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मोदी ने दी दुनिया के मुसलमानों को रमजान की बधाई
हेरात(अफगानिस्तान), 4 जून (आईएएनएस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुनिया भर के एक अरब 70 करोड़ मुसलमानों को रमजान की हार्दिक बधाई दी। महीने भर का रोजा रखने वाले रमजान के इस पवित्र माह की शुरुआत अगले हफ्ते होने जा रही है।
अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर में अंग्रेजी में भाषण के अंत में मोदी ने हिन्दी में कहा, "अफगानिस्तान की जनता एवं दुनिया भर के तमाम मुसलमानों को पवित्र रमजान महीने की हार्दिक बधाई।"
मोदी की रमजान की यह बधाई मुसलमानों के पवित्र माह के सात या आठ जून से शुभारंभ होने के कुछ दिन पहले ही आया है। इसकी शुरुआत की तारीख नए चांद के दिखाई देने से तय होगी।
रमजान मुसलमानों के लिए वह समय होता है जब वे आत्म शुद्धि एवं अल्लाह के करीब जाने के लिए सुबह से शाम तक भूखे रहते हैं। रमजान के अंत में वे ईद-उल-फितर मनाते हैं। यह मुसलमानों के सबसे बड़े त्यौहारों में एक माना जाता है।
अपने पहले साल के शासन के दौरान मोदी को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि उन्होंने वर्ष 2014 में ईद-उल-फितर की बधाई नहीं दी थी। तब उन्होंने नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी भारत द्वारा हेरात में बनाए गए बांध के उद्घाटन समारोह में भाग लेने शनिवार को अफगानिस्तान के तूफानी दौरे पर आए थे। हेरात मशहूर पारसी सूफी संत मौलाना जामी के लिए भी जाना जाता है।
मोदी ने भारत-अफगानिस्तान के मजबूत रिश्ते का उल्लेख करते हुए अपने भाषण में जामी का भी उल्लेख किया।
--आईएएनएस
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अफगानिस्तान में बांध का उद्घाटन मोदी ने दिया सहायता का भरोसा (राउंडअप)
हेरात (अफगानिस्तान), 4 जून (आईएएनएस)। भारत का अफगानिस्तान के विकास में सहायता शनिवार को एक नए स्तर तक पहुंच गया। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को संयुक्त रूप से बटन दबाकर जग मार्ग के दरवाजों को खोला। इस बड़े बांध का निर्माण 1700 करोड़ रुपये की लागत से भारत ने किया है।
मोदी शनिवार को यहां पहुंचे, उन्होंने दोहराया कि भारत अफगानिस्तान के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति गनी ने मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च सम्मान अमीर अमिनुल्ला खार पुरस्कार से भी नवाजा।
अफगान-भारत मैत्री बांध को पूर्व में सलमा बांध के नाम से जाना जाता था।
बांध के उद्घाटन के बाद मोदी ने कहा, "अफगानिस्तान की सफलता हर भारतीय की इच्छा और आशा है। यह देश के लिए हमारे दिल में बसे प्यार और प्रशंसा के कारण है।"
मोदी ने कहा, "हम चाहते हैं कि आपके लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हों, लोगों में एकता हो और आपकी अर्थव्यवस्था आगे बढ़े।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दौरा केवल अफगानिस्तान के खेतों की सिंचाई करने वाले और घरों में रोशनी देने वाले हेरात में बांध का उद्घाटन करने के लिए नहीं था।
उन्होंने कहा, "हम एक क्षेत्र को पुनर्जीवित करने, जीवन का नवीकरण करने, आशा बहाल करने और अफगानिस्तान के भविष्य को पुनर्परिभाषित करने का काम कर रहे हैं।"
मोदी ने कहा कि इस बांध से न केवल बिजली उत्पन्न होगी, बल्कि अफगानिस्तान की भविष्य में उम्मीद बहाल होगी, जीवन का नवीनीकरण होगा और अफगानिस्तान का भविष्य नए सिरे से परिभाषित होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बांध से न केवल पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के चिस्ती, ओबे, पश्तून जार्गहुन, कारोख, गोजारा, इंजिल, जिंदजान, कोशान और घोर्यान क्षेत्रों के 640 गांवों के खेतों में सिंचाई होगी, बल्कि 250,000 घरों में बिजली भी मिलेगी।
मोदी ने कहा, "इस बांध का निर्माण केवल ईंटों और गारों से नहीं हुआ है, बल्कि अफगानिस्तान और भारत के नागरिकों की बहादुरी और हमारी दोस्ती के विश्वास से हुआ है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि गर्व के इस पल में हम उन लोगों के प्रति आभार प्रकट करना चाहते हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के उज्जवल भविष्य के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
मोदी ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण और ग्रामीण समुदायों के लिए सिंचाई की सुविधा के लिए उसके साथ साझेदारी की है।
उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से महिलाओं को कौशल और युवाओं को शिक्षा के साथ सशक्त किया जाएगा।
