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Wednesday, 01 June 2016 22:40
उत्तरी कमान के 400 से ज्यादा सैनिक एसएसबी में चयनित
जम्मू, 1 जून (आईएएनएस)। भारतीय सेना के उत्तरी कमान के 432 सैनिक बुधवार को कैडेट अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में सफल घोषित किए गए। यह सेना के किसी भी कमान में सबसे अधिक संख्या है।
उधमपुर स्थित सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय के प्रवक्ता कर्नल एस. डी. गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "उत्तरी कमान क्षेत्र से 432 सैनिकों ने लिखित परीक्षा पास की है और उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज, देहरादून (एसीसी) में दाखिले के लिए साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है।"
एसीसी ही सैनिकों को सेना के अधिकारी का प्रशिक्षण देती है, साथ ही यह इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून (आईएमए) के लिए भर्ती भी करती है।
एसीसी और आईएमए दोनों एक ही तरह का प्रशिक्षण देती है, क्योंकि दोनों ही संस्थान विज्ञान और मानविकी में तीन साल का डिग्री कोर्स चलाती है।
एसीसी कैडेट को अतिरिक्त लाभ यह मिलता है कि वे सेना में सैनिकों के जीवन का गहरा अनुभव लेकर अधिकारी के रूप में शामिल होते हैं।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 20:50
हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर का एक अन्य सहयोगी गिरफ्तार
जम्मू, 1 जून (आईएएनएस)। आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एक निकट सहयोगी को पकड़ने के एक सप्ताह बाद जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बुधवार को सर्वाधिक वांछित आतंकवादी के एक अन्य सहयोगी को गिरफ्तार करने का दावा किया।
इससे पहले वानी के एक निकट सहयोगी तारिक पंडित को पिछले सप्ताह पुलवामा से गिरफ्तार किया गया था।
सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता कर्नल एस.डी.गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "सुरक्षा बलों ने सर्वाधिक वांछित हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर वानी के करीबी सहयोगी को दक्षिणी कश्मीर के त्राल इलाके से गिरफ्तार किया है।"
गोस्वामी ने कहा, "एक विशेष सूचना पर पुलिस और सैन्य बलों ने अब्दुल अजीज दार के बेटे नूर मोहम्मद दार को बुधवार को पुलवामा जिले के गुलशनपोरा त्राल से गिरफ्तार किया।"
उन्होंने यह भी बताया कि विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने जम्मू एवं कश्मीर में पिछले सात दिनों में आतंकवादियों के चार ठिकानों का पता लगाया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए।
बयान के अनुसार, "सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल और राज्य पुलिस के एक विशेष अभियान समूह ने शोपियां जिले में बुधवार को यरवान जंगल में आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाया और इन ठिकानों से एक मैगजीन के साथ एके-47 राइफल, एक चाइनीज ग्रेनेड और एके-46 राइफिल के 76 राउंड भी बरामद किए।"
--आईएएनएस
इससे पहले वानी के एक निकट सहयोगी तारिक पंडित को पिछले सप्ताह पुलवामा से गिरफ्तार किया गया था।
सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता कर्नल एस.डी.गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "सुरक्षा बलों ने सर्वाधिक वांछित हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर वानी के करीबी सहयोगी को दक्षिणी कश्मीर के त्राल इलाके से गिरफ्तार किया है।"
गोस्वामी ने कहा, "एक विशेष सूचना पर पुलिस और सैन्य बलों ने अब्दुल अजीज दार के बेटे नूर मोहम्मद दार को बुधवार को पुलवामा जिले के गुलशनपोरा त्राल से गिरफ्तार किया।"
उन्होंने यह भी बताया कि विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने जम्मू एवं कश्मीर में पिछले सात दिनों में आतंकवादियों के चार ठिकानों का पता लगाया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए।
