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छत्तीसगढ़ को हज यात्रा के लिए 292 सीटें आवंटित

रायपुर, 21 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ को इस वर्ष की हज यात्रा के लिए 292 सीटों का कोटा दिया गया है। राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद सैफुद्दीन ने आगामी हज यात्रा की तैयारी के लिए आयोजित कुर्राह कमेटी की बैठक में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय हज कमेटी ने छत्तीसगढ़ के लिए 2011 की जनसंख्या के मान से 281 सीटें आवंटित करते हुए 11 अतिरिक्त सीटें भी दी गई है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ से वर्ष 2016 में कुल 292 यात्रियों को हज यात्रा का अवसर मिलेगा।

कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद सैफुद्दीन ने यह भी बताया कि केंद्रीय हज कमेटी को भारत सरकार की हज गाइडलाइन 2016 की कंडिका 12 के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ को आवंटित कुल 292 सीटों में से रिजर्व केटेगरी 'ए' और 'बी' में प्राप्त कुल 199 आवेदनांे की सीटों को घटाकर शेष 93 सीटों के लिए कुर्राह कराया जाएगा और कुर्राह के बाद बची हुई शेष सभी सीटे कुर्राह के माध्यम से ही प्रतीक्षा सूची में रखी जाएगी।

राज्य हज कमेटी के सचिव साजिद मेमन ने सदस्यों को बताया कि कुर्राह आयोजन के लिए तारीखों का निर्धारण केंद्रीय हज कमेटी द्वारा किया जाएगा। इसकी सूचना मिलने पर कुर्राह की तारीख, आयोजन स्थल और समय की जानकारी हज आवेदकों को उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस द्वारा और प्रेस विज्ञप्तियों के जरिए मीडिया के माध्यम से दी जाएगी। हज कमेटी के सदस्यों और जिला हज प्रभारियों के माध्यम से मस्जिदों में भी इसका ऐलान कर लोगों को सूची किया जाएगा।

राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष सैफुद्दीन ने बैठक में सदस्यों को बताया कि केंद्रीय हज कमेटी भारत सरकार द्वारा संपूर्ण भारत में ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिए कुर्राह संपन्न होगा।

कुर्राह का रिजल्ट हज कमेटी की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जाए, ताकि आवेदक इंटरनेट के जरिए कुर्राह के रिजल्ट की जानकारी ले सके। छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी में हज यात्रा 2016 के लिए अंतिम तारीख तक 1368 बालिगों आवेदन पंजीकृत हुए हैं। इनमें 715 पुरुष और 653 महिलाएं शामिल हैं। दो नन्हे शिशुओं का भी आवेदन पंजीकृत किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • युवाओं को तंबाकू की लत लगने से रोकें : नड्डा

    नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने सोमवार को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से लोगों को तंबाकू का उपयोग शुरू करने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। तंबाकू के कुप्रभाव के बारे में अभी भी बहुत लोगों को नहीं मालूम है।

    स्वास्थ्य मंत्री नड्डा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, "तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े साझीदार अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें इसकी रोकथाम वाले हिस्से पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।"

    उन्होंने कहा कि छात्रों को तंबाकू सेवन के कुप्रभावों की जानकारी नहीं है। वे तंबाकू की लत के शिकार होते चले जाते हैं। तब तक ऐसा होता है जब तक जांच के बाद उन्हें कैंसर या अन्य घातक बीमारियां हो जाने की जानकारी नहीं मिल जाती।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के विरोध में तंबाकू उत्पादक किसानों ने प्रदर्शन भी किया। वे तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर स्वास्थ्य की चेतावनी से जुड़ी बड़ी तस्वीर के नियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

    नड्डा ने कहा कि इसके साझेदारों के लिए यह जरूरी है कि वे स्कूलों एवं कॉलेजों तक तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रमों को ले जाएं।

    मंत्री ने कहा कि इसके पीछे विचार यह है कि शुरुआत से ही उन्हें तंबाकू के नुकसानदेह प्रभावों से अवगत कराया जाए ताकि वे धूम्रपान या चबाने वाले रूप में इसकी शुरुआत ही न करें।

    उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने के बावजूद भारतीय आबादी का 35 फीसदी युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है।

    इस अवसर पर उन्होंने तंबाकू की आदत छोड़ने के लिए 'नेशनल टोबैको सेसेशन क्विटलाइन' का भी शुभारंभ किया।

    डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में 7.5 करोड़ लोग तंबाकू सेवन करते हैं और हर साल सकल घरेलू उत्पाद का 1.2 फीसदी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू की वजह से होने वाले विभिन्न तरह के कैंसर से ग्रस्त मरीजों के इलाज पर खर्च होता है।

