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दक्षिण कोरिया में जीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि

सियोल, 22 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। दक्षिण कोरिया में जीका का पहला मामला सामने आया है। यह घोषणा मंगलवार को कोरिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने की।

समाचार एजेंसी 'योनहाप' के अनुसार, सीडीसी के अनुसार, दक्षिण कोरिया का 43 वर्षीय व्यक्ति 17 फरवरी से 11 मार्च के बीच एक व्यावसायिक यात्रा पर ब्राजील गया था। मंगलवार सुबह इस व्यक्ति में जीका वायरस की पुष्टि हुई।

उसे 16 मार्च से बुखार और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो रही थी।

जीका वायरस एक विशिष्ट मच्छर एडीज एजेप्टिी के काटने से फैलता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए काफी हानिकारक है, इससे संक्रमित गर्भवती की संतान में माइक्रोसेफेली रोग होने का खतरा रहता है।

माइक्रोसेफेली की वजह से नवजात बच्चा सामान्य तौर पर छोटे और अविकसित दिमाग के साथ पैदा होता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली, जीका वायरस के लक्षण
    नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जीका वायरस के संक्रमण और बचाव को लेकर शनिवार को सलाह जारी की। इसमें कहा गया है कि जीका एक किस्म की वायरल इंफेक्शन है, जिससे बुखार, रैश, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली आदि होते हैं।

    इसमें बताया गया कि यह मुख्य तौर पर एडिस मच्छर की वजह से फैलता है लेकिन गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है। साथ ही गुदा व मुख मैथुन के साथ सामान्य यौन संबंधों के जरिए भी इसका संक्रमण हो सकता है। अगर गर्भावस्था में यह हो जाए तो यह भ्रूण में ही माईक्रो स्फैली का कारण बन सकता है। अगर आप गर्भवती नहीं हैं या गर्भधारण करने के बारे में नहीं सोच रही हैं तो यह ज्यादा खतरनाक नहीं है।

    जीका का संक्रमण अफ्रीका, साउथ एशिया, पैसिफिक आयलैंड, सेंट्रल और साउध अमेरीका, मैक्सिको, कैरेबियन, प्योरिटो रीको और यूएस वर्जिन आयलैंड में पाया गया है। भारत में इसका अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। 80 प्रतिशत तक लोगों में इसके नाम मात्र या बहुत मामूली लक्षण देखे गए हैं। मच्छर के काटने के 2 से 12 दिन के अंदर यह लक्षण नजर आने लगते हैं।

    इस बारे में आईएमए के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि अगर आप गर्भवती हैं या होना चाह रहे हैं तो जीका वायरस वाले देशों में जाने से परहेज करें। इसका कोई खास इलाज नहीं हैं, बस मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए, अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए और बुखार पर नियंत्रण करने के लिए पैरासीटामोल का प्रयोग करना चाहिए। एस्प्रिन बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। बच्चों में एस्प्रिन से गंभीर खतरा हो सकता है।

    जीका वायरस से बचने के लिए एडिस की सक्रियता के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए। यह दिन के वक्त सूरज के चढ़ने से पहले या छिपने के बाद सुबह जल्दी या शाम को काटते हैं। अच्छी तरह से बंद और एसी इमारतें इस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित जगहें हैं। बाहर जाते हुए जूते, पूरी बाजू के कपड़े और लंबी पैंट पहने। डीट या पीकारिडिन वाले बग्ग सप्रे या क्रीम लगाएं। दो महीने से छोटे बच्चों पर डीट वाले पदार्थ का प्रयोग न करें। कपड़ों पर पर्मिथ्रीन वाले कीट रोधक का प्रयोग करें। रुके हुए पानी को निकाल दें। अगर आप को पहले से जीका है तो खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं, ताकि यह और न फैल सके।

    जीका वायरस वाले क्षेत्रों से लौट रहे सैलानियों को यौन संबंध बनाने से आठ सप्ताह तक परहेज करना चाहिए या सुरक्षित यौन संबंध ही बनाएं। गर्भधारण की योजना बना रहे जोड़ों को आठ सप्ताह के लिए रुक जाना चाहिए। अगर पुरुष में इसके लक्षण नजर आएं तो छह महीने के लिए रुक जाना चाहिए। पहले आईएमए ने जीका वाले क्षेत्र से आए लोगों को 4 सप्ताह के लिए यौन संबंध ना बनाने की सलाह दी थी। रियो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे सभी खिलाड़ियों और दर्शकों को रियो में और लौटने के आठ सप्ताह तक केवल सुरक्षित यौन संबंध ही बनाने चाहिए।

