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बुंदेलखंड : किसानों ने जंगलों में छोड़े मवेशी

संदीप पौराणिक
भोपाल, 8 जनवरी (आईएएनएस)। बुंदेलखंड एक बार फिर सूखे की मार से दो-चार हो रहा है। खेत वीरान पड़े हैं और मवेशियों को खाने के लिए चारा भी आसानी से नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि किसान मवेशियों को घर पर रखने की बजाय जंगलों में छोड़ रहे हैं, ताकि उन्हें पेट भरने के लिए कुछ तो मिल सके।

इस इलाके के जंगलों में जाएं तो मशेवियों की मौजूदगी इस बात का खुलासा कर देती है कि मवेशी अब घरों के स्थान पर जंगलों की शरण में है।

बुंदेलखंड मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिलों को मिलाकर बनता है, लेकिन हालात एक समान है। एक तरफ वर्षा कम हुई है और दूसरी ओर पैदावार भी काफी कम हुई है। इन हालात ने इस क्षेत्र के किसानों की जिंदगी को मुसीबतों से भर दिया है। किसान तो पलायन कर अपना पेट भरने का इंतजाम करने की तैयारी कर रहे हैं, मगर उनके सामने बड़ी समस्या मवेशियों का पेट भरने की हैं।

टीकमगढ़ जिले के मस्तापुर निवासी गुलाब विश्वकर्मा सूखा के चलते पैदा हुए हालात की चर्चा करते हुए कहते हैं कि वर्षा कम होने से फसल पूरी तरह चौपट हो गई, गेहूं की बुवाई नहीं हो पाई है। आने वाले समय में उन्हें दाने-दाने को मोहताज होना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर मवेशियों के लिए चारा नहीं है। इस स्थिति में उनके लिए मवेशियों का पेट भर पाना मुश्किल होगा।

उन्होंने आगे बताया कि मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध न होने की स्थिति में उनके पास सिर्फ एक ही रास्ता बचता है और वह है मवेशियों को जंगल की ओर छोड़ा जाए, ताकि उन्हें वहां खाने के लिए कुछ तो मिल सकेगा और पानी के स्रोत तक भी वे पहुंच सकेंगे और मवेशियों की जान बच जाएगी।

इसी गांव के किसान शिवराज चढार बताते हैं कि उन्होंने बीते डेढ़ दशकों में ऐसा सूखा नहीं देखा है। यह बात सही है कि सूखा इस इलाके की नियति बन चुका है, मगर इस बार हालात ज्यादा ही खराब हैं। इतना ही नहीं, आने वाले साल में संकट और गहराना तय है जो अभी से डरा रहा है।

खेतों में दाना पैदा होना तो छोड़िए, मवेशी को खिलाने के लिए चारा तक नसीब नहीं हुआ है। यहां खेती के साथ पशुधन जीवन चलाने में मदद करता है, मगर इस बार मवेशी को बचाना भी मुश्किल हो गया है। घरों में रखकर उन्हीं मवेशियों को चारा खिला पा रहे हैं, जो दूध दे रहे हैं।

वहीं महोबा जिले के चौका गांव में दयाशंकर कौशिक एक गौशाला का संचालन करते हैं। इस गौशाला में तीन सौ से ज्यादा गाय हैं, ये वैसी गाय हैं जो परित्यक्त हैं और कसाइयों से छुड़ाई गई हैं।

कौशिक बताते हैं कि उनके लिए राशि खर्च करने के बाद भी चारे का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। कहीं भी चारा नहीं मिल रहा है, उनके लिए तो धर्म संकट की स्थिति खड़ी हो गई है कि आखिर वे अब क्या करें। शासन और प्रशासन भी उनकी मदद को तैयार नहीं है।

बुंदेलखंड आपदा निवारण मंच के संयोजक डॉ. संजय सिंह का कहना है कि इस क्षेत्र में आय का मुख्य जरिया खेती है और उसमें सहायक पशु पालन हैं। मवेशियों के जंगल में छोड़ने से इस क्षेत्र के पशुधन विहीन होने का खतरा मंडराने का अंदेशा है, क्योंकि आगामी वर्ष में बारिश अच्छी होने और सरकारों के प्रयास से खेती को सुधार लिया जाएगा, मगर पशुधन को कैसे समृद्ध किया जाएगा, यह बड़ा सवाल है।

