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आईसेक्ट के में एनुवल ईव में स्टार्ट अप और स्टैंड अप अवार्ड से सम्मानित हुए सेंट्रल इंडिया के युवा उद्यमी

भोपाल: 21 मार्च/ जो लोग कुछ करना चाहते हैं उनके लिए पैसे मायने नहीं रखते, जोखिम उठाना जरुरी है। स्टार्टअप और स्टैंडअप की उपयोगिता जोखिम लेने से तय होती है। लोग आज तकनीक से जुड़कर तुरंत अपनी बात दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से पहुंचा सकते हैं। यह बात आईसेक्ट विश्वविद्यालय के मंच पर बतौर मुख्य अतिथि श्री गिरिधर ए किन्हल, डायरेक्टर आईआईएफएम ने कही। उन्होंने आगे संबोधित करते हुए कहा कि आपको स्वयं के लिए स्पेस तैयार करना है और दूसरों के लिए भी। तभी ‘मेक इन इंडिया’ का नारा सफल हो सकेगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आईसेक्ट विश्वविद्यालय हमेशा स्किल पर जोर देता आया है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप और स्टैंडअप अवार्ड आप सबके समक्ष लेकर आया है। इस अवार्ड के माध्यम से विश्वविद्यालय युवा उद्यमियों को एक मंच प्रदान करने की कोशिश की है जिसके माध्यम से हमारे युवा उद्यमियों की आवाज ‘डिजीटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ हेतु युवाओं को प्रेरित करेगी।

आईसेक्ट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित स्टार्टअप अवार्ड में अतुकुंडा ड्रिजेला, नाओमी एण्ड ग्रुप द्वारा बनाया गया प्लान सत्यमेवजयतेडाटकाम विजेता बना, दूसरा विजेता बने आईसेक्ट विश्वविद्यालय के पंखुड़ी सिंघल, अमित एण्ड ग्रुप जिन्होंने इनोवेशनपूलडाटकाम प्लान बनाया और एन आई एफ टी के स्टूडेंट्स प्रत्यक्क्षा एण्ड ग्रुप ने फेलो ट्रेवेलर ः ऐन एन्ड्राइड एप्लीकेशन एण्ड वेबसाइट प्लान बनाया। विश्वविद्यालय द्वारा युवा उद्यमियों के लिये डिजिटलाइजेशन थीम पर स्टैंडअप अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिसमें तीन अलग-अलग कैटेगरी थीं। इनोवेटिव यूटिलिटी कैटेगरी में शापकिरानाडाटकाम चलाने वाले युवा उद्यमी तनुतेजस सारस्वत को ट्राफी और 10000 रु. से सम्मानित किया गया। इसी थीम पर ज्यूरी अवार्ड से सम्मानित की गईं लीगल यार सर्विसेस की अंजली वाधवानी। दूसरी कैटेगरी थी स्मार्ट अर्बन। जिसमें विनर रहे सुरविन बीपीओ सर्विसेस के अभिषेक चैधरी। इन्हें भी ट्राफी और 10000 रु. से सम्मानित किया गया। इसी थीम पर ज्यूरी अवार्ड से सम्मानित किये गये फ्रीलांसर के आदित्य उपाध्याय। इन्हें ट्राफी व सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।

तीसरी कैटेगरी थी रुरल अवेकनिंग। जिसमें विनर रहीं महेश्वरी क्रियेशन की सीमा तिवारी मिश्रा। इन्हें भी ट्राफी और 10000 रु. से सम्मानित किया गया। इसी थीम पर ज्यूरी अवार्ड से सम्मानित किये गये प्रेमा साफ्टवेयर साल्यूशन के स्मृति उपाध्याय। इन्हें ट्राफी व सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। अंत में साइबर बाइट के माध्यम से लोगों को अवेयर करने वाले जयवर्घन जोशी को स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया गया।

एयरटेल द्वारा रायसेन में जाकर आईसेक्ट विश्वविद्यालय के छात्रों ने महिलाओं को इंटरनेट की बेसिक जानकारीयों से अवगत कराया हेतु ई शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया। एनसीसी और एनएसएस के प्रतिभावान छात्रों को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर स्पेशल गेस्ट टी जी चैरागडे, जीएम एचआर भेल, राजेन्द्र रंगानी, एजीएम इलाहाबाद बैंक, सुमित अग्रवाल, मार्केटिंग हेड भारती एयरटेल, आर जी द्विवेदी, रीजनल डायरेक्टर पीएचडी चैंबर्स आफ कामर्स, राजेश महेश्वरी, एजीएम क्रिस्प, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, सीनियर मैनेजर इंटरप्रेन्योरशिप एण्ड स्किल डेवेलपमेंट एसोसियेशन उपस्थित थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय का एनुवल फेस्ट ‘रिदम 2 के 16’ के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनोखी प्रस्तुति हुई।