    -- आईएएनएस
  • उप्र : कैदियों को भी मिलेगा आरओ का ठंडा पानी
    लखीमपुर खीरी, 4 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अब जल्द ही जेल के कैदियों को भी आरओ का ठंडा पानी को मिलेगा। खीरी जेल में इस समय करीब 15,00 कैदी बंद है।

    जेल के अंदर गर्मी के दिनों में पीने के पानी की किल्लत हो जाती है। ऐसे में कैदियों को जो पानी पीने के लिए दिया जाता है। उसका टीडीएस करीब साढ़े पांच सौ के आस पास है। ऐसा पानी पीने से कैदियों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

    कैदियों को साफ पानी देने के लिए जेल प्रशासन ने अगस्त 2015 में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था, जिसमंे जेल परिसर के अंदर आरओ प्लांट का लगाने की बात कही गई थी। काफी दिनों तक शासन स्तर पर फाइल लटकी रही, बाद मंे शासन ने इसे मंजूरी दी है। जेल में आरओ लगने के लिए बजट पास हुआ। आरओ प्लांट लगने के लिए खीरी जेल भेज दिया गया है।

    जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि तीन हजार लीटर का आरओ प्लांट उन्हें मिल चुका है। प्लांट अब सिर्फ लगना बाकी है। तैयारियां तेजी से चल रही है। जल्द ही जेल में आरओ लगकर तैयार हो जाएगा। जिससे साफ पानी पीने को मिल सकेगा।

    --आईएएनएस
  • मोदी ने दी दुनिया के मुसलमानों को रमजान की बधाई

    हेरात(अफगानिस्तान), 4 जून (आईएएनएस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुनिया भर के एक अरब 70 करोड़ मुसलमानों को रमजान की हार्दिक बधाई दी। महीने भर का रोजा रखने वाले रमजान के इस पवित्र माह की शुरुआत अगले हफ्ते होने जा रही है।

    अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर में अंग्रेजी में भाषण के अंत में मोदी ने हिन्दी में कहा, "अफगानिस्तान की जनता एवं दुनिया भर के तमाम मुसलमानों को पवित्र रमजान महीने की हार्दिक बधाई।"

    मोदी की रमजान की यह बधाई मुसलमानों के पवित्र माह के सात या आठ जून से शुभारंभ होने के कुछ दिन पहले ही आया है। इसकी शुरुआत की तारीख नए चांद के दिखाई देने से तय होगी।

    रमजान मुसलमानों के लिए वह समय होता है जब वे आत्म शुद्धि एवं अल्लाह के करीब जाने के लिए सुबह से शाम तक भूखे रहते हैं। रमजान के अंत में वे ईद-उल-फितर मनाते हैं। यह मुसलमानों के सबसे बड़े त्यौहारों में एक माना जाता है।

    अपने पहले साल के शासन के दौरान मोदी को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि उन्होंने वर्ष 2014 में ईद-उल-फितर की बधाई नहीं दी थी। तब उन्होंने नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा की थी।

    प्रधानमंत्री मोदी भारत द्वारा हेरात में बनाए गए बांध के उद्घाटन समारोह में भाग लेने शनिवार को अफगानिस्तान के तूफानी दौरे पर आए थे। हेरात मशहूर पारसी सूफी संत मौलाना जामी के लिए भी जाना जाता है।

    मोदी ने भारत-अफगानिस्तान के मजबूत रिश्ते का उल्लेख करते हुए अपने भाषण में जामी का भी उल्लेख किया।

    --आईएएनएस
  • अफगानिस्तान में बांध का उद्घाटन मोदी ने दिया सहायता का भरोसा (राउंडअप)
    हेरात (अफगानिस्तान), 4 जून (आईएएनएस)। भारत का अफगानिस्तान के विकास में सहायता शनिवार को एक नए स्तर तक पहुंच गया। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को संयुक्त रूप से बटन दबाकर जग मार्ग के दरवाजों को खोला। इस बड़े बांध का निर्माण 1700 करोड़ रुपये की लागत से भारत ने किया है।

