-
जाट आरक्षण से रोक हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। हरियाणा अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए बुधवार को याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में जाटों को आरक्षण देने के लिए हरियाणा के कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय ने अपने 26 मई के अंतरिम आदेश में हरियाणा पिछड़ा वर्ग (नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण) कानून, 2016 के लागू करने पर रोक लगाई थी। इस कानून में जाट, जाट सिख, रोर, बिश्नोई, त्यागी, मुल्ला एजाट और मुस्लिम जाट को 10 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था है।
समिति के अध्यक्ष हवा सिंह सांगवान शीर्ष अदालत पहुंचे हैं। उनका कहना है कि राज्य विधानसभा से पारित कानून को एक याचिका लंबित रहने से लागू करने पर रोक नहीं लगाई जा सकती। उस याचिका में आरक्षण की व्यवस्था वाले कानून की वैधता को चुनौती दी गई है।
सांगवान का कहना है कि उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक की वजह से जाट समुदाय के बहुत सारे छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग, कानून और तकनीकी क्षेत्र के अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिला का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। यह भी कहा गया है कि वर्ष 2016-17 के लिए दाखिला की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
इसी तरह से याचिका में यह भी कहा गया है कि इस आदेश का जाट समुदाय पर उन भर्तियों में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिन 41 हजार 735 खाली पदों के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग विज्ञापन भी जारी कर चुका है।
इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया है कि उच्च न्यायालय एक पहले के फैसले में कह चुका है कि कानूनी प्रावधान को जनहित याचिका के जरिए चुनौती नहीं दी जा सकती।
इस बारे में वर्ष 2012 के एक मामले का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि मुरारी ला गुप्ता की जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय ने 26 मई को जाट आरक्षण पर रोक का जो अंतरिम आदेश जारी किया है वह बरकरार रहने लायक नहीं है।
--आईएएनएस
-
नाभिकीय व नवीकरणीय ऊर्जा के बीच तुलना की जरूरत नहीं : रोसेटम प्रमुख
अंजलि ओझा
मॉस्को, 1 जून (आईएएनएस)। रूस के परमाणु ऊर्जा निगम रोसेटम के प्रमुख सर्गेई किरियेंको ने कहा है कि नाभिकीय ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा के बीच तुलना करने की कोई जरूरत नहीं है।
भारतीय पत्रकारों के एक चयनित समूह से यहां किरियेंको ने जोर देते हुए कहा कि कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था पाने के लिए नवीकरणीय व नाभिकीय ऊर्जा को मिश्रित करने की जरूरत है।
रूस के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके किरियेंको ने कहा, "हमें नवीकरणीय ऊर्जा और नाभिकीय ऊर्जा के बीच तुलना करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर ऊर्जा के एक ही स्रोत पर निर्भर रहा जाए, तो इससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।"
उन्होंने कहा, "उद्योगों के लिए बेहद अधिक ऊर्जा आपूर्ति की जरूरत है। हमें ऊर्जा की कुछ बुनियादी जरूरतें भी हैं। ये बुनियादी जरूरतें ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा से सुनिश्चित की जा सकेंगी।"
उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पूरक हो सकता है।
किरियेंको ने कहा, "सऊदी अरब, ब्राजील, मिस्र तथा जॉर्डन जैसे देश, जिनके पास सूरज की रोशनी (सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए) की कमी नहीं है, वैसे देश भी नाभिकीय ऊर्जा की ओर रुख कर रहे हैं।"
