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छत्तीसगढ़ : इनामी नक्सली कमांडर मुठभेड़ में ढेर
केंद्र से सूखाग्रस्त 12 राज्यों में चलीं योजनाओं का ब्योरा तलब
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छत्तीसगढ़ : इनामी नक्सली कमांडर मुठभेड़ में ढेर

केंद्र से सूखाग्रस्त 12 राज्यों में चलीं योजनाओं का ब्योरा तलब

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क्षेत्रीय अस्थिरता के लिए अमेरिकी नीतियां जिम्मेदार : अजीज

उप्र : तेज रफ्तार वैन घर में घुसी, अधेड़ की मौत

फतेहपुर, 17 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में औंग थाना क्षेत्र के ग्राम खदरा में घर के बाहर खड़े 45 वर्षीय एक अधेड़ को सामने से आ रही मारुति वैन टक्कर मारती हुई घर में जा घुसी, जिससे अधेड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उसका पुत्र घायल हो गया।

खदरा गांव निवासी ओम प्रकाश अपने घर के बाहर दरवाजे पर खड़ा था और उसका बेटा अनूप घर के अंदर था। उसी बीच सामने से आ रही तेज रफ्तार वैन अनियंत्रित होकर ओम प्रकाश को जोरदार टक्कर मारते हुए घर में जा घुसी। ओम प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दीवार ढह जाने से घर के अंदर बैठा अनूप बुरी तरह घायल हो गया।

घटना के बाद चालक मौके पर गाड़ी छोड़कर भागने में सफल रहा। सूचना पाकर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया। घायल अनूप को कस्बे के ही एक निजी नर्सिग होम में भर्ती कराया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • छत्तीसगढ़ : इनामी नक्सली कमांडर मुठभेड़ में ढेर
    रायपुर, 18 जनवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की सुकमा जिला पुलिस ने सोमवार सुबह हुई मुठभेड़ में काली वर्दीधारी एक नक्सली कमांडर करतम देवा को मार गिराया। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।

    मौके से नक्सली का शव समेत भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का जखीरा बरामद किया गया है।

    बस्तर के आईजी एसआरपी कल्लूरी और सुकमा के एसपी डी. श्रवण ने बताया कि नक्सली ऑपरेशन के तहत पिछले सप्ताहभर से पुलिस का सुंयक्त बल अंदरूनी इलाकों में गश्त सर्चिग के लिए रवाना किया गया था। इसी दौरान सोमवार सुबह सूचना मिली कि क्रिस्टारम थाना क्षेत्र के बुरूमपाड़ गांव के निकट जंगल में बड़ी संख्या में नक्सली किसी वारदात को अंजाम देने के लिए छिपे हुए हैं।

    फौरन योजनाबद्ध तरीके से इलाके की घेराबंदी शुरू की गई। पुलिस की मौजूदगी की भनक मिलते ही नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस बल ने भी मोर्चा संभालते हुए डटकर मुकाबला किया। घंटेभर चली मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के पैर उखड़ गए और वे घने जंगल व पहाड़ी की आड़ लेकर भाग गए।

    अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से बरामद शव की शिनाख्त एक लाख रुपये के इनामी जनमिलिशिया प्लाटून कमांडर करतम देवा के रूप में की गई है। वह गोलापल्ली का रहने वाला था।

    उन्होंने बताया कि मौके से 4 भरमार, गन पावडर, कार्डेक्स वायर, डेटोनेटर, नक्सल साहित्य, बैनर-पोस्टर और कुछ वर्दियां बरामद की गई हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • केंद्र से सूखाग्रस्त 12 राज्यों में चलीं योजनाओं का ब्योरा तलब
    नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से 12 सूखा प्रभावित राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए), मनरेगा, मध्याह्न् भोजन योजनाओं पर अमल और वर्षा से संबंधित आंकड़ा पेश करने को कहा।

    न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल की पीठ ने उन मानदंडों के बारे में भी जानकारी मांगी, जिसके तहत किसी क्षेत्र को सूखा प्रभावित घोषित किया जाता है जिसके आधार पर वर्षा का आंकड़ा निर्धारित किया जाता है।

    शीर्ष अदालत ने सूखा प्रभावित 12 राज्यों में लोगों के लिए एक किलो दाल, एक किलो खाद्य तेल, अंडे और दूध की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी मांगी।

    अदालत ने सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार से ये सभी आंकड़े मामले की अगली सुनवाई की तारीख, 22 जनवरी को देने के लिए कहा।

    अदालत ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे संबंधित आंकड़े केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को दें।

    शीर्ष अदालत ने ये निर्देश स्वयंसेवी संस्था स्वराज अभियान द्वारा सूखा प्रभावित राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, ओडिशा, झारखंड और हरियाणा के बारे में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए।

    रंजीत कुमार ने अदालत को केंद्र द्वारा सूखा प्रभावित लोगों की दशा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के राज्य आपदा राहत कोष से 1500 करोड़, 2032 करोड़, 3044 करोड़ और 1276 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गई है।

    स्वराज अभियान की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत से आग्रह किया कि वह सरकार को निर्देश दे कि सूखा प्रभावित इलाकों के सभी लोगों को राहत उपलब्ध कराई जाए। इसमें यह न देखा जाए कि कौन गरीबी रेखा से नीचे है और कौन ऊपर।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उत्थान समिति ने शुरू किया कलाम अवार्ड
    नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। 'स्वच्छ, हरित, स्वस्थ और शिक्षित भारत' के नारे के साथ समाजसेवा में लगी उत्थान समिति ने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अवार्ड की शुरुआत की है। यह अवार्ड भिन्न क्षेत्र में योगदान और प्रतिष्ठित उपलब्धि पाए लोगों को दिया गया है।

    नई दिल्ली स्थित मावलंकार हॉल में रविवार की शाम आयोजित एक समारोह में उस्ताद अमजद अली खान, बिंदेश्वर पाठक, शोवना नारायण, मालिनी अवस्थी, राम सुतार, संग्राम सिंह, भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट के अखिलेश जैन एवं सुनील सेठी को सम्मानित किया गया।

    समारोह में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और डॉ. कलाम के भतीजे ए.पी.जे.एम.जे. शेख सलीम भी मौजूद थे।

    सम्मानित विभूतियों को एक मेडल, एक शील्ड, डॉ. कलाम का एक मूर्तिचिह्न् और अंगवस्त्रम प्रदान किया गया।

    इस शाम देश के अलग-अलग राज्यों के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। प्रख्यात लोक गायिका मालिनी अवस्थी के रंगारंग प्रस्तुत से शाम का समापन हुआ।

    संस्था के चेयरमैन सत्येंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रयास से हम अपने मिशन 'स्वच्छ, हरित, स्वस्थ और शिक्षित भारत' की ओर और प्रतिबद्ध व अग्रसर हुए हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : सूचना आयुक्त अरविंद बिष्ट पर कदाचार का आरोप
    लखनऊ, 18 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी के साथ की गई कथित बदसलूकी के बाद आरटीआई कार्यकर्ताओं के निशाