आईसेक्ट विश्वविद्यालय में कैंपस ड्राईव
भोपाल: 3 जून/ आईसेक्ट विश्वविद्यालय में हाल ही में कैंपस संपन्न हुआ। इस कैंपस में बीई, एम.बी.ए., बी.बी.ए, बी.कॉम फायनल ईयर के 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। अहमदाबाद की कंसलटेंसी ऐश्योर ने इस कैंपस का संचालन किया। ऐश्योर के मैंनेजिंग डायरेक्टर श्री सुनील व्यास व उनकी टीम ने लिखित परीक्षा, ग्रुप डिस्कशन व पर्सनल इंटरव्यू के पश्चात 20 विद्यार्थियों को शार्टलिस्ट किया।
शार्टलिस्ट विद्यार्थियों का चयन फायनल ईयर की परीक्षाओं के पश्चात अंतिम रूप से मार्केट रिसर्च व टेक्निकल रिसर्च एक्सीक्यूटिव के पद पर किया जाऐगा। इनका वार्षिक पैकेज 2.5 लाख प्रतिवर्ष रहेगा।
विद्यार्थियों के चयन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कांत वर्मा, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह व प्लेसमेंट अधिकारी श्री नितिन कालसकर ने उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में रिसर्च मैथोडोलाजी वर्कशॉप
भोपाल: 25 मई/ ‘‘अनुसंधान (रिसर्च) का अर्थ नये तथ्यों को सामने लाना है जो पहले की अवधारणाओं को संतुष्ट करता है। हमारी जो भी रिसर्च है वो केवल डिग्री तक ही सीमित ना रहे समाज के लिये भी उपयोगी हो‘‘ यह बात आईसेक्ट विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय रिसर्च मैथोडोलाजी वर्कशॉप ‘‘ज्ञानोदय‘‘ में डॉ. रामाकांत भारद्वाज ने कही। डॉ. भारद्वाज मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। यह वर्कशॉप म.प्र. विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट), भोपाल द्वारा प्रायोजित थी।
उन्होंने अच्छें रिसर्च पेपर कैसे लिखे जाऐं पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वैज्ञानिक शोध का उल्लेख मिलता रहा है। उन्होंने अच्छे रिसर्च पेपर लिखने के लिये दस बिन्दुओं का विस्तार से उल्लेख किया जिसमें विषय की रूपरेखा बनाना, नोटस तैयार करना, रफ ड्राफ्ट बनाना आदि प्रमुख है। रिसर्च पेपर में फ्यूचर स्कोप को अवश्य रेखांकित करना चाहिये।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के. वर्मा ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि रिसर्च जीवन का रवैया है जो आप पढ़ते है उसकी जड़ों तक जाऐं और उसे आगे बढ़ाये। उन्होंने अपने अनुभवों से रिसर्च के दौरान होने वाली गलतियों को विद्यार्थियों को समझाया।
इस दो दिवसीय वर्कशॉप का उद्देश्य रिसर्च व रिसर्च प्रक्रियाओं को विद्यार्थियों को समझाना था। प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान व तकनीकी संकाय में रिसर्च के दौरान आंकड़े कैसे संग्रहित करते है। डाटा के विश्लेषण व विवेचन में उपयोगी आधुनिक तकनीक जैसे एसपीएसएस और मेटलैब के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी देना था।
पहले दिन रिसर्च में साफ्टवेयर के अनुप्रयोगों विशेष रूप से एसपीएसएस (स्टेटिसटिकल साफ्टवेयर फॉर डाटा एनालिसिस) व मेटलैब विषयों पर जानकारी दी गई। दूसरे दिन बौद्धिक संपदा अधिकार व रिसर्च के लिये वित्तिय सहायता पर मेपकास्ट के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एन.के. चैबे ने विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। विषय-विशेषज्ञ के रूप में इस वर्कशॉप में प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट, ग्वालियर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तारिका सिंह व डॉ. आशीष चांडोक, अनुसंधान समन्वयक, दयालबाग इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेनेजमेंट, आगरा उपस्थित थे।