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  • आईसेक्ट विश्वविद्यालय में रिसर्च मैथोडोलाजी वर्कशॉप

    भोपाल: 25 मई/ ‘‘अनुसंधान (रिसर्च) का अर्थ नये तथ्यों को सामने लाना है जो पहले की अवधारणाओं को संतुष्ट करता है। हमारी जो भी रिसर्च है वो केवल डिग्री तक ही सीमित ना रहे समाज के लिये भी उपयोगी हो‘‘ यह बात आईसेक्ट विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय रिसर्च मैथोडोलाजी वर्कशॉप ‘‘ज्ञानोदय‘‘ में डॉ. रामाकांत भारद्वाज ने कही। डॉ. भारद्वाज मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। यह वर्कशॉप म.प्र. विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट), भोपाल द्वारा प्रायोजित थी।

    उन्होंने अच्छें रिसर्च पेपर कैसे लिखे जाऐं पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वैज्ञानिक शोध का उल्लेख मिलता रहा है। उन्होंने अच्छे रिसर्च पेपर लिखने के लिये दस बिन्दुओं का विस्तार से उल्लेख किया जिसमें विषय की रूपरेखा बनाना, नोटस तैयार करना, रफ ड्राफ्ट बनाना आदि प्रमुख है। रिसर्च पेपर में फ्यूचर स्कोप को अवश्य रेखांकित करना चाहिये।

    आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के. वर्मा ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि रिसर्च जीवन का रवैया है जो आप पढ़ते है उसकी जड़ों तक जाऐं और उसे आगे बढ़ाये। उन्होंने अपने अनुभवों से रिसर्च के दौरान होने वाली गलतियों को विद्यार्थियों को समझाया।

    इस दो दिवसीय वर्कशॉप का उद्देश्य रिसर्च व रिसर्च प्रक्रियाओं को विद्यार्थियों को समझाना था। प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान व तकनीकी संकाय में रिसर्च के दौरान आंकड़े कैसे संग्रहित करते है। डाटा के विश्लेषण व विवेचन में उपयोगी आधुनिक तकनीक जैसे एसपीएसएस और मेटलैब के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी देना था।

    पहले दिन रिसर्च में साफ्टवेयर के अनुप्रयोगों विशेष रूप से एसपीएसएस (स्टेटिसटिकल साफ्टवेयर फॉर डाटा एनालिसिस) व मेटलैब विषयों पर जानकारी दी गई। दूसरे दिन बौद्धिक संपदा अधिकार व रिसर्च के लिये वित्तिय सहायता पर मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एन.के. चैबे ने विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। विषय-विशेषज्ञ के रूप में इस वर्कशॉप में प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट, ग्वालियर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तारिका सिंह व डॉ. आशीष चांडोक, अनुसंधान समन्वयक, दयालबाग इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेनेजमेंट, आगरा उपस्थित थे।

    वर्कशॉप में आईसेक्ट विश्वविद्यालय के समकुलपति श्री अमिताभ सक्सेना, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, समन्वयक डॉ. संगीता जौहरी, डॉ. दीप्ती महेश्वरी, डॉ. संजीव गुप्ता उपस्थित थे। इस वर्कशॉप में बड़ी संख्या में रिसर्च स्कॉलर, अकाडमीशियन, इंडस्ट्री से आए हुए शोधार्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने इस वर्कशॉप को बहुत उपयोगी बताया जिससे उन्हें रिसर्च व आधुनिक तकनीकों का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो सका।

  • आईसेक्ट में कोर्स डिजाइन आॅफ रुरल-अर्बन मैनेजमेंट विषय पर वर्कशॉप आयोजित

    भोपाल: 2 मई/  आजादी के बाद भी हम ‘ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है’ यह सुनते आ रहे हैं। जिस तेजी से शहरी क्षेत्र का विकास हुआ उस तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। यही अंतराल दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। यह बात श्री अनूप कुमार, जीएम नाबार्ड ने आईसेक्ट विश्वविद्यालय में आयोजित हो रही आर-अर्बन मैनेजमेंट वर्कशॉप में कही। आगे अपने उद्बोधन में कहा कि आज आईसेक्ट विश्वविद्यालय आर-अर्बन मैनेजमेंट ;त्नतइंद डंदंहमउमदजद्ध पर कोर्स लेकर आ रहा है तो निश्चय ही विश्वविद्यालय एक ठोस कदम उठाएगा। जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को निचिश्त तौर पर मिलेगा। सिर्फ एक ही योजना को पूरे भारत या भारत के सभी प्रांतों में लागू करने से सफलता नहीं मिल पायेगी। कोर्स डिजाइन करते समय विश्वविद्यालय को हर अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियों द्वारा ही विकास करना होगा क्योंकि हर क्षेत्र की अपनी एक विशिष्टता होती है और उनकी अपनी आश्वयकता भी।

