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आस्ट्रेलियन ओपन : सानिया-हिंगिस दूसरे दौर में
वेमुला मामला केंद्र के दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है : कांग्रेस
हैदराबाद विवि के शिक्षकों ने स्मृति ईरानी के बयान की निंदा की
चीन में 6.4 तीव्रता का भूकंप, जानमाल की हानि नहीं
नाइजीरिया में लासा बुखार से 63 मरे
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आस्ट्रेलियन ओपन : सानिया-हिंगिस दूसरे दौर में

वेमुला मामला केंद्र के दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है : कांग्रेस

हैदराबाद विवि के शिक्षकों ने स्मृति ईरानी के बयान की निंदा की

चीन में 6.4 तीव्रता का भूकंप, जानमाल की हानि नहीं

नाइजीरिया में लासा बुखार से 63 मरे

भारतीय स्टार्टअप ने दुर्लभ कैंसरों की जांच प्रणाली विकसित की

कोलकाता, 19 जनवरी (आईएएनएस)। चेन्नई का एक चिकित्सा स्टार्टअप तीन दुर्लभ कैंसरों की पहचान के लिए एक अति उन्नत जांच प्रणाली लॉन्च करने की तैयारी में है। कंपनी के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के सालाना वैश्विक व्यापार मॉडल प्रतियोगिता एंप्रिजारियो 2016 के विजेताओं में से एक स्वाजीन ने सारकोमा (नरम ऊतकों का कैंसर) जैसे रैब्डोमायोसारकोमा, साइनोवियल सारकोमा तथा एविंग्स सारकोमा (अस्थि कैंसर) की पहचान के लिए जांच किट का विकास किया है, जिसे फरवरी में लॉन्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "इन कैंसरों की पहचान के लिए एक बाजार की जरूरत है, क्योंकि तीनों के बीच विभेद कर पाना बेहद मुश्किल है।"

नौ महीने पुराने स्टार्टअप के संस्थापक सूरज रतनकुमार ने कहा, "वर्तमान बाजार इस खास जरूरत की पूर्ति करने में सक्षम नहीं है। इन जांच को हम फरवरी की शुरुआत में लॉन्च करेंगे।"

जीन विश्लेषण के आधार पर सही इलाज बताने वाला स्वाजीन तीन व्यापक क्षेत्रों-इंफर्टिलिटी, कार्डियोलॉजी व ऑन्कोलॉजी पर केंद्रित है।

कैंब्रिज विश्वविद्यालय में मॉलीक्यूलर बायोलॉजी विशेषज्ञ रतनकुमार ने कहा, "हम विशेष डिजीज मार्कर तथा उसकी पहचान पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और मरीजों तथा उनके चिकित्सकों को यह बताते हैं कि किस प्रकार इलाज करना है।"

रतनकुमार व उनकी टीम का इरादा अतिउन्नत डायग्नोस्टिक किटों को बाजार में लाना और उसे सस्ती कीमत पर लोगों तक पहुंचाना है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • बिहार : जद (यू) विधायक पर युवक के अपहरण का मामला दर्ज
    पटना/देवघर, 21 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के एक और विधायक विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। बिहार के बेलहर से विधायक गिरधारी यादव पर झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर थाना में हत्या के इरादे से एक युवक के अपहरण का मामला दर्ज कराया गया है।

    पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

    पुलिस के अनुसार, बांका जिले के बेलहर विधायक गिरधारी यादव तथा उनके भाई लालधारी यादव समेत 10 लोगों के खिलाफ मोहनपुर थाना में 24 वर्षीय युवक सचिन कुमार की हत्या के इरादे से अपहरण के आरोप में युवक के पिता महेन्द्र प्रसाद वर्मा ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

    मोहनपुर के थाना प्रभारी रंजन कुमार सिन्हा ने गुरुवार को बताया कि मोहनपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार रामपुर गांव निवासी सचिन 17 जनवरी से लापता है। सचिन के पिता ने आरोप लगाया है कि 17 जनवरी की दोपहर में उनका पुत्र घर से बाहर घूमने निकला, लेकिन वह अब तक नहीं लौटा।

    उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में हत्या के इरादे से अपहरण करने का आरोप लगाते हुए गिरधारी यादव, लालधारी यादव, चंद्रदेव यादव, रामचंद्र साह समेत 10 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है।

    देवघर की पुलिस अधीक्षक ए़ विजयालक्ष्मी ने बताया कि पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन प्रारंभ कर दी है तथा खोजबीन के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

    महेन्द्र प्रसाद वर्मा बांका जिले के चानन प्रखंड में 'प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति' (पैक्स) के अध्यक्ष हैं।

    उल्लेखनीय है कि रविवार को जद (यू) के विधायक बीमा भारती पर अपने पति अवधेश मंडल को पुलिस हिरासत से भगाने का, जबकि जोकीहाट से जद (यू) के विधायक सरफराज आलम पर सोमवार को डिब्रूगढ़-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में एक दंपति से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। पुलिस इन दोनों मामलों की भी जांच कर रही है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • वेमुला मामला केंद्र के दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है : कांग्रेस
    नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला द्वारा खुदकुशी किए जाने के मामले में केंद्र सरकार का रुख उसके 'दलित विरोधी' रवैये को दर्शाता है।

    कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वेमुला की मौत को उचित ठहराने की कोशिश की, जो उनके दलित विरोधी रवैये को दर्शाता है।"

    उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी ने इस मामले में जिस तरह के बयान दिए हैं, उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • हैदराबाद विवि के शिक्षकों ने स्मृति ईरानी के बयान की निंदा की
    हैदराबाद, 21 जनवरी (आईएएनएस)। हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध के एक दलित छात्र द्वारा खुदकुशी किए जाने के मामले में गुरुवार को भी विरोध-प्रदर्शन जारी है। वहीं, विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बुधवार के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा कि पांच छात्रों का निष्कासन करने वाली समिति की अध्यक्षता एक दलित ने की थी।

    स्मृति ईरानी के इस बयान से नाराज अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों ने अपना प्रशासनिक पद छोड़ने तक की चेतावनी दी है।

    शिक्षकों और छात्रों को केंद्रीय मंत्री के बयान में कई खामियां नजर आ रही हैं। उन्होंने इसे 'गुमराह करने वाला' और 'सच्चाई से परे' बताया।

    इस बीच, छात्रों का प्रदर्शन जारी है। सात छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जबकि कुछ ने स्मृति के बयान की निंदा करते हुए उनका पुतला भी फूंका।

    अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षकों एवं अधिकारियों के मंच ने स्मृति के बयान को गलत करार देते हुए कहा कि भौतिकी के प्रोफेसर विपिन श्रीवास्तव ने छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता की थी, न कि एक दलित ने, जैसा कि मंत्री ने दावा किया है।

    मंच के अनुसार, समिति में केवल एक दलित सदस्य छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रोफेसर पी. प्रकाश बाबू थे, जो अनुसूचित जाति/जनजाति मंच के अध्यक्ष हैं। उनके पास निर्णय लेने से संबंधित कोई भी अधिकार नहीं था।

    स्मृति ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा था कि छात्रावास के जिस वार्डन ने पांचों छात्रों को निष्कासित किया था, वह भी दलित थे।

    इस पर मंच ने कहा कि वार्डन के पास छात्र को निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं होता। उन्होंने केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश का पालन किया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नाइजीरिया में लासा बुखार से 63 मरे
    लागोस, 21 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। नाइजीरिया में लासा बुखार से 63 लोगों की मौत हो चुकी है। 212 लोगों को इस वायरल बुखार से पीड़ित पाया गया।

    नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्री इसाक अडेवोल ने देश की राजधानी अबुजा में मंगलवार को नेशनल काउंसिल ऑफ हेल्थ की आपात बैठक में इस महामारी का खुलासा किया।