मोदी ने कहा, "हमने सड़कों के निर्माण के लिए भी हाथ मिलाया है, ताकि जरंज से देलाराम तक आपके देश के बीच की दूरी पाटी जा सके और आपके घरों तक बिजली पहुंचे।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि ईरान के प्रांत चाबहार में भारत के निवेश से अफगानिस्तान के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त होगा।
पिछले माह भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने तेहरान में एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत व्यापार और पारगमन के लिए ओमान में चाबहार बंदरगाह का विकास किया जाएगा। मोदी ने कहा कि ईरान के चाबहार बंदरगाह में भारत के निवेश से अफगानिस्तान को दुनिया के लिए एक नया मार्ग एवं समृद्धि का नया रास्ता मिलेगा।
मोदी ने कहा, "हमारी मित्रता का फल काबुल, कंधार, मजार और हेरात तक सीमित नहीं है और न ही होगा। हमारी साझेदारी अफगानिस्तान के हर हिस्से तक पहुंचेगी और देश के समाज के हर हिस्से को लाभ पहुंचाएगी।"
राष्ट्रपति गनी ने उद्घाटन समारोह में मोदी का स्वागत करते हुए अफगानिस्तान को उनका दूसरा घर करार दिया। साथ ही कहा कि भारत की मदद से अफगानिस्तान का 40 साल पुराना सपना हकीकत में बदला।
उन्होंने कहा, "हमारी जनता भारत की पहचान सड़कों, बांधों और 200 से अधिक विकास की छोटी परियोजनाओं से पहचानती है।"
मूलरूप से 1976 में हरी नदी पर निर्मित इस बांध को अफगानिस्तान में हुए गृह युद्ध के दौरान काफी क्षति पहुंची थी। इस का पुनर्निर्माण भारत और अफगानिस्तान के इंजीनियरों द्वारा 1,700 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
यह बांध अफगानिस्तान के विकास कार्य के लिए भारत के समर्थन का प्रतीक है।
पिछले वर्ष दिसंबर में मोदी और गनी ने भारत की सहायता से काबुल में निर्मित अफगानिस्तान संसद के नए भवन का उद्घाटन किया था।
मोदी शनिवार को अपनी पांच देशों की यात्रा के पहले पड़ाव के तहत अफगानिस्तान पहुंचे।
मोदी दोपहर बाद अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव दोहा और कतर के लिए रवाना हो गए। इसके बाद उन्हें स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको भी जाना है।
--आईएएनएस
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सीरिया के अलेप्पो में गोलीबारी में 40 लोग मरे
दमिश्क, 4 जून (आईएएनएस/सिन्हुआ)। सीरिया के उत्तरी शहर अलेप्पो के कुर्द बहुल जिले में विद्रोहियों की गोलीबारी में शनिवार को 40 लोगों की मौत हो गई।
सीरिया के सरकारी टेलीविनज चैनल ने रूस के एक निगरानी अड्डे के हवाले से यह जानकारी दी।
अल-कायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट के विद्रोहियों ने अलेप्पो के कुर्द बहुल जिले को अपना लक्ष्य बनाया। इस जिले को कुर्द लोगों की 'संरक्षण इकाई' द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसे वाईपीजी भी कहते हैं। इस गोलीबारी में 100 लोग घायल हुए हैं।
इस बीच, सीरिया के सरकारी टेलीविनज चैनल द्वारा दी गई जानकारी में विद्रोहियों द्वारा अलेप्पो शहर के सरकार नियंत्रित इलाकों में इसी तरह की गोलीबारी में एक बच्चे सहित 11 लोगों की मौत हो गई।
'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' ने कहा कि शनिवार को हुई गोलीबारी अत्यधिक भयानक थी।
सीरियाई सेना, अलेप्पो में बसे नुसरा और अन्य विद्रोही संगठनो के खिलाफ युद्ध अभियान में व्यस्त है। अमेरिका द्वारा समर्थित सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्सेज विद्रोही अब भी इस्लामिक स्टेट (आईएस) संगठन द्वारा नियंत्रित शहर मनबेज की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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डीएनडी फ्लाईवे 1 माह मनाएगा पर्यावरण जागरूकता अभियान
नोएडा, 4 जून (आईएएनएस)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शनिवार को दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाइवे की कंपनी नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड ने यात्रियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महीने के पर्यावरण जागरूकता अभियान की शुरुआत की।
नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष अनवर अब्बासी ने एक बयान में कहा कि इस अभियान के तहत कंपनी ने टाइम्स ओओएच के साथ मिलकर पूरे फ्लाईवे पर हरे और सफेद रंग में रंगे होर्डिग पर पर्यावरण के अनुकूल संदेश लगाए हैं जिनमें 'बी फेयर, डोंट पॉल्यूट द एयर!', 'डोंट लेट आवर फ्यूचर गो अप इन स्मोक', 'डोंट ट्रैश आवर फ्यूचर। गो ग्रीन, स्आर्ट टूडे' जैसे संदेश लिखे हैं ताकि लोग अपने छोटे प्रयासों से पर्यावरण का सम्मान करना और उसका मूल्य समझना शुरू करें।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पूरे दिन टोल बूथ ऑपरेटर गहरे हरे रंग के टी-शर्ट में यात्रियों का अभिवादन 'प्लांट ए ट्री। सेव द प्लैनेट।' और ऐसे ही कई सकारात्मक संदेशों के साथ करेंगे ताकि उनके बीच जागरूकता पैदा की जा सके।
