लंदन, 20 मार्च (आईएएनएस)। अगर कोई व्यक्ति दृढ़ संकल्प कर ले, तो वह दुनिया का कठिन से कठिन काम भी कर सकता है। अभी तक तो यह हौसला बढ़ाने का एक जुमला मात्र था। लेकिन, अब इस जुमले पर वैज्ञानिकों ने भी अपनी मुहर लगा दी है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक समय तक कठिन कार्य करने से मस्तिष्क को चुनौती मिलती है और इससे मस्तिष्क में लंबे समय से मौजूद तमाम बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
पोलैंड की जगेल्लोनियन यूनिवर्सिटी में हुए इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता मारसिन स्वैड बताते हैं, "हम सभी अपने मस्तिष्क को स्वचालित करने में सक्षम है, अगर हम संबंधित काम को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हों। "
उन्होंने बताया कि परिणामों से पता चला है कि हम मस्तिष्क में सक्रियता लाते हुए उसे अधिक लचीला बना सकते हैं, जिससे मस्तिष्क के अलग-अलग भागों में लचीलापन और अपनी मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
इस शोध के लिए नौ महीने की अवधि के दौरान 29 प्रतिभागियों की आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें ब्रेल पढ़ना सिखाया गया। निष्कर्षो के अनुसार, इस दौरान उन लोगों की पढ़ने की गति 17 शब्द प्रति मिनट रही।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह निष्कर्ष मानव मस्तिष्क के कार्यात्मक संगठन को लेकर दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि मानव मस्तिष्क अन्य जीवों के मस्तिष्क की तुलना में अधिक लचीला होता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
कठिन काम करने से दूर होती हैं मस्तिष्क की बाधाएं
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