    उन्होंने कहा कि बीमारी 17 राज्यों में फैल गई है। मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ राज्य इसे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। सभी राज्यों को इसे एक खतरे के रूप में लेना चाहिए और इसकी रोकथाम के लिए उपाय करने चाहिए।

    लासा बुखार घातक बीमारी है, जो मुख्य रूप से पश्चिम अफ्रीका में फैलती है। यह घरों और खाद्य स्टोरों तक पहुंच जाने वाले चूहों के लार या मल से लोगों में फैलता है।

    इस बीमारी का सबसे पहले पता 1969 में नाइजीरिया के लासा शहर में चला था। कुछ इलाकों में लासा बुखार के लक्षण मलेरिया जैसे ही होते हैं।

    नाइजीरिया के प्रशासन ने बीमारी के रोकथाम को लेकर खुद को सक्षम बताया है। प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों में इस बीमारी का पहले पता चल जाता है, उनके बचने की संभावना अधिक होती है।

    नाइजीरिया के 12 राज्यों में 2012 में इस बुखार से 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद सरकार ने बीमारी की रोकथाम के लिए लासा फीवर रैपिड रेस्पांस कमेटी का गठन किया था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • पिता का अवसाद भी आने वाली संतान के लिए खतरा
    लंदन, 21 जनवरी (आईएएनएस)। मां के अवसाद और बच्चे के स्वास्थ्य में संबंध की बात लंबे समय से की जाती रही है। अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पिता के अवसाद का भी होने वाली संतान के स्वास्थ्य पर असर होता है।

    अध्ययन के मुताबिक, पिता के अवसाद के कारण गर्भ में पल रहे शिशु का जन्म कई बार समय से पहले हो जाता है। यानी पिता के अवसादग्रस्त रहने से भी समय पूर्व प्रसव का जोखिम बना रहता है।

    स्वीडन की 'सेंटर फॉर हेल्थ इक्विटी स्टडीज' की डॉक्टर एंडर्स जर्न ने बताया, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि अवसाद से पीड़ित माता-पिता दोनों को ही संतान के अपरिपक्व जन्म के लिए जिम्मेदार माना जाना चाहिए और उनकी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की जांच होनी चाहिए।"

    पिता के द्वारा पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जर्न ने बताया, "साथी का अवसाद गर्भवती महिला के लिए अवसादग्रस्त होने की सबसे बड़ी वजह होती है, जिसके द्वारा संतान में समय से पहले जन्म लेने का खतरा बढ़ता है।"

    जर्न कहती हैं, "पिता के अवसादग्रस्त रहने से शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होती है। अवसादग्रस्त पिता के द्वारा संतान के डीएनए पर एपिजेनेटिक प्रभाव पड़ता है और उसका गर्भनाल का क्रियान्वयन भी बाधित होता है। हालांकि इलाज के द्वारा इस समस्या से निदान पाया जा सकता है।"

    अध्ययन के नतीजे पत्रिका 'बीजेओजी' में प्रकाशित हुए हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र में बर्फीली हवाओं से ठंड बढ़ी
    लखनऊ, 21 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ तथा आसपास के इलाकों में गुरुवार को सुबह से ही हल्के बादल छाए हुए हैं, जिससे गलन और ठंड में इजाफा हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान मौसम का यही रुख हने और तापमान में गिरावट आने की संभावना जताई है।

    उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे. पी. गुप्ता के अनुसार, दिन में बादल छाए रहेंगे। कुछ जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। वायुमंडल में नमी बढ़ने की वजह से तापमान में छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।

    उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने का अनुमान है।

    मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किए जाने का अनुमान है।

    लखनऊ के अलावा गुरुवार को वाराणसी का न्यूनतम तापमान चार डिग्री, कानपुर का 3.4 डिग्री, गोरखपुर का चार डिग्री, इलाहाबाद का पांच डिग्री और झांसी का 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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