होंने तंबाकू की आदत छोड़ने के लिए 'नेशनल टोबैको सेसेशन क्विटलाइन' का भी शुभारंभ किया।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में 7.5 करोड़ लोग तंबाकू सेवन करते हैं और हर साल सकल घरेलू उत्पाद का 1.2 फीसदी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू की वजह से होने वाले विभिन्न तरह के कैंसर से ग्रस्त मरीजों के इलाज पर खर्च होता है।
--आईएएनएस
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                        Monday, 30 May 2016 22:40
                        
                      सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना भी है खतरनाक
                          नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। धूम्रपान करना ही नहीं, बल्कि तंबाकू के धुएं के संपर्क में आना भी बेहद खतरनाक है। ग्लोबल एडल्ट टौबैको सर्वे गेट्स इंडिया 2010 के हालिया अंकड़ों के अनुसार 52.3 फीसदी भारतीय अपने ही घर में, 29.9 फीसदी कार्य स्थल पर और 29 फीसदी सर्वजनिक स्थानों पर सैकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आते हैं।
                          
तंबाकूके धुएं में 7000 से ज्यादा रसायन होते हैं, जिनमें से लगभग 70 रसायन कैंसर पैदा करने वाले होते हैं। तंबाकू के धुएं के अप्रत्यक्ष संपर्क आना भी खुद धूम्रपान करने जितना ही खतरनाक है। धूम्रपान करने वालों और उनके करीब रहने वालों की सेहत पर इससे पड़ने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए सख्त कानूनों को लागू कराने के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।
                          
मैक्स बालाजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के सहायक निदेशक एवं कार्डियक कैथ लैब के प्रमुख डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि डब्लयूएचओ के मुताबिक, तंबाकू की वजह से दुनिया में हर साल 60 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिनमें से 6 लाख वैसे लोग भी शामिल हैं, जो खुद धूम्रपान नहीं करते, लेकिन इसके संपर्क में आ जाते हैं।
                          
कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीच्यूट, नोएडा के सीनियर इंटरवेनशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष अग्रवाल के मुताबिक, तंबाकू से निकले धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों को पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है। जो लोग इस माहौल में सांस लेते हैं, वे धूम्रपान करने वालों के समान ही निकोटिन और विषैले रसायन लेते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं।
                          
पैसिव स्मोकिग गंभीर समस्या बनती जा रही है और इसका हल जरूरी है। चिकित्सा क्षेत्र के लोगों, नीति बनाने वालों और आम लोगों को मिलकर इसके बारे में काम करना होगा। धूम्रपान करने वालों और उनके परिवार को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना और छोड़ने में मदद करना चाहिए।
                          
शोध के मुताबिक, जो लोग 35 से 39 की उम्र में धूम्रपान छोड़ देते हैं, उनकी उम्र 6 से 9 साल बढ़ जाती है। छोड़ने से फेफड़ों और गले के कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी, कैट्रेक्ट और मसूड़ों की बीमारियां के साथ साथ दिल के रोगों का खतरा टल जाता है।
                          
--आईएएनएस
                        
                        
                      तंबाकूके धुएं में 7000 से ज्यादा रसायन होते हैं, जिनमें से लगभग 70 रसायन कैंसर पैदा करने वाले होते हैं। तंबाकू के धुएं के अप्रत्यक्ष संपर्क आना भी खुद धूम्रपान करने जितना ही खतरनाक है। धूम्रपान करने वालों और उनके करीब रहने वालों की सेहत पर इससे पड़ने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए सख्त कानूनों को लागू कराने के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।
मैक्स बालाजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के सहायक निदेशक एवं कार्डियक कैथ लैब के प्रमुख डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि डब्लयूएचओ के मुताबिक, तंबाकू की वजह से दुनिया में हर साल 60 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिनमें से 6 लाख वैसे लोग भी शामिल हैं, जो खुद धूम्रपान नहीं करते, लेकिन इसके संपर्क में आ जाते हैं।
कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीच्यूट, नोएडा के सीनियर इंटरवेनशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष अग्रवाल के मुताबिक, तंबाकू से निकले धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों को पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है। जो लोग इस माहौल में सांस लेते हैं, वे धूम्रपान करने वालों के समान ही निकोटिन और विषैले रसायन लेते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं।
पैसिव स्मोकिग गंभीर समस्या बनती जा रही है और इसका हल जरूरी है। चिकित्सा क्षेत्र के लोगों, नीति बनाने वालों और आम लोगों को मिलकर इसके बारे में काम करना होगा। धूम्रपान करने वालों और उनके परिवार को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना और छोड़ने में मदद करना चाहिए।
शोध के मुताबिक, जो लोग 35 से 39 की उम्र में धूम्रपान छोड़ देते हैं, उनकी उम्र 6 से 9 साल बढ़ जाती है। छोड़ने से फेफड़ों और गले के कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी, कैट्रेक्ट और मसूड़ों की बीमारियां के साथ साथ दिल के रोगों का खतरा टल जाता है।
--आईएएनएस
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                        Monday, 30 May 2016 22:30
                        