    --आईएएनएस
  • सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना भी है खतरनाक
    नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। धूम्रपान करना ही नहीं, बल्कि तंबाकू के धुएं के संपर्क में आना भी बेहद खतरनाक है। ग्लोबल एडल्ट टौबैको सर्वे गेट्स इंडिया 2010 के हालिया अंकड़ों के अनुसार 52.3 फीसदी भारतीय अपने ही घर में, 29.9 फीसदी कार्य स्थल पर और 29 फीसदी सर्वजनिक स्थानों पर सैकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आते हैं।

    तंबाकूके धुएं में 7000 से ज्यादा रसायन होते हैं, जिनमें से लगभग 70 रसायन कैंसर पैदा करने वाले होते हैं। तंबाकू के धुएं के अप्रत्यक्ष संपर्क आना भी खुद धूम्रपान करने जितना ही खतरनाक है। धूम्रपान करने वालों और उनके करीब रहने वालों की सेहत पर इससे पड़ने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए सख्त कानूनों को लागू कराने के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।

    मैक्स बालाजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के सहायक निदेशक एवं कार्डियक कैथ लैब के प्रमुख डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि डब्लयूएचओ के मुताबिक, तंबाकू की वजह से दुनिया में हर साल 60 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिनमें से 6 लाख वैसे लोग भी शामिल हैं, जो खुद धूम्रपान नहीं करते, लेकिन इसके संपर्क में आ जाते हैं।

    कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीच्यूट, नोएडा के सीनियर इंटरवेनशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष अग्रवाल के मुताबिक, तंबाकू से निकले धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों को पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है। जो लोग इस माहौल में सांस लेते हैं, वे धूम्रपान करने वालों के समान ही निकोटिन और विषैले रसायन लेते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं।

    पैसिव स्मोकिग गंभीर समस्या बनती जा रही है और इसका हल जरूरी है। चिकित्सा क्षेत्र के लोगों, नीति बनाने वालों और आम लोगों को मिलकर इसके बारे में काम करना होगा। धूम्रपान करने वालों और उनके परिवार को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना और छोड़ने में मदद करना चाहिए।

    शोध के मुताबिक, जो लोग 35 से 39 की उम्र में धूम्रपान छोड़ देते हैं, उनकी उम्र 6 से 9 साल बढ़ जाती है। छोड़ने से फेफड़ों और गले के कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी, कैट्रेक्ट और मसूड़ों की बीमारियां के साथ साथ दिल के रोगों का खतरा टल जाता है।

    --आईएएनएस
  • पीईसी विश्वविद्यालय में खुलेगा कल्पना चावल पीठ
    नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। भरतीय रेलवे ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पर एक कल्पना चावला विभाग बनाने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पीईसी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

    एरोस्पेश इंजीनियरिंग में कल्पना चावला के योगदान के मद्देनजर रेलवे ने यह पहल की है।

    रेलवे ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय रेलवे ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी पर कल्पना चावला की मातृ संस्था में एक विभाग बनाने का फैसला किया है।

    चावला 1978-82 के दौरान पीईसी विश्वविद्यालय की छात्रा थीं। यह पहले पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज था।

    विभाग की स्थापना के लिए रेलवे विश्वविद्यालय को दस करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी।

    भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के विषयगत क्षेत्र में शिक्षण, शोध और विकास और रेलवे इंजीनियरिंग में इसका अनुप्रयोग कर विभाग विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखेगा।

    बयान में कहा गया, " रेल परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी की जरूरतों के संबंध में जहां दूर संवेदी आंकड़े के उपयोग या वैश्विक स्थापन प्रणाली (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की आवश्यकता होगी तो सलाह देने के लिए विभाग रेलवे के संपर्क में रहेगा।"

    इससे रेलवे को अपनी समस्याओं का हल अपने घर में में ही मिल जाएगा जो अभी पश्चिमी देशों को आउटसोर्स किया जाता है।

    --आईएएनएस
  • मेहता मामले में एएफटी के आदेश पर शीर्ष अदालत ने रोक लगाई (लीड-1)
    नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें न्यायाधिकरण ने सैन्य आयुध कोर के मेजर जनरल (अब लेफ्टिनेंट जनरल) एन. के. मेहता को ब्रिगेडियर रैंक में पदावनत कर दिया था।

    शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ के न्यायमूर्ति पी. सी. घोष और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय ने एएफटी के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें थल सेना अध्यक्ष, रक्षा सचिव और सैन्य सचिव पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

    इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने एएफटी की लखनऊ पीठ द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल मेहता पर लगाए गए पांच लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगा दी।

    अदालत ने एटीएफ का दरवाजा खटखटाने वाले मेजर जनरल राठौर को भी नोटिस जारी किया।

    सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश पीठ एएफटी के 13 मई के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र और लेफ्टिनेंट जनरल मेहता की याचिका की सुनवाई कर रही थी।

    न्यायालय ने एएफटी के आदेश में मौजूद उस बात पर भी रोक लगा दी, जिससे उच्चस्तरीय रक्षा अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रपट की जांच करने के केंद्र सरकार के अधिकार पर प्रतिकूल असर हो रहा था।

    महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ से एएफटी के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया, क्योंकि इस तरह के फैसले का सशस्त्र बलों के लिए दूरगामी प्रभाव था।

    न्यायमूर्ति रॉय ने जब यह पूछा कि जिस आदेश पर आप रोक लगाने की मांग कर रहे हैं उसके कुछ हिस्सों को अगर अदालत छांट देती है तो क्या बचेगा? इस पर उन्होंने कहा कि ले.जनरल मेहता या तो डूब जाएंगे या तैरेंगे, लेकिन मेजर जनरल राठौर के लेफ्टिनेंट जनरल बनने की कोई उम्मीद नहीं हैं, क्योंकि वे मंगलवार को रिटायर होने जा रहे हैं।

    मेजर जनरल राठौर की ओर से बहस कर रहीं वकील एश्वर्या भाटी ने एएफटी के फैसले पर रोक नहीं लगाने के लिए पुरजोर कोशिश की।

    एएफटी ने पहले 17 फरवरी, 2016 को अपने फैसले में मेहता की पदावनति का आदेश दिया था जिस पर सर्वोच्च न्ययालय ने 18 मार्च, 2016 को रोक लगा दी थी और न्यायाधिकरण को अपने 17 फरवरी के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था।

    हालांकि एएफटी ने अपने 13 मई के आदेश में मेहता की पदावनति के आदेश को दोहराते हुए शीर्ष रक्षा अधिकरियों पर 50 लाख रुपये और मेहता पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

    --आईएएनएस
  • छग : रास के लिए छाया, रामविचार ने नामांकन भरा
    रायपुर, 30 मई (आईएएनएस/वीएनएस)। राज्यसभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवार छाया वर्मा और भाजपा उम्मीदवार रामविचार नेताम ने सोमवार को यहां विधानसभा में अपने-अपने नामांकन दाखिल किए। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन भरे जाने से विधानसभा में आज काफी गहमागहमी रही।

    भाजपा से राज्यसभा प्रत्याशी रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी छाया वर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र जमा किया।

    वर्मा अपने समर्थकों के साथ विधानसभा पहुंचीं। यहां कांग्रेस के विधायक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, प्रीतम राम, दीपक बैज, अमरजीत भगत, भोलाराम साहू सहित प्रमुख विधायकों को छाया वर्मा का प्रस्तावक व समर्थक बनाया गया है। वर्मा ने विधानसभा सचिव एवं राज्यसभा चुनाव के रिटर्निग ऑफिसर देवेन्द्र वर्मा के समक्ष अपना नामांकन भरा है।

    भाजपा के रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तथा विधासनभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की उपस्थिति में एक-एक सेट नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया। इस अवसर पर संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल सहित भाजपा के विधायक एवं मंत्री उपस्थित थे।

    भाजपा ने देवजीभाई पटेल, प्रेमप्रकाश पांडेय, रमशीला साहू, राजेश मूणत को प्रस्तावक एवं समर्थक बनाया है।

    गौरतलब है कि राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 31 मई है। एक जून को नाम वापसी और दो जून को नामांकन पत्रों की छंटाई के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

    --आईएएनएस
  • बीसीसीआई प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द

    शिमला, 30 मई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को एक बड़ी राहत दी। अदालत ने उनके एवं अन्य लोगों के खिलाफ धर्मशाला की एक अदालत द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी।

    ठाकुर, राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं भाजपा नेताओं पर सरकारी सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा पहुंचाने का आरोप था।

    न्यायमूर्ति राजीव शर्मा ने अपने 38 पृष्ठ के फैसले में कहा, "मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष धर्मशाला के स्टेशन अधिकारी ने जो शिकायत दर्ज कराई है वह एवं उसके परिणामस्वरूप जो आदेश जारी हुआ उसे रद्द एवं दरकिनार किया जाता है।"

    न्यायमूर्ति शर्मा ने फैसले में कहा कि रिकार्ड में ऐसा कुछ नहीं है जिससे पता चले कि अपराध हुआ या नहीं। उन्हें अभियुक्त को तलब करने से पहले शिकायत के तथ्य के बारे में अपने दिमाग का उपयोग करके एक निश्चित राय बनाने की जरूरत थी।

    ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के अध्यक्ष के रूप में एचपीसीए के खिलाफ दायर धोखाधड़ी एवं आपराधिक विश्वासघात के मामले की जांच में सहयोग करने धर्मशाला स्थित पुलिस अधीक्षक (निगरानी ब्यूरो) कार्यालय गए थे। उनके समर्थकों ने निगरानी ब्यूरो कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया था और वहां अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाई थी।

    निचली अदालत ने पिछले साल सात नवंबर को ठाकुर एवं अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।

    सांसद ठाकुर ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लंबित मामले को एवं उसके परिणामस्वरूप अदालत की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।

    --आईएएनएस

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