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इजरायल ने गोपनीय ढंग से 19 यहूदियों को यमन से निकाला

तेल अवीव, 21 मार्च (आईएएनएस)। इजरायली प्रशासन ने सोमवार को कहा कि उसने गोपनीय ढंग से हवाई मार्ग से 19 यहूदियों को यमन से बाहर निकाला है। यहूदियों का यह आखिरी जत्था था जो युद्ध से तबाह देश को छोड़ने को तैयार हुआ था।

कुछ दिनों पहले आए एक दंपति के अलावा 17 यमनी यहूदी सोमवार को इजरायल पहुंचे। यहूदियों को इजरायल में बसने के लिए प्रोत्साहन देने वाली इजरायल स्थित एक संस्था ने यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एजेंसी के मुताबिक यमन से निकाले गए लोगों में सना के एक परिवार के पांच सदस्य और रेदाह शहर के 14 लोग शामिल हैं।

यमन में 50 यहूदी अब भी हैं। वहां जारी युद्ध के बावजूद उन्होंने देश छोड़ने से इनकार कर दिया है।

चैनल 2 टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यमन से लोगों को निकालने में अमेरिकी विदेश विभाग ने मदद की है।

1949 से 1954 के बीच इजरायल ने 50 हजार से भी अधिक यमन के यहूदियों को गुप्त अभियान में हवाई मार्ग से इजरायल पहुंचाया था। लेकिन, कुछ यहूदियों ने यमन में ही रहने का निश्चय किया था।

यहूदी एजेंसी के अध्यक्ष नातान शारांस्की ने कहा, "आज हम इस ऐतिहासिक आप्रवासन अभियान को बंद कर रहे हैं। यह इजरायल के और इजरायल में आप्रवासन के इतिहास में यह बहुत महत्वपूर्ण क्षण है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • चीन में धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता पर श्वेत पत्र जारी
    बीजिंग, 2 जून (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन ने गुरुवार को 'फ्रीडम ऑफ रिलिजीयस बीलीफ इन शिनजियांग' नाम से श्वेत पत्र जारी किया।

    श्वेत पत्र के मुताबिक, आज शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता की किसी अन्य ऐतिहासिक काल से तुलना नहीं की जा सकती।

    स्टेट काउंसिल इंफोर्मेशन ऑफिस द्वारा जारी किए गए श्वेत पत्र के मुताबिक, 1949 में चीन की स्थापना के बाद से नागरिकों के धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता के पूर्ण रूप से सम्मान के साथ धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांतों का शिनजियांग में पालन किया गया है।

    --आईएएनएस
  • सोमालिया के होटल में हमला, 10 की मौत
    मोगादिशू, 2 जून (आईएएनएस/सिन्हुआ)। सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में आतंकवादी संगठन अल शबाब द्वारा एक होटल में किए गए हमले में 10 लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए।

    एंबेसेडर होटल के गेट पर आत्मघाती हमलावर द्वारा कार बम विस्फोट किया, जिसके बाद अन्य बंदूकधारी होटल में घुस गए।

    पुलिस अधिकारी मुहम्मद फाराह ने बताया, "हम इस विस्फोट में 10 लोगों के मरने की पुष्टि करते हैं जबकि 25 घायल हुए हैं।"

    प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने बड़े विस्फोट की आवाज सुनी, जिसके बाद होटल में भारी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दी।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि सेनाएं होटल में संभावित बंधकों को बचाने की कोशिश कर रही है।

    इस हमले की जिम्मेदारी अल शबाब ने ली है।

    मोगादिशू के मक्का अल-मुकर्रम स्थित एंबेसेडर होटल में आमतौर पर सरकारी अधिकारी आते-जाते रहते हैं।

    --आईएएनएस
  • नाभिकीय व नवीकरणीय ऊर्जा के बीच तुलना की जरूरत नहीं : रोसेटम प्रमुख
    अंजलि ओझा
    मॉस्को, 1 जून (आईएएनएस)। रूस के परमाणु ऊर्जा निगम रोसेटम के प्रमुख सर्गेई किरियेंको ने कहा है कि नाभिकीय ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा के बीच तुलना करने की कोई जरूरत नहीं है।

    भारतीय पत्रकारों के एक चयनित समूह से यहां किरियेंको ने जोर देते हुए कहा कि कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था पाने के लिए नवीकरणीय व नाभिकीय ऊर्जा को मिश्रित करने की जरूरत है।

    रूस के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके किरियेंको ने कहा, "हमें नवीकरणीय ऊर्जा और नाभिकीय ऊर्जा के बीच तुलना करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर ऊर्जा के एक ही स्रोत पर निर्भर रहा जाए, तो इससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।"

    उन्होंने कहा, "उद्योगों के लिए बेहद अधिक ऊर्जा आपूर्ति की जरूरत है। हमें ऊर्जा की कुछ बुनियादी जरूरतें भी हैं। ये बुनियादी जरूरतें ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा से सुनिश्चित की जा सकेंगी।"

    उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पूरक हो सकता है।

    किरियेंको ने कहा, "सऊदी अरब, ब्राजील, मिस्र तथा जॉर्डन जैसे देश, जिनके पास सूरज की रोशनी (सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए) की कमी नहीं है, वैसे देश भी नाभिकीय ऊर्जा की ओर रुख कर रहे हैं।"

    --आईएएनएस
  • अमेरिका में जीका वायरस से संक्रमित बच्चे का जन्म

    वाशिंगटन, 1 जून (आईएएनएस)। अमेरिका के न्यूजर्सी राज्य में जीका वायरस से संक्रमित एक बच्चे का जन्म हुआ है जो इस वायरस के कारण माइक्रोसेफेली रोग से पीड़ित है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

