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कोहली सबसे तेजी से 7000 रन बनाने वाले बल्लेबाज

मेलबर्न, 17 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेजी से 7000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।

कोहली ने रविवार को आस्ट्रेलिया के साथ हुए तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान 117 रनों की अपनी पारी के दौरान यह मील का पत्थर हासिल किया। ब्रिस्बेन में 59 रनों की पारी खेलने वाले कोहली इस रिकार्ड से 19 रन दूर रह गए थे।

मेलबर्न में कोहली को एकदिवसीय करियर में 7000 रन पूरे करने के लिए 19 रनों की दरकार थी। अब तक सबसे तेजी से 7000 रन बनाने का रिकार्ड दक्षिण अफ्रीका के अब्राहम डिविलियर्स के नाम था।

डिविलियर्स ने 166 पारियों में इतने रन जुटाए हैं। पर्थ में हुए पहले मैच में भी 91 रन बनाने वाले कोहली अब तक 169 मैचों में 161 पारियां खेली हैं।

कोहली से पहले भारत के लिए सबसे तेजी से 7000 रन पूरे करने का रिकार्ड सौरव गांगुली के नाम था, जिन्होंने 174 पारियों में इतने रन बनाए हैं।

कोहली 7000 या उससे अधिक एकदिवसीय रन बनाने वाले विश्व के 36वें और भारत के आठवे खिलाड़ी बन गए गए हैं।

कोहली से अधिक रन बनाने वाले भारतीयों में सचिन तेंदुलकर (18426), गांगुली (11363), राहुल द्रविड़ (10889), मोहम्मद अजहरूद्दीन (9378), महेंद्र सिंह धौनी (8861), युवराज सिंह (8329), वीरेंद्र सहवाग (8273) शामिल हैं।

यही नहीं, विराट एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेजी से 24 शतक जमाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। कोहली ने वनडे करियर में 24 शतक लगाने में 161 पारियां खेली जिससे कोहली ने भारत के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड से आगे निकल गए हैं। तेंदुलकर ने वनडे करियर में 24 शतक तक पहुंचने में 219 पारियां खेली थीं।

इसके अलावा कोहली ने समय के लिहाज से सबसे तेजी से 7000 बनाने के राहुल द्रविड़ के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। कोहली ने डेब्यू के बाद से 7 साल 152 दिनों में 7000 रन बनाकर हमवतन बल्लेबाज द्रविड़ के रिकॉर्ड को तोड़ा। द्रविड़ ने यह कारनामा 7 साल 309 दिन में किया था।

कोहली ने सिर्फ 46 पारियों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट में अपने 10 शतक पूरे कर लिए हैं। इसके साथ उन्होंने वीवीएस लक्ष्मण के रिकॉर्ड के बराबरी कर ली है। लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 73 पारियों में 10 शतक जड़े थे।

विराट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीन मैचों में 50 से अधिक रन बनाने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए थे। उनके अलावा पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री और सचिन तेंदुलकर ने यह कारनामा किया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • फिक्सिंग के बारे युवा खिलाड़ियों को जागरूक करे एटीपी


    मेलबर्न, 19 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व के नंबर दो टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) से कहा है कि युवा खिलाड़ियों को भ्रष्टाचार और फिक्सिंग से बचाने के लिए उन्हें इसके बारे में जागरूक करने की जरूरत है।

    दो मीडिया संस्थानों बीबीसी और बजफीड ने टेनिस में फिक्सिंग का खुलासा किया है, जिसमें 16 पेशेवर खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं।

    मरे ने गुरुवार को कहा कि युवा और अनुभवहीन खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग से बचाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा रहा है।

    मरे ने कहा कि जब सट्टेबाज नए खिलाड़ी के सामने भारी भरकम रकम की पेशकश करते हैं तो युवा खिलाड़ियों का उनके जाल में फंसना स्वाभाविक है।

    उन्होंने कहा, "मैं जब युवा था तभी इससे अच्छी तरह वाकिफ था। मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों को इस बारे में जानकारी देने की जरूरत है। उन्हें यह बताने की जरूरत है कि ऐसे हालात से कैसे बचा जाए।"

    मरे ने अपने शुरुआती करियर की घटना को याद करते हुए कहा कि वह जब युवा थे जब उन्हें भी मैच फिक्स करने के लिए 200,000 डॉलर की पेशकश की गई थी।

