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पृथक मराठवाड़ा राज्य की मांग पर महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा

मुंबई, 21 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को राज्य के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे की पृथक मराठवाड़ा राज्य की मांग को लेकर सत्ताधारी भाजपा, शिव सेना के साथ विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने भी जमकर हंगामा किया और महाधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

सदन में हो हल्ला और सभी पार्टियों के सदस्यों की नारे बाजी के बीच दोपहर बाद सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई।

अधिकतर विधायकों ने सरकार से जानना चाहा कि क्या सरकार अणे पर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर रही है?

सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया। इन पार्टियों के सदस्यों ने सदन में नारेबाजी की और अणे को उनके पद से हटाने की मांग की।

मराठवाड़ा की मांग पर शिव सेना के विधायक प्रताप सरनायक ने अणे को महाराष्ट्र में ओवैसी का अवतार तक कह दिया। राकांपा के दिलीप वल्से पाटिल ने अणे को पद से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर अणे को नहीं हटाया जाता है तो यही माना जाएगा कि उन्हें शिव सेना और भाजपा सरकार का समर्थन प्राप्त है।

शिवसेना नेता और पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि जब तक महाधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक उनकी पार्टी के विधायक न तो विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेंगे और न ही मंत्रिमंडल की बैठक में।

इस बीच राजस्व मंत्री एकनाथ खड्से ने इस मामले में विधान परिषद में समयबद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया।

विदित हो कि रविवार को जालना में एक कार्यक्रम के दौरान अणे ने कहा था कि विदर्भ से ज्यादा मराठवाड़ा के साथ अन्याय हुआ है इसलिए इसे पृथक राज्य बना देना चाहिए।

उन्होंने राज्य के लोगों से पृथक राज्य के गठन के लिए आन्दोलन करने का भी आह्वान किया।

उधर, विधान परिषद में भी इस मुद्दे पर गहमा गहमी बनी रही। सदन में नेता प्रतिपक्ष और राकांपा के नेता धनंजय मुंडे ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए अणे को उनके पद से हटाने की मांग की।

मुंडे ने टिप्पणी करते हुए कहा, "पहले अणे ने विदर्भ राज्य की मांग की, अब मराठवाड़ा की मांग कर रहे हैं, कल वह पृथक खानदेश राज्य की मांग करेंगे, इसके बाद कहेंगे मुंबई राज्य से अलग होना चाहिए।"

मुंडे ने कहा कि जब अणे ने पृथक विदर्भ की मांग की थी तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने उनका समर्थन किया था। इसलिए अणे का मनोबल बढ़ गया है। अब मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

पिछले साल अणे ने पृथक विदर्भ राज्य के लिए जनमत संग्रह की इच्छा जाहिर की थी। उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि अणे के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्होंने निजी कार्यक्रम में उक्त बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि पृथक राज्य का गठन केंद्र सरकार और संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।

उस समय मुख्यमंत्री ने शिवसेना को यह कह कर शांत कर दिया था कि अणे की पृथक राज्य की मांग से संयुक्त महाराष्ट्र आन्दोलन के 105 शहीदों का अपमान नहीं होता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • राहुल को सौंप दे कांग्रेस की जिम्मेदारी : उमर
    नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस में राहुल गांधी को पार्टी में पूरी जिम्मेदारी दिए जाने की बढ़ती मांग के बीच नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी गुरुवार को इस मामले में देरी को लेकर सवाल खड़े किए।

    उन्होंने राहुल को बागडोर सौंपे जाने की वकालत करते हुए कहा कि पार्टी के उपाध्यक्ष को अब बड़ी जिम्मेदारी सौंप देनी चाहिए।

    उमर ने ट्विटर पर लिखा, "क्या कांग्रेस राहुल का पद जल्द बढ़ाए जाने की कहानियां बना-बनाकर थकी नहीं है? ये कहानियां पढ़ते-पढ़ते अब वर्षो हो गए हैं। अब बस यह काम कर डालिए और उन्हें अपने बूते आगे बढ़ने दीजिए।"

    नेकां नेता का यह बयान उस वक्त आया है, जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल को इस माह के आखिर में पार्टी अध्यक्ष बनाया जाएगा।

    लगातार ऐसी अटकलें लगाई जाती रही हैं कि राहुल पार्टी अध्यक्ष व अपनी मां सोनिया गांधी के कंधों से अब यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने जा रहे हैं। सोनिया करीब 18 वर्षो से पार्टी की कमान संभाल रही हैं।

    कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि राहुल को पार्टी की बागडोर अपने हाथ में ले लेनी चाहिए, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

    --आईएएनएस
  • मुस्लिम युवाओं में कौशल विकास के प्रयास जारी : नजमा हेपतुल्ला
    लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गुरुवार को केंद्र सरकार के विकास पर्व में शिरकत करने पहुंचीं अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि मुस्लिम युवाओं में कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

    अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को अल्पसंख्यक दर्जे के मामले पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा की यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

    उन्होंने कहा, "मुस्लिम युवाओं में कौशल विकास के लिए उत्तर प्रदेश के नौ मदरसों में कौशल विकास कक्षाओं की शुरुआत कर दी गई है। अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यो पर विश्व बैंक ने खुशी जताई और पांच करोड़ डॉलर का ऋण भी दिया है।"

    उन्होंने राहुल गांधी और बिसहड़ा कांड पर बोलने से इनकार कर दिया।

    इस बीच, केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए गुरुवार को हाथरस में मथुरा रोड स्थित राजरानी मेहरा गेस्ट हाउस में आयोजित 'विकास पर्व' कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि 'ओम' योग का हिस्सा है, उस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

    उन्होंने ने कहा कि इस बार 21 जून को चंडीगढ़ में व्यापक स्तर पर योग दिवस मनाया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरीक होंगे।

    उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय देश के हर गांव में आयुष चिकित्सालय खोलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए राज्य सरकारों से प्रस्ताव भी आने लग गए हैं।

    --आईएएनएस
  • मप्र के घोड़ाडोंगरी उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत (लीड-2)
    बैतूल, 2 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी (अजजा) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मंगल िंसह धुर्वे ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप सिंह उईके को 13 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दे दी। इस तरह घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा का कब्जा बरकरार है।

    जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानेश्वर पाटिल ने उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार मंगल सिंह धुर्वे के 13 हजार 182 वोटों के अंतर से जीतने की घोषणा कर दी हैं। भाजपा उम्मीदवार धुर्वे को 82 हजार 304 और कांग्रेस उम्मीवार उईके को 69 हजार 12 वोट मिले है। मतगणना 17 दौर में पूरी हुई है।

    जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे विवेकानंद हॉल में मतदान शुरू हुआ। पहले दो दौर में पिछड़ने के बाद भाजपा के उम्मीदवार धुर्वे ने तीसरे दौर से जो बढ़त हासिल की वह लगातार जारी रही। 16वां दौर पूरा होने तक वे 13 हजार वोटों के अंतर से आगे बने हुए थे।

    घोड़ाडोंगरी के उपचुनाव में सात उम्मीदवार मैदान में थे। मुख्य मुकाबला भाजपा के मंगल सिंह धुर्वे और कांग्रेस के प्रताप सिंह उईके के बीच था। 30 मई को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। मतगणना का कार्य 17 दौर में पूरा हुआ।

    निर्वाचन आयोग के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पांचवें दौर तक भाजपा उम्मीदवार धुर्वे ने कुल 5,406 वोटों की बढ़त हासिल कर ली हैं। भाजपा उम्मीदवार को 16 हजार 54 और कांग्रेस उम्मीदवार को 10 हजार 648 वोट मिले हैं। वहीं 14वें दौर में यह अंतर बढ़कर 11 हजार 822 का हो गया था।

    वर्ष 2013 में हुए विधानसभा के चुनाव में भाजपा के सज्जन सिह उईके विजयी हुए थे। उनके निधन के चलते यहां उपचुनाव हुआ।

    --आईएएनएस
  • माचिस की डिब्बियों पर भगवान शिव, देवी काली!
    एम.आर. नारायणस्वामी
    नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। क्या कभी माचिस की डिब्बियों पर भगवान शिव, विष्णु और हनुमान या देवी काली तथा देवी सरस्वती को देखा है? और वह भी ऑस्ट्रिया, स्वीडन तथा जापान में बनी माचिस की डिब्बियों पर?