    मोदी शनिवार को यहां पहुंचे, उन्होंने दोहराया कि भारत अफगानिस्तान के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

    इस अवसर पर राष्ट्रपति गनी ने मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च सम्मान अमीर अमिनुल्ला खार पुरस्कार से भी नवाजा।

    अफगान-भारत मैत्री बांध को पूर्व में सलमा बांध के नाम से जाना जाता था।

    बांध के उद्घाटन के बाद मोदी ने कहा, "अफगानिस्तान की सफलता हर भारतीय की इच्छा और आशा है। यह देश के लिए हमारे दिल में बसे प्यार और प्रशंसा के कारण है।"

    मोदी ने कहा, "हम चाहते हैं कि आपके लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हों, लोगों में एकता हो और आपकी अर्थव्यवस्था आगे बढ़े।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दौरा केवल अफगानिस्तान के खेतों की सिंचाई करने वाले और घरों में रोशनी देने वाले हेरात में बांध का उद्घाटन करने के लिए नहीं था।

    उन्होंने कहा, "हम एक क्षेत्र को पुनर्जीवित करने, जीवन का नवीकरण करने, आशा बहाल करने और अफगानिस्तान के भविष्य को पुनर्परिभाषित करने का काम कर रहे हैं।"

    मोदी ने कहा कि इस बांध से न केवल बिजली उत्पन्न होगी, बल्कि अफगानिस्तान की भविष्य में उम्मीद बहाल होगी, जीवन का नवीनीकरण होगा और अफगानिस्तान का भविष्य नए सिरे से परिभाषित होगा।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बांध से न केवल पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के चिस्ती, ओबे, पश्तून जार्गहुन, कारोख, गोजारा, इंजिल, जिंदजान, कोशान और घोर्यान क्षेत्रों के 640 गांवों के खेतों में सिंचाई होगी, बल्कि 250,000 घरों में बिजली भी मिलेगी।

    मोदी ने कहा, "इस बांध का निर्माण केवल ईंटों और गारों से नहीं हुआ है, बल्कि अफगानिस्तान और भारत के नागरिकों की बहादुरी और हमारी दोस्ती के विश्वास से हुआ है।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि गर्व के इस पल में हम उन लोगों के प्रति आभार प्रकट करना चाहते हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के उज्‍जवल भविष्य के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।

    मोदी ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण और ग्रामीण समुदायों के लिए सिंचाई की सुविधा के लिए उसके साथ साझेदारी की है।

    उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से महिलाओं को कौशल और युवाओं को शिक्षा के साथ सशक्त किया जाएगा।

    मोदी ने कहा, "हमने सड़कों के निर्माण के लिए भी हाथ मिलाया है, ताकि जरंज से देलाराम तक आपके देश के बीच की दूरी पाटी जा सके और आपके घरों तक बिजली पहुंचे।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि ईरान के प्रांत चाबहार में भारत के निवेश से अफगानिस्तान के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त होगा।

    पिछले माह भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने तेहरान में एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत व्यापार और पारगमन के लिए ओमान में चाबहार बंदरगाह का विकास किया जाएगा। मोदी ने कहा कि ईरान के चाबहार बंदरगाह में भारत के निवेश से अफगानिस्तान को दुनिया के लिए एक नया मार्ग एवं समृद्धि का नया रास्ता मिलेगा।

    मोदी ने कहा, "हमारी मित्रता का फल काबुल, कंधार, मजार और हेरात तक सीमित नहीं है और न ही होगा। हमारी साझेदारी अफगानिस्तान के हर हिस्से तक पहुंचेगी और देश के समाज के हर हिस्से को लाभ पहुंचाएगी।"

    राष्ट्रपति गनी ने उद्घाटन समारोह में मोदी का स्वागत करते हुए अफगानिस्तान को उनका दूसरा घर करार दिया। साथ ही कहा कि भारत की मदद से अफगानिस्तान का 40 साल पुराना सपना हकीकत में बदला।

    उन्होंने कहा, "हमारी जनता भारत की पहचान सड़कों, बांधों और 200 से अधिक विकास की छोटी परियोजनाओं से पहचानती है।"

