संदीप नाईक
सिंहस्थ के बेशर्म साधुओं और मध्यप्रदेश के निर्लज्ज प्रशासन के नाम जो सूखे प्रदेश में धर्म के नाम पर मालपुए उड़ा रहे है और पानी बर्बाद कर रहे है।
ग्राम पंचायत रमखिरिया के राजापुर ग्राम, जिला पन्ना, मप्र, में देखा कि लोग नालों ओर झिरियों के गंदे पानी से पेय जल की पूर्ति कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्राम खजरी कुडार में ऐसा भीषण पेय जल संकट है कि एक माह में लगभग 100 गायों ने दम तोड़ दिया है । गौ के माता के नारे लगाने वालों को भी सूचित कर देना चाहता हूँ कि हमारी गौ माताएं दम तोड़ रही है और लोग प्यास से पलायन ही नही कर रहे, मर भी रहे है।
भाई यूशुफ बेग, रविकांत पाठक और साथियों की टीम कल से जल स्रोतों की सफाई का काम शुरू कर रही है ताकि गौ माता, अन्य चौपायों के साथ इंसानी जिंदगी को भी बचाया जा सकें। उज्जैब के सिंहस्थ में धर्म के नाम पर दान करके परलोक में अपनी सीट बुक करवाने वालों को ये कभी दिखेगा, या साधुओं की चाटुकारिता करके पूरी शर्म बेच दोगे ?
प्रदेश शासन और प्रशासन ने तो निर्लज्जता की सीमाएं लांघकर मालवा का नर्मदा जल भी उज्जैन में उंडेल दिया है और 5000 करोड़ रुपयों का खेल खेलने में व्यस्त है।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुण्य कमाने में व्यस्त, सबसे बड़ी फर्जी सदस्यता वाली पार्टी राम नवमी पर सूखे में जुलुस निकालने में व्यस्त और परिधान मंत्री डा आम्बेडकर के बहाने अपनी माँ को अब बर्तन मांजने वाली बनाकर पांच राज्यों में सत्ता हथियाने में व्यस्त तो देश की गौ माता का ध्यान कौन रखेगा, और पूरे बुन्देलखण्ड के लोगों की मौत का मातम कौन मनायेगा ? जिला प्रशासन के लोग मुआवजे की राशि के गणित में लगे है ।
उफ़, यह प्रदेश है या कत्लगाह !!!
हम सब लोग जो वहाँ जा रहे है बेचैन है और कुछ सूझ नही रहा और पूरे प्रदेश, देश के लोग शिवराज जी के मुस्कुराते चेहरे के विज्ञापन पर उज्जैन पुण्य के बहाने नहाने आ रहे है !!!
कितने और वीभत्स होंगे हम और अभी ???