लंदन, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। वैश्विक तौर पर ई-सिगरेट के प्रचार का उद्देश्य लोगों की धूम्रपान की लत छुड़ाना है, लेकिन ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रचार किशोरों में ई-सिगरेट को बढ़ावा दे सकता है।
वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि ई-सिगरेट के प्रचार का प्रभाव किशोरों के दिल-दिमाग पर लंबे समय तक रहता है, और वह इसका वर्तमान या भविष्य में इस्तेमाल करने की कोशिश जरूर करते हैं।
इस शोध के लिए स्कॉटलैंड के चार स्कूलों के 11 से 18 साल के 3,808 छात्रों पर अध्ययन किया गया था।
शोध के दौरान पता चला कि जो किशोर ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर चुके थे, उन्होंने इसका दोबारा इस्तेमाल केवल एक या दो बार किया। वह इसके नियमित उपभोक्ता नहीं थे। वहीं पूर्व में तंबाकू का सेवन कर चुके युवाओं में ई-सिरगेट के प्रयोग की संभावना अधिक देखी गई।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ स्टिरलिंग से कैथरीन बेस्ट ने बताया, "स्वास्थ्य नीतिनिर्माताओं के लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि धूम्रपान का सेवन करने वाले वयस्कों के लिए ई-सिगरेट का प्रचार को संतुलित बनाया जाए। यह वयस्कों को सहायता पहुंचाने के साथ ही युवाओं को इससे दूर रखे।"
यह शोध 'बीएमसी पब्लिक हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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