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कोहिनूर मुद्दा : 'एसजीपीसी सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवाद दाखिल करे'
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विपक्ष की आय के अज्ञात स्रोतों की जांच हो : ममता
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कोहिनूर मुद्दा : 'एसजीपीसी सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवाद दाखिल करे'

एशियन स्नूकर चैम्पियनशिप के प्री-क्वार्टर में पहुंचे आडवाणी

मोदी ने आडवाणी से मुलाकात की

विपक्ष की आय के अज्ञात स्रोतों की जांच हो : ममता

जल संकट से सहमा शिमला का पर्यटन उद्योग

विशाल गुलाटी
शिमला, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। अपनी खूबसूरती और मौसम के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने वाला शहर शिमला आज जल संकट से जूझ रहा है। आज हालात ऐसे हो चुके हैं कि यहां के होटलों के साथ-साथ पर्यटकों को भी जरूरत की हर बाल्टी पानी के लिए मोटी रकम ढीली करनी पड़ रही है।

लखनऊ से यहां पर्यटक के रूप में आईं दीप्ति भटनागर ने आईएएनएस से कहा, "जिस होटल में हम लोग ठहरे हैं, वहां बिल्कुल पानी नहीं है। एक बाल्टी पानी के लिए हमसे 100 रुपये लिए गए।"

उनके पति प्रज्ञा ने कहा, "संभवत: यह देश का एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां पर्यटकों से शायद यह उम्मीद की जा रही है कि वे पानी साथ लेकर आएं।"

शिमला के अधिकांश नल सूखे हुए हैं। पानी की आपूर्ति दो-तीन दिनों में एक बार ही होती है। आस पास के इलाकों में तो हफ्ते में एक ही दिन नल से पानी मिलता है।

इससे शिमला के 450 होटल और गेस्ट हाउस के मालिक और प्रबंधक बहुत दुखी हैं।

ओबेराय समूह के क्लार्क्‍स होटल के महाप्रबंधक डी. पी. भाटिया ने आईएएनएस से कहा, "हम अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए पांच हजार रुपये में तीन हजार लीटर पानी का टैंकर खरीद रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि निजी आपूर्तिकर्ता शिमला के बाहरी इलाकों में स्थित प्राकृतिक संसाधनों से ही होटलों में बेचने के लिए पानी ला रहे हैं।

नगर निकाय के अधिकारियों का कहना है कि दो जनवरी को जब से पीलिया फैलने के बाद अश्वनी कुंड से पानी की आपूर्ति रोक दी गई, तब से पानी की कमी और अधिक हो गई है।

पीलिया फैलने से पहले शिमला की एक तिहाई आबादी के लिए अश्वनी कुंड जल स्रोत था और वहां से प्रति दिन एक करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति होती थी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां गुरुवार को आपातकालीन बैठक में अधिकारियों को कुंड को प्रदूषण मुक्त करके का उपाय करते हुए इससे पानी की आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया।

राज्य सरकार ने विधानसभा को पिछले हफ्ते जानकारी दी है कि शिमला में प्रति दिन 4.2 करोड़ से 4.3 करोड़ लीटर पानी की खपत है लेकिन आपूर्ति 3.2 करोड़ से 3.5 करोड़ लीटर हो रही है।

सरकार ने कहा है कि शहर में पानी हर दूसरे दिन मात्र 45 से 90 मिनट दिया जा रहा है।

हालांकि, लगता है यह दावा भी बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है।

स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज ने पानी संकट का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि तीन-चार दिन के बाद महज 20-25 मिनट के लिए पानी आता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • कोहिनूर मुद्दा : 'एसजीपीसी सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवाद दाखिल करे'

    चंडीगढ़, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रतिवाद दाखिल करने को कहा। ऐसा इसलिए कि भारत को कोहिनूर हीरा लौटाने पर फैसला देने के पहले सर्वोच्च अदालत कमेटी की बात भी सुन पाए।

    पंजाब के उपमुख्यमंत्री बादल के मीडिया सलाहकार जगवीर सिंह ने कहा, "एसजीपीसी जनहित याचिका में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करेगी और उस हीरे को इस धार्मिक संस्था को लौटाने की मांग करेगी जो अभी ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में है।"

    उन्होंने कहा, "यह दावा इस आधार पर किया जाएगा कि महाराजा रणजीत सिंह खालसा राज के प्रमुख थे। इस तरह की किसी प्रणाली के अभाव में एसजीपीसी ही सिख समुदाय की प्रतिनिधि है जिसका वास्तव में वह हीरा है।"

    एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने मंगलवार को कोहिनूर को सिख समुदाय को लौटाने की मांग की थी क्योंकि 19वीं शताब्दी में यह सिख साम्राज्य का हिस्सा था।

    इस मुद्दे पर एक और फैसले में सत्तारूढ़ अकाली दल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के लिए पार्टी नेताओं की जिम्मेदारी तय की है ताकि वे सिख समुदाय की ओर से उन्हें एक प्रतिवेदन दे सकें। साथ ही केंद्रीय संस्कृति मंत्री की ओर से इसी हफ्ते अदालत में दिए गए गलत बयान को समझा सकें।