वर्कशॉप में आईसेक्ट विश्वविद्यालय के समकुलपति श्री अमिताभ सक्सेना, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, समन्वयक डॉ. संगीता जौहरी, डॉ. दीप्ती महेश्वरी, डॉ. संजीव गुप्ता उपस्थित थे। इस वर्कशॉप में बड़ी संख्या में रिसर्च स्कॉलर, अकाडमीशियन, इंडस्ट्री से आए हुए शोधार्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने इस वर्कशॉप को बहुत उपयोगी बताया जिससे उन्हें रिसर्च व आधुनिक तकनीकों का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो सका।
आईसेक्ट में कोर्स डिजाइन आॅफ रुरल-अर्बन मैनेजमेंट विषय पर वर्कशॉप आयोजित
भोपाल: 2 मई/ आजादी के बाद भी हम ‘ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है’ यह सुनते आ रहे हैं। जिस तेजी से शहरी क्षेत्र का विकास हुआ उस तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। यही अंतराल दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। यह बात श्री अनूप कुमार, जीएम नाबार्ड ने आईसेक्ट विश्वविद्यालय में आयोजित हो रही आर-अर्बन मैनेजमेंट वर्कशॉप में कही। आगे अपने उद्बोधन में कहा कि आज आईसेक्ट विश्वविद्यालय आर-अर्बन मैनेजमेंट ;त्नतइंद डंदंहमउमदजद्ध पर कोर्स लेकर आ रहा है तो निश्चय ही विश्वविद्यालय एक ठोस कदम उठाएगा। जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को निचिश्त तौर पर मिलेगा। सिर्फ एक ही योजना को पूरे भारत या भारत के सभी प्रांतों में लागू करने से सफलता नहीं मिल पायेगी। कोर्स डिजाइन करते समय विश्वविद्यालय को हर अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियों द्वारा ही विकास करना होगा क्योंकि हर क्षेत्र की अपनी एक विशिष्टता होती है और उनकी अपनी आश्वयकता भी।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के आर-अर्बन मैनेजमेंट विषय के कोर्स डिजाइन हेतु आयोजित वर्कशॉप में अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स ने अपने विचार प्रस्तुत किए। जिसमें शिव कुमार उपाध्याय, रिटायर्ड डायरेक्टर फार्मल वेल फेयर एण्ड एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट, शालिनी पाण्डे, ट्रेनर एण्ड प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर क्रिस्प, भक्ति शर्मा, सरपंच बरखेड़ी जो कि भारत की 100 सबसे लोकप्रिय महिलाओं में शामिल हैं और राजीव अग्रवाल, सचिव मंडीदीप इंडस्ट्री एसोसियेशन ने कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी के वर्मा, समकुलपति श्री अमिताभ सक्सेना व कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नये कोर्स को प्रारंभ करने का उद्देश्य रोजगार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र का विकास भी है। कोर्स का प्रारुप ऐसा होगा कि छात्र फील्ड पर जाने के बाद अपने मौलिक ज्ञान का 100प्रतिशत उपयोग कर सकेंगे।
आईसेक्ट द्वारा सिहंस्थ में आधार पंजीयन शिविर स्थापित
उज्जैन: 29 अप्रैल/ आईसेक्ट संस्था द्वारा इस बार सिहंस्थ में देश के विभिन्न प्रान्तों से आये सभी श्रद्धालु एवं अतिथियों के लिए विशेष आधार पंजीयन शिविर स्थापित किया गया हैद्यइस कैंप के माध्यम से कुम्भ में आये देश भर के सभी नागरिको को आधार से सम्बंधित सेवांए दी जाएँगी।
इस शिविर के माध्यम से नागरिक अपने नामए पता एवं अन्य सम्बंधित जानकारी का संसोधनएबायोमेट्रिक अपडेशनए ई.आधार भी प्राप्त कर सकेंगे एवं जिनके आधार खो गए है या प्राप्त नहीं हुए है उनके आधार की जानकारी जैसी सुविधाए भी प्राप्त कर सकेंगे।
श्री आनंद प्रकाश श्रीवास्तव नेशनल हेड आधार परियोजना भोपाल एवं श्री राहुल परमार स्टेट हेड आधार परियोजना ने जानकारी दी है की यह शिविर पूरेसिहंस्थ में आधार की सेवांए देंगे एवं समस्त सुविधाए नागरिको को निशुल्क उपलभध रहेंगीद्ययह शिविर वर्तमान में चामुण्डा माता जोनल ऑफिस एवं दत्त अखाडा के जोनल ऑफिस में स्थापित किये जा चुकेहैं।