    भारतीय बाजारों में जब पिछली सदी की शुरुआत में माचिस की डिब्बियां उतरीं तो इनके लेबल ऐसे चित्रों एवं रंगों के होते थे, जो सामान्य भारतीय को आकर्षित कर सके।

    तब से भारत में निर्मित और आयातित माचिस की डिब्बियों के हजारों आकर्षक लेबल की प्रदर्शनी यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में लगाई गई है, जो पिछले एक सदी के इसके समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं।

    माचिस की डिब्बियों का संग्रह करने के शौकीन पेशे से वास्तुविद गौतम हेमेडी (59) के अनुसार, "स्वीडन माचिस का डिब्बियों का सबसे बड़ा निर्माता है।"

    जनवरी 2012 से माचिस की डिब्बियां जुटाने वाले गौतम अब तक इसका एक बड़ा संग्रह तैयार कर चुके हैं।

    उनके अनुसार, ऑस्ट्रिया और जापान के साथ-साथ स्वीडन को माचिस की डिब्बियां बनाने में महारत हासिल है और इसके पास इससे संबंधित समृद्ध प्रौद्योगिकी भी है। भारत इस संबंध में एक आकर्षक बाजार रहा है, जहां इसकी खूब मांग रही है, जबकि निर्माण न के बराबर।

    ऑस्ट्रिया से माचिस की डिब्बियों का सबसे पहले आयात करने वालों में कलकत्ता (अब कोलकाता) की भारतीय कंपनी ए.एम. एसभोय शमिल है।

    गौतम ने आईएएनएस को बताया कि शुरुआती माचिस की डिब्बियों के निर्माण पर एक पैसे की लागत आती थी। बहुत से गैर-धार्मिक लेबल थे, जैसे-घड़ी, तीन बाघ, गाय का सिर, हाथी, दो हिरण, कुल्हाड़ी, कैंची, लैंप, घोड़ा, विमान, चाय का कप और चाबी।

    बाद में हालांकि स्वीडन, ऑस्ट्रिया और जापान की कंपनियों को लगा कि भारतीय खरीदारों को धार्मिक प्रतीक चिह्नें के माध्यम से अधिक लुभाया जा सकता है।

    इसके बाद स्वीडन निर्मित माचिस की डिब्बियों के लेबल पर हिन्दू देवी-देवताओं लक्ष्मी, गायत्री, दुर्गा, विष्णु, त्रिमूर्ति, गणेश, लव-कुश और कृष्ण के नहाने गईं गोपियों के कपड़े चुराकर पेड़ों पर बैठे चित्र उकेरे जाने लगे।

    वहीं, जापानी माचिस की डिब्बियों पर ब्रह्मा, विष्णु, शिव और काली के चित्र बनाए जाने लगे।

    ऑस्ट्रिया भी इसमें पीछे नहीं रहा और यहां निर्मित माचिस की डिब्बियों के लेबल पर भी हनुमान तथा लक्ष्मी के चित्र बनाए जाने लगे।

    जब भारत में माचिस की डिब्बियों का निर्माण होने लगा तो धार्मिक लेबल का चलन और बढ़ा। अब इन पर कृष्ण और राधा, नटराज, शिवलिंग, नंदी, देवी दुर्गा, शिव और गणेश तथा कृष्ण के बाल्यावस्था तथा अन्य धार्मिक चित्रों को उकेरा जाने लगा।

    भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान माचिस की डिब्बियों पर राष्ट्रवादी लेबल भी खूब देखे गए। इस दौरान माचिस की डिब्बियों पर अशोक स्तंभ, अशोक चक्र, अविभाजित भारत के मानचित्र के साथ-साथ 'आजादी की सुबह', 'स्वतंत्र भारत' तथा 'जय हिंद' जैसे नारे भी लिखे दिखे।

    माचिस की डिब्बियों पर महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शिवाजी, भगत सिंह, गोपाल कृष्ण गोखले तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र भी उकेरे गए, जिनमें से कुछ संयोग से जापान में बने थे।

    माचिस की डिब्बियों पर मैसूर, बड़ौदा, त्रावणकोर, ग्वालियर, जम्मू एवं कश्मीर, अलवर, बीकानेर, धार, इंदौर, जयपुर तथा पटियाला के तत्कालीन राजाओं के चित्र भी बनाए गए थे।

    ऑस्ट्रिया निर्मित माचिस की डिब्बियों के लेबल पर इस रूप में भारत की झलक भी देखने को मिलती थी कि इसमें लालकिला तथा आगरा के किले सहित देशभर के कई महत्वपूर्ण स्थलों को चित्रों के जरिये दर्शाया गया।

    आजादी के बाद भारत सरकार ने परिवार नियोजन तथा बचत के महत्व से संबंधित संदेशों के प्रसार के लिए माचिस की डिब्बियों के लेबल का इस्तेमाल किया। निजी कंपनियों को भी अपने उत्पादों के प्रचार के लिए माचिस की डिब्बियां एक सस्ता संसाधन जान पड़ी।