                      पीईसी विश्वविद्यालय में खुलेगा कल्पना चावल पीठ
                          नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। भरतीय रेलवे ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पर एक कल्पना चावला विभाग बनाने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पीईसी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
                          
एरोस्पेश इंजीनियरिंग में कल्पना चावला के योगदान के मद्देनजर रेलवे ने यह पहल की है।
                          
रेलवे ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय रेलवे ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पर कल्पना चावला की मातृ संस्था में एक विभाग बनाने का फैसला किया है।
                          
चावला 1978-82 के दौरान पीईसी विश्वविद्यालय की छात्रा थीं। यह पहले पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज था।
                          
विभाग की स्थापना के लिए रेलवे विश्वविद्यालय को दस करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी।
                          
भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के विषयगत क्षेत्र में शिक्षण, शोध और विकास और रेलवे इंजीनियरिंग में इसका अनुप्रयोग कर विभाग विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखेगा।
                          
बयान में कहा गया, " रेल परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी की जरूरतों के संबंध में जहां दूर संवेदी आंकड़े के उपयोग या वैश्विक स्थापन प्रणाली (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की आवश्यकता होगी तो सलाह देने के लिए विभाग रेलवे के संपर्क में रहेगा।"
                          
इससे रेलवे को अपनी समस्याओं का हल अपने घर में में ही मिल जाएगा जो अभी पश्चिमी देशों को आउटसोर्स किया जाता है।
                          
--आईएएनएस
                        
                        
                      एरोस्पेश इंजीनियरिंग में कल्पना चावला के योगदान के मद्देनजर रेलवे ने यह पहल की है।
रेलवे ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय रेलवे ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पर कल्पना चावला की मातृ संस्था में एक विभाग बनाने का फैसला किया है।
चावला 1978-82 के दौरान पीईसी विश्वविद्यालय की छात्रा थीं। यह पहले पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज था।
विभाग की स्थापना के लिए रेलवे विश्वविद्यालय को दस करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी।
भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के विषयगत क्षेत्र में शिक्षण, शोध और विकास और रेलवे इंजीनियरिंग में इसका अनुप्रयोग कर विभाग विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखेगा।
बयान में कहा गया, " रेल परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी की जरूरतों के संबंध में जहां दूर संवेदी आंकड़े के उपयोग या वैश्विक स्थापन प्रणाली (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की आवश्यकता होगी तो सलाह देने के लिए विभाग रेलवे के संपर्क में रहेगा।"
इससे रेलवे को अपनी समस्याओं का हल अपने घर में में ही मिल जाएगा जो अभी पश्चिमी देशों को आउटसोर्स किया जाता है।
--आईएएनएस
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                        Monday, 30 May 2016 22:30
                        
                      मेहता मामले में एएफटी के आदेश पर शीर्ष अदालत ने रोक लगाई (लीड-1)
                          नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें न्यायाधिकरण ने सैन्य आयुध कोर के मेजर जनरल (अब लेफ्टिनेंट जनरल) एन. के. मेहता को ब्रिगेडियर रैंक में पदावनत कर दिया था।
                          
शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ के न्यायमूर्ति पी. सी. घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय ने एएफटी के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें थल सेना अध्यक्ष, रक्षा सचिव और सैन्य सचिव पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
                          
इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने एएफटी की लखनऊ पीठ द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल मेहता पर लगाए गए पांच लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगा दी।
                          
