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परीक्षा परिणाम: बच्चों के व्यवहार में बदलाव पर मनोवैज्ञानिक से तुरंत संपर्क कीजिये Featured

स्मिता कुमारी

शैक्षणिक परीक्षाएँ केवल एक दीया है जिससे हम अपने जीवन को रौशन करते हैं ।इसके एक बार नहीं जलने से जिंदगी भर के लिए अँधेरा नहीं होता,हमें दुबारा उस दीये के लौ को ठीक करके जलाने और अँधेरे को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।10वीं या 12 वीं का परीक्षा का परिणाम भी इसी दीये की तरह है जब आप किसी कारण पढ़ाई नहीं कर पाते तो परिणाम सही नहीं आता,फिर आपको जिंदगी के प्रति नकारात्म होने की बजाय दुबारा अपनी जिंदगी में दीया जलाने यानि पुनः परीक्षा देकर सफल होने की कोशिश करनी चाहिए।

अँधेरा कुछ ही पलों का होता है,दिन में सूरज खुद रौशनी देता है,वैसे ही ये शैक्षणिक परिणाम आपके जीवन में कुछ नौकरियों से आपको वंचित कर सकता है लेकिन आपके अंदर की छुपी हुनर सूरज की तरह है जो आपके जीवन को रौशन करेगा। उसे परख कर अपने जीवन को नई उड़ान दो।अंधेरे में एक दीया ने नहीं साथ दिया तो क्या हुआ कोई और दीपक जलाओ। शिक्षा के बहुत से विकल्प हैं,उन्हें अपना कर आगे बढ़ो। जिंदगी में बहुत सी जीत भी देखने को मिलेगी,इस हार से सीख लो,हारो नहीं।

अकसर मैं अपने छात्रों-छात्राओं को कहती हूँ कि फेल होने वाले बहुत कामयाब भी बनते हैं जैसे आइंस्टाइन , थॉमस एडिसन, अभिषेक बच्चन आदि। यानि फेल होना भी सफल होने की निशानी है।बशर्ते कि आप अपने हार से अपनी कमियों को पहचान कर आगे बढे,सकारात्मक सोचें।

आज 12वीं का परिणाम आ चूका है।बच्चों का मन विचलित होना स्वभाविक है। सभी परिजनों और शिक्षकों से अनुरोध है कि अपने बच्चों के मनोदशा को समझने की कोशिश करें। उनके इर्द गिर्द ही रहें। उन्हें हौसला दें।
उनकी नकारात्मक तुलना ना करें। वे आपके जीवन में और समाज के लिए क्या महत्व रखते हैं इस बात का एहसास कराएँ। उनकी अवहेलना ना करें।

उनके व्यवहार में जरा भी बदलाव दिखे तो तत्काल मनोवैज्ञानिक से संपर्क करें। याद रखिए परिणाम में सुधार किया जा सकता है ,मगर बच्चे को कुछ अनहोनी हो गया तो वापस नहीं लाया जा सकता।

नोट- 13-05-2016 से 20-05-2016 तक 12वीं के परीक्षा में असफल हुए बच्चे फ्री परामर्श के लिए सत्यमेव मानसिक विकास केन्द्र के नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। नंबर है-9302903251

Read 210 times Last modified on Thursday, 12 May 2016 23:50
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