बयान के अनुसार, "सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल और राज्य पुलिस के एक विशेष अभियान समूह ने शोपियां जिले में बुधवार को यरवान जंगल में आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाया और इन ठिकानों से एक मैगजीन के साथ एके-47 राइफल, एक चाइनीज ग्रेनेड और एके-46 राइफिल के 76 राउंड भी बरामद किए।"
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 20:20
पुलिस से परेशान हैं तो बेखौफ कीजिए शिकायत
भदोही, 1 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश की भदोही पुलिस ने आम लोगों के सुझाव और शिकायतों के लिए नायाब तरीका निकाला है। इसके मुताबिक, अगर आप पुलिस से परेशान हैं या व्यवस्था में सुधार के लिए शिकायत या सुझाव देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है।
जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद भूषण पांडेय ने कहा, "आम लोगों में कुछ व्यक्ति अपनी समस्या या सुझाव को प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं रख पाते हैं। ऐसी स्थिति में जनता की समस्याओं और सुझावों को सामने लाने के लिए समस्त थानों, पुलिस कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक आवास स्थित शिविर कार्यालय पर 'समस्या और सुझाव पेटिका' की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है।"
उन्होंने कहा, "पेटिका में ताले की भी व्यवस्था की जाएगी, जिसकी चाबी संबंधित क्षेत्राधिकारी और वाचक या फिर आशुलिपिक के पास ही रहेगी। थानों पर स्थापित की जाने वाली पेटिका के प्रार्थना पत्रों को संबंधित थाने के क्षेत्राधिकारी, पुलिस कार्यालय पर वाचक एवं शिविर कार्यालय पर आशुलिपिक द्वारा समय-समय पर ताला खोल कर निकाला जाए एवं पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।"
उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया में एक सप्ताह से ज्यादा का अंतराल न होने पाए। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि कोई आवेदक या सुझावकर्ता अपना नाम गुप्त रखना चाहता है तो उसकी गोपनीयता बनाई रखी जाए।"
--आईएएनएस
जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद भूषण पांडेय ने कहा, "आम लोगों में कुछ व्यक्ति अपनी समस्या या सुझाव को प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं रख पाते हैं। ऐसी स्थिति में जनता की समस्याओं और सुझावों को सामने लाने के लिए समस्त थानों, पुलिस कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक आवास स्थित शिविर कार्यालय पर 'समस्या और सुझाव पेटिका' की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है।"
उन्होंने कहा, "पेटिका में ताले की भी व्यवस्था की जाएगी, जिसकी चाबी संबंधित क्षेत्राधिकारी और वाचक या फिर आशुलिपिक के पास ही रहेगी। थानों पर स्थापित की जाने वाली पेटिका के प्रार्थना पत्रों को संबंधित थाने के क्षेत्राधिकारी, पुलिस कार्यालय पर वाचक एवं शिविर कार्यालय पर आशुलिपिक द्वारा समय-समय पर ताला खोल कर निकाला जाए एवं पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।"
उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया में एक सप्ताह से ज्यादा का अंतराल न होने पाए। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि कोई आवेदक या सुझावकर्ता अपना नाम गुप्त रखना चाहता है तो उसकी गोपनीयता बनाई रखी जाए।"
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 20:10
जमात पर समानान्तर अदालत चलाने का आरोप लगाने वाले पर हमला
इस्लामाबाद, 1 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक नागरिक ने कहा है कि इस्लामी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के कारण उस पर हमला किया गया है।
