खराब मौसम की वजह एमएच 370 की तलाश में देरी
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, लापता बोइंग 777 विमान का तलाशी अभियान जून में समाप्त होने की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन, अप्रत्याशित खराब मौसम ने एक लाख बीस हजार किलोमीटर समुद्र तल पर इसकी तलाशी में देरी की।
अब तक एक लाख पांच हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को छान डाला गया है, लेकिन जेएसीसी ने कहा है कि खराब मौसम की वजह से शेष बचे 15 हजार वर्ग किलोमीटर की तलाशी पूरी होने का काम अगस्त तक जा सकता है।
जेएसीसी ने बुधवार को एक बयान में कहा, "मौसम की खराब स्थिति ने पिछले तीन हफ्ते से किसी भी पोत को गहरे समुद्र में सुरक्षित ढंग से तलाशी वाले उपकरण लगाने से रोक दिया है।"
इस स्थिति ने चालक दल के सदस्यों को डेक पर काम करने जैसी कोई गतिविधि करने और कुछ इलाकों तक पहुंचने को असुरक्षित कर दिया है।
जेएसीसी ने कहा कि तूफान के कारण 18 मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं। हालांकि इससे किसी पोत को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है। चिकित्सकों का दल पोत के चालक दल के सदस्यों के स्वास्थ्य पर नजर रख रहा है।
बयान में कहा गया है कि पिछले हफ्ते जो सबसे बड़ी लहर थी, उसकी ऊंचाई 18.2 मीटर मापी गई थी। इस खराब मौसम का सीधा असर चालक दल के सदस्यों की कार्यकुशलता पर पड़ रहा है। उन्हें पर्याप्त आराम नहीं मिल पा रहा है।
वर्ष 2014 में आठ मार्च को 239 यात्रियों के साथ फ्लाइट एमएच 370 कुआलालंपुर से बीजिंग की नियमित उड़ान पर रवाना हुई थी लेकिन रास्ते में लापता हो गई थी। उसी की तलाश की जा रही है।
--आईएएनएस
वर्धा सैन्य हथियार डिपो हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 18, 1 लापता (लीड-1)
सूत्रों ने कहा कि बुधवार को दो और शव बरामद हुए। शव डिपो में एक वाटर टैंक में मिले। अभी उनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
घटनास्थल से मलबा हटाने व नुकसान के आकलन का काम बुधवार को भी जारी रहा।
जबर्दस्त विस्फोट के साथ लगी इस आग की वजह की जांच चल रही है। स्थानीय लोगों का दावा है कि विस्फोट की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ी और उससे आसपास के गांवों के कई घरों व इमारतों को नुकसान पहुंचा है।
मिल्ट्री ऑपरेशन्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने मंगलवार को कहा था कि डिपो में लगी आग में लेफ्टिनेंट कर्नल आर.एस. पवार, मेजर मोहन के., एक सैनिक एवं 13 अग्निशमन कर्मियों सहित 16 लोगों की मौत हो गई।
घायल हुए अन्य 17 लोगों का वर्धा जिले के मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है, जहां पुणे से सैन्य डॉक्टरों की एक टीम भी पहुंच गई है।
इस हथियार डिपो ने हाल में एक्सपायरी डेट के अस्त्र-शस्त्रों के निपटान में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए एक अवार्ड जीता था।
सेना व नागरिक प्रशासन ने एहतियातन पास के पांच गांवों को खाली करा लिया है।
मंगलवार दोपहर तक हालांकि इन गांवों के करीब 1,000 महिलाओं व पुरुषों को अपने घरों में लौटने की इजाजत दे दी गई थी।
सेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और आग से हुए नुकसान का पता लगाया जा रहा है।
--आईएएनएस
महाराष्ट्र हथियार डिपो आग हादसे में मरने वालों की संख्या 18 हुई
सूत्रों ने कहा कि बुधवार को दो और शव बरामद हुए।
यह दो शव डिपो में पास के एक वाटर टैंक के पास मिले। अभी इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