अदालत ने एटीएफ का दरवाजा खटखटाने वाले मेजर जनरल राठौर को भी नोटिस जारी किया।
                          
सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश पीठ एएफटी के 13 मई के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र और लेफ्टिनेंट जनरल मेहता की याचिका की सुनवाई कर रही थी।
                          
न्यायालय ने एएफटी के आदेश में मौजूद उस बात पर भी रोक लगा दी, जिससे उच्चस्तरीय रक्षा अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रपट की जांच करने के केंद्र सरकार के अधिकार पर प्रतिकूल असर हो रहा था।
                          
महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ से एएफटी के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया, क्योंकि इस तरह के फैसले का सशस्त्र बलों के लिए दूरगामी प्रभाव था।
                          
न्यायमूर्ति रॉय ने जब यह पूछा कि जिस आदेश पर आप रोक लगाने की मांग कर रहे हैं उसके कुछ हिस्सों को अगर अदालत छांट देती है तो क्या बचेगा? इस पर उन्होंने कहा कि ले.जनरल मेहता या तो डूब जाएंगे या तैरेंगे, लेकिन मेजर जनरल राठौर के लेफ्टिनेंट जनरल बनने की कोई उम्मीद नहीं हैं, क्योंकि वे मंगलवार को रिटायर होने जा रहे हैं।
                          
मेजर जनरल राठौर की ओर से बहस कर रहीं वकील एश्वर्या भाटी ने एएफटी के फैसले पर रोक नहीं लगाने के लिए पुरजोर कोशिश की।
                          
एएफटी ने पहले 17 फरवरी, 2016 को अपने फैसले में मेहता की पदावनति का आदेश दिया था जिस पर सर्वोच्च न्ययालय ने 18 मार्च, 2016 को रोक लगा दी थी और न्यायाधिकरण को अपने 17 फरवरी के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था।
                          
हालांकि एएफटी ने अपने 13 मई के आदेश में मेहता की पदावनति के आदेश को दोहराते हुए शीर्ष रक्षा अधिकरियों पर 50 लाख रुपये और मेहता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
                          
--आईएएनएस
                        
                        
                      शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ के न्यायमूर्ति पी. सी. घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय ने एएफटी के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें थल सेना अध्यक्ष, रक्षा सचिव और सैन्य सचिव पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने एएफटी की लखनऊ पीठ द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल मेहता पर लगाए गए पांच लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगा दी।
अदालत ने एटीएफ का दरवाजा खटखटाने वाले मेजर जनरल राठौर को भी नोटिस जारी किया।
सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश पीठ एएफटी के 13 मई के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र और लेफ्टिनेंट जनरल मेहता की याचिका की सुनवाई कर रही थी।
न्यायालय ने एएफटी के आदेश में मौजूद उस बात पर भी रोक लगा दी, जिससे उच्चस्तरीय रक्षा अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रपट की जांच करने के केंद्र सरकार के अधिकार पर प्रतिकूल असर हो रहा था।
महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ से एएफटी के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया, क्योंकि इस तरह के फैसले का सशस्त्र बलों के लिए दूरगामी प्रभाव था।
न्यायमूर्ति रॉय ने जब यह पूछा कि जिस आदेश पर आप रोक लगाने की मांग कर रहे हैं उसके कुछ हिस्सों को अगर अदालत छांट देती है तो क्या बचेगा? इस पर उन्होंने कहा कि ले.जनरल मेहता या तो डूब जाएंगे या तैरेंगे, लेकिन मेजर जनरल राठौर के लेफ्टिनेंट जनरल बनने की कोई उम्मीद नहीं हैं, क्योंकि वे मंगलवार को रिटायर होने जा रहे हैं।
मेजर जनरल राठौर की ओर से बहस कर रहीं वकील एश्वर्या भाटी ने एएफटी के फैसले पर रोक नहीं लगाने के लिए पुरजोर कोशिश की।
एएफटी ने पहले 17 फरवरी, 2016 को अपने फैसले में मेहता की पदावनति का आदेश दिया था जिस पर सर्वोच्च न्ययालय ने 18 मार्च, 2016 को रोक लगा दी थी और न्यायाधिकरण को अपने 17 फरवरी के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था।
हालांकि एएफटी ने अपने 13 मई के आदेश में मेहता की पदावनति के आदेश को दोहराते हुए शीर्ष रक्षा अधिकरियों पर 50 लाख रुपये और मेहता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
--आईएएनएस
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                        Monday, 30 May 2016 22:20
                        