    गौतम यूं तो आठ साल की उम्र से ही माचिस की डिब्बियों के लेबल जुटाना चाहते थे, लेकिन यह 2012 से ही संभव हो पाया, जब उन्होंने कुछ संग्रहों को खरीदने का निर्णय लिया।

    आज उनके पास दियासलाई उद्योग के करीब 25,000 लेबल, रैपर और कार्डबोर्ड हैं। यह उनकी पहली प्रदर्शनी है, जो शुक्रवार को समाप्त हो रही है।

    हालांकि आज भारत में माचिस की डिब्बियों के लेबल बहुत ही नीरस और फीके हो रहे हैं। इस बारे में गौतम का कहना है, "आज भारत में दियासलाई उद्योग मुख्य रूप से तमिलनाडु में ही रह गया है। संबंधित उद्योग जगत रंगीन डिजाइनों पर बहुत ध्यान नहीं दे रहा है, क्योंकि इस पर लागत अधिक आती है, जबकि अधिकांश माचिस की डिब्बियां केवल एक रुपये में बिकती हैं।"

    हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत से निर्यात होने वाली माचिस की डिबियों का स्वरूप बिल्कुल अलग होता है और ये बहुत आकर्षक होती हैं।

    --आईएएनएस
  • इंदिरा जयसिंह को निशाना बनाया गया : दिग्विजय
    नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि मशहूर अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) लॉयर्स कलेक्टिव के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई लोगों के हितों का समर्थन करने वालों के प्रति सरकार के 'असहिष्णु' रवैये को दर्शाती है।

    दिग्विजय ने ट्विटर पोस्ट में लिखा, "वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह को जन मुद्दे को बेखौफ तरीके से उठाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। मोदी सरकार की असहिष्णुता।"

    उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "अधिवक्ताओं क्या आप थोड़ी हिम्मत दिखाओगे और उनके लिए आवाज उठाओगे? अगली बारी आपकी हो सकती है।"

    उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इंदिरा के लॉयर्स कलेक्टिव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन को लेकर छह माह के लिए इसका लाइसेंस निलंबित कर दिया।

    पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा एनजीओ की संस्थापक-सचिव व उनके पति आनंद ग्रोवर इसके अध्यक्ष हैं।

    इंदिरा ने बुधवार को सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा, "एफसीआरए के कथित उल्लंघन के बहाने सरकार द्वारा किए गए हमले की निंदा करती हूं, जो राणा अयूब की किताब के विमोचन कार्यक्रम में मेरे अपनी बातें रखने के कुछ दिनों बाद हुआ।"

    वह पत्रकार राणा अयूब की लिखी किताब 'गुजरात फाइल्स : द अनैटमी ऑफ अ कवर अप' के विमोचन का जिक्र कर रही थीं, जो 2002 के गुजरात दंगों के बारे में है।

    --आईएएनएस
  • बिहार : जेलों में छापेमारी, मोबाइल फोन व नशीले पदार्थ बरामद
    पटना, 2 जून (आईएएनएस)। बिहार में हो रही अपराधिक घटनाओं की साजिश रचने की आशंका के मद्देनजर राज्य की जेलों में छापेमारी का सिलसिला जारी है, जिसके तहत गुरुवार तड़के राज्य के पटना, गोपालगंज और सिवान की जेलों में छापेमारी की गई।

    इस छापेमारी में विभिन्न कैदी वार्डो से मोबाइल फोन, नशीले पदार्थ और नगद रुपए समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए।

    पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि गुरुवार तड़के चार घंटे तक बेउर के आदर्श केंद्रीय कारा में उनके नेतृत्व में पुलिसकर्मियों की एक टीम ने छापेमारी की।

    छापेमारी के दौरान विभिन्न कैदी वार्डो से तीन मोबाइल फोन, तीन चार्जर, सोने के दो ब्रेसलेट और गांजा बरामद किया गया।

    इधर, सिवान मंडल कारा में सदर अनुमंडल पदाधिकारी उपेंद्र कुमार यादव और पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान दो मोबाइल फोन और कई सीम कार्ड बरामद किए गए।

    गोपालगंज मंडल कारा में अनुमंडल पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस ने सुबह छापेमारी की।

    इस दौरान मंडल कारा के विभिन्न वार्डो से एक मोबाइल फोन, सिम कार्ड, 10 चार्जर, एक बैटरी, 60 पुड़िया गुटखा और करीब 3000 रुपये नगद बरामद किए गए।

    उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिनों में राज्य के जहानाबाद, औरंगाबाद, समस्तीपुर, भोजपुर, सासाराम सहित कई जेलों में छापेमारी की गई है।

    --आईएएनएस

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