विशाल गुलाटी
मनाली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो दुनियाभर के स्कीयर्स को आकर्षित करता है। लेकिन इस बार के मौसम में सोलंग घाटी में स्की ढलानें बर्फ से महरूम हैं, जो काफी निराशाजनक है। इस महीने हिमाचल प्रदेश में होने वाली औसत बारिश और हिमपात में 82 फीसदी की कमी है। पिछले महीने इसमें 40 प्रतिशत की कमी थी।
भारतीय शीतकालीन खेल महासंघ के महासचिव रोशन लाल ठाकुर ने आईएएनएस से कहा, "हम भारी हिमपात का बेशब्री से इंतजार कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि आमतौर पर सोलंग की ढलानें नवंबर से मार्च अंत तक बर्फ से ढकी रहती हैं।
एक स्थानीय खिलाड़ी और अंतर्राष्ट्रीय कोच ठाकुर ने कहा, "इस समय तक चार फुट से अधिक बर्फ जमा हो जाती थी।"
जम्मू एवं कश्मीर के गुलमर्ग और उत्तराखंड के औली स्की ढलानों सहित पूरे क्षेत्र में हिमपात कम हुआ है।
उन्होंने कहा, "हमारे स्कीयर्स वर्तमान में यूरोप में प्रशिक्षण ले रहे हैं और वहां भी बर्फ नहीं है।"
इस समय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण क्षरण रोकने के लिए रोहतांग र्दे और इसके आसपास के इलाकों में स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, बर्फ स्कूटर की सवारी और घुड़सवारी सहित अन्य सभी व्यावसायिक गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया दिया है।
शिमला स्थित मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि सोलंग की ढलानों सहित मनाली की ऊंची पहाड़ियों पर इस साल नगण्य बर्फबारी हुई है।
मौसम विज्ञान कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने आईएएनएस से कहा, "सोलंग और इसके आसपास के इलाकों में पिछले महीने तीन बार हिमपात हुआ, लेकिन ऊंचे तापमान के कारण बर्फ कुछ ही दिनों में पिघल गई। अंतिम बाार हिमपात नौ जनवरी को हुआ था, वह भी बहुत मामूली।"
मनमोहन सिंह ने कहा कि सूखे की स्थिति कम से कम एक-दो सप्ताह तक जारी रहेगी, क्योंकि कोई भी बड़ा पश्चिमी विक्षोभ क्षेत्र की तरफ नहीं बढ़ रहा है।
मनाली के एक प्रमुख ट्रैवल एजेंट, मेहर चंद ठाकुर ने कहा कि इस साल कम बर्फबारी से पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा, "अगर भगवान आने वाले दिनों में अच्छे हिमपात के जरिए हमपर रहम करते हैं तो पर्यटक मनाली और इसके आसपास की पहाड़ियों पर लौट आएंगे।"
स्कीयर्स का कहना है कि 2013 में सोलंग की ढलानें जनवरी मध्य तक बर्फ विहीन रही थीं। बाद में भारी बर्फबारी हुई।
स्कीयर्स हालांकि मौसम के देवताओं पर उम्मीद लगाए हुए हैं।
स्थानीय स्कीयर संतोष कुमार ने कहा, "हम हिमपात के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, ताकि स्कीयर्स यहां की ढलानों पर वापस लौट सकें।"
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी हदतक पर्यटन पर निर्भर है। यहां हर साल आने वाले पर्यटकों की राज्य की लगभग 68 लाख आबादी से अधिक हो जाती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
हिमाचल की ढलानों पर हिमपात और पर्यटकों का इंतजार
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