बुंदेलखंड के मध्य प्रदेश में आने वाले छह जिले सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और दतिया के अलावा उत्तर प्रदेश के सात जिलों- झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, बांदा, महोबा और चित्रकूट में कमोवेश एक जैसे हालात हैं। वर्षा कम होने से खेती बुरी स्थिति में है। जलस्रोत अभी से सूख चले हैं। लोग पलायन को मजबूर हैं, मगर दोनों राज्यों की सरकारों ने अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    ऋतुपर्ण दवे
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    दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इसे केंद्र में सत्तारूढ़ और दिल्ली चुनाव बुरी तरह हारी भारतीय जनता पार्टी की कारस्तानी बताई है। सच्चाई जो भी हो, मगर केंद्र के अधीनस्थ दिल्ली पुलिस सुरक्षा में कोताही के आरोप से पल्ला नहीं झाड़ सकती।

    25 मार्च, 2014 को भी वाराणसी में केजरीवाल के रोड शो में स्याही फेंकी गई थी और इस मामले में अम्बरीश सिंह नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था। इससे पहले भी एक बार 18 नवंबर, 2013 को नचिकेता नामक व्यक्ति ने दिल्ली में ही केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी। उस समय भी इसे विरोधियों की हरकत करार दिया गया था।

    इंक अटैक के दुनियाभर में कई मामले चर्चित हैं। भारत में यह चलन हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। निश्चित रूप से ऐसी घटनाएं कानूनी दृष्टिकोण से बड़े मामले नहीं बनते, लेकिन यह भी ठीक नहीं कि इसी आड़ में कानूनी रूप से छोटा लगने वाला, पर सुर्खियों में कई दिनों तक छाए रहने वाले कृत्यों की छूट हो।

    भारत में पहली बार किसी महिला ने किसी बड़े नेता पर इंक अटैक किया। वह भी ऐसी जगह, जहां पर भारी भीड़ के बावजूद मंच पर एक भी महिला सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थी। आज के संदर्भ में सुरक्षा में चूक को लेकर यह 'बड़ी घटना' जरूर कही जाएगी।

    (लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं टिप्पणीकार हैं)

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मप्र : नेपाली परिचय सम्मेलन में 200 युवक-युवतियों की हिस्सेदारी
    भोपाल, 17 जनवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नेपाली समाज का देश का पहला युवक-युवती परिचय सम्मेलन रविवार को आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में देशभर से आए विवाह योग्य 200 युवक-युवतियों ने हिस्सा लिया।

    सम्मेलन में दिल्ली, मुंबई, नागपुर, इंदौर, पुणे, सागर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, देवास, रायसेन सहित विभिन्न शहरों से युवक-युवतियां पहुंचे थे।

    श्री पशुपतिनाथ नेपाली समाज की ओर से जानकारी दी गई कि गोविंदपुरा क्षेत्र में स्थित मंदिर प्रांगण में आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से आए 200 से अधिक विवाह योग्य युवक-युवतियों ने मंच से अपना परिचय देते हुए भावी जीवनसाथी के बारे में बेबाक राय रखी।

    राज्य सरकार के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने समाज की स्मारिका का विमोचन करते हुए कहा कि यह सम्मेलन भारत और नेपाल के ऐतिहासिक संबंध को और प्रगाढ़ बनाएगा।

    विधायक, विश्वास सारंग एवं महिला आयोग की पूर्व सदस्य शशि सिन्हा ने समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान कर मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया।

    इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष लीलामणि पाण्डे, दिवाकर आर्याल, डोलराज भंडारी, पूर्व अध्यक्ष डोलराज गैरे सहित समाज के पूर्व अध्यक्ष, पदाधिकारी एवं वरिष्ठजन उपस्थित थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • कोच्चि स्मार्ट शहर का अगले महीने उद्घाटन
    दुबई/कोच्चि, 17 जनवरी (आईएएनएस)। कोच्चि स्मार्ट शहर के प्रथम चरण का अगले महीने उद्घाटन होगा। परियोजना के निदेशक मंडल की रविवार को दुबई में हुई बैठक में यह फैसला किया गया।

    केरल के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री पी.के. कुन्हलिकुट्टी के मुताबिक, तिथि अगले सप्ताह तय की जाएगी, जब संयुक्त अरब अमीरात से पहुंचने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का नाम तैयार हो जाएगा।

    मंत्री ने संयुक्त उपक्रम साझेदार दुबई होल्डिंग्स से वार्ता करने वाले एक प्रतिनिधिमंडल की अगुआई की थी।

    प्रथम चरण में 6.5 लाख वर्ग फुट का एक भवन बनाया जाएगा। मंत्री के मुताबिक, 25 नई कंपनियों ने कार्यालय आरक्षित कर लिया है।

