उज्जैन: 15 अप्रैल: वरिष्ठ RTI कार्यकर्ता अजय दुबे ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा की सूचना का अधिकार की मदद से मिले दस्तावेज बताते हैं कि चीफ टेक्नीकल एक्सामिनर आफिस ने सिहस्थ 2016 के तहत हो रहे कार्यो का जून 2015 से सितंबर 2015 तक पीब्लूडी, पीएचई, नगर निगम उज्जैन, उज्जैन विकास प्राधिकरण, मप्र पर्यटन विकास निगम, जल संसाधन विभाग निर्माणाधीन कार्यों का आकलन किया। संगठन को इंसपेक्शन के दौरान अधिकतर स्थानो पर न तो अभिलेख मिले और न ही जिम्मेदार अधिकारियो के जवाब आज तक मिले। राजनैतिक दबाब के तहत इंसपेक्शन सितंबर 2015 के बाद रोक दिये गये।
अजय दुबे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया है की सिहस्थ 2004 के घोटाले के बाद सबक लेते हुये उन्होने इस महाकुंभ मे गड़बडियो को क्यो नही रोका ? जबकि उन्होने स्वयं और मुख्य सचिव डिसा ने तमाम मंत्रियो एंव आला अधिकारियो के साथ इसकी लगातार मानिटरिंग की। दुबे ने कहा की मुख्यमंत्री की आखिरी समीक्षा बैठक 10 मार्च 2016 में प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह के अनुसार मेला क्षेत्र में 1000 में से केवल 85 स्टैंड पोस्ट लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग द्वारा लगाए गए है। उज्जैन के नए अस्पताल जो 450 बिस्तर का है में निर्माण में गड़बड़ी हुयी, पंचकोशी यात्रा में मप्र पर्यटन विकास निगम के कामो में प्रगति निराशाजनक है। अजय दुबे के अनुसार ऊर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल के भाई विनोद शुक्ल की कंपनी द्वारा बनाए गए एल सी -3 एम आर -10 रोड पर ROB पर गड़बड़िया पाई गयी। मेला भवन के निर्माण में गड़बड़िया पाई गयी।
दुबे ने सवाल उठाया की मुख्यमंत्री ने सिहस्थ 2004 में हुये भ्रष्टाचार की जांच करने वाली वरिष्ठ आईएएस अधिकारियो की समिति की रिपोर्ट की सिफारिशो पर उचित कदम क्यो नही उठाये ? रिपोर्ट कहाँ ? क्या मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट देखी ? उन्होंने कहा कमी सामान्य प्रशासन विभाग विभाग से ये रिपोर्ट गायब है। प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में सिहस्थ 2016 के लिये केवल 100 करोड़ की मदद क्यो दी जबकि मप्र सरकार ने 2000 हजार करोड़ मांगे थे ? क्या कई अवार्ड जितने वाली प्रदेश की सरकार की दागी छवि इसके लिये जिम्मेदार है?
अजय दुबे के अनुसार मप्र सरकार जो कर्जे मे डूबी है उसने इस कमी को कैसे पूरा किया ? दस्तावेज बताते है कि मप्र के मुख्य सचिव ने अभी तक कुल 501 कार्यो हेतू 2503.83 करोड की राशि की स्वीकृति दी है। उन्होंने पूछा की GIS मैप कहा है ? बहु भाषायी मैप कहा है ? पर्यटन निगम ने P P P मॉडल पर किराए से रहने के प्रस्ताव पर क्या व्यवस्था की ? कोठी पैलेस में लाइट साउंड शो की हालत बदहाल है और पर्यटक गायब है.
RTI कार्यकर्ता दुबे ने कहा की उज्जैन मेला क्षेत्र में 67 करोड़ रुपए खर्च करके भी पीने के पानी भी व्यवस्था बेहट ख़राब है और 62 करोड़ रुपए खर्च कर गंदे पानी का निष्पादन नहीं हो पा रहा है ? साधु संत नाराज है। मुख्यमंत्री ने आखिरी समीक्षा बैठक 10 मार्च 2016 को ली थी जिसमे सारे विभागों ने 31 मार्च तक 2016 तक काम पूरे करने की बात कही लेकिन हकीकत ये है की आज भी कई काम अधूरे है।
दुबे के अनुसार मुख्यमंत्री ने महाकुंभ सिंहस्थ 2016 की मार्केटिंग में करोडो का भारी खर्च क्यों किया ? आदि काल से श्रदालु गण पंचांग के अनुसार कुम्भ में आते न की मार्केटिंग से। शिवराज सरकार ने सूखे और किसानों की आत्महत्या की समस्या को दरकिनार कर उज्जैन नगर निगम को प्रिंट मीडिया /इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मेला अवधि 1 महीने के लिए 2 करोड़ रखे है जो बहुत आपत्तिजनक है। इसके अलावा हार फूल आदि के लिए 2 करोड़ रखे है जो पैसे की बर्बादी है। जनसम्पर्क विभाग तो मीडिया के लिए अलग से 7 करोड़ खर्च कर मीडिया सेंटर बना रहा है।
अजय दुबे ने राज्य सरकार से अपने सवालों के जबाब मांगे हैं. साथ ही सिंहस्थ 2016 से जुड़े मामलों की जाँच के लिए प्रधानमंत्री से फोरेंसिक ऑडिट की जाँच की मांग की है।
अजय दुबे ने चेतावनी दी है की अगर सरकार ने निष्पक्ष जाँच नहीं करवाई तो वे हाई कोर्ट की शरण में जाएंगे।