    हैकेनसेक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के मैटरनल और फोइटल मेडिसिन के निदेशक अब्दुल्ला अल कहान ने मंगलवार को बताया कि सिजेरियन डिलीवरी से इस बच्चे का जन्म हुआ है और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और उनकी हालत स्थिर है।

    सीएनएन की रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि बच्चे की मांग इलाज के लिए होंडोरास से अमेरिका आई थी और डॉक्टरों ने पहली बार उसकी जांच 27 मई को की थी।

    अल कहान के मुताबिक अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग से बच्चे के माइक्रोसेफेलिस से पीड़ित होने का पता चला। इस बीमारी के कारण हड्डियां कड़ी हो जाती हैं और मस्तिष्क की नसों को नुकसान पहुंचता है।

    डॉक्टरों का मानना है कि महिला की गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान वह जीका वायरस से संक्रमित हुई होगी। उन्हें बुखार हुआ था और त्वचा पर दाने निकले थे, जो कि मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है।

    अल कहान ने बताया कि जब महिला में जीका के संक्रमण के लक्षणों का पता चला तो पाया गया कि बच्चे का विकास भी प्रभावित हो रहा है।

    अल कहान ने बताया कि अमेरिका में जीका संक्रमित बच्चे के पैदा होने का यह तीसरा मामला है।

    --आईएएनएस
  • उत्तरी कमान के 400 से ज्यादा सैनिक एसएसबी में चयनित

    जम्मू, 1 जून (आईएएनएस)। भारतीय सेना के उत्तरी कमान के 432 सैनिक बुधवार को कैडेट अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में सफल घोषित किए गए। यह सेना के किसी भी कमान में सबसे अधिक संख्या है।

    उधमपुर स्थित सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय के प्रवक्ता कर्नल एस. डी. गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "उत्तरी कमान क्षेत्र से 432 सैनिकों ने लिखित परीक्षा पास की है और उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज, देहरादून (एसीसी) में दाखिले के लिए साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है।"

    एसीसी ही सैनिकों को सेना के अधिकारी का प्रशिक्षण देती है, साथ ही यह इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून (आईएमए) के लिए भर्ती भी करती है।

    एसीसी और आईएमए दोनों एक ही तरह का प्रशिक्षण देती है, क्योंकि दोनों ही संस्थान विज्ञान और मानविकी में तीन साल का डिग्री कोर्स चलाती है।

    एसीसी कैडेट को अतिरिक्त लाभ यह मिलता है कि वे सेना में सैनिकों के जीवन का गहरा अनुभव लेकर अधिकारी के रूप में शामिल होते हैं।

    --आईएएनएस
  • कैलाश यात्रा के लिए नेपाल के रास्ते से बचने को कहा
    काठमांडू, 1 जून (आईएएनएस)। नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को भारतीय नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया है कि जो श्रद्धालु कैलाश-मानसरोवर की यात्रा नेपाल के रास्ते करना चाहते हैं, वे इससे परहेज करें क्योंकि मौसम के बहुत खराब रहने की भविष्यवाणी की गई है।

    दूतावास ने एक बयान में कहा, "चूंकि आने वाले हफ्तों में मौसम की स्थिति और खराब होने वाली है, इसलिए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे कैलाश पर्वत और पवित्र मानसरोवर झील तक जाने के लिए नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग से परहेज करें।"

    नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग को कठिन माना जाता है, लेकिन बहुत सारे भारतीय चीन की सीमा के करीब इसी खतरनाक मार्ग को प्राथमिकता देते हैं।

    बड़ी संख्या में भारतीय नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग से होकर कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए अपने स्तर से व्यवस्था करते हैं।

    दूतावास ने कहा कि खराब मौसम की वजह से काफी लोग हिलसा और सिमिकोट में ठहरने और खाने की समस्या का सामना करते हैं।

    मौसम बहुत खराब रहने की वजह से हिलसा से सिमिकोट हेलीकॉप्टर से और सिमिकोट से नेपालगंज विमान से लोगों को निकालकर ले जाना संभव नहीं हो पाता।

    केवल इसी हफ्ते 500 से अधिक भारतीय हिलसा और सिमिकोट में फंस गए थे और अधिकारियों को उन्हें वहां से निकालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

    इन सभी तीर्थ यात्रियों को निजी भारतीय टूर आपरेटर लाए थे और उन्हीं ने उनकी यात्रा एवं रहने खाने का इंतजाम किया था।

    इनमें से अधिकतर को हिलसा-सिमिकोट इलाके से नेपाली सुरक्षा अधिकारियों की मदद से हवाई मार्ग से निकाला गया।

    भारतीय दूतावास ने कहा है कि नेपाल सरकार और यात्रा संचालकों की सहायता से तीर्थयात्रियों को हिलसा से सिमिकोट और सिमिकोट से नेपालगंज से समय से बाहर निकालने की हर संभव व्यवस्था की जा रही है।

    हालांकि, खराब मौसम नियमित हवाई सेवा में बाधा डाल रहा है, इस वजह से हिलसा और सिमिकोट में जो लोग फंसे हैं उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

    हर साल कैलाश-मानसरोवर यात्रा जून से सितंबर तक होती है।

    भारतीय विदेश मंत्रालय तीर्थयात्रियों को दो मार्गो से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर भेजता है। ये हैं उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जो 25 दिन की यात्रा है और सिक्किम के नाथु ला से होकर जो यात्रा 23 दिन में पूरी होती है।

    --आईएएनएस

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