पाकिस्तानी नागरिक ने जमात पर देश में गैर कानूनी ढंग से इस्लामी न्यायिक प्रणाली संचालित करने का आरोप लगाया है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, खालिद सईद ने कहा, "उन्होंने मुझसे पूछा कि मैंने जमात के खिलाफ क्यों शिकायत दर्ज कराई थी और शिकायत वापस नहीं लेने पर मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।"
लाहौर की अदालत में मामले की तारीख पर जाते समय रास्ते में मंगलवार को कम से कम दो लोगों ने खालिद पर बंदूकें तान दी थी।
सईद ने कहा कि जमात ने पहले धन से जुड़े एक विवाद को संगठन की अदालत में निपटाने के लिए उन पर (सईद) दबाव डाला और अदालत में उपस्थित नहीं होने पर शरिया कानून के अनुसार दंडित करने की धमकी दी।
यही वजह थी कि सईद समानान्तर अदालत चलाने के लिए संगठन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने को मजबूर हुए।
जमात के प्रवक्ता ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रणाली 'स्वैच्छिक मध्यस्थता परिषद' है, जिसे संगठन दो दशकों से संचालित कर रहा है।
--आईएएनएस
पाकिस्तानी नागरिक ने जमात पर देश में गैर कानूनी ढंग से इस्लामी न्यायिक प्रणाली संचालित करने का आरोप लगाया है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, खालिद सईद ने कहा, "उन्होंने मुझसे पूछा कि मैंने जमात के खिलाफ क्यों शिकायत दर्ज कराई थी और शिकायत वापस नहीं लेने पर मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।"
लाहौर की अदालत में मामले की तारीख पर जाते समय रास्ते में मंगलवार को कम से कम दो लोगों ने खालिद पर बंदूकें तान दी थी।
सईद ने कहा कि जमात ने पहले धन से जुड़े एक विवाद को संगठन की अदालत में निपटाने के लिए उन पर (सईद) दबाव डाला और अदालत में उपस्थित नहीं होने पर शरिया कानून के अनुसार दंडित करने की धमकी दी।
यही वजह थी कि सईद समानान्तर अदालत चलाने के लिए संगठन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने को मजबूर हुए।
जमात के प्रवक्ता ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रणाली 'स्वैच्छिक मध्यस्थता परिषद' है, जिसे संगठन दो दशकों से संचालित कर रहा है।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 18:20
अफगानिस्तान ने पेशावर में वाणिज्य दूतावास को बंद किया
इस्लामाबाद, 1 जून (आईएएनएस)। अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा अपने कर्मचारियों के उत्पीड़न के विरोध में पेशावर में अपने वाणिज्य दूतावास को बंद कर दिया है।
पाझवोक अफगान न्यूज से वाणिज्य दूतावास के एक सूत्र ने कहा, "वाणिज्य दूतावास अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगा। हम मेजबान देश से इस बात का ठोस आश्वासन चाहते हैं कि भविष्य में अफगान राजनयिकों का उत्पीड़न नहीं होगा।"
पेशावर के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने दावा किया कि राजनयिक के वाहन ने विशिष्ट राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और इसी कारण से उनकी कार सुरक्षा जांच के लिए रोकी गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार में बैठे महावाणिज्य दूत का उत्पीड़न करने का कोई इरादा नहीं था।
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा कि वे घटना से अवगत हैं और संबंधित पक्षों से प्रासंगिक सूचना मिलने के बाद मंत्रालय एक आधिकारिक बयान जारी करेगा।
दोनों देशों के बीच हाल के महीनों में तोरखाम सीमा को बंद करने सहित कड़वाहट भरी कई घटनाएं सामने आई हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ तथा अफगानिस्तान के राजदूत उमर जखीलवाल के बीच बातचीत के बाद सीमा को खोल दिया गया।
31 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगानिस्तान के नागरिकों को बिना वीजा या वैध यात्रा दस्तावेज के पाकिस्तान में दाखिल होने से मना कर दिया था। सीमा अधिकारियों ने कहा था कि तोरखाम सीमा पर राहत के लिए अफगानिस्तान ने जो अनुरोध पत्र दिया है, उस पर अभी तक विचार नहीं किया गया है।