                      छग : रास के लिए छाया, रामविचार ने नामांकन भरा
                          रायपुर, 30 मई (आईएएनएस/वीएनएस)। राज्यसभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवार छाया वर्मा और भाजपा उम्मीदवार रामविचार नेताम ने सोमवार को यहां विधानसभा में अपने-अपने नामांकन दाखिल किए। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन भरे जाने से विधानसभा में आज काफी गहमागहमी रही।
                          
भाजपा से राज्यसभा प्रत्याशी रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी छाया वर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र जमा किया।
                          
वर्मा अपने समर्थकों के साथ विधानसभा पहुंचीं। यहां कांग्रेस के विधायक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, प्रीतम राम, दीपक बैज, अमरजीत भगत, भोलाराम साहू सहित प्रमुख विधायकों को छाया वर्मा का प्रस्तावक व समर्थक बनाया गया है। वर्मा ने विधानसभा सचिव एवं राज्यसभा चुनाव के रिटर्निग ऑफिसर देवेन्द्र वर्मा के समक्ष अपना नामांकन भरा है।
                          
भाजपा के रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तथा विधासनभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की उपस्थिति में एक-एक सेट नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया। इस अवसर पर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल सहित भाजपा के विधायक एवं मंत्री उपस्थित थे।
                          
भाजपा ने देवजीभाई पटेल, प्रेमप्रकाश पांडेय, रमशीला साहू, राजेश मूणत को प्रस्तावक एवं समर्थक बनाया है।
                          
गौरतलब है कि राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 31 मई है। एक जून को नाम वापसी और दो जून को नामांकन पत्रों की छंटाई के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
                          
--आईएएनएस
                        
                        
                      भाजपा से राज्यसभा प्रत्याशी रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी छाया वर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र जमा किया।
वर्मा अपने समर्थकों के साथ विधानसभा पहुंचीं। यहां कांग्रेस के विधायक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, प्रीतम राम, दीपक बैज, अमरजीत भगत, भोलाराम साहू सहित प्रमुख विधायकों को छाया वर्मा का प्रस्तावक व समर्थक बनाया गया है। वर्मा ने विधानसभा सचिव एवं राज्यसभा चुनाव के रिटर्निग ऑफिसर देवेन्द्र वर्मा के समक्ष अपना नामांकन भरा है।
भाजपा के रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तथा विधासनभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की उपस्थिति में एक-एक सेट नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया। इस अवसर पर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल सहित भाजपा के विधायक एवं मंत्री उपस्थित थे।
भाजपा ने देवजीभाई पटेल, प्रेमप्रकाश पांडेय, रमशीला साहू, राजेश मूणत को प्रस्तावक एवं समर्थक बनाया है।
गौरतलब है कि राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 31 मई है। एक जून को नाम वापसी और दो जून को नामांकन पत्रों की छंटाई के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
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                        Monday, 30 May 2016 22:20
                        
                      बीसीसीआई प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द
शिमला, 30 मई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को एक बड़ी राहत दी। अदालत ने उनके एवं अन्य लोगों के खिलाफ धर्मशाला की एक अदालत द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी।
ठाकुर, राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं भाजपा नेताओं पर सरकारी सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा पहुंचाने का आरोप था।
न्यायमूर्ति राजीव शर्मा ने अपने 38 पृष्ठ के फैसले में कहा, "मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष धर्मशाला के स्टेशन अधिकारी ने जो शिकायत दर्ज कराई है वह एवं उसके परिणामस्वरूप जो आदेश जारी हुआ उसे रद्द एवं दरकिनार किया जाता है।"
न्यायमूर्ति शर्मा ने फैसले में कहा कि रिकार्ड में ऐसा कुछ नहीं है जिससे पता चले कि अपराध हुआ या नहीं। उन्हें अभियुक्त को तलब करने से पहले शिकायत के तथ्य के बारे में अपने दिमाग का उपयोग करके एक निश्चित राय बनाने की जरूरत थी।
ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के अध्यक्ष के रूप में एचपीसीए के खिलाफ दायर धोखाधड़ी एवं आपराधिक विश्वासघात के मामले की जांच में सहयोग करने धर्मशाला स्थित पुलिस अधीक्षक (निगरानी ब्यूरो) कार्यालय गए थे। उनके समर्थकों ने निगरानी ब्यूरो कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया था और वहां अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाई थी।
निचली अदालत ने पिछले साल सात नवंबर को ठाकुर एवं अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सांसद ठाकुर ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लंबित मामले को एवं उसके परिणामस्वरूप अदालत की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।
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                        Monday, 30 May 2016 22:10
                        