    टेनिस आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट के निदेशक क्रेग टिले ने मंगलवार को टेनिस अखंडता इकाई (टीआईयू) और विश्व टेनिस संघों के मैच फिक्सिंग की बात को नकराने पर उनका सर्मथन किया।

    उन्होंने कहा, "हमने टूर्नामेंट की साख अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाए रखी है और हमारे पास भ्रष्टाचार रोधी तंत्र भी मौजूद है।"

    उन्होंने कहा, "विश्व टेनिस के साथ मिलकर हमने डोपिंग रोधी, अनुशासत्मक, भ्रष्टाचार रोधी और सुरक्षा पर कई नितियां बनाई हैं। आस्ट्रेलियन ओपन में हम किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाशत नहीं करेंगे।"

    विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने सोमवार को कहा था कि 2007 में सैंट पीटर्सबर्ग में उनसे मैच हारने को कहा गया था। उन्होंने कहा था कि यह प्रत्यक्ष तौर पर उनसे नहीं लेकिन उनकी टीम से कहा गया था।

    टूर्नामेंट को आयोजित कराने वाली कंपनी के महानिदेशक अलेक्जेंडर मेदवेदेव ने कहा कि 2007 सैंट पीटर्सबर्ग के आयोजकों का इस बात से कोई संबंध नहीं है।

    उन्होंने सोमवार को कहा, "अगर यह घटना हुई भी हो तो इसका मतलब यह नहीं है कि आयोजक इसमें शामिल हो।"

    उन्होंने कहा, "सट्टेबाज इंटरनेट के माध्यम से सक्रिय रहते हैं। मैं जोकोविच को जानता हूं और इसलिए समझता हूं कि उन्होंने इसके लिए मना किया। मैं सोच भी नहीं सकता कि कोई उन्हें ऐसा प्रस्ताव भी दे सकता है।"

    रूस टेनिस महासंघ के अध्यक्ष शाहमिल तारपिश्चेव ने इस मामले पर कहा है कि उसे नहीं पता कि जोकोविच को मैच फिक्स करने का प्रस्ताव मिला था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • आस्ट्रेलियन ओपन : अगले दौर में पहुंचे सेरेना, शारापोवा, जोकोविच


    मेलबर्न, 18 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। आस्ट्रेलियन ओपन में सोमवार को हुए पहले दौर के मुकाबलों में मारिया शरापोवा, सेरेना विलियम्स, वांग कियांग, कार्ला सुआरेज ने अपने-अपने मुकाबले जीत कर दूसरे दौर में प्रवेश कर लिया है।

    वहीं पुरुषों में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच और केई निशिकोरी भी अगले दौर में पहुंच गए हैं।

    शारापोवा ने जापान की नाओ हिबिनो को 6-1,6-3 से हरा कर दूसरे दौर में प्रवेश किया। सेरेना ने इटली की कामिला जिर्ओजी को 6-4, 7-5 से हराया तो वहीं सुआरेज ने स्विटजरलैंड की विक्टोरिजा गोलुबिक को 7-5, 6-4 से हराया।

    दूसरे दौर में सेरेना का मुकाबला पहले दौर में लाटवियाई जेलेना ओस्टपेंको और ताईवान की सिहे सु वेई के बीच होने वाले मैच की विजेता से होगा। वहीं दूसरे दौर में सुआरेज का मुकाबला ग्रीक की मारिआ साक्कारी से होगा।

    चीन की कियांग ने अपने पहले दौर के मैच में अमेरिका की स्लोन स्टीफन्स को 6-3, 6-3 से सीधे सेटों में मात दी। टूर्नामेंट के दूसरे दौर में वांग का सामना जर्मनी की खिलाड़ी एना-लेना फ्राइडसेम से होगा।

    नोवाक जोकोविच ने आस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर में चुंग हेयोन को 6-3, 6-2, 6-4 से हराकर दूसरे दौर में प्रवेश कर लिया है।