    पार्टी के बयान में कहा गया है कि अकाली दल का प्रनिनिधिमंडल सुषमा स्वराज को यह समझाएगा कि पंजाब के आखिरी शासक महाराजा दिलीप सिंह से कोहिनूर लूटा गया था।

    पार्टी ने कहा है कि किसी भी तरह से इसे मुआवजा या उपहार देना नहीं माना जा सकता है।

    यह भी कहा गया है कि पार्टी को इसका पूरा विश्वास है कि केंद्र इस पर पुनर्विचार करेगा।

    बयान में कहा गया है, "हमारा मानना है कि कोहिनूर को लौटा कर जो गलत हुआ है उसे सही किया जा सकता है।"

    सिखों और अंग्रेजों के युद्ध के बाद जब ब्रिटेन ने सिख शासन वाले अविभाजित पंजाब पर कब्जा कर लिया था तब महारानी विक्टोरिया को 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा उपहार स्वरूप दिया गया था।

    टावर ऑफ लंदन में कड़ी सुरक्षा के बीच कोहिनूर को रखा गया है। इस हीरे पर भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान दावा करते हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मोदी ने आडवाणी से मुलाकात की

    नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी से उनके आवास पर मुलाकात की और लगभग आधा घंटा उनके साथ बिताया।

    आडवाणी के करीबी एक सूत्र ने कहा कि मोदी वहां 25 मिनट से अधिक समय तक रहे।

    सूत्र ने कहा, "यह एक सद्भावना मुलाकात थी, क्योंकि मोदी 17 अप्रैल को कमला आडवाणी की श्रद्धांजलि सभा में शामिल नहीं हो पाए थे।"

    लालकृष्ण आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी का छह अप्रैल को निधन हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू 17 अप्रैल को दिल्ली में हुई श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हुए थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • विपक्ष की आय के अज्ञात स्रोतों की जांच हो : ममता
    कोलकाता, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की संपत्तियों की जांच कराने की बुधवार को मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, भाजपा और माकपा की आय का बड़ा हिस्सा अज्ञात स्रोतों से है।

    बनर्जी ने उत्तर 24 परगना जिले के दम दम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस की 82.5 प्रतिशत आय का स्रोत, भाजपा की 73 प्रतिशत आय का स्रोत और माकपा की 53 प्रतिशत आय का स्रोत अज्ञात है। इसकी जांच की जानी चाहिए। ये धनराशि कहां से आ रही है।"

    तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता ने झूठ के अनवरत अभियान के लिए विपक्ष पर हमला किया और माकपा व कांग्रेस के बेमेल गठजोड़ का मजाक उड़ाया।

    बनर्जी ने मंगलवार को भी हावड़ा जिले के जगतबल्लभपुर में आय के अज्ञात स्रोतों के बारे में बात की थी, और कहा था कि विपक्ष को तृणमूल पर उंगली उठाने का साहस नहीं करना चाहिए।

    ममता ने कहा कि विपक्ष का एकमात्र एजेंडा उन्हें गाली देना और बंगाल का अपमान करने का है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • जाइवी मोबाइल्स ने पेश किए 699 से 1199 रुपये के फोन
    नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। जाइवी मोबाइल्स-मैजिकॉन इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड के मोबाइल डिविजन ने फीचर फोन का नया प्रोडक्ट पोर्टफोलियो लांच किया है। इसमें शुरुआती कीमत 699रु. से लेकर 1199रु. के फोन हैं। शानदार स्टाइल के साथ आधुनिक तकनीक के तालमेल से बने ये फोन कम कीमत में बेजोड़ और बेहतर अनुभव लेने के इच्छुक लोगों का सच्चा साथी है।

    नई प्रोडक्ट रेंज की लांच पर जाइवी मोबाइल्स के सीईओ पंकज आनंद ने कहा, "हमें सभी की बजट में आने वाले सात नए फोन पेश करने की खुशी है। ये उनकी चाहत और जरूरत पूरा करेंगे जो बाजार में उपलब्ध महंगे फोन नहीं खरीद सकते। हमारे फोन 699रु., 799रु., 849रु., 949रु., 1099रु. और 1199रु. के हैं। हमारे सारे फोन और चार्जर भारतीय मानक ब्यूरो (आईएसआई) से मान्यता प्राप्त हैं। ये 'मेक इन इंडिया' प्रोडक्ट हैं जो दिल्ली में हाल में स्थापित हमारे संयंत्र में बनेंगे।"

    जाइवी मोबाइल्स ने 200 करोड़ रुपये के निवेश से दो नए संयंत्र लगा कर प्रधानमंत्री का 'मेक इन इंडिया' का सपना सच करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जाइवी मोबाइल्स का पहला संयंत्र नई दिल्ली के महिपालपुर में है। यह 15000 वर्गफुट संयंत्र उत्तर और पूर्व भारत में जाइवी मोबाइल्स की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। कम्पनी के पहले संयंत्र (महिपालपुर) मंे प्रति माह 7 लाख मोबाइल बनाने की क्षमता है।

    जाइवी का दूसरा संयंत्र महाराश्ट्र के लोनावला में है। यह संयंत्र दक्षिण और पष्चिम भारत में जाइवी मोबाइल्स की मांग पूरा करेगा। आने वाले कुछ महीनों में यहां उत्पादन षुरू होगा।

    जाइवी के हर फीचर फोन के लिए 'दोगुनी बचत दोगुना फायदा' स्कीम के तहत 9 वाट का एलईडी बल्ब फ्री है। यह स्कीम भी नरेंद्र मोदी की स्कीम 'प्रकाश पथ' - 'उजाला की ओर' के अनुरूप है जिसका मकसद आम आदमी की बिजली और पैसे की बचत करना है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • जमाखोरों पर रखें कड़ी नजर : मोदी
    नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि अधिकारियों को जमाखोरों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए ताकि जिस प्रकार से 2015 में दाल की कमी हुई थी, वह दोबारा न हो।

    यहां मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने राज्य सरकारों को निर्देश भी दिया कि वे जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

    जानकार सूत्रों के मुताबिक बैठक में दालों और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और कीमत का मुद्दा प्रमुखता से उठा।

    मोदी ने खाद्य मंत्रालय को निर्देश दिया कि राज्यों द्वारा दालों की सरकारी खरीद में आने वाली समस्याओं को दूर करने का उपाय किया जाए ताकि जैसा पिछले साल हुआ था, इस बार न हो।

    पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, "हम दालों की कीमतों की निगरानी कर रहे हैं। राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए कहा गया है।"

    पिछले साल दाल की कीमत में काफी तेजी देखी गई थी। केंद्र सरकार को आननफानन में 5,000 टन दालों का आयात करना पड़ा था।

    कृषि मंत्रालय के साल 2015-16 में 1.73 करोड़ टन दालों के उत्पादन का अनुमान लगाया है जो कि पिछले साल के 1.71 करोड़ टन उत्पादन से थोड़ा ज्यादा है। यह मांग की तुलना में कम है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मथुरा-वृंदावन में आधुनिक रेल बस सेवा फिर शुरू हो : अखिलेश
    लखनऊ, 20 अप्रैल (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा-वृंदावन में पर्यटक सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने एवं ट्रैफिक की समस्या से निजात के लिए, रेल मंत्री सुरेश प्रभु से आधुनिक रेल बस सेवा को प्राथमिकता पर पुन: शुरू कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने मथुरा में रेलवे की खाली पड़ी भूमि व स्टेशन को मथुरा-वृन्दावन के धार्मिक एवं पौराणिक स्वरूप के अनुरूप विकसित करने का भी अनुरोध किया है।

    इस सम्बन्ध में रेल मंत्री को लिखे अपने एक पत्र में मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि मथुरा-वृन्दावन के बीच पिछले कई वर्षो से रेल बस सेवा प्रचलित थी, लेकिन वर्तमान में रेलवे ट्रैक सही न होने एवं रेल बस इंजन में खराबी के फलस्वरूप इस सेवा को बंद कर दिया गया है। इससे इस क्षेत्र की पर्यटन एवं नागरिक सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।

    मुख्यमंत्री ने मथुरा-वृन्दावन के महत्व का जिक्र करते हुए कहा है कि यह क्षेत्र तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यहां पूरे विश्व से बड़ी संख्या में पर्यटकों का वर्ष भर आना-जाना बना रहता है। मथुरा व वृन्दावन के अधिकांश पर्यटक स्थल एवं पौराणिक मंदिर जैसे श्रीकृष्ण जन्म स्थान, द्वारिकाधीश मंदिर एवं बांके बिहारी मंदिर आदि संकरे मार्गो पर स्थित हैं। पूर्व में संचालित रेल बस सेवा इनमें से अधिकांश स्थलों को जोड़ने का कार्य करती थी, जिसके फलस्वरूप इस क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या से निपटने में भी मदद मिलती थी।

    मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि हेरिटेज सिटी की दृष्टि से इस क्षेत्र में रेल बस सेवा का संचालन बहुत जरूरी है। पर्यटक तथा इस क्षेत्र के निवासी भी लगातार रेल बस सेवा पुन: शुरू किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों एवं जनता को बेहतर एवं सुगम यातायात उपलब्ध कराने हेतु मथुरा-वृन्दावन रेल-बस सेवा को प्राथमिकता के आधार पर पुन: संचालित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि क्षेत्र के महत्व को देखते हुए रेल मंत्रालय इस मामले में तत्काल निर्णय लेते हुए पूर्व में संचालित रेल-बस सेवा को और अधिक बेहतर ढंग से शुरू करेगा।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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शीबा असलम फ़हमी यह टी वी पर हंगामेदार बहस का हिस्सा है, विषय है की क्या मुस्लमान महिलाऐं 'क़ाज़ी' बन सकती हैं? डिबेट में शामिल मौलानाओं को ऐतराज़ है की...

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लंदन, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। नींद हमारे जैविक चक्र (बायोलॉजिकल साइकल) का एक अहम हिस्सा है और इसमें खलल विशेषकर नाइट शिफ्ट में काम करने के कारण पड़ने वाली खलल पुरुषों...