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Saturday, 28 May 2016 17:20

केजरीवाल ने मोदी पर निशाना साधा

नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मीडिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण है।

केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि पत्रकार राणा अयूब की पुस्तक 'गुजरात फाइल्स : एनाटोमी ऑफ कवर अप' के बारे में देश की मुख्यधारा के मीडिया में कोई जगह नहीं मिल पाई है।

केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, "यह हमसे क्या कहता है? यह कहता है कि मीडिया के बड़े हिस्से पर, खास तौर से मालिकों पर मोदी का नियंत्रण है।"

पत्रकार राणा अयूब ने 2001 से 2010 के दौरान गुजरात में प्रमुख पदों पर रहे नौकरशाहों और बड़े अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने अपनी पुस्तक 'गुजरात फाइल्स : एनाटोमी ऑफ कवर अप' में गुजरात दंगों में सरकार और उसके अधिकारियों की संलिप्तता को उजागर किया है।

पुस्तक मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में 2001 से 2010 के दौरान गुजरात में हुई फर्जी मुठभेड़ों की भी पड़ताल करती है।

--आईएएनएस
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Saturday, 21 May 2016 21:00

ओडिशा 15 अगस्त तक भाषा कानून लागू करेगा : पटनायक

भुवनेश्वर, 21 मई (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ओडिशा आधिकारिक भाषा अधिनियम, 1954 को 15 अगस्त तक लागू कर देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य में सरकारी कार्यो को उड़िया भाषा में बेहतर तरीके से करने के लिए ओडिशा आधिकारिक भाषा नियम निर्माण के अंतिम चरण में है। इस उद्देश्य के लिए 1954 के अधिनियम में उचित संशोधन किया गया है। मुझे उम्मीद है कि 15 अगस्त तक यह लागू हो जाएगा।"

राज्य में बीजू जनता दल (बीजद) सरकार की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर वे अपने मंत्रिपरिषद को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उड़िया भाषा तथा ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़िया भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जहां उड़िया भाषा पढ़ाई जाएगी तथा स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट तथा पोस्ट डॉक्टरेट स्तर पर शोध कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में घोषित 'उड़िया वर्चुअल अकादमी' जल्द ही वास्तविक रूप लेगा।

इस अकादमी के माध्यम से उड़िया भाषा के समृद्ध साहित्य को डिजिटाइज्ड किया जाएगा और इसे इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, "डिजिटाइजेशन के लिए उड़िया भाषा की पुस्तकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। उड़िया साहित्य की बेशकीमती पुस्तकों को संरक्षित किया जाएगा।"

पटनायक ने कहा कि विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में उड़िया भाषा के संकायों की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी और स्कूल ऑफ लैंग्वेज की स्थापना नॉर्थ ओडिशा युनिवर्सिटी तथा फकीर मोहन युनिवर्सिटी में की जाएगी।

--आईएएनएस
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रीतू तोमर
नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य में कहानी विधा हमेशा से पाठक वर्ग पर एक अलग छाप छोड़ती आई है। कहानियां कभी गुदगुदाती तो कभी अंतर्मन को झकझोरती रही हैं। कथाकार रामनाथ राजेश का सद्य: प्रकाशित कहानी संग्रह 'वाट्सएप' की कहानियां भी मन को गहराई तक छू लेने की क्षमता रखती हैं, बल्कि ये तो लेखक के जीवन का अंश ही हैं।

पेशे से पत्रकार रामनाथ राजेश की किताब 'वाट्सएप' ऐसे समय में पाठकों के बीच आई है, जब वाट्सएप लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। इस कहानी संग्रह में कुल 11 कहानियां हैं, जिन्हें बड़े कायदे से एक सूत्र में पिरोकर पेश किया गया है। पुस्तक का नाम भी 21वीं सदी के युवाओं को ध्यान में रखकर बिल्कुल सटीक रखा गया है।