                      भुगतान बैंक की शुरुआती पूंजी 800 करोड़ रुपये : प्रसाद
                          नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि डाक विभाग के भुगतान बैंक की शुरुआती पूंजी 800 करोड़ रुपये होगी।
                          
उन्होंने गत दो साल में अपने मंत्रालय की विभिन्न उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं से कहा, "डाक विभाग के भुगतान बैंक का संचालन मार्च 2017 तक शुरू हो जाएगा। शुरू में इसके पास 800 करोड़ रुपये की पूंजी होगी, जिसमें से 400 करोड़ रुपये शेयर पूंजी के रूप में और शेष अनुदान के रूप में होगी।"
                          
भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त 2015 में 11 आवेदकों को भुगतान बैंक स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।
                          
डाक विभाग के अलावा मंजूरी पाने वाले अन्य आवेदकों में शामिल हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला नूवो लिमिटेड, चोलामंडलम डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसिस लिमिटेड, एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसिस लिमिटेड, फिनो पेटेक लिमिटेड, नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड, दिलीप शांतिलाल शांघवी, विजय शेखर शर्मा, टेक महिंद्रा लिमिटेड और वोडाफोन एम-पेसा लिमिटेड।
                          
भुगतान बैंक छोटे बचत खाता, रेमीटेंस सेवा, निम्न आय वाले परिवारों, छोटे व्यवसायों और अन्य असंगठित क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने में योगदान करेगा।
                          
मंत्री ने इसके अलावा डिजिटल भारत कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से मौके पर डिजिटल इंडिया आउटरीच अभियान के 14 वैन भी रवाना किए।
                          
--आईएएनएस
                        
                        
                      उन्होंने गत दो साल में अपने मंत्रालय की विभिन्न उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं से कहा, "डाक विभाग के भुगतान बैंक का संचालन मार्च 2017 तक शुरू हो जाएगा। शुरू में इसके पास 800 करोड़ रुपये की पूंजी होगी, जिसमें से 400 करोड़ रुपये शेयर पूंजी के रूप में और शेष अनुदान के रूप में होगी।"
भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त 2015 में 11 आवेदकों को भुगतान बैंक स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।
डाक विभाग के अलावा मंजूरी पाने वाले अन्य आवेदकों में शामिल हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला नूवो लिमिटेड, चोलामंडलम डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसिस लिमिटेड, एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसिस लिमिटेड, फिनो पेटेक लिमिटेड, नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड, दिलीप शांतिलाल शांघवी, विजय शेखर शर्मा, टेक महिंद्रा लिमिटेड और वोडाफोन एम-पेसा लिमिटेड।
भुगतान बैंक छोटे बचत खाता, रेमीटेंस सेवा, निम्न आय वाले परिवारों, छोटे व्यवसायों और अन्य असंगठित क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने में योगदान करेगा।
मंत्री ने इसके अलावा डिजिटल भारत कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से मौके पर डिजिटल इंडिया आउटरीच अभियान के 14 वैन भी रवाना किए।
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                        Monday, 30 May 2016 22:10
                        
                      सरकार, नियामक की नजर कॉल ड्रॉप पर : प्रसाद
                          नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि देश में कॉल ड्रॉप की स्थिति पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की नजर है।
                          
उन्होंने संवाददाताओं को अपने मंत्रालय के गत दो साल के प्रदर्शन का ब्योरा देते हुए कहा, "डीओटी और ट्राई इसे गंभीरता से देख रहे हैं। देश में करीब एक लाख नए साइट (दूरसंचार टावर) लगाए गए हैं, जिसमें से 6,000 दिल्ली में ही हैं।"
                          
प्रसाद ने कहा, "गुणवत्ता संबंधी मुद्दे पर ट्राई फैसला लेगा।"
                          
ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को आदेश दिया था कि कॉल ड्रॉप के लिए वह ग्राहकों को मुआवजा दे, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में खारिज कर दिया। सरकार ने हालांकि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि सेवा की गुणवत्ता बेहतर की जाएगी।
                          
प्रसाद ने यह भी बताया कि देश में अगले दो-तीन महीने में अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी होगी। इस नीलामी से सरकार को 5,60,000 करोड़ रुपये (83 अरब डॉलर) की आय होने का अनुमान है।
                          
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                      उन्होंने संवाददाताओं को अपने मंत्रालय के गत दो साल के प्रदर्शन का ब्योरा देते हुए कहा, "डीओटी और ट्राई इसे गंभीरता से देख रहे हैं। देश में करीब एक लाख नए साइट (दूरसंचार टावर) लगाए गए हैं, जिसमें से 6,000 दिल्ली में ही हैं।"
प्रसाद ने कहा, "गुणवत्ता संबंधी मुद्दे पर ट्राई फैसला लेगा।"
ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को आदेश दिया था कि कॉल ड्रॉप के लिए वह ग्राहकों को मुआवजा दे, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में खारिज कर दिया। सरकार ने हालांकि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि सेवा की गुणवत्ता बेहतर की जाएगी।
प्रसाद ने यह भी बताया कि देश में अगले दो-तीन महीने में अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी होगी। इस नीलामी से सरकार को 5,60,000 करोड़ रुपये (83 अरब डॉलर) की आय होने का अनुमान है।
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                        Monday, 30 May 2016 22:10
                        
                      प्रत्यूषा के प्रेमी की अग्रिम जमानत रद्द करने की याचिका खारिज (लीड-1)
नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने दिवंगत अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी के प्रेमी राहुल राज सिंह की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए प्रत्यूषा की मां की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
राहुल पर बालिका वधु से चर्चित अभिनेत्री प्रत्यूषा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
राहुल को बंबई उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल को अग्रिम जमानत दी थी। प्रत्यूषा की मां सोमा बनर्जी चाहती थीं कि बेटी की हत्या के सिलसिले में राहुल को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करे।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पी.सी.घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की अवकाश पीठ ने राहुल राज सिंह पर हत्या का आरोप लगाने की याचिका स्वाकीर नहीं की। प्रत्यूषा का आत्महत्या के पूर्व लिखा गया कोई सुसाइड नोट नहीं है और प्रत्यूषा और राहुल की आखिरी बातचीत में हालांकि दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं लेकिन वे एक दूसरे लिए अगाध प्रेम भी प्रदर्शित करते हैं।
पीठ ने सोमा के वकील से कहा कि आत्महत्या से पहले दिया गया बयान है उससे पता चलता है कि वे एक दूसरे से प्यार करते थे। जबकि सोमा के वकील का कहना था कि राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ करने से ही उनके मुवक्किल की बेटी की मौत की सच्चाई का पता चलेगा।
पीठ ने पूछा कि क्या महाराष्ट्र पुलिस ने जमानत को चुनौती देने के लिए कोई याचिका दायर की है। इस पर सोमा के वकील ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने जमानत को चुनौती देने के लिए कोई याचिका दायर नहीं की है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने सोमा की याचिका खारिज कर दी।
राहुल का कथित रूप से प्रत्यूषा के साथ लिव इन रिलेशन था। राहुल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा (306), आपराधिक धमकी ( 506) और जानबूझकर चोट पहुंचाने की धारा 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस ने प्रत्यूषा के माता-पिता की शिकायत के बाद राहुल के खिलाफ कार्रवाई की थी।
बंबई उच्च न्यायालय ने राहुल को अग्रिम जमानत देने से पहले प्रत्यूषा और राहुल की बातचीत सुनी थी। सरकारी वकील का कहना था प्रत्यूषा ने राहुल से बातचीत के दौरान आत्महत्या के इरादे का संकेत दिया था।
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                        Monday, 30 May 2016 22:00
                        
                      बुंदेलखंड में जल-हल यात्रा का समापन मंगलवार को
                          महोबा, 30 मई (आईएएनएस)। सूखाग्रस्त इलाकों की हकीकत जानने और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इन क्षेत्रों के लोगों को राहत देने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों से अवगत कराने के लिए मराठवाड़ा से शुरू हुई जल-हल यात्रा इन दिनों बुंदेलखंड में है। इस यात्रा का समापन मंगलवार (31 मई) को उत्तर प्रदेश के महोबा में होगा।
                          