    वहीं निशिकोरी ने फिलिप कोलश्राइबर को 6-4, 6-3, 6-3 से मात देकर अगले दौर में जगह बनाई। अगले दौर में फिलिफ का समाना ऑस्टिन क्राजिचेक से होगा। उन्होंने चीन के वु डी को 6-4, 6-1, 6-3 से हारकर दूसरे दौर में जगह बनाई है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • आस्ट्रेलियन ओपन की शुरुआत में ही टेनिस पर फिक्सिंग का साया


    मेलबर्न, 18 जनवरी (आईएएनएस)। दो मीडिया संस्थानों द्वारा की गई पड़ताल में टेनिस जगत के 16 पेशेवर खिलाड़ियों के फिक्सिंग में शामिल होने के सबूत मिले हैं। इससे टेनिस जगत में हड़कंप मच गया है।

    समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, आस्ट्रेलियन ओपन के पहले दिन ही बजफीड न्यूज और ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने इस पड़ताल में फिक्सिंग का खुलासा किया है।

    जिन 16 खिलाड़ियों के इस मामले में शामिल होने की बात सामने आ रही है उसमें से आठ खिलाड़ी इस समय आस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा ले रहे हैं।

    पड़ताल में काफी सारे दस्तावेज और 26,000 टेनिस मैचों पर की गई सट्टेबाजी का ब्योरा भी मिला है।

    सोमवार को मैच फिक्सिंग के सबूतों की फाइल को बीबीसी और बजफीड ने सार्वजनिक किया।

    एक यूएस ओपन चैम्पियन और विबंलडन में युगल खिताब जीतने वाले एक खिलाड़ी के उन 16 खिलाड़ियों में शामिल होने के संकेत हैं।

    शीर्ष 50 में शामिल एक खिलाड़ी जो इस समय आस्ट्रेलियन ओपन में हिस्सा ले रहा है, वह लगातार मैच का पहला सेट फिक्स करने के घेरे में है।

    खिलाड़ियों को सट्टेबाजों द्वारा मैच फिक्स करने के लिए 50,000 डॉलर का प्रस्ताव दिया जाता था।

    संदिग्ध फिक्सरों की नौ सूची में 70 खिलाड़ियों के नाम सामने आए हैं।

    चार खिलाड़ियों पर उनके मैच हारने पर संदेह बना हुआ है। इन खिलाड़ियों ने अपना लगभग हर मैच हारा है। प्राथमिक जांच के मुताबिक इन खिलाड़ियों ने जैसा प्रदर्शन किया है वैसा प्रदर्शन 1,000 मैचों में से एक मैच में होता है।

    टेनिस संघों को लगातार बताने के बाद कि खिलाड़ी मैच फिक्सिंग का हिस्सा बन रहे हैं, संघों ने इसे रोकने के कदम नहीं उठाए।

    टेनिस अखंडता ईकाई (टीआईयू) और टेनिस संघों ने हालांकि मैच फिक्सिंग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

    मैच फिक्सिंग के आरोपों के जवाब में चार टेनिस निकायों, टेनिस पेशेवर संघ (एटीपी), महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए), ग्रैंड स्लैम बोर्ड, अंतर्राष्ट्रीय टेनिस संघ (आईटीएफ) जो टीआईयू के साझेदार हैं, ने सोमवार को कहा, "भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह खेल की अखंडता को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।"

    अपने साझेदारों की तरफ से एटीपी के कार्यकारी अध्यक्ष क्रिस केरमोड ने कहा, "भ्रष्टाचार से निपटने के लिए टेनिस पूरी तरह से तैयार है। हमने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अपना तंत्र मजबूत किया है और दिखाया है कि अगर कोई हमारी अखंडता के खिलाफ जाता है तो हम उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हैं।"

    उन्होंने कहा, "कोई भी खिलाड़ी और अधिकारी जांच से नहीं बच सकता चाहे वह कोई भी हो।"

    उन्होंने कहा, "सारे पेशेवर खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ और अधिकारी टेनिस के भ्रष्टाचार रोधी प्रोग्राम के अंतर्गत आते हैं जिसके तहत हम उनसे कभी भी पूछताछ कर सकते हैं और उनके टेलीफोन, कम्पयूटर और बैंक खातों की भी जांच कर सकते हैं।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मनुष्य बली नहीं होत है धोनी भैया.. समय होत बलवान