--आईएएनएस
-
कारपेट एरिया में न्यूनतम 9 वर्गमीटर की वृद्धि आवश्यक
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 'निर्माण नीत लाभार्थी' योजना के तहत केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए मौजूदा आवास के कारपेट क्षेत्र में कम से कम 9 वर्गमीटर की वृद्धि आवश्यक होगी।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को रियायती आवास का प्रस्ताव भेजते वक्त 'निर्माण नीत लाभार्थी'(बीएलसी) के तहत मकानों की वृद्धि करने के लिए इसे लागू करने हेतु संशोधित गाइडलाइन जारी की है।
बीएलसी के तहत लाभार्थियों को नए घर बनाने और वर्तमान घर के आकार को बड़ा करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। प्रति लाभार्थी को 1.5 लाख रुपये की सहायता के लिए पक्के और अर्ध पक्के भवनों के कारपेट क्षेत्र में कम से कम 9 वर्गमीटर की वृद्धि जरूरी होगी। राष्ट्रीय भवन निर्माण के मानदंडों के अनुसार यह वृद्धि कम से कम रहने लायक एक कमरे या रसोईघर के रूप में हो सकती है।
नई गाइडलाइन में कह गया है कि कारपेट क्षेत्र में जरूरी 9 वर्गमीटर क्षेत्र के बाद कारपेट क्षेत्र का कुल वृद्धि 21 वर्गमीटर से कम और 30 वर्गमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। पीएमएवाई (शहरी) के बीएलसी घटक के तहत पहले से पक्का या अर्ध पक्का मकान का लाभ उठाने वाले पात्र अपने मकानों को रहने लायक बनाने के लिए इसके आकार में वृद्धि कर सकेंगे।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने शहरी क्षेत्र में आवास की कमी का पता लगाने के लिए तकनीक समूह का गठन किया है। इसकी रिपोर्ट के अनुसार शहरी क्षेत्र में 1.49 करोड़ घरों को अति सघनता, 22.7 लाख मकान जर्जर और 9.9 लाख कच्चे मकानों को रहने लायक नहीं पाया है। इस रिपोर्ट के अनुसार शहरी क्षेत्र में कुल 1.87 करोड़ मकानों की कमी है। इस अनुमान के आधार पर सरकार ने 2022 तक शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ घरों की जरूरत का अनुमान लगाया है।
इसके अलावा पीएमएवाई के अन्य घटकों में झुग्गी पुनर्विकास ,साझा रियायती आवास और कर्ज आधारित रियायती योजना का विकल्प लाभार्थी अपनी जरूरतों और आय के अनुसार चुन सकता है। केन्द्रीय सहायता प्रत्येक लाभार्थी को एक लाख से 2.30 लाख रुपये तक प्रदान की जाएगी। आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को लिए 43,922 करोड़ रुपये का 6.84 लाख रियायती मकानों के निर्माण की मंजूरी दी है। इसमें 10,050 करोड़ रुपये केन्द्रीय सहायता के रूप में शामिल है।
-- आईएएनएस
-
उत्तरी कमान के 400 से ज्यादा सैनिक एसएसबी में चयनित
जम्मू, 1 जून (आईएएनएस)। भारतीय सेना के उत्तरी कमान के 432 सैनिक बुधवार को कैडेट अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में सफल घोषित किए गए। यह सेना के किसी भी कमान में सबसे अधिक संख्या है।
उधमपुर स्थित सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय के प्रवक्ता कर्नल एस. डी. गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "उत्तरी कमान क्षेत्र से 432 सैनिकों ने लिखित परीक्षा पास की है और उन्हें आर्मी कैडेट कॉलेज, देहरादून (एसीसी) में दाखिले के लिए साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है।"
एसीसी ही सैनिकों को सेना के अधिकारी का प्रशिक्षण देती है, साथ ही यह इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून (आईएमए) के लिए भर्ती भी करती है।
एसीसी और आईएमए दोनों एक ही तरह का प्रशिक्षण देती है, क्योंकि दोनों ही संस्थान विज्ञान और मानविकी में तीन साल का डिग्री कोर्स चलाती है।
एसीसी कैडेट को अतिरिक्त लाभ यह मिलता है कि वे सेना में सैनिकों के जीवन का गहरा अनुभव लेकर अधिकारी के रूप में शामिल होते हैं।
