कोलकाता, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण के चुनाव के तहत 56 विधानसभा क्षेत्रों में रविवार को प्रथम दो घंटों में 21 प्रतिशत मतदान हुआ है।
विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा में लिप्त होने तथा मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इस सिरे खारिज कर दिया।
मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। इस चरण में करीब 1.22 करोड़ मतदाता 383 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं, जिनमें से 33 महिला उम्मीदवार हैं। मतदान 13,645 मतदान केंद्रों पर हो रहा है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "सुबह नौ बजे तक अलीपुरद्वार में 20.66 प्रतिशत, जलपाईगुड़ी में 20.45 प्रतिशत, दार्जिलिंग में 19 प्रतिशत, उत्तर दिनाजपुर में 24 प्रतिशत, दक्षिण दिनाजपुर में 25.33 प्रतिशत, मालदा में 18.32 प्रतिशत और बीरभूम में 21.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किए गए। कुल मिलाकर 21.64 प्रतिशत मत पड़े हैं।"
इस चरण में अलीपुरद्वार जिले में पांच, जलपाईगुड़ी में सात, उत्तरी दिनाजपुर में नौ, दार्जिलिंग व दक्षिणी दिनाजपुर में छह-छह और मालदा में 12 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहे हैं।
दक्षिण बंगाल के एक मात्र बीरभूम जिले के 11 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में भी इसी चरण में मतदान हो रहा है। इनमें सात विधानसभा क्षेत्रों -दुबराजपुर, सूरी, नलहाटी, रामपुरहट, सेथिया, हनसान और मुराराय नक्सल प्रभावित श्रेणी में रखे गए हैं।
इन सातों विधानसभा क्षेत्रों में मतदान अन्य क्षेत्रों के लिए निर्धारित समय चार बजे से दो घंटे पहले समाप्त हो जाएंगे।
चुनाव आयोग ने मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है। सीसीटीवी से निगरानी और वीडियोग्राफी के अलावा संवेदनशील क्षेत्रों की सीधी निगरानी की जा रही है। 700 सचल सर्विलांस कर्मी भी निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
2909 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है और इनके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
चुनाव आयोग ने इन 56 विधानसभा क्षेत्रों में 3827 उपद्रवियों को चिन्हित किया है और 16000 ऐसे लोगों को चिन्हित किया है, जिन्हे उपद्रवी प्रभावित कर सकते हैं।
मालदा के इंगलिश बाजार में मतदान अधिकारी की उपस्थिति में फर्जी मतदान के आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में चुनाव आयोग ने कहा कि अधिकारी को हटा दिया गया है।
मतदान के दौरान छिटपुट हिंसक घटनाओं की भी खबर मिली है। बीरभूम के बोलपुर में तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर कथित रूप से हमले किए। नानूर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने माकपा के मतदान अभिकर्ता पर कथित रूप से हमले किए।
मयूरेश्वर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी ने कहा कि उनके क्षेत्र में मतदान केंद्र के अंदर केद्रीय बलों के जवानों के साथ पुलिसकर्मी भी देखे गए।
गत 2011 के विधानसभा के चुनाव में इन 56 विधानसभा क्षेत्रों में तृणमूल और उसके तत्कालीन घटक दल कांग्रेस को 18-18 सीटें मिलीं थीं, जबकि वाम मोर्चा को 15 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को तीन और दो निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीते थे।
तृणमूल 55, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 53, कांग्रेस 23, वाम मोर्चा 34 और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कैप्टन व तृणमूल के उम्मीदवार बाइचुंग भूटिया, राज्य के पूर्व मंत्री एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिग्गज नेता अशोक भट्टाचार्य के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
मालदा जिले के सुजापुर पर भी लोगों की निगाहें रहेंगी, जहां से कांग्रेस के दिवंगत नेता ए.बी.ए. गनी खान चौधरी के दो रिश्तेदार चुनाव मैदान में हैं।
चौधरी के छोटे भाई अबू नासिर खान चौधरी तृणमूल के टिकट पर, अपने भतीजे कांग्रेस के उम्मीदवार इशा खान चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
अन्य कद्दावर उम्मीदवारों में राज्य के मंत्रियों में गौतम देब (दरग्राम-पुल्लबारी), कृष्णेंदु नारायण चौधरी (इंगलिश बाजार) और साबित्री मित्रा (मानीचक) भी मैदान में हैं।
अब तक 294 निर्वाचन क्षेत्रों में से 49 में मतदाताओं ने चार व 11 अप्रैल को प्रथम चरण में मतदान किया है।
पश्चिम बंगाल में छह चरणों में मतदान हो रहा है। शेष चरणों के मतदान 21, 25, 30 अप्रैल और पांच मई को होने हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
बंगाल चुनाव : प्रथम 2 घंटे में 21 फीसदी मतदान
खरी बात
प्यास बुझानी है तो धरती को करना होगा रिचार्ज
अतुल गौड़ आधुनिक दौड़ में विकास की अंधी प्रतिस्पर्धा में हर कोई बस भागना चाहता है। एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ इतनी भयंकर है कि नुकसान क्या हो...
आधी दुनिया
टी वी पर हंगामेदार बहस: मुस्लमान महिलाऐं 'क़ाज़ी' बन सकती हैं?
शीबा असलम फ़हमी यह टी वी पर हंगामेदार बहस का हिस्सा है, विषय है की क्या मुस्लमान महिलाऐं 'क़ाज़ी' बन सकती हैं? डिबेट में शामिल मौलानाओं को ऐतराज़ है की...
जीवनशैली
महिलाओं पर नाइटशिफ्ट के ज्यादा दुष्परिणाम
लंदन, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। नींद हमारे जैविक चक्र (बायोलॉजिकल साइकल) का एक अहम हिस्सा है और इसमें खलल विशेषकर नाइट शिफ्ट में काम करने के कारण पड़ने वाली खलल पुरुषों...