    उद्घाटन के साथ ही दूसरे चरण के 47 लाख वर्ग फुट के भवन का भी शिलान्यास होगा।

    उद्घाटन समारोह के आयोजक यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मक्तू म के भी शरीक कराने की कोशिश कर रहे हैं, जो दुबई के बादशाह हैं।

    यह परियोजना कोच्चि में 246 एकड़ भूखंड पर तैयार हो रही है। सर्व प्रथम 2004 में मुख्यमंत्री ओमन चांडी के प्रथम कार्यकाल में इसका प्रस्ताव आया था, लेकिन इसके कार्यान्वयन में देरी हो गई। आखिरकार 2014 में इसका निर्माण कार्य शुरू हो सका।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • स्टार्ट-अप इंडिया युवाओं के लिए नवजीवन का द्वार : रूडी
    नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने रविवार को कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम देश के युवाओं के लिए नवजीवन का द्वार होगा।

    रूडी ने यहां एक बयान में कहा, "सही कौशल की खोज करना आज स्टार्ट-अप के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।"

    उन्होंने कहा, "स्टार्ट-अप इंडिया उनके लिए नवजीवन का द्वार होगा।"

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां 'स्टार्ट-अप इंडिया कार्य योजना' पेश की।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • हार्बिन को मरम्मत कार्य के लिए कम ब्याज पर ऋण
    हार्बिन, 17 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। पूर्वोत्तर चीन के हार्बिन शहर को यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) ने रिहायशी इमारतों व स्कूलों की मरम्मत के लिए कम ब्याज दर पर पांच करोड़ यूरो का ऋण दिया है।

    हार्बिन ब्यूरो ऑफ फाइनांस ने रविवार को कहा कि ऋण 18 वर्षो में परिपक्व होगा, जिसकी ब्याज दर 0.44 फीसदी होगी। यह रेनमिनबी की 4.9 फीसदी मध्यम व दीर्घकालिक ऋण दर से बेहद कम है।

    साल 1980 में बनी 806 इमारतों में से अधिकांश का मरम्मत किया जाएगा, जो बहुत अधिक ऊर्जा कुशल नहीं है।

    मरम्मत का कार्य पूरा होने पर परियोजनाओं से कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, ऑक्सीनाइट्राइड तथा धूल के उत्सर्जन में सालाना क्रमश: 266,000 टन, 1,630 टन व 1,040 टन की कमी आएगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ईरान से प्रतिबंध हटा, तेल आयात बढ़ाएगा भारत
    नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। ईरान से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु प्रतिबंध रविवार को हटा लिए जाने के बाद अब भारत वहां से मुक्त भाव से तेल आयात बढ़ा सकेगा।

    सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने आईएएनएस से कहा कि ईरान से मुक्त होकर तेल आयात का यह अवसर तब आया है, जब ईरानी तेल की आपूर्ति बढ़ने से वैश्विक तेल मूल्य में अधिक गिरावट हो सकती है।

    ईरान अभी 11 लाख बैरल तेल का रोजाना निर्यात करता है, जिसमें जल्द ही वह पांच लाख बैरल की वृद्धि करेगा और उसके बाद फिर पांच लाख बैरल की वृद्धि करेगा।

    अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी की इस पुष्टि के बाद प्रतिबंध हटाया गया कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने यह सत्यापित कर दिया है कि ईरान ने बचनबद्धताओं का पूर्ण रूप से पालन किया है।

    शुक्रवार को ब्रिटिश ब्रेंट क्रूड प्रति बैरल 29 डॉलर से नीचे बंद हुआ।

    भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत शुक्रवार को प्रति बैरल 26.43 डॉलर पर बंद हुई, जो 13 साल का निचला स्तर है। शुक्रवार को ही तेल कंपनी ने पेट्रोल और डीजल का मूल्य में भी कटौती।

    पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के 12 कच्चे तेल के बास्केट की कीमत भी शुक्रवार को प्रति बैरल 25 डॉलर पर बंद हुआ।

    इस बीच आईओसी की ओडिशा स्थित एक रिफायनरी से रविवार को पेट्रोल उत्पादन शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रिफायनरी को सात फरवरी को लोकार्पण करेंगे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

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उपासना बेहार “.....ज्ञान बिना सब कुछ खो जावे,बुद्धि बिना हम पशु हो जावें, अपना वक्त न करो बर्बाद,जाओ, जाकर शिक्षा पाओ......” सावित्रीबाई फुले की कविता का अंश अगर सावित्रीबाई फुले...