    आईसेक्ट विश्वविद्यालय के आर-अर्बन मैनेजमेंट विषय के कोर्स डिजाइन हेतु आयोजित वर्कशॉप में अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स ने अपने विचार प्रस्तुत किए। जिसमें शिव कुमार उपाध्याय, रिटायर्ड डायरेक्टर फार्मल वेल फेयर एण्ड एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट, शालिनी पाण्डे, ट्रेनर एण्ड प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर क्रिस्प, भक्ति शर्मा, सरपंच बरखेड़ी जो कि भारत की 100 सबसे लोकप्रिय महिलाओं में शामिल हैं और राजीव अग्रवाल, सचिव मंडीदीप इंडस्ट्री एसोसियेशन ने कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।

    इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी के वर्मा, समकुलपति श्री अमिताभ सक्सेना व कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नये कोर्स को प्रारंभ करने का उद्देश्य रोजगार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र का विकास भी है। कोर्स का प्रारुप ऐसा होगा कि छात्र फील्ड पर जाने के बाद अपने मौलिक ज्ञान का 100प्रतिशत उपयोग कर सकेंगे।

  • आईसेक्ट द्वारा सिहंस्थ में आधार पंजीयन शिविर स्थापित

    उज्जैन: 29 अप्रैल/ आईसेक्ट संस्था द्वारा इस बार सिहंस्थ में देश के विभिन्न प्रान्तों से आये सभी श्रद्धालु एवं अतिथियों के लिए विशेष आधार पंजीयन शिविर स्थापित किया गया हैद्यइस कैंप के माध्यम से कुम्भ में आये देश भर के सभी नागरिको को आधार से सम्बंधित सेवांए दी जाएँगी।

    इस शिविर के  माध्यम से नागरिक अपने नामए पता एवं अन्य सम्बंधित जानकारी का संसोधनएबायोमेट्रिक अपडेशनए ई.आधार भी प्राप्त कर सकेंगे एवं जिनके आधार खो गए है या प्राप्त नहीं हुए है उनके आधार की जानकारी जैसी सुविधाए भी प्राप्त कर सकेंगे।

    श्री आनंद प्रकाश श्रीवास्तव नेशनल हेड आधार परियोजना भोपाल एवं श्री राहुल परमार स्टेट हेड आधार परियोजना ने जानकारी दी है की यह शिविर पूरेसिहंस्थ में आधार की सेवांए देंगे एवं समस्त सुविधाए नागरिको को निशुल्क उपलभध रहेंगीद्ययह शिविर वर्तमान में चामुण्डा माता जोनल ऑफिस एवं दत्त अखाडा के जोनल ऑफिस में स्थापित  किये जा चुकेहैं।

    श्रीअनुराग गुप्ता सहायक महाप्रबंधकए आईसेक्ट ने अवगत किया है की नागरिको की सुविधाए देखते हुए भविष्य में और भी शिविर स्थापित किये जायेंगे।

  • आईसेक्ट विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने किया आंचलिक विज्ञान केन्द्र का भ्रमण

    भोपाल। आईसेक्ट विश्वविद्यालय के डिप्लोमा इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के 70 छात्रों ने आंचलिक विज्ञान केन्द्र का भ्रमण किया। इस भ्रमण में छात्रों ने विज्ञान की नई-नई तकनीकों की जानकारी एकत्रित कर विज्ञान को करीब से अनुभव किया।

    छात्रों का दल इस भ्रमण के दौरान जिज्ञासु पूर्वक प्रश्न करते रहे जिसका विज्ञान केन्द्र के सदस्य दल ने प्रतिउत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को तृप्त किया। विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु समय-समय पर पाठ्यक्रम के अलावा कई रुचिकर क्षेत्रों की जानकारी हेतु भ्रमण पर भेजते रहते हैं।

    विश्वविद्यालय के डीन डॉ. सितेश सिन्हा, प्राचार्य डॉ. बसंत सिंह और एचओडी डिप्लोमा प्रथम वर्ष डॉ. ब्रिजेश सिंह के द्वारा आंचलिक विज्ञान केन्द्र का आभार व धन्यवाद दिया साथ ही उन्होंने बताया कि भविष्य में भी विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए भ्रमण कराये जाते रहेंगे।

  • आईसेक्ट विश्वविद्यालय में गूगल की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    भोपाल: 26 अप्रैल/ आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग ने गूगल्स की एक दिवसीय कार्यशाला ‘‘स्थानीयकरण और अनुवाद के लिए गूगल की नई तकनीक’’ विषय पर आयोजित की। कार्यशाला में गूगल की ओर से आए एसोसिएट लीडर श्री प्रवीण दास, बैंगलोर ने गूगल ट्रांसलेट की नई और उम्दा तकनीक पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला। यह कार्यशाला दो सत्रों में आयोजित की गई। प्रथम सत्र में बताया गया कि कैसे लोग आज भी विश्व स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से वंचित हैं जिसकी प्रमुख वजह भाषा की बाधा है।