जबर्दस्त विस्फोट के साथ लगी इस आग की वजह की जांच चल रही है।
डिपो में लगी आग में मंगलवार को लेफ्टिनेंट कर्नल आर.एस. पवार व मेजर मोहन के. एवं 13 अग्निशमन कर्मियों सहित 16 लोगों की मौत हो गई थी।
घायल हुए अन्य 17 लोगों का वर्धा जिले के मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है, जहां पुणे से सैन्य डॉक्टरों की एक टीम भी पहुंच गई है।
इस हथियार डिपो ने हाल में एक्सपायरी डेट के अस्त्र-शस्त्रों के निपटान में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए एक अवार्ड जीता था।
सेना व नागरिक प्रशासन ने एहतियातन पास के पांच गांवों को खाली करा लिया है।
मंगलवार दोपहर तक हालांकि इन गांवों के करीब 1,000 महिलाओं व पुरुषों को अपने घरों में लौटने की इजाजत दे दी गई थी।
सेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और आग से हुए नुकसान का पता लगाया जा रहा है।
--आईएएनएस
उत्तर प्रदेश में ट्रक झुग्गियों पर पलटा, 5 की मौत
लखनऊ, 1 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ में बुधवार को ठाकुरगंज के न्यू हैदरगंज इलाके में मोरंग (निर्माण सामग्री)से लदा एक ट्रक सड़क किनारे बनी दो झोपड़ियों पर पलट गया। इस हादसे में दो परिवारों के पांच लोगों की मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, ठाकुरगंज के न्यू हैदरगंज इलाके में बुधवार सुबह करीब पांच बजे सड़क धंसने से मोरंग से लदा ट्रक दो झुग्गियों पर पलट गया। इस हादसे में एक झोपड़ी में सो रहे एक परिवार के तीन और दूसरी झोपड़ी में सो रहे दो लोगों की मौत हो गई।
मृतकों की पहचान मजदूर इस्लाम की पत्नी रजिया बानो, बेटी हिना और इकरा, वैन चालक मेराज के बेटे सलीम (9) व बेटी के रूप में हुई है।
हादसे में घायल हुए अन्य लोगों को आसमां बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ट्रक चालक फरार है। उसकी तलाश जारी है।
--आईएएनएस
दक्षिणी कैलीफोर्निया के तट पर शार्क के काटने से महिला घायल
अस्पताल सूत्रों ने मंगलवार को पुष्टि की कि 52 वर्षीया मारिया कॉर्शमारोस शार्क के काटने से ही घायल हुईं। उन्होंने यह भी बताया कि कम से एक और सप्ताह तक मारिया को अस्पताल में ही रहना होगा और उसके बाद ही वे इस बारे में कुछ बता पाएंगे कि शार्क के हमले में घायल महिला का दूसरा हाथ पूरी तरह काम कर पाएगा या नहीं।
न्यूपोर्ट बीच की प्रवक्ता ने बताया कि महिला रविवार को शाम 4.15 बजे न्यूपोर्ट बीच पर खून से लथपथ मिली थीं, जिसके बाद वहां गश्त कर रहे सुरक्षा गार्ड उन्हें अस्पताल ले गए।
ऑरेंज काउंटी ग्लोबल मेडिकल सेंटर के निदेशक डॉक्टर फिलिप रॉटर ने बताया कि शार्क के हमले में मारिया बुरी तरह घायल हो गईं। उनका दाहिना हिस्सा अधिक जख्मी है।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मारिया तट से 150 यार्ड (करीब 137 मीटर) दूर तैराकी कर रही थीं, जब शार्क ने उन पर हमला किया।
--आईएएनएस
द. कोरिया में सबसे कंस्ट्रक्शन साइट गिरी, 4 की मौत
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक बचाव अधिकारी ने बताया कि राजधानी सियोल के पूर्व में स्थित नमयंगजु शहर में सुबह करीब 7.27 बजे एक सबवे कंस्ट्रक्शन साइट गिर पड़ी।
समाचार एजेंसी 'योनहाप' के अनुसार, माना जा रहा है कि दुर्घटना संभवत: वेल्डिंग का काम करने के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडरों में हुए धमाके की वजह से हुई।
दुर्घटना की असल वजह की जांच जारी है।
बचाव अभियान अभी भी जारी है।
--आईएएनएस
देश के सबसे बड़े आयुध डिपो में आग, 16 लोगों की मौत