    पद्मपति शर्मा
    टीम संयोजन हाहाकारी, खुद की फिनिशर की साख गयी तेल लेने, कल्पनाशीलता किस चिड़िया का नाम है, नहीं जानते, फील्ड की जमावट माशाअल्ला, गेंदबाजों पर भरोसा नहीं..!! ऐसे में फिर क्या खाकर जीत की सोच भी सकते थे कागज पर देश के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी।

    काल चक्र है प्रभु हमेशा ही सीधा नहीं घूमेगा कि जोगिंदर शर्मा और इशांत शर्मा जैसे पिटे गेंदबाज भी जीत दिलाते रहेंगे। समय बदल गया है रांची के राजकुमार साहब। चलाचली की बेला आ चुकी है। खिलाड़ियों का भी कितना समर्थन मिल रहा है आपको, यह भी खूब समझ रहे होंगे सर जी आप!

    इसी धरती पर बीते बरस क्या जलवा था आपके गेंदबाजों का कि सेमीफाइनल के पहले के मुकाबले टीम ने विपक्षियों के सभी विकेट लेते हुए अपने नाम किए थे। लगभग वही गेंदबाजी पाताल देश में ही इस बार पाताल में घंसी नजर आयी। लगातार तीन बार बल्लेबाजों ने तीन सौ के आसपास का स्कोर खड़ा करते हुए अजूबा जरूर कर दिखाया मगर उससे भी बड़ा अजूबा तो किया कंगारुओं ने लगातार लक्ष्य का मजाक बना कर।

    जी हां, टीम इंडिया नें पिछले बरस यहीं, फिर बांग्लादेश और घर में दक्षिण अफ्रीका से पिटने के बाद यहां मेलबर्न में तीन विकेट की पराजय के साथ ही 0-3 से पिछड़ कर एक दिनी सीरीज गंवाने का अपना क्रम बरकरार रखा। पहले दो मुकाबलों में रोहित शर्मा के शतक बेकार चले गए तो एमसीजी में कोहली का शतक उनको टीस देने वाला बना।

    सच तो यह है कि पर्थ और गाबा में भी मौके थे बावजूद इसके कि स्टीव स्मिथ के रणबांकुरों नें कप्तान की अगुवाई में चुटकी बजाते हुए तीन सौ से ज्यादा का स्कोर पीछे छोड़ा था, लेकिन मेलबर्न में तो तब फिजाओं में जीत की खुशबू तैरने लगी थी जब कंगारू अपने छह विकेट खो चुके थे और लक्ष्य 81 रन दूर था।

    लेकिन मेजबानों पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि उनके पास मैक्सवेल (93) और फाल्कनर के रूप में दो बेजोड़ फिनिशर्स जो मौजूद थे। दोनों ने अपने काम को किस सफाई के साथ अंजाम दिया, यह भी भला कोई पूछने की बात है?

    देखिए क्रिकेट में व्यक्तिगत प्रदर्शन से काम नहीं चलता। एकजुटता ज्यादा मायने रखती है। मेलबर्न में क्या हुआ? मेहमानों की ओर से कोहली (117) ने शतक लगाया और धवन (68) व आजिंक्य रहाणे (50) के साथ दो शतकीय साझेदारियां कीं। लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं जबकि जरा मेहमानों को देखिए कि सबसे बड़ी साझेदारी 80 की ही थी मगर चार ऐसी साझेदारियों नें, जिनमे सबसे कम 48 रन की थी, मेहमानों को हमेशा पिछले पांव पर ही रखा. इसने परिणाम में सारा अंतर कर दिया।

    एक ही लकीर पर चलने वाले हठी भारतीय कप्तान ने आशा के विपरीत दो बदलाव ऐसे किए जो अप्रत्याशित थे पर वे भी काम नहीं आए। ऐसी पिच पर जो पर्थ-गाबा की तरह सोयी नहीं थी, उसमें टर्न था तो शाम को सीम और स्विंग भी देखने को मिला, मगर प्रथम प्रवेशी हरफनमौला द्वय गुरकीरत मान और ऋषि धवन दोनो विभागों में निष्प्रभावी ही सिद्ध हुए।

    जिस अश्विन की यहां सख्त जरूरत थी, उसको पानी पिलाने का काम दे दिया गया। समय खराब होता है तो हर दांव उलटा पड़ता है। याद नहीं आता कि 309, 308 और 295 का स्कोर खड़ा करने के बावजूद टीम को कभी इस तरह लगातार हार से दो चार होना पड़ा हो, लेकिन क्या कीजिएगा जब सेनापति ही फिसड्डी निकल गया हो।