इस पुस्तक में युवाओं सहित हर उम्र के पाठक वर्ग के लिए कुछ न कुछ संदेश है। रामनाथ राजेश की लेखनी ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब एक अध्ययनशील पत्रकार लेखक की भूमिका में आता है तो तथ्यों एवं विश्लेषणों का अद्भुत समायोजन पेश करता है।

ये कहानियां बदलते सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश का आईना हैं। 'वाट्सएप' की प्रत्येक कहानी का कथानक एक-दूसरे से कमोबेश भिन्न है, लेकिन ये कहानियां एक-दूसरे से भिन्न होते हुए भी पाठकों को अंत तक बांधे रखने में कामयाब हुई हैं।

पुस्तक की खास बात यह कि लेखक ने अपने जीवन के कुछ निजी अनुभवों को कहानियों के रूप में पेश किया है।

कुछ प्रमुख कहानियों की बात करें तो पहली कहानी 'बंद के आगे का रास्ता' में शहर में बंद के बीच अपने पति की जिंदगी के लिए जूझती महिला की करुणा झकझोरने वाली है।

'रिपोर्टर' कहानी में पेशेवर और निजी जिंदगी के बीच चक्की में पिसते एक रिपोर्टर की भावनाओं को बड़े ही सलीके से पेश किया गया है। कहानी का नायक रिपोर्टर फ्लैशबैक में अपने प्यार के साथ बिताए पलों को याद करता है। इस कहानी का एकडायलॉग 'मेरी किरण जिंदा है' जैसे आपको अंदर तक झकझोर देने के लिए काफी है।

पुस्तक की एक अन्य कहानी 'हरमिया' को इस पुस्तक की प्राणवायु माना जा सकता है। आईएएस बनने की चाह रखने वाला युवा बिचौलियों के बीच फंसते हुए किस तरह हरमिया बनने को मजबूर होता है। अपने सपनों को अपनी आंखों के सामने टूटते देखना किस कदर कष्टदायी होता है, लेखक इसके अपनी लेखनी से पन्नों पर उतारने में सफल रहे हैं।

इसी तरह 'वाट्सएप' कहानी में वाट्सएप से पिता-बेटी के जिंदगी में आए बदलावों और उन बदलावों से रिश्तों में उतार-चढ़ाव से पाठक वर्ग अछूता नहीं रह पाएगा।

कुल मिलाकर जिंदगी के उत्साह, उम्मीद, निराशा, तनाव आदि विविध गाढ़े-फीके रंगों और उन पर मनुष्य की प्रतिक्रियाओं का बखूबी चित्रण इन कहानियों में किया गया है।

इसी तरह अन्य कहानियों में 'केंचुल', 'कटनिहार', 'फेनुस', 'एक अनजाने गांव' जैसी कहानियां कहीं आपको रोने, कहीं हंसने और कहीं-कहीं सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं।

कहानियों की भाषा-शैली की बात करें तो रामनाथ राजेश की भाषा काफी लचीली है, जिसमें वे बातचीत के अंदाज में ही अपनी बातें बड़ी सहजता से कहने में सक्षम हैं।

बहरहाल, कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि रामनाथ राजेश की इस पुस्तक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपनी बनावट (डिजाइन) में एकदम अनूठी है। इस एक ही पुस्तक में विभिन्न पाठक वर्गो के लिए कुछ न कुछ मौजूद है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक किसी को भी यह निराश नहीं करने वाली।

उम्मीद है कि इस पुस्तक से अन्य लेखकों को भी कुछ नया, बदलते जमाने को ध्यान में रखकर रचने की प्रेरणा मिलेगी।

किताब : वाट्सएप
लेखक : रामनाथ राजेश
प्रकाशक : बुकमार्ट पब्लिशर्स
पृष्ठ : 144
मूल्य : 250 रुपये

--आईएएनएस

Published in साहित्य
Friday, 13 May 2016 21:50

टैगोर पर 2 पुस्तकें राष्ट्रपति को भेंट की जाएंगी

नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 16 मई को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में 'टैगोर्स विजन ऑफ द कन्टेम्परेरी वर्ल्ड' और 'टैगोर एंड रशिया' पुस्तकों की पहली प्रति प्राप्त करेंगे।

दोनों पुस्तकें 'टैगोर्स विजन ऑफ द कन्टेम्परेरी वर्ल्ड' और 'टैगोर एंड रशिया' भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा प्रकाशित की जा रही है। इन पुस्तकों में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती समारोह के हिस्से के रूप में वर्ष 2011 में नई दिल्ली और मॉस्को में आईसीसीआर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत किए गए पेपर शामिल किए गए हैं।

--आईएएनएस
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Friday, 29 April 2016 20:00

किताब में दर्ज हुए पाकिस्तान के हालात

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। 'पाकिस्तान एट क्रॉसरोड्स' नामक किताब में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों ने पाकिस्तान की राजनीति, अर्थव्यवस्था और वहां के नेताओं और सैन्य शासकों के सामने घरेलू और रणनीतिक स्तर पर आने वाली चुनौतियों का मूल्यांकन किया है।

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर सभागार में गुरुवार की रात इस किताब का विमोचन किया गया। इसके लेखक क्रिस्टोफे जैफरेलॉट 'सेंटर नेशनल डी ला रिसर्चेस साइंटिफिक (सीएनआरएस)' में शोध निदेशक हैं। वह पेरिस के साइंसेज पो और लंदन के किंग्स कॉलेज में दक्षिण एशियाई राजनीति के प्रोफेसर हैं।

इस किताब में लेखकों ने आतंरिक खतरों से निपटने में पाकिस्तान के शासकों की कार्यप्रणाली, नागरिकों और सेना में तनाव, राजनैतिक दलों की रणनीति, पुलिस और कानून प्रवर्तन सुधार, न्यायिक सक्रियता के ट्रेंड, सीमा पर होने वाली झड़पों में बढ़ोतरी, आर्थिक चुनौतियां, विदेशी शक्तियों से मिलने वाली आर्थिक मदद और पाकिस्तान के भारत, चीन, ईरान, सऊदी अरब, अफगानिस्तान और अमेरिका के संबंधों का गहराई से विश्लेषण और परीक्षण किया है।

बलूचिस्तान और कराची के नस्लीय संघर्षो के अलावा अफगानिस्तान में अमेरिका की अगुवाई में सैन्य दखल की प्रतिक्रिया के रूप में पाकिस्तान में होने वाली आतंकवादी हिंसा और पाकिस्तान के संघीय प्रशासित आदिवासी क्षेत्रों में ड्रोन से होने वाले हमले अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं।

अब पाकिस्तान के नेताओं में सर्वसम्मति से यह धारणा बन रही है कि पाकिस्तान की सुरक्षा को असली खतरा भारत से नहीं, बल्कि पाकिस्तान में होने वाले आंतरिक संघर्षो से है। हालांकि यह अहसास पाकिस्तान सेना को अपने सबसे बड़े पड़ोसी देश को निशाना बनाने से रोक पाने में पर्याप्त रूप से सक्षम नहीं है।

'पाकिस्तान एट द क्रॉसरोड्स' में आंतरिक और बाहरी ताकतों से निपटने में पाकिस्तान की 'लचीली नीति' की आलोचना की गई है। इन आंतरिक और बाहरी संघर्षो ने ही पाकिस्तान के मौजूदा हालात को और जटिल बना दिया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Wednesday, 27 April 2016 00:00

कन्हैया की किताब 'बिहार से तिहाड़ तक' का प्रकाशन करेगी जगरनॉट बुक्स

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की किताब 'बिहार से तिहाड़ तक' का प्रकाशन जगरनॉट बुक्स इस साल के अंत तक हिंदी और अंग्रेजी में एक साथ करेगी।

यह किताब कन्हैया की गांव के स्कूल से लेकर छात्र राजनीति में आने और उसकी विवादित गिरफ्तारी और राजद्रोह के आरोप और उसके बाद की कहानी को बयान करेगी।