नागपुर, 31 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के पुलगांव में स्थित देश के सबसे बड़े आयुध डिपो में सोमवार देर रात भयानक आग लग गई, जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर सहित सेना के 16 जवानों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य घायल हो गए हैं।
नागपुर से 115 दूर लगभग 7,000 एकड़ क्षेत्र में स्थित आयुध डिपो में आग लगने की वजह का पता फिलहाल नहीं चल पाया है। डिपो में भारतीय सेना की ब्रह्मोस मिसाइल, हथियार, गोला-बारूद, बम व अन्य विस्फोटक सामग्री रखी है।
मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि डिपो में सुरक्षा के लिए तैनात डिफेंस सिक्युरिटी कॉर्प्स (डीएससी) के कई अधिकारी लापता बताए गए हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि आग सोमवार देर रात 1.00 से दो बजे के बीच लगनी शुरू हुई। उस वक्त एक टिन शेड से आग की लपटें निकलती देखी गईं। आग देखते ही देखते डिपो के अन्य शेड तक पहुंच गई, जिनमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी।
सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन इस घटना में सेना के दो अधिकारियों सहित एक जवान और 13 अग्निशमन कर्मियों की जान चली गई है।
मृतक अधिकारी की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल आर. एस. पवार और मेजर मोहन के. के रूप में की गई है, जो इस डिपो में तैनात थे।
इस घटना में दो अन्य अधिकारी, नौ जवान और छह अग्निशमनकर्मी घायल हुए हैं। उन्हें वर्धा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। सेना ने मृतकों के अपने पूर्व आंकड़े 17 को संशोधित किया है।
प्रत्यक्षदर्शियों और सैन्य अधिकारियों ने बताया कि तेज विस्फोट के बाद आयुध डिपो में आग लग गई और इसकी चपेट में वह क्षेत्र भी आ गया, जहां पुराने और बेकार हथियारों को रखा गया था। इसके बाद उसमें भी विस्फोट होने लगा। हाल ही में ही इस डिपो को सौर ऊर्जा के जरिए पुराने और बेकार गोला-बारूद के निपटान के लिए पुरस्कार मिला था।
रणवीर सिंह ने बताया कि आग लगते ही तुरंत निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार अग्निशमन तंत्र काम करने लगा था और उसे बुझाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, जिसके कारण इसकी चपेट में केवल एक इलाका आया। हालांकि उसमें उच्च विस्फोटक हथियार रखे हुए थे।
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और आग से पहुंचे नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हादसे में सैनिकों और असैन्यकर्मियों की मौत पर शोक जताया है।
मोदी ने ट्विटर पर लिखा, "महाराष्ट्र के पुलगांव में केंद्रीय हथियार डिपो में लगी आग में लोगों के मारे जाने का दुख है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।"
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने डिपो का दौरा किया। इस डिपो से भारतीय सेना के समूचे पश्चिमी क्षेत्र को अस्त्र-शस्त्र की आपूर्ति होती है।
पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा कि जांच से पता चल पाएगा कि आग वास्तव में कैसे लगी और यह भी कि कहीं यह कोई सायास विध्वंश की घटना थी या दुर्घटना।
--आईएएनएस
ेउप्र : हाईटेंशन की चपेट में आने से सिपाही की मौत
पुलिस के अनुसार, हापुड़ की चंद्रलोक कॉलोनी निवासी सिपाही, कल्याण सिंह सुबह अपने घर की छत पर थे, और इसी दौरान छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन से उनका संपर्क हो गया। परिजनों ने सिंह को तुरंत मेरठ रोड स्थित एक अस्पताल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