जल जन जोड़ो अभियान के संयोजक संजय सिंह ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, "यह यात्रा बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के आलमपुरा से शुरू हुई थी। यह यात्रा बीते चार दिनों में टीकमगढ़, छतरपुर, महोबा के ग्रामीण इलाकों से होती हुई मंगलवार को महोबा मुख्यालय पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन होगा।"
                          
इस यात्रा में स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव, एकता परिषद के मुखिया पी.वी. राजगोपाल और जल बिरादरी के जलपुरुष राजेंद्र सिंह प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस दौरान ग्रामीणों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों से अवगत कराया गया, साथ ही उनसे जानने की कोशिश की गई कि सरकार उन्हें क्या सुविधाएं दे रही है।
                          
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड दो राज्यों -मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश- के 13 जिलों में फैला हुआ है। दोनों हिस्सों के जिलों का सूखे से बुरा हाल है, पलायन जारी है, रोजगार का संकट है और इंसान को अनाज व जानवरों को चारा नहीं मिल पा रहा है।
                          
ज्ञात हो कि स्वराज अभियान द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों आदेश दिया है कि देश के सूखा प्रभावित 12 राज्यों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों की तरह मदद मुहैया कराई जाए। प्रभावित क्षेत्रों के प्रति व्यक्ति को पांच किलोग्राम प्रतिमाह अनाज दिया जाए, गर्मी की छुट्टी के बावजूद विद्यालयों में मध्याह्न् भोजन दिया जाए। सप्ताह में कम से कम तीन दिन अंडा या दूध दिया जाए। इसके अलावा मनरेगा के जरिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
                          
सर्वोच्च न्यायालय के इन्हीं निर्देशों को जन जन तक पहुंचाने के लिए स्वराज अभियान, एकता परिषद, नेशनल एलॉयंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट (एनएपीएम) और जल बिरादरी ने जल-हल यात्रा शुरू की है। यह यात्रा मराठवाड़ा के तीन जिलों लातूर, उस्मानाबाद और बीड़ से होती हुई बुंदेलखंड पहुंची।
                          
--आईएएनएस
                        
                        
                      जल जन जोड़ो अभियान के संयोजक संजय सिंह ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, "यह यात्रा बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के आलमपुरा से शुरू हुई थी। यह यात्रा बीते चार दिनों में टीकमगढ़, छतरपुर, महोबा के ग्रामीण इलाकों से होती हुई मंगलवार को महोबा मुख्यालय पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन होगा।"
इस यात्रा में स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव, एकता परिषद के मुखिया पी.वी. राजगोपाल और जल बिरादरी के जलपुरुष राजेंद्र सिंह प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस दौरान ग्रामीणों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों से अवगत कराया गया, साथ ही उनसे जानने की कोशिश की गई कि सरकार उन्हें क्या सुविधाएं दे रही है।
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड दो राज्यों -मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश- के 13 जिलों में फैला हुआ है। दोनों हिस्सों के जिलों का सूखे से बुरा हाल है, पलायन जारी है, रोजगार का संकट है और इंसान को अनाज व जानवरों को चारा नहीं मिल पा रहा है।
ज्ञात हो कि स्वराज अभियान द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों आदेश दिया है कि देश के सूखा प्रभावित 12 राज्यों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों की तरह मदद मुहैया कराई जाए। प्रभावित क्षेत्रों के प्रति व्यक्ति को पांच किलोग्राम प्रतिमाह अनाज दिया जाए, गर्मी की छुट्टी के बावजूद विद्यालयों में मध्याह्न् भोजन दिया जाए। सप्ताह में कम से कम तीन दिन अंडा या दूध दिया जाए। इसके अलावा मनरेगा के जरिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय के इन्हीं निर्देशों को जन जन तक पहुंचाने के लिए स्वराज अभियान, एकता परिषद, नेशनल एलॉयंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट (एनएपीएम) और जल बिरादरी ने जल-हल यात्रा शुरू की है। यह यात्रा मराठवाड़ा के तीन जिलों लातूर, उस्मानाबाद और बीड़ से होती हुई बुंदेलखंड पहुंची।
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खरी बात
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