उन्होंने अफगान नागरिकों को इस बात की सूचना दी कि बिना वीजा तथा अन्य वैध यात्रा दस्तावेजों के पाकिस्तान में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। जो लोग अवैध तरीके से पाकिस्तान में दाखिल होने की कोशिश करेंगे, उन्हें हिरासत में लेकर उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
--आईएएनएस
पाझवोक अफगान न्यूज से वाणिज्य दूतावास के एक सूत्र ने कहा, "वाणिज्य दूतावास अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगा। हम मेजबान देश से इस बात का ठोस आश्वासन चाहते हैं कि भविष्य में अफगान राजनयिकों का उत्पीड़न नहीं होगा।"
पेशावर के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने दावा किया कि राजनयिक के वाहन ने विशिष्ट राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और इसी कारण से उनकी कार सुरक्षा जांच के लिए रोकी गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार में बैठे महावाणिज्य दूत का उत्पीड़न करने का कोई इरादा नहीं था।
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा कि वे घटना से अवगत हैं और संबंधित पक्षों से प्रासंगिक सूचना मिलने के बाद मंत्रालय एक आधिकारिक बयान जारी करेगा।
दोनों देशों के बीच हाल के महीनों में तोरखाम सीमा को बंद करने सहित कड़वाहट भरी कई घटनाएं सामने आई हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ तथा अफगानिस्तान के राजदूत उमर जखीलवाल के बीच बातचीत के बाद सीमा को खोल दिया गया।
31 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगानिस्तान के नागरिकों को बिना वीजा या वैध यात्रा दस्तावेज के पाकिस्तान में दाखिल होने से मना कर दिया था। सीमा अधिकारियों ने कहा था कि तोरखाम सीमा पर राहत के लिए अफगानिस्तान ने जो अनुरोध पत्र दिया है, उस पर अभी तक विचार नहीं किया गया है।
उन्होंने अफगान नागरिकों को इस बात की सूचना दी कि बिना वीजा तथा अन्य वैध यात्रा दस्तावेजों के पाकिस्तान में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। जो लोग अवैध तरीके से पाकिस्तान में दाखिल होने की कोशिश करेंगे, उन्हें हिरासत में लेकर उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 17:40
इराक के फलुजा में 20 हजार बच्चे फंसे : संयुक्त राष्ट्र
बगदाद, 1 जून (आईएएनएस)। इराक के फलुजा शहर में कम से कम 20 हजार बच्चे फंसे हुए हैं, जहां सेना ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। साल 2014 की शुरुआत से ही फलुजा शहर पर आईएस ने कब्जा कर रखा है।
समाचार एजेंसी एफे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "एक बयान में यूनिसेफ ने चेतावनी दी है कि खाद्य पदार्थ व दवाएं खत्म हो रही हैं और स्वच्छ पानी की आपूर्ति भी कम है।"
बगदाद से 60 किलोमीटर पश्चिम में स्थित फलुजा में सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से अब तक बहुत कम परिवार इलाके से निकल पाए हैं। अधिकांश लोगों ने इलाके के दो शिविरों में शरण ले रखी है, जबकि अन्य ने अपने संबंधियों व परिवारों के साथ रहने की मांग की है।
अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के सहयोग से इराकी सेना ने 23 मई को शहर में आईएस के खिलाफ हमलों की शुरुआत की।
तब से लेकर अब तक, सेना कमान तथा प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी लोगों से सुरक्षा बलों द्वारा खोले गए मानवीय सहायता गलियारों से शहर को छोड़ने की कई बार अपील कर चुके हैं।
यूनिसेफ के मुताबिक, नागरिकों को बाहर निकालने की योजना हालांकि अभी तक सफल नहीं हो पाई है।
बयान के मुताबिक, "बच्चों पर जेहादियों द्वारा संगठन में शामिल करने, सुरक्षाबलों को हमला करने में परेशानी तथा उनके परिवार से बिछड़ने का खतरा मंडरा है।"