अब्बासी ने कहा कि सड़क के पास हरियाली बढ़ाने के लिए कंपनी और इसके कर्मचारियों ने सुबह जल्दी एक पौधारोपण अभियान की शुरुआत की जहां सड़क के अलग-अलग हिस्सों में 200 पौधे लगाए।
एनटीबीसीएल के हरित अभियान को बढ़ावा देने के लिए नोएडा के दोनों टोल कलेक्शन क्षेत्रों के साथ ही मयूर विहार लिंक रोड को पौधों के साथ सजाया गया।
-- आईएएनएस
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रत्न उद्योग के लिए वैश्विक नेटवर्क लांच
लास बेगास, 4 जून (आईएएनएस)। मुंबई की इंटरनेट स्टार्टअप कंपनी जेमकनेक्ट ने रत्न उद्योग के लिए यहां एक वैश्विक ऑनलाइन नेटवर्क की शुरुआत की।
कंपनी ने एक बयान जारी कर शनिवार को इसकी जानकारी दी। जेमकनेक्ट के सहसंस्थापक विनोद कुरियन ने बताया, "जानकारी और विश्लेषण आज के बाजार में बहुत महत्वपूर्ण है। जेमकनेक्टर इस उद्योग में कइयों के बीच के फासले को दूर करता है।"
इस सिस्टम को अमेरिका के जेसीके लास बेगास शो में आधिकारिक रूप से लांच किया गया। यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रत्न व आभूषण शो है और उत्तरी अमेरिका के बाजार की धड़कन पहचानने का जरिया भी है।
जेमकनेक्ट के सहसंस्थापक हितेश खंडेवाल ने बताया, "बहुत पहले हमें यह आभास हो गया था कि आज के दौर में किसी व्यापार को बढ़ने और फलने-फूलने के लिए इंटरनेट की जरूरत है।"
इस प्लेटफार्म की मदद से दुनिया के सभी आभूषण और रत्न कारोबारी और निर्माता महज माउस की एक क्लिक से एक दूसरे से जुड़ सकते हैं।
खंडेवाल कहते हैं, "यही कारण है कि वैश्विक रत्न और आभूषण बाजार से जुड़े लोग दसियों हजार किलोमीटर का सफर किसी व्यापार मेले में भाग लेने के लिए करते हैं। वहां वे आपूर्तिकर्ताओं से लेकर संभावित खरीदारों से मिलते हैं। वे नए प्रचलन से वाकिफ होते हैं और क्या बदलाव चल रहा है इसकी थाह लेते हैं।"
उन्होंने कहा, "ये मेले ही वैश्विक उद्योग को आकार देते हैं। मुझे महसूस होता है कि व्यापार मेले में होने वाला संपर्क काफी सीमित होता है। साथ ही इसमें आनेजाने पर होने वाला खर्च भी लघु और मध्यम उद्योग उठा नहीं सकते। इसलिए उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए ही हमने यह मार्केटप्लेस बनाया है। सच कहूं तो ऐसे किसी एप के लिए रत्न उद्योग बेकरार था।"
--आईएएनएस
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कौशल विकास के लिए शैक्षिक संस्थान और उद्योग एक मंच पर (लीड-1)
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। अखिल भारतीय तकनीकी एवं प्रबंधन परिषद (एआईटीएमसी) ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद (ईएसएससीआई) के सहयोग से यहां शनिवार को एक कॉर्पोरेट सम्मेलन का आयोजन किया। इसका उद्देश्य संस्थानों और उद्योगों को एक मंच मुहैया कर छात्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा इस सम्मेलन का उद्देश्य उन संस्थानों की मदद करना था जो दाखिला, प्लेसमेंट और सुविधाओं को लेकर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी एवं प्रबंधन परिषद भारत की सर्वोपरि सलाहकार निकायों में से एक है। यह एक सदस्या आधारित प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन है, जो उद्योगों, उद्यमियों, शिक्षण संस्थानों और भारत के युवाओं को जोड़ने का काम करती है।
इस सम्मेलन के आयोजन में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) भी भागीदार था, जिसमें में इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में वर्तमान नवाचार पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें लगभग 70-80 इंजीनियरिंग संस्थानों ने भाग लिया।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने राष्ट्र निर्माण के लिए ग्रामीण जिलों में कौशल विकास के महत्व के बारे में बात की तथा राष्ट्र उत्थान के लिए सरकार की मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करने की अपील की।
ईएसएससीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. के. मोहापात्रा ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से शिक्षण संस्थानों को सरकारी पहल में भाग लेने का अवसर मिला है। इससे युवाओं को भी अपना कैरियर बनाने और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
-- आईएएनएस
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