श्रीअनुराग गुप्ता सहायक महाप्रबंधकए आईसेक्ट ने अवगत किया है की नागरिको की सुविधाए देखते हुए भविष्य में और भी शिविर स्थापित किये जायेंगे।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने किया आंचलिक विज्ञान केन्द्र का भ्रमण
भोपाल। आईसेक्ट विश्वविद्यालय के डिप्लोमा इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के 70 छात्रों ने आंचलिक विज्ञान केन्द्र का भ्रमण किया। इस भ्रमण में छात्रों ने विज्ञान की नई-नई तकनीकों की जानकारी एकत्रित कर विज्ञान को करीब से अनुभव किया।
छात्रों का दल इस भ्रमण के दौरान जिज्ञासु पूर्वक प्रश्न करते रहे जिसका विज्ञान केन्द्र के सदस्य दल ने प्रतिउत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को तृप्त किया। विश्वविद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु समय-समय पर पाठ्यक्रम के अलावा कई रुचिकर क्षेत्रों की जानकारी हेतु भ्रमण पर भेजते रहते हैं।
विश्वविद्यालय के डीन डॉ. सितेश सिन्हा, प्राचार्य डॉ. बसंत सिंह और एचओडी डिप्लोमा प्रथम वर्ष डॉ. ब्रिजेश सिंह के द्वारा आंचलिक विज्ञान केन्द्र का आभार व धन्यवाद दिया साथ ही उन्होंने बताया कि भविष्य में भी विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए भ्रमण कराये जाते रहेंगे।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में गूगल की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
भोपाल: 26 अप्रैल/ आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग ने गूगल्स की एक दिवसीय कार्यशाला ‘‘स्थानीयकरण और अनुवाद के लिए गूगल की नई तकनीक’’ विषय पर आयोजित की। कार्यशाला में गूगल की ओर से आए एसोसिएट लीडर श्री प्रवीण दास, बैंगलोर ने गूगल ट्रांसलेट की नई और उम्दा तकनीक पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला। यह कार्यशाला दो सत्रों में आयोजित की गई। प्रथम सत्र में बताया गया कि कैसे लोग आज भी विश्व स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से वंचित हैं जिसकी प्रमुख वजह भाषा की बाधा है।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में स्टूडेंट्स को बताया गया कि गूगल का नया ट्रांसलेटर एप ‘गूगल लेंस’ कैसे कार्य करेगा। गूगल लेंस की विशेषता होगी कि किसी भी फोटोग्राफ के टेक्स्ट मैटर को कैमरे के द्वारा ली गई तस्वीर से आपकी चुनी हुई भाषा में प्रभावशाली शब्दों में तुरंत कनवर्ट कर देना, जिससे कि आपको समझने में आसानी होगी।
गूगल ने आईसेक्ट विश्वविद्यालय से 40 स्टूडेंट्स की एक टीम का चयन किया है। यह चुनी हुई टीम गूगल के नए ट्रांसलेटर एप ‘गूगल लेंस’ हेतु देशभर की विविध भाषा को आसान व प्रभावी ढंग से ट्रांसलेट करने के लिए कार्य करेगी।
उत्कृष्टता का अग्रणी केन्द्र बन कर उभरा है। विश्वविद्यालय के 40 स्टूडेंट्स चयनित होने पर कुलपति प्रो. वी के वर्मा, समकुलपति अमिताभ सक्सेना और कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देता आया है जिससे कि यहां के स्टूडेंट्स अपनी एक अलग पहचान बना पाने में सक्षम हो सकें।
ब्रेनी बियर प्री-स्कूल व एक्टिविटी क्लब का समर कैम्प 2 मई से
भोपाल: 23 फरवरी/ भोपाल का सबसे चर्चित और एनर्जेटिक समर कैम्प बे्रनी बियर समर फ्लैश निरंतर दूसरे वर्ष भी 2 मई से 11 जून 2016 तक आयोजित किया जाएगा। ब्रेनी बियर प्री-स्कूल और एक्टिविटी क्लब द्वारा ये समर कैम्प सुबह 10 से 12 बजे तक ब्रेनी बियर की अरैरा कालोनी, कोलार और कोहेफिजा स्थित सेंटरों पर आयोजित होगा। ब्रेनी बियर के इस समर कैम्प में मल्टीपल इंटेलिजेंसी के सिद्धांत पर दो अलग-अलग आयु समूहों में बच्चों के हूनर को तराशने के लिए विभिन्न गतिविधियों आयोजित कराई जाएगी। इसमें ग्रूप ए में 2.5 से 6 वर्ष तक के बच्चे और गु्रप बी में 7 से 12 वर्ष तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इस कैम्प में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ बच्चों के हुनर को तराश रहे हैं।