बयान में कहा गया है, "जिन बच्चों को आतंकवादियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया है, वे जीवन व भविष्य को खतरे में देख रहे हैं, क्योंकि उन्हें हथियार ढोने व उसका इस्तेमाल करने को मजबूर किया जा रहा है।"
बयान के अंत में यूनिसेफ ने सभी पक्षों से शहर के अंदर बच्चों को बचाने का आह्वान किया और जो लोग वहां से निकलना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षित रास्ता देने की अपील की।
मोसूल के बाद इराक में आईएस के सबसे बड़े गढ़ फलुजा में सेना का अभियान रविवार को तीसरे चरण में प्रवेश कर गया।
फलुजा में सरकार समर्थित सुरक्षाबलों के हमले के खिलाफ आतंकवादी डटे हुए हैं।
--आईएएनएस
समाचार एजेंसी एफे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "एक बयान में यूनिसेफ ने चेतावनी दी है कि खाद्य पदार्थ व दवाएं खत्म हो रही हैं और स्वच्छ पानी की आपूर्ति भी कम है।"
बगदाद से 60 किलोमीटर पश्चिम में स्थित फलुजा में सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से अब तक बहुत कम परिवार इलाके से निकल पाए हैं। अधिकांश लोगों ने इलाके के दो शिविरों में शरण ले रखी है, जबकि अन्य ने अपने संबंधियों व परिवारों के साथ रहने की मांग की है।
अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के सहयोग से इराकी सेना ने 23 मई को शहर में आईएस के खिलाफ हमलों की शुरुआत की।
तब से लेकर अब तक, सेना कमान तथा प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी लोगों से सुरक्षा बलों द्वारा खोले गए मानवीय सहायता गलियारों से शहर को छोड़ने की कई बार अपील कर चुके हैं।
यूनिसेफ के मुताबिक, नागरिकों को बाहर निकालने की योजना हालांकि अभी तक सफल नहीं हो पाई है।
बयान के मुताबिक, "बच्चों पर जेहादियों द्वारा संगठन में शामिल करने, सुरक्षाबलों को हमला करने में परेशानी तथा उनके परिवार से बिछड़ने का खतरा मंडरा है।"
बयान में कहा गया है, "जिन बच्चों को आतंकवादियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया है, वे जीवन व भविष्य को खतरे में देख रहे हैं, क्योंकि उन्हें हथियार ढोने व उसका इस्तेमाल करने को मजबूर किया जा रहा है।"
बयान के अंत में यूनिसेफ ने सभी पक्षों से शहर के अंदर बच्चों को बचाने का आह्वान किया और जो लोग वहां से निकलना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षित रास्ता देने की अपील की।
मोसूल के बाद इराक में आईएस के सबसे बड़े गढ़ फलुजा में सेना का अभियान रविवार को तीसरे चरण में प्रवेश कर गया।
फलुजा में सरकार समर्थित सुरक्षाबलों के हमले के खिलाफ आतंकवादी डटे हुए हैं।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 17:40
सऊदी अरब : आतंकवाद के आरोप में 14 को मौत की सजा
रियाद, 1 जून (आईएएनएस)। सऊदी अरब की एक अदालत ने बुधवार को आतंकवाद के आरोप में 14 नागरिकों को मौत की सजा सुनाई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने इसके अलावा 9 संदिग्धों को 3 से लेकर 15 साल तक जेल की सजा सुनाई दी है।
ये संदिग्घ कातिफ क्षेत्र के अल-अवामिया गांव के है जिन्हें आतंकवादी दस्ते का हिस्सा बताया गया है।
अल-अवामिया सऊदी अरब के उन चुनिंदा जिलों में से एक है जहां सुन्नी कट्टरपंथियों के देश में बड़े पैमाने पर शिया आबादी रहती है। पिछले कई सालों में इन शिया बहुल इलाकों में अशांति है।
2014 की शुरुआत में सऊदी अरब ने अल-अवामिया से 135 लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिन पर दंगा भड़काने, बर्बरता और सुरक्षा बलों पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया था।
--आईएएनएस
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने इसके अलावा 9 संदिग्धों को 3 से लेकर 15 साल तक जेल की सजा सुनाई दी है।
ये संदिग्घ कातिफ क्षेत्र के अल-अवामिया गांव के है जिन्हें आतंकवादी दस्ते का हिस्सा बताया गया है।
अल-अवामिया सऊदी अरब के उन चुनिंदा जिलों में से एक है जहां सुन्नी कट्टरपंथियों के देश में बड़े पैमाने पर शिया आबादी रहती है। पिछले कई सालों में इन शिया बहुल इलाकों में अशांति है।