    मूलरूप से 1976 में हरी नदी पर निर्मित इस बांध को अफगानिस्तान में हुए गृह युद्ध के दौरान काफी क्षति पहुंची थी। इस का पुनर्निर्माण भारत और अफगानिस्तान के इंजीनियरों द्वारा 1,700 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।

    यह बांध अफगानिस्तान के विकास कार्य के लिए भारत के समर्थन का प्रतीक है।

    पिछले वर्ष दिसंबर में मोदी और गनी ने भारत की सहायता से काबुल में निर्मित अफगानिस्तान संसद के नए भवन का उद्घाटन किया था।

    मोदी शनिवार को अपनी पांच देशों की यात्रा के पहले पड़ाव के तहत अफगानिस्तान पहुंचे।

    मोदी दोपहर बाद अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव दोहा और कतर के लिए रवाना हो गए। इसके बाद उन्हें स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको भी जाना है।

    --आईएएनएस
  • सीरिया के अलेप्पो में गोलीबारी में 40 लोग मरे
    दमिश्क, 4 जून (आईएएनएस/सिन्हुआ)। सीरिया के उत्तरी शहर अलेप्पो के कुर्द बहुल जिले में विद्रोहियों की गोलीबारी में शनिवार को 40 लोगों की मौत हो गई।

    सीरिया के सरकारी टेलीविनज चैनल ने रूस के एक निगरानी अड्डे के हवाले से यह जानकारी दी।

    अल-कायदा से जुड़े नुसरा फ्रंट के विद्रोहियों ने अलेप्पो के कुर्द बहुल जिले को अपना लक्ष्य बनाया। इस जिले को कुर्द लोगों की 'संरक्षण इकाई' द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसे वाईपीजी भी कहते हैं। इस गोलीबारी में 100 लोग घायल हुए हैं।

    इस बीच, सीरिया के सरकारी टेलीविनज चैनल द्वारा दी गई जानकारी में विद्रोहियों द्वारा अलेप्पो शहर के सरकार नियंत्रित इलाकों में इसी तरह की गोलीबारी में एक बच्चे सहित 11 लोगों की मौत हो गई।

    'सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' ने कहा कि शनिवार को हुई गोलीबारी अत्यधिक भयानक थी।

    सीरियाई सेना, अलेप्पो में बसे नुसरा और अन्य विद्रोही संगठनो के खिलाफ युद्ध अभियान में व्यस्त है। अमेरिका द्वारा समर्थित सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्सेज विद्रोही अब भी इस्लामिक स्टेट (आईएस) संगठन द्वारा नियंत्रित शहर मनबेज की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।

    --आईएएनएस
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर पहुंचे
    दोहा, 4 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव के तहत शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर कतर की राजधानी दोहा पहुंचे।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया, "नमस्ते कतर! प्रधानमंत्री का अपनी यात्रा के दूसरे चरण में दोहा आगमन"

    2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कतर दौरे के 8 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की कतर की यह दूसरी यात्रा है।

    मोदी यहां भारतीय कामगारों के शिविरों में जाकर मुलाकात करेंगे। कतर में लगभग 6,30,000 भारतीय अप्रवासी रहते हैं, जिनमें से ज्यादातर मजदूरी का काम करते हैं।

    मोदी कतर के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला बिन नस्सर बिन खलीफा अल थानी की मेजबानी में शनिवार की शाम को आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे।

    मोदी ने इससे पहले शनिवार को अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगानिस्तान-भारत मित्रता बांध का उद्घाटन किया, जिसे सलमा बांध के नाम से जाता है।

    रविवार को मोदी कतर में व्यापार जगत के नेताओं से मिलेंगे और उसके बाद वे अमीर तामिम बिन हमाद अल धानी के साथ अलग से बैठक करेंगे।

    भारत और कतर के बीच 10 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है।

    विदेश सचिव एस.जयशंकर ने मोदी की यात्रा से पहले शुक्रवार को कहा, "यह (कतर) एक बड़ा आर्थिक साझेदार बन सकता है, क्योंकि उनके पास बहुत बड़ा संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न फंड है।"

    कतर के बाद मोदी स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको जाएंगे।

    --आईएएनएस

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