ब्रेनी बियर स्कूल की सेंटर संचालक सुश्री श्वेता दुआ ने बताया कि यहां बच्चों को प्रतिदिन पजल सोल्विंग, केंडल डेकोरेशन, आर्ट एंड क्राफ्टस्, डांस एवं योगा, पर्सनालिटी डेवलपमेंट , पब्लिक स्पीकिंग, मैनर्स, एटिकेट, को-आर्डिनेशन और टीम एक्टिविटी से संबंधित गतिविधियों करवाई जाएगी। उन्हें खेल-खेल में ही आर्ट, क्राफ्ट्स और ज्वैलरी मैंकिंग, मैडिटेशन, गार्डनिंग, म्यूजिक की जानकारी भी दी जाएगी। गणित आधारित खेल के माध्यम से उनमें गणित के प्रति रूचि जगाने की एक्टिविटी भी करवाई जाएगी। साथ ही आज की जरूरत के हिसाब से, वॉक्यूबलरी, स्पीच, कैलिग्राफी, भी विषय विशेषज्ञों द्वारा सिखाई जाएगी।
इस कैम्प में भाषा, कम्यूनिकेशन स्किल, इमेजिनेशन, रचनात्मकता सामाजिक व भावनात्मक स्किल के माध्यम से बच्चों के संपूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। सेंटर संचालक सुश्री दुआ ने बताया कि बच्चों को सेल्फ डिफेंस के लिए जुडो कराते की एक्टिविटी भी करवाई जा रही है। समर कैम्प के लिए बच्चों को वाहन सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए निम्न पते पर संपर्क कर सकते हैं।
स्थानः- ब्रेनी बियर प्री स्कूल एंड एक्टिविटी क्लब, ई-8/131, बसंत कुंज, अरेरा कॉलोनी, भोपाल-462 016
कान्टैक्टः- सुश्री श्वेता दुआ, सेंटर हैड - 81200 44446,
email : This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.
, Visit www.brainybear.in
आईसेक्ट विश्वविद्यालय में क्लोज कैंपस ड्राइव में दो कंपनियों द्वारा 6 छात्र चयनित किये गए
भोपाल: 20 अप्रैल/ आईसेक्ट विश्वविद्यालय में क्लोज कैंपस ड्राइव का आयोजन किया गया। इस क्लोज कैंपस ड्राइव में दिल्ली एनसीआर की सारांश ग्रुप कंपनी और इंदौर की एस्प्रीकाट साफ्टलैब प्रा.लि. कंपनी ने शिरकत की। इस कैंपस ड्राइव में 100 से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया।
सारांश ग्रुप आॅफ कंपनीज के सीनियर एच आर उर्वशी त्यागी, गुप्तेश्वर मिश्रा और एस्प्रीकाट साफ्टलैब प्रा. लि. कंपनी के फाउंडर एण्ड सीईओ ईशान व्यास और एचआर हेड प्रियांशी ने कंपनी का प्रजेंटेशन दिया इसके बाद लिखित परीक्षा आयोजित की गई फिर ग्रुप डिस्कशन व अंत में टेक्निकल एचआर राउंड व पर्सनल इंटरव्यू हुए।
विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आफिसर नितिन कलसकर, अनिश सक्सेना और सालिम खान ने बताया कि सारांश ग्रुप आॅफ कंपनीज द्वारा अंततः 4 स्टूडेंट्स और एस्प्रीकाट साफ्टलैब प्र. लि. कंपनी द्वारा 2 स्टूडेंट्स सेलेक्ट किए गए। जिनका सालाना पैकेज क्रमशः 2लाख व 1.2लाख होगा। आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति श्री वी के वर्मा, समकुलपति श्री अमिताभ सक्सेना व कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने स्टूडेंट्स की इस सफलता पर बधाई दी।
स्कोप कॉलेज की छात्रा दीपा नायर को चांसलर स्कालरशिप
भोपाल: 13 अप्रैल/ स्कोप कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग, भोपाल की छात्रा दीपा नायर को आर.जी.पी.वी की प्रतिष्ठित चांसलर स्कालरशिप प्राप्त हुई है। दीपा नायर इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्प्यूनिकेशन की सातवें सेमेस्टर की छात्रा है। दीपा नायर ने पाँचवे सेमेस्टर में 9.38 एस.जी.पी.ए हासिल किया था इस स्कालरशिप में सर्टिफिकेट व 20,000 रुपये की राशि प्राप्त हुई है।
दीपा ने इसका श्रेय स्कोप कॉलेज के अनुशासन व फैकल्टी को दिया है। जिन्होने समय-समय पर मार्गदर्शन किया।