    डेरा डंडा उठाने का समय आ गया है मिस्टर धोनी। 'मनुष्य बली नहीं होत है, समय होत बलवान, भीलों ने लूटी गोपिका, वही अर्जुन, वही बाण'. बहुत पुरानी कहावत है पर हमेशा सामयिक है।

    (लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार और समीक्षक हैं। ये उनके अपने विचार हैं)

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मेलबर्न एकदिवसीय : भारत की हार की हैट्रिक, सीरीज गंवाई

    मेलबर्न, 17 जनवरी (आईएएनएस)। अपने घर में दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही आस्ट्रेलियाई टीम ने मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर रविवार को खेले गए पांच एकदिवसीय मैचों की सीरीज के तीसरे मैच में भारत को तीन विकेट से हरा दिया। इसके साथ मेजबान टीम ने इस सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली।

    टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने विराट कोहली (117) के शानदार शतक की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 295 रन बनाए। जवाब में मेजबान टीम ने 48.5 ओवरों में सात विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया।

    ग्लेन मैक्सवेल ने आस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक 96 रन बनाए। इसके अलावा शान मार्श ने भी 62 रनों का योगदान दिया। इसके अतिरिक्त एरॉन फिंच ने 21, कप्तान स्टीवन स्मिथ ने 41, जार्ज बेले ने 23, मिशेल मार्श ने 17 और जेम्स फाल्कनर ने नाबाद 21 रन बनाए।

    मैन ऑफ द मैच चुने गए मैक्सवेल की 83 गेंदों की पारी में आठ चौके और तीन छक्के शामिल हैं। मेजबान टीम की ओर से फिंच और शॉन मार्श ने पहले विकेट के लिए 48 नर जोड़े। इसके बाद मार्श ने स्मिथ के साथ दूसरे विकेट के लिए 64, बेले तथा मार्श ने तीसरे विकेट के लिए 38 रनों की साझेदारी की।

    मार्श ने मैक्सवेल के साथ भी चौथे विकेट के लिए 17 रन जोड़े। मार्श की विदाई के बाद उनका भाई मिशेल ने मैक्सवेल के साथ पांचवें विकेट के लिए 37 रन जोड़े। मेजबान टीम के लिए सबसे बड़ी साझेदारी 80 रनों की रही, जो मैक्सवेल और फाल्कनर ने सातवें विकेट के Ýिए की।

    भारत की तरफ से उमेश यादव, इशांत शर्मा और रविन्द्र जडेजा ने दो-दो विकेट लिए जबकि एक बल्लेबाज रनआउट हुआ।

    भारत ने पर्थ और ब्रिस्बेन में हार का स्वाद चखा था। यह तीसरा मौका है जब भारतीय गेंदबाज इस सीरीज में 300 या उससे करीब का स्कोर बचा नहीं सके। साथ ही यह तीसरा मौका है जबक भारत के किसी बल्लेबाज ने शतक लगाया हो और टीम को हार मिली हो। इससे पहले रोहित शर्मा ने पर्थ और ब्रिस्बेन में शतक लगाया था।

    चौथा मुकाबला कैनबरा में 20 जनवरी को खेला जाएगा।

    इससे पहले, कोहली के करियर के 24वें शतक और शिखर धवन (68) तथा अजिंक्य रहाणे (50) के शानदार अर्धशतकों की मदद भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 295 रन बनाए।

    कोहली ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 10वां अंतर्राष्ट्रीय शतक पूरा किया। वह एकदिवसीय मैचों में सबसे तेजी से 7000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। कोहली 161 पारियों में इस मुकाम पर पहुंचे।

    यह रिकार्ड इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के अब्राहम डिविलियर्स के नाम था, जिन्होंने 166 पारियों में 7000 रन बनाए थे। कोहली 7000 या उससे अधिक रन बनाने वाले विश्व के 36वें और भारत के आठवें बल्लेबाज हैं।

    पर्थ और ब्रिस्बेन में शतक लगाने वाले रोहित (6) इस मैच में सस्ते में आउट हुए जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 9 गेंदों पर दो चौकों और इतने ही छक्कों की मदद से 23 रन बनाए।