2014 की शुरुआत में सऊदी अरब ने अल-अवामिया से 135 लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिन पर दंगा भड़काने, बर्बरता और सुरक्षा बलों पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया था।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 17:20
बांग्लादेश में युद्ध अपराध में 3 दोषी
ढाका, 1 जून (आईएएनएस/सिन्हुआ)। बांग्लादेश में एक युद्ध न्यायाधिकरण ने सन् 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान अपराधों के लिए बुधवार को तीन दोषी ठहराते हुए इनमें से एक को मौत की सजा सुनाई, जबकि दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा दी।
इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने तीन लोगों को दुष्कर्म, हत्या तथा निहत्थे नागरिकों का उत्पीड़न करने व उन्हें बंदी बनाने के आरोपों का दोषी पाया। तीनों दोषी भाई हैं।
बचाव पक्ष के वकील मसूद राणा ने फैसले से असंतोष जताते हुए कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
जनवरी 2009 में सत्ता में वापसी के बाद शेख हसीना ने सन् 1971 के युद्ध के लगभग 40 वर्षो बाद मार्च 2010 में पहले न्यायाधिकरण की स्थापना की। शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान थे, जिन्होंने बांग्लादेश को आजाद कराने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
विपक्षी बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी पार्टी के कम से कम चार नेताओं- मोतीउर रहमान निजामी, अब्दुल कादर मोल्ला, मुहम्मद कमारूज्जमान तथा अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद- को युद्ध अपराध में दोषी पाए जाने पर पहले ही फांसी दी जा चुकी है।
इनके अलावा, विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता सलाउद्दीन कादर चौधरी को 22 नवंबर, 2015 को फांसी दे दी गई थी।
बीएनपी तथा जमात दोनों ने सरकार द्वारा मुकदमों की सुनवाई को झूठा करार देते हुए अदालत को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि यह एक घरेलू न्यायालय है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने न्यायालयों की कार्यवाही को 'शो ट्रायल' करार दिया है।
वर्तमान सरकार का कहना है कि युद्ध के दौरान लगभग 30 लाख लोगों की जान गईं।
--आईएएनएस
इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने तीन लोगों को दुष्कर्म, हत्या तथा निहत्थे नागरिकों का उत्पीड़न करने व उन्हें बंदी बनाने के आरोपों का दोषी पाया। तीनों दोषी भाई हैं।
बचाव पक्ष के वकील मसूद राणा ने फैसले से असंतोष जताते हुए कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
जनवरी 2009 में सत्ता में वापसी के बाद शेख हसीना ने सन् 1971 के युद्ध के लगभग 40 वर्षो बाद मार्च 2010 में पहले न्यायाधिकरण की स्थापना की। शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान थे, जिन्होंने बांग्लादेश को आजाद कराने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
विपक्षी बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी पार्टी के कम से कम चार नेताओं- मोतीउर रहमान निजामी, अब्दुल कादर मोल्ला, मुहम्मद कमारूज्जमान तथा अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद- को युद्ध अपराध में दोषी पाए जाने पर पहले ही फांसी दी जा चुकी है।
इनके अलावा, विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता सलाउद्दीन कादर चौधरी को 22 नवंबर, 2015 को फांसी दे दी गई थी।
बीएनपी तथा जमात दोनों ने सरकार द्वारा मुकदमों की सुनवाई को झूठा करार देते हुए अदालत को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि यह एक घरेलू न्यायालय है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने न्यायालयों की कार्यवाही को 'शो ट्रायल' करार दिया है।