ज्ञातव्य हो कि इससे पूर्व भी स्कोप के विद्यार्थियों को यह प्रतिष्ठित स्कालरशिप मिली है। स्कोप कालेज के प्रबंधन, प्राचार्य डॉ. डी.एस. राघव, ई.सी. की विभागाघ्यक्ष प्रो. भारती चैरसिया व कालेज फैकल्टी ने अपनी शुभकामनाऐं दी है।
आईसेक्ट की एन्यूअल मीटिंग संपन्न, आवाज न्यूज एप लांच
भोपाल: 12 अप्रैल/ देश के अग्रणी शिक्षण, कौशल विकास एवं सेवा प्रदाता संस्थान आईसेक्ट की वार्षिक रिन्यूवल मीटिंग कई महत्वपूर्ण निर्णयों और नए उपक्रमों की घोषणा के साथ संपन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया की आईसेक्ट आगामी वर्षों में देश के कई अर्धशहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अपने नए कौशल विकास केन्द्र का विस्तार करेगा। इन कौशल विकास केन्द्रों पर ग्रामीण एवं अर्धशहरी युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। साथ ही बैठक में आईसेक्ट के स्किल डेवलपमेंट प्रोजक्ट और स्किम, आईसेक्ट आॅनलाइन पोर्टल, फाइनेंशियल इन्क्लूजन एंड यूआईडी सर्विस, आईसेक्ट इन स्कूल्स आदि पर विस्तार से बताया गया।
गत वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने उल्लेखित किया कि 1.5 लाख युवाओं को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करना, 35 लाख से ज्यादा ग्रामीण बैंक खाते खोलना, आधार को 2 करोड़ से ज्यादा नागरिकों तक पहंुचाना, ब्रेनी बियर प्री-स्कूल की 15 शाखाओं का खुलना आदि मुख्य उपलब्धियां रही। इस दौरान आईसेक्ट द्वारा अपने नए प्रकाशन, केलेंडर, और रोजगार मंत्रा न्यूज बुलेटिन का विमोचन भी किया गया। साथ ही आईसेक्ट आॅनलाइन आॅपरेशन मैन्यूअल और आईसेक्ट आवाज एप की लांचिग भी की गई। आईसेक्ट आवाज एप के माध्यम से आईसेक्ट के शाखा प्रबंधकों को अपडेटेड जानकारी एवं केन्द्र संचालन में सहुलियत होगी।
समारोह में एमपी सीवेट के एडिशनल डायरेक्टर श्री जी.एन. अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में मप्र नंबर एक पर है और यह सिर्फ आईसेक्ट के कारण ही संभव हो सका है। कौशल विकास के क्षेत्र में मप्र में बहुत संभावना है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में आईसेक्ट स्किल डेवलपमेंट के कार्य को बढ़ा रहा है। बहुत जल्दी ही स्किल डेवलपमेंट में हमारा देश पूरी दुनिया में लीड करेगा। आईसेक्ट की निदेशक सुश्री पल्लवी राव चतुर्वेदी ने आईसेक्ट द्वारा किए जा रहे नवाचार पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस मौके पर एक मोटिवेशनल फिल्म भी प्रस्तुत की गई। आईसेक्ट के महानिदेशक श्री संतोष चौबे ने कहा कि हमारी क्रियेटिविटी ही हमारी अनस्टापेबल स्पिरिट है। पिछले कुछ वर्षों में जो तकनीकी बदलाव हुए है उसने कार्य प्रणाली को बहुत आसान और बेहतर बनाया है। उन्होंने आईसेक्ट द्वारा स्थापित किए जा रहे नए विश्वविद्यालय और नई योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया।
इस मौके पर आईसेक्ट के निदेशक श्री अभिषेक पंडित, जोनल आफिस के श्री अरविन्द्र चतुर्वेदी, आईसेक्ट की रजिस्ट्रार सुश्री पुष्पा असिवाल, आईसेक्ट की निदेशक शिल्पी वाष्र्णेय और आईसेक्ट के रीजनल आॅफिस के मैनेजर और ब्रांच मैनेजर उपस्थित थे।
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खरी बात
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14 फीसदी भारतीय कारोबार की लगाम महिलाओं के हाथ
ऋचा दूबे एक ऑनलाइन खुदरा कारोबार चलाती हैं, जो कारीगरों को उपभोक्ताओं से जोड़ता है। यह आधुनिक भारतीय महिला के लिए कोई अनोखी बात नहीं है। लेकिन हाल के आंकड़ों...
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पोर्नोग्राफी से बढ़ता है धर्म के प्रति झुकाव : अध्ययन
न्यूयॉर्क, 30 मई (आईएएनएस)। आप इसे विचित्र कह सकते हैं, लेकिन ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि जो लोग हफ्ते में एक बार से अधिक अश्लील फिल्म...