--आईएएनएस
-
लड़की ने इज्जत बचाने के लिए आग लगाई
फिरोजाबाद, 1 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। रामगढ़ थाना क्षेत्र के छिदामुलनगर पटेल कारखाने के पास रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने मंगलवार को आग लगा ली, जिससे वह बुरी तरह झुलस गई। लड़की ने कहा है कि उसने अपनी इज्जत बचाने के लिए यह कदम उठाया। उसने पड़ोस के एक लड़के पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। लड़की को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार, थाना रामगढ़ क्षेत्र के छिदामुलनगरपटेल कारखाने के पास रहने वाली लगभग 14 वर्षीय किशोरी ने मंगलवार सुबह आग लगा ली। उसे उपचार के लिए सरकारी ट्रॉमा सेन्टर में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार, किशोरी ने कहा कि उसकी मां घर से बाहर गई हुई थी, घर पर वह अकेली थी, उसी दौरान मुहल्ले के रहीश नामक युवक उसके घर में घुस गया, और लड़की के साथ छेड़छाड़ करने लगा। जब किशोरी ने शोर मचाने का प्रयास किया, तो लड़के ने उसको डराया-धमकाया। उसी दौरान उसने घर में रखे मिट्टी के तेल को अपने ऊपर डाल लिया, जिसे देख लड़का घर से भाग निकला, और किशोरी ने स्वयं को आग के हवाले कर दिया।
किशोरी की चीख-पुकार सुनकर आप-पास के लोग मौके पर पहुंचे। घटना की जानकारी होने पर मां भी घर आई। उसे आनन-फानन में उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।
घटना की जानकारी होने पर एसपी सिटी संजीव कुमार वाजपेयी, नगर क्षेत्राधिकारी ओमकार सिंह यादव, थानाध्यक्ष रामगढ़ प्रवेश कुमार अस्पताल पहुंचे, जहां पुलिस ने किशोरी का बयान दर्ज किया।
पुलिस ने युवक के खिलाफ मामर्ला दर्ज कर लिया और उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
-- आईएएनएस
-
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना जारी की
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) जारी की।
इसका उद्देश्य भारत को आपदा प्रतिरोधक बनाना और जन-जीवन तथा संपत्ति के नुकसान को कम करना है। यह योजना 'सेनडाई फ्रेमवर्क' के चार बिन्दुओं पर आधारित है। इनमें आपदा जोखिम का अध्ययन, आपदा जोखिम प्रबंधन में सुधार करना, ढांचागत और गैर ढांचागत उपायों के जरिये आपदा जोखिम को कम करने के लिए निवेश करना तथा आपदा का सामना करने के लिए तैयारी, पूर्व सूचना एवं आपदा के बाद बेहतर पुनर्निर्माण करना शामिल हैं।
इस योजना के दायरे में आपदा प्रबंधन के सभी चरण शामिल हैं जिनमें रोकथाम, जोखिम कम करना, प्रत्युत्तर तथा बहाली है। योजना के तहत सरकार के समस्त विभागों और एजेंसियों के बीच हर प्रकार के समन्वय का प्रावधान किया गया है। योजना में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों सहित प्रत्येक सरकारी स्तर पर भूमिका और दायित्व के विषय में उल्लेख किया गया है। यह योजना क्षेत्रीय आधार को ध्यान में रख कर बनाई गई है जो न सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए बल्कि विकास योजना के लिए भी लाभकारी है।
इसका डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि इसे आपदा प्रबंधन के सभी चरणों में समान रूप से लागू किया जा सकता है। इसमें पूर्व सूचना, सूचना का प्रसारण, चिकित्सा सेवा, इर्ंधन, यातायात, खोज, बचाव आदि जैसी प्रमुख गतिविधियों को भी शामिल किया गया है ताकि आपदा प्रबंधन में संलग्न एजेंसियों को सुविधा हो सके। इसके अलावा परिस्थितियों का आकलन करने और बेहतर पुनर्निर्माण के उपायों का भी उल्लेख किया गया है।
समुदायों को आपदा का मुकाबला करने के सम्बंध में सक्षम बनाने के लिए योजना में सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों पर अधिक जोर दिया गया है।
-- आईएएनएस
-