वर्तमान सरकार का कहना है कि युद्ध के दौरान लगभग 30 लाख लोगों की जान गईं।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 17:10
अफगानिस्तान में अदालत पर तालिबान का हमला, 10 मरे (लीड-1)
काबुल, 1 जून (आईएएनएस)। ताबिलान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के शहर गजनी में एक अदालत परिसर में बुधवार को आत्मघाती हमला किया गया। इस दौरान आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई गोलीबारी में 10 लोगों की मौत हो गई।
गोलीबारी में सभी पांच आतंकवादी भी मारे गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
'टोलो न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 12 अन्य लोग घायल भी हुए, जिनमें एक महिला शामिल है।
प्रांतीय पुलिस प्रमुख अमीनुल्ला अमारखिल ने कहा कि यह आत्मघाती बम धमाका गजनी शहर की एक अदालत के परिसर में हुआ। सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी आतंकवादी मारे गए।
अमीनुल्ला ने कहा, "पहला हमलावर अपील कोर्ट के पास एक कार बम धमाका करना चाहता था, जिससे उसके बाकी के साथियों के लिए रास्ता साफ हो सके। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उस बम को निष्क्रिय कर दिया। बाकी के हमलावर सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए।"
प्रांतीय पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस हमले में अपील कोर्ट के प्रमुख भी मामूली रूप से घायल हुए हैं।
तालिबानी आतंकवादियों ने हाल ही में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए अपने प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत का बदला लेने की कसम खाई थी। तालिबान राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार का तख्ता पलट करना चाहते हैं।
--आईएएनएस
गोलीबारी में सभी पांच आतंकवादी भी मारे गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
'टोलो न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 12 अन्य लोग घायल भी हुए, जिनमें एक महिला शामिल है।
प्रांतीय पुलिस प्रमुख अमीनुल्ला अमारखिल ने कहा कि यह आत्मघाती बम धमाका गजनी शहर की एक अदालत के परिसर में हुआ। सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी आतंकवादी मारे गए।
अमीनुल्ला ने कहा, "पहला हमलावर अपील कोर्ट के पास एक कार बम धमाका करना चाहता था, जिससे उसके बाकी के साथियों के लिए रास्ता साफ हो सके। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उस बम को निष्क्रिय कर दिया। बाकी के हमलावर सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए।"
प्रांतीय पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस हमले में अपील कोर्ट के प्रमुख भी मामूली रूप से घायल हुए हैं।
तालिबानी आतंकवादियों ने हाल ही में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए अपने प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत का बदला लेने की कसम खाई थी। तालिबान राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार का तख्ता पलट करना चाहते हैं।
--आईएएनएस
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Wednesday, 01 June 2016 16:50
'बिना वीजा पाकिस्तान की यात्रा न करें अफगान नागरिक'
काबुल, 1 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान-अफगानिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दोनों देशों के लोगों की निर्बाध (बिना जांच के) आवाजाही पर पाकिस्तान सख्त रुख अपनाने जा रहा है। वह बुधवार से सख्त सीमा नियंत्रण व्यवस्था लागू कर रहा है।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने 31 मई की समय सीमा खत्म होने के साथ ही अफगान नागरिकों से कहा है कि वे बिना वैध यात्रा दस्तावेज के सीमा के आरपार आवाजाही न करें। तोरखाम सीमा पर खैबर दर्रे के आरपार आवाजाही के लिए रमजान तथा ईद के दिनों में नियमों में ढील देने के अनुरोध पर पाकिस्तान ने अभी तक विचार नहीं किया है।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर राइफल्स के कर्मचारियों, खासरदारों तथा अन्य सीमा अधिकारियों ने यह घोषणा तोरखाम सीमा पर मंगलवार को लाउडस्पीकर से की।