    कार्यशाला के दूसरे सत्र में स्टूडेंट्स को बताया गया कि गूगल का नया ट्रांसलेटर एप ‘गूगल लेंस’ कैसे कार्य करेगा। गूगल लेंस की विशेषता होगी कि किसी भी फोटोग्राफ के टेक्स्ट मैटर को कैमरे के द्वारा ली गई तस्वीर से आपकी चुनी हुई भाषा में प्रभावशाली शब्दों में तुरंत कनवर्ट कर देना, जिससे कि आपको समझने में आसानी होगी।

    गूगल ने आईसेक्ट विश्वविद्यालय से 40 स्टूडेंट्स की एक टीम का चयन किया है। यह चुनी हुई टीम गूगल के नए ट्रांसलेटर एप ‘गूगल लेंस’ हेतु देशभर की विविध भाषा को आसान व प्रभावी ढंग से ट्रांसलेट करने के लिए कार्य करेगी।

    उत्कृष्टता का अग्रणी केन्द्र बन कर उभरा है। विश्वविद्यालय के 40 स्टूडेंट्स चयनित होने पर कुलपति प्रो. वी के वर्मा, समकुलपति अमिताभ सक्सेना और कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देता आया है जिससे कि यहां के स्टूडेंट्स अपनी एक अलग पहचान बना पाने में सक्षम हो सकें।

     

  • ब्रेनी बियर प्री-स्कूल व एक्टिविटी क्लब का समर कैम्प 2 मई से

    भोपाल: 23 फरवरी/ भोपाल का सबसे चर्चित और एनर्जेटिक समर कैम्प बे्रनी बियर समर फ्लैश निरंतर दूसरे वर्ष भी 2 मई से 11 जून 2016 तक आयोजित किया जाएगा। ब्रेनी बियर प्री-स्कूल और एक्टिविटी क्लब द्वारा ये समर कैम्प सुबह 10 से 12 बजे तक ब्रेनी बियर की अरैरा कालोनी, कोलार और कोहेफिजा स्थित सेंटरों पर आयोजित होगा। ब्रेनी बियर के इस समर कैम्प में मल्टीपल इंटेलिजेंसी के सिद्धांत पर दो अलग-अलग आयु समूहों में बच्चों के हूनर को तराशने के लिए विभिन्न गतिविधियों आयोजित कराई जाएगी। इसमें ग्रूप ए में 2.5 से 6 वर्ष तक के बच्चे और गु्रप बी में 7 से 12 वर्ष तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इस कैम्प में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ बच्चों के हुनर को तराश रहे हैं।

    ब्रेनी बियर स्कूल की सेंटर संचालक सुश्री श्वेता दुआ ने बताया कि यहां बच्चों को प्रतिदिन पजल सोल्विंग, केंडल डेकोरेशन, आर्ट एंड क्राफ्टस्, डांस एवं योगा, पर्सनालिटी डेवलपमेंट , पब्लिक स्पीकिंग, मैनर्स, एटिकेट, को-आर्डिनेशन और टीम एक्टिविटी से संबंधित गतिविधियों करवाई जाएगी। उन्हें खेल-खेल में ही आर्ट, क्राफ्ट्स और ज्वैलरी मैंकिंग, मैडिटेशन, गार्डनिंग, म्यूजिक की जानकारी भी दी जाएगी। गणित आधारित खेल के माध्यम से उनमें गणित के प्रति रूचि जगाने की एक्टिविटी भी करवाई जाएगी। साथ ही आज की जरूरत के हिसाब से, वॉक्यूबलरी, स्पीच, कैलिग्राफी, भी विषय विशेषज्ञों द्वारा सिखाई जाएगी।

    इस कैम्प में भाषा, कम्यूनिकेशन स्किल, इमेजिनेशन, रचनात्मकता सामाजिक व भावनात्मक स्किल के माध्यम से बच्चों के संपूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। सेंटर संचालक सुश्री दुआ ने बताया कि बच्चों को सेल्फ डिफेंस के लिए जुडो कराते की एक्टिविटी भी करवाई जा रही है। समर कैम्प के लिए बच्चों को वाहन सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए निम्न पते पर संपर्क कर सकते हैं।
    स्थानः- ब्रेनी बियर प्री स्कूल एंड एक्टिविटी क्लब, ई-8/131, बसंत कुंज, अरेरा कॉलोनी, भोपाल-462 016
    कान्टैक्टः- सुश्री श्वेता दुआ, सेंटर हैड - 81200 44446,
    email : This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. , Visit www.brainybear.in

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