सुजीत चक्रवर्ती
अगरतला, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर की इस उपलब्धि की खबर सोमवार को देशभर में फैली।
लेकिन, त्रिपुरा में इसका जश्न कुछ अधिक धूमधाम से मनाया गया क्योंकि वह इसी राज्य की निवासी हैं।
रियो ओलम्पिक खेलों के लिए रियो डी जेनेरियो में एक टेस्ट इवेंट के फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए दीपा ने ओलम्पिक टिकट हासिल किया है।
दीपा के पिता दुलाल करमाकर ने आईएएनएस को बताया, "हमें टेलीविजन के जरिए इसकी जानकारी मिली। रविवार से ही हमारा परिवार टेलीविजन के आगे बैठा हुआ है। जैसे ही दीपा के ओलम्पिक में क्वालीफाई करने की खबर आई, सभी चिल्ला पड़े।"
दीपा की मां गौरी करमाकर ने खुशी से आंखों में छलक आए आंसुओं को पोंछते हुए कहा, "इतने वर्षो से देखा गया हमारा सपना पूरा हो गया। हमारी बेटी को सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेल में जगह मिली है।"
गौरी ने कहा, "रियो डी जेनेरियो से फोन पर शनिवार को बात करते हुए दीपा थोड़ी नर्वस लगी थी।"
विश्व जिमनास्टिक महासंघ-एफआईजी की वेबसाइट के मुताबिक 22 साल की दीपा ने टेस्ट इवेंट में कुल 52.698 अंक हासिल कर आर्टिस्टिक जिमनास्टिक के लिए क्वालिफाई किया। उन्होंने रविवार को अनइवन बार्स में खराब प्रदर्शन किया था लेकिन बीम तथा फ्लोर एक्सरसाइज में उनका प्रदर्शन इस काबिल रहा कि वह ओलम्पिक टिकट हासिल कर सकीं।
टेलीविजन के जरिए दीपा की उपलब्धि की खबर पाकर सभी खेल प्रेमी, विशेषकर दीपा के अभोयनगर स्थित घर के बाहर फूलों के गुलदस्ते और मिठाइयों के साथ इकट्ठा हुए।
दीपा और उनके कोच बिस्वेश्वर नंदी को बधाई देते हुए त्रिपुरा के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री साहिद चौधरी ने आईएएनएस से कहा, "हमें आशा है कि रियो ओलम्पिक में दीपा पदक जीतेंगी। हम उन्हें मदद देने के लिए तैयार हैं।"
खेल मंत्री ने कहा, "दीपा की उपलब्धि से अन्य भारतीय जिमनास्ट को, खासकर त्रिपुरा के खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय खेल जगत में भारत के नाम को और भी रोशन कर दिया है।"
इंफाल स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में भारोत्तोलन कोच दुलाल करमाकर ने कहा, "उन्हें जिमनास्टिक में और भी उपलब्धि के लिए अपने कौशल को बढ़ाने के लिए अधिक तौर पर तकनीकी और वित्तीय सहायता की जरूरत है।"
दुलाल ने कहा, "हम अपनी बेटी के प्रदर्शन से काफी खुश हैं। उसकी यह उपलब्धि उसके कोच के कारण भी है, जिन्होंने उसे प्रशिक्षण देने के लिए कड़ी मेहनत की और दीपा ने अपने कोच के सभी आदेशों का पालन किया।"
त्रिपुरा से एक अन्य जिमनास्ट और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त मंतु देबनाथ ने कहा, "त्रिपुरा में कई युवा पुरुष और महिलाएं हैं, जिनके पास जिमानस्टिक के लिए बेहतरीन कौशल है और उन्हें समर्थन तथा प्रेरणा मिले, तो वे अपनी प्रतिभा दर्शाने में सक्षम रहेंगे।"
ग्लासगो में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में जिमनास्टिक में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट दीपा पांच बार की राष्ट्रीय विजेता हैं। वह त्रिपुरा के खेल एवं युवा मामलों के विभाग में शारीरिक प्रशिक्षक भी हैं।
दीपा को पिछले साल अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था। रियो ओलम्पिक का टिकट हासिल कर इतिहास बनाने वाली भारतीय जिमनास्ट ने छह साल की उम्र में जिमनास्टिक में कदम रखा था।
निर्वाचन आयोग ने चुनाव से संबंधित मामलों को लोकप्रिय बनाने के लिए दीपा को त्रिपुरा राज्य के 'इलेक्शन आइकॉन' के रूप में भी चुना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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