उन्होंने अफगान नागरिकों को इस बात की सूचना दी कि बिना वीजा तथा अन्य वैध यात्रा दस्तावेजों के पाकिस्तान में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। जो लोग अवैध तरीके से पाकिस्तान में दाखिल होने की कोशिश करेंगे, उन्हें हिरासत में लेकर उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
अफगान नागरिक इस नई पाबंदी से खुश नहीं हैं। सीमा अधिकारियों ने कहा कि अफगान नागरिकों को पाकिस्तान में घुसने से रोकने पर दोनों पड़ोसी देशों के लोगों की दोनों देशों में आवाजाही कम हो जाएगी, जिससे उनका जुड़ाव कम हो जाएगा।
तोरखाम में अफगान सीमा सुरक्षा बल के प्रभारी कर्नल निसार खान ने कहा कि पाकिस्तान को सीमा पर खासकर रमजान के दिनों में और पेशावर में इलाज कराने वाले लोगों को आवाजाही में ढील देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ढिलाई नहीं बरतता है, तो सभी प्रकार की आवाजाही के लिए तोरखान सीमा को पूरी तरह बंद करने पर हम मजबूर हो जाएंगे। कर्नल ने कहा कि वे पाकिस्तानी ट्रकों को मध्य एशियाई देशों में जाने की अनुमति नहीं देंगे।
तोरखाम में अफगानी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि मुद्दे के समाधान के लिए अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से संपर्क बनाया हुआ है।
सूत्रों ने जियो न्यूज से कहा है कि पाकिस्तानी विदेश कार्यालय को समय सीमा बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान का आधिकारिक अनुरोध पत्र मिला है।
--आईएएनएस
पाकिस्तानी अधिकारियों ने 31 मई की समय सीमा खत्म होने के साथ ही अफगान नागरिकों से कहा है कि वे बिना वैध यात्रा दस्तावेज के सीमा के आरपार आवाजाही न करें। तोरखाम सीमा पर खैबर दर्रे के आरपार आवाजाही के लिए रमजान तथा ईद के दिनों में नियमों में ढील देने के अनुरोध पर पाकिस्तान ने अभी तक विचार नहीं किया है।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर राइफल्स के कर्मचारियों, खासरदारों तथा अन्य सीमा अधिकारियों ने यह घोषणा तोरखाम सीमा पर मंगलवार को लाउडस्पीकर से की।
उन्होंने अफगान नागरिकों को इस बात की सूचना दी कि बिना वीजा तथा अन्य वैध यात्रा दस्तावेजों के पाकिस्तान में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। जो लोग अवैध तरीके से पाकिस्तान में दाखिल होने की कोशिश करेंगे, उन्हें हिरासत में लेकर उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
अफगान नागरिक इस नई पाबंदी से खुश नहीं हैं। सीमा अधिकारियों ने कहा कि अफगान नागरिकों को पाकिस्तान में घुसने से रोकने पर दोनों पड़ोसी देशों के लोगों की दोनों देशों में आवाजाही कम हो जाएगी, जिससे उनका जुड़ाव कम हो जाएगा।
तोरखाम में अफगान सीमा सुरक्षा बल के प्रभारी कर्नल निसार खान ने कहा कि पाकिस्तान को सीमा पर खासकर रमजान के दिनों में और पेशावर में इलाज कराने वाले लोगों को आवाजाही में ढील देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ढिलाई नहीं बरतता है, तो सभी प्रकार की आवाजाही के लिए तोरखान सीमा को पूरी तरह बंद करने पर हम मजबूर हो जाएंगे। कर्नल ने कहा कि वे पाकिस्तानी ट्रकों को मध्य एशियाई देशों में जाने की अनुमति नहीं देंगे।
तोरखाम में अफगानी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि मुद्दे के समाधान के लिए अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से संपर्क बनाया हुआ है।
सूत्रों ने जियो न्यूज से कहा है कि पाकिस्तानी विदेश कार्यालय को समय सीमा बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान का आधिकारिक अनुरोध पत्र मिला है।
--आईएएनएस
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