हापुड़ की पुलिस अधीक्षक, अलंकृता सिंह ने मृतक कल्याण सिंह के परिवार को शासन स्तर से आर्थिक सहायता के साथ ही शैक्षिक योग्यता के आधार पर परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया है।
--आईएएनएस
देश के विभिन्न आयुध डिपो में आग की घटनाएं
नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। देश के आयुध डिपो में आग और विस्फोट की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और हमेशा से इसकी सुरक्षा पर सवाल खड़े होते रहे हैं।
पेश है आयुध डिपो में आग लगने की कुछ प्रमुख घटनाएं :
पुलगांव, महाराष्ट्र, 31 मई, 2016 : इस दुर्घटना में 16 जवान मारे गए। पुलगांव का यह डिपो देश का सबसे बड़ा आयुध डिपो है।
विशाखापट्टन, आंध्रप्रदेश, 8 दिसंबर, 2015 : इस डिपो में नियमित अभ्यास के दौरान आग लग गई, जिसमें पांच लोग घायल हो गए थे।
पानगढ़, पश्चिम बंगाल, 26 मार्च, 2010 : इस डिपो में एक भारी विस्फोट के बाद आग लग गई थी, जिसके कारण काफी बड़ा नुकसान हुआ। लेकिन इस दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ था।
भुज, गुजरात, चार दिसंबर, 2008 : भुज डिपो में लगी आग में दो सैन्यकर्मी मारे गए थे। पुराने गोला-बारुद के नियमित निरीक्षण के दौरान एक बम के फटने से यह घटना हुई थी।
खांडरू, जम्मू और कश्मीर, 12 अगस्त, 2007 : दक्षिण कश्मीर में स्थित इस आयुध डिपो में आग लगने और विस्फोट की चपेट में आने से दो सैन्यकर्मियों समेत 40 लोगों की मौत हो गई थी।
पठानकोट, जम्मू और कश्मीर, 29 अप्रैल, 2001 : गुरदासपुर जिले में पठानकोट के नजदीक सेना का मामून कैंटोनमेंट स्थित आयुध डिपो में आग लगने से काफी नुकसान हुआ, लेकिन इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था।
भरतपुर, राजस्थान, दो मई, 2000 : सेवर शहर के आयुध डिपो में आग के कारण हुए विस्फोट की चपेट में आकर पास के गांव के तीन लोग मारे गए थे।
--आईएएनएस
हथियार डिपो आग हादसे की जांच के आदेश : सेना
मिल्ट्री ऑपरेशन्स महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा, "फिलहाल आग लगने की वजह का पता नहीं चला है। नुकसान का पता लगाने का काम जारी है। सेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।"
उन्होंने कहा कि इस आग में 16 लोग मारे गए, जिनमें तीन सैनिक व अग्निशमन ब्रिगेड स्टाफ के 13 कर्मचारी शामिल हैं।
सिंह ने कहा, "आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि आग बुझाने की हमारी कोशिशों के बावजूद दो अधिकारियों व 14 कर्मियों (सेना का एक जवान व अग्निशमन स्टाफ के 13 सदस्यों) की मौत हो गई और दो अधिकारी व 15 कर्मी (सेना के नौ जवान व अग्निशमन स्टाफ के छह कर्मी) घायल हो गए।"
उन्होंने कहा, "आखिरी रिपोर्टों के अनुसार, सभी घायलों की हालत स्थिर है।"
उन्होंने कहा कि सभी घायलों को वर्धा जिले के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और पुणे के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी वहां पहुंच गई है।
सिंह ने कहा कि हथियार डिपो के एक टिन शेड में आग सोमवार देर रात करीब एक बजे लगी और इसके तुरंत बाद अग्निशमन इकाईयां व क्विक एक्शन टीमें हरकत में आ गईं और जीजान से आग बुझाने में जुट गईं।
पुलगांव स्थित हथियार डिपो 7,000 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है और भारतीय सेना के लिए अस्त्र-शस्त्र के संग्रह के लिहाज से एक अहम हथियार डिपो है।
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