डिजिटल पब्लिशिंग हाउस जगरनेट के मुताबिक इस किताब में यह भी बताया जाएगा कि किस प्रकार शिक्षा बहस और सवाल उठाने को प्रोत्साहित करती है और आजकल के युवाओं के दिमाग में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की समझ विकसित करती है जो भारत के लोकतंत्र की कार्यप्रणाली के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

इस किताब के बारे में कन्हैया कुमार ने कहा कि यह भारतीय समाज के अंतर्विरोधों और एक युवा के संघर्ष को प्रतिबिंबित करेगा।

कुमार ने कहा, "भगत सिंह ने कहा था कि किसी व्यक्ति को मारना बहुत आसान है, लेकिन आप विचारों को नहीं मार सकते हैं। मैं नहीं जानता कि हमारा संघर्ष कहां तक जाएगा, लेकिन मैं समझता हूं कि इस किताब के माध्यम से हमारे विचार स्थायी रूप से इतिहास में दर्ज हो जाएंगे। मैं अपने निजी अनुभव के माध्यम से इस देश के युवाओं की उम्मीद, निराशा और संघर्ष के साथ ही भारतीय समाज के अंतर्विरोधों पर लिखना चाहता हूं।"

बिहार के एक गांव में मामूली परिवार में जन्मा यह छात्र नेता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर निडर और वाकपटु भाषण के कारण लोगों की नजरों में चढ़ गया।

उसे राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने 20 दिन जेल में गुजारे। उसके राजनीतिक प्रतिष्ठान को दी गई निडर चुनौती ने देश में देशभक्ति, राष्ट्रवाद और बौद्धिक स्वतंत्रता पर नई बहस छेड़ दी।

जगरनॉट पब्लिशर के चिकी सरकार ने बताया, "यह हमारे समय की एक निर्णायक किताब होगी। कन्हैया एक ऐसी आवाज है जिसे हर कोई सुनना चाहता है हम जगरनेट से इसे अधिकतम संभव पाठकों तक पहुंचाने में अत्यधिक गर्व का अनुभव कर रहे हैं।"

जगरनॉट एप एंड्रायड प्लेटफार्म पर उपलब्ध है और जल्द ही यह आईओएस पर भी उपलब्ध होगा। पब्लिशर द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि जुलाई 2016 में वह अपनी किताबों की सूची जारी करेगी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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Wednesday, 09 March 2016 22:40

'द कल्चर हेरिटेज ऑफ ट्रांस हिमालयाज- किन्नौर' का विमोचन

नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आईएएस (सेवानिवृत्त) पी.एस. नेगी लोक्टस द्वारा लिखी गई पुस्तक 'द कल्चर हेरिटेज ऑफ ट्रांस हिमालयाज- किन्नौर' का मंगलवार को यहां विमोचन किया।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि हिमालय पर्वतमाला का 73 फीसदी हिस्सा भारत में ही अवस्थित है। हिमालय क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिनका दोहन करने की जरूरत है। देश में ज्यादातर नदियों का उदगम स्थल हिमालय है। लेखक ने हिमालय क्षेत्र विशेषकर किन्नौर की सांस्कृतिक विरासत पर रोशनी डालकर उल्लेखनीय कार्य किया है। यह पुस्तक शोध करने वाले विद्यार्थियों (रिसर्च स्कॉलर) और भारत की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

संस्कृति मंत्रालय के अधीनस्थ 'आईजीएनसीए' द्वारा प्रकाशित की गई यह पुस्तक दरअसल हिमाचल प्रदेश के ट्रांस-हिमालय क्षेत्र खासकर किन्नौर की सांस्कृतिक विरासत पर किया गया एक अध्ययन है, जिसमें पारंपरिक संस्थानों जैसे कि मंदिरों, मठों, कलाकृतियों, किलों और विभिन्न जातीय समूहों की पुरानी बोलियों के प्रलेखन शामिल हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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बीजिंग, 4 मार्च (आईएएनएस)। चीनी किताब "आर्डर : फेंगयान स्टोरी" ने हाल ही में जर्मनी में चल रहे एक सालाना उत्सव में दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब का खिताब जीता है।

दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब प्रतियोगिता का आयोजन हर साल मार्च में लेइपजिग में किया जाता है। इसका आयोजन जर्मनी की एक बुक आर्ट फाउंडेशन बुचकनस्ट करती है।

इस साल इसमें 32 देशों की कुल 600 किताबों की जांच की गई जिसमें से दुनिया की सबसे खूबसूरत किताब का चयन किया गया। इस प्रतियोगिता में 8 अलग-अलग देशों की 14 किताबों ने पुरस्कार जीता।

विजेता चीनी किताब "आर्डर : फेंगयान स्टोरी" को लू चोंघुआ ने लिखा है और ली चीन ने इसे डिजाइन किया है। यह किताब फेंगयान के एक 33 साल पुराने किताबों की दुकान की कहानी पर आधारित है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Published in साहित्य
Wednesday, 02 March 2016 21:20

'प्राचीन भारत में धार्मिक एवं दार्शनिक शिक्षाएं' पुस्तका का विमोचन

नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। पुस्तक 'प्राचीन भारत में धार्मिक एवं दार्शनिक शिक्षाएं' का विमोचन बुधवार को किया गया। अमित राय जैन और डॉ. आंचल जैन इसके लेखक हैं। पुस्तक में प्राचीन भारत में शिक्षा एवं पढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई है।

प्रकाशक किताबवाले ने इस पुस्तक का प्रकाशन किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इन्द्रेश कुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया।

पुस्तक में प्राचीन भारत में शिक्षा एवं पढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई है। पहले अध्याय में प्राचीन भारतीय संस्कृति में शिक्षा के महत्व के बारे में बताया गया है। दूसरे अध्याय में वैदिक विज्ञान एवं इसके महत्व का विवरण दिया गया है। तीसरा अध्याय उपनिषदों पर, चौथा अध्याय कानून एवं व्यवस्था की शिक्षा पर, पांचवा अध्याय विश्वस्तरीय शिक्षा पर आधारित है।

इसी तरह छठे अध्याय में अंक शिक्षा, सातवें अध्याय में योगा, आठवें अध्याय में जैन धर्म के मूल्यों और शिक्षाओं, नौवें अध्याय में बुद्ध धर्म और बुद्ध की शिक्षाओं तथा दसवें अध्याय में प्राचीन भारत में अध्यापन की विभिन्न सीटों पर प्रकाश डाला गया है। ग्यारहवां और आखिरी अध्याय अग्रणी शिक्षाविद पाणिनी पर आधारित है। इसमें उपनिषदों, वेदों, महावीर एवं बुद्ध की शिक्षाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है।

किताबवाले के सीईओ प्रशान्त जैन ने कहा, "हमें उम्मीद है कि प्राचीन भारत में धार्मिक एवं दार्शनिक शिक्षाएं पुस्तक को पाठक पसंद करेंगे।"

अमित राय जैन एक सफल कारोबारी, विचारक, युवा नेता एवं राष्ट्रवादी हैं। डॉ. आंचल जैन दिगम्बर जैन विश्वविद्यालय में व्याख्याता हैं जहां वे साल 2010 से अंग्रेजी विभाग में पढ़ा रही हैं। उन्होंने कई अनुसंधान दस्तावेज लिखे हैं जिनका प्रकाशन प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Wednesday, 24 February 2016 18:00

ली तेंग-हुई की किताब 'देश से विश्वासघात' : चीन

बीजिंग, 24 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन ने कहा है कि ताइवान के पूर्व नेता ली तेंग-हुई की नई किताब ने 'एक बार फिर ताइवान की आजादी के प्रति उनके अड़ियल रवैये को दिखाया है।'

चीन की स्टेट काउंसिल के ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता आन फेंगशान ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किताब में मौजूद ली की टिप्पणियां 'देश से विश्वासघात' हैं और 'औपनिवेशिक शासन के एक गुलाम के मनोविज्ञान को दिखाती हैं।'

फेंगशान के अनुसार, "किताब ने दिखा दिया है कि ली ने ताइवान और चीन, दोनों हमवतनों का विरोध किया है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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