    अपना पहला मैच खेल र हे गुरकीरत मान 8 रन बना सके। रवींद्र जडेजा 6 और पदार्पण करने वाले ऋषि धवन 3 रनों पर नाबाद लौटे।

    रोहित के 15 रन के कुल योग पर आउट होने के बाद कोहली और धवन ने दूसरे विकेट के लिए 119 रन जोड़े। धवन ने इस सीरीज में पहला अर्धशतक लगाया। धवन की 91 गेंदों की पारी में नौ चौके शामिल हैं।

    धवन का विकेट 134 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद कोहली ने रहाणे के साथ स्कोर को 200 के पार पहुंचाया। इसी दौरान कोहली ने अपना शतक पूरा किया।

    दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 109 रन जोड़े। रहाणे 243 के कुल योग पर 55 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाने के बाद आउट हुए। कोहली का विकेट 265 के कुल योग पर गिरा।

    अपना पहला खेल रहे मान 275 और कप्तान धौनी 288 के कुल योग पर आउट हुए। मान ने सात गेंदों पर एक चौका लगाया। आस्ट्रेलिया की ओर से जॉन हेस्टिंग्स को चार सफलता मिली जबकि जेम्स फॉल्कनर और केन रिचर्डसन ने एक-एक विकेट लिया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मेलबर्न एकदिवसीय : कोहली का शतक, भारत ने दिया 296 रनों का लक्ष्य

    मेलबर्न, 17 जनवरी (आईएएनएस)। विराट कोहली (117) के उम्दा शतक और शिखर धवन (68) तथा अजिंक्य रहाणे (50) के शानदार अर्धशतकों की मदद भारत ने मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर रविवार को जारी तीसरे एकदिवसीय मैच में आस्ट्रेलिया के सामने 296 रनों का लक्ष्य रखा है।

    भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 295 रन बनाए। कोहली ने अपना 24वां और आस्ट्रेलिया के खिलाफ 10वां शतक पूरा किया।

    वह एकदिवसीय मैचों में सबसे तेजी से 7000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। कोहली 161 पारियों में इस मुकाम पर पहुंचे।

    यह रिकार्ड इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के अब्राहम डिविलियर्स के नाम था, जिन्होंने 166 पारियों में 7000 रन बनाए थे। कोहली 7000 या उससे अधिक रन बनाने वाले विश्व के 36वें और भारत के आठवें बल्लेबाज हैं।

    पर्थ और ब्रिस्बेन में शतक लगाने वाले रोहित शर्मा (6) इस मैच में सस्ते में आउट हुए जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 9 गेंदों पर दो चौकों और इतने ही छक्कों की मदद से 23 रन बनाए।

    अपना पहला मैच खेल र हे गुरकीरत मान 8 रन बना सके। रवींद्र जडेजा 6 और पदार्पण करने वाले ऋषि धवन 3 रनों पर नाबाद लौटे।

    रोहित के 15 रन के कुल योग पर आउट होने के बाद कोहली और धवन ने दूसरे विकेट के लिए 119 रन जोड़े। धवन ने इस सीरीज में पहला अर्धशतक लगाया। धवन की 91 गेंदों की पारी में नौ चौके शामिल हैं।

    धवन का विकेट 134 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद कोहली ने रहाणे के साथ स्कोर को 200 के पार पहुंचाया। इसी दौरान कोहली ने अपना शतक पूरा किया।

    दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 109 रन जोड़े। रहाणे 243 के कुल योग पर 55 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाने के बाद आउट हुए। कोहली का विकेट 265 के कुल योग पर गिरा।

    अपना पहला खेल रहे मान 275 और कप्तान धौनी 288 के कुल योग पर आउट हुए। मान ने सात गेंदों पर एक चौका लगाया।

    आस्ट्रेलिया की ओर से जॉन हेस्टिंग्स को चार सफलता मिली जबकि जेम्स फॉल्कनर और केन रिचर्डसन ने एक-एक विकेट लिया।

    पांच मैचों की सीरीज में भारत 0-2 से पीछे है। पर्थ और ब्रिस्बेन में भारतीय गेंदबाज 300 से अधिक के स्कोर की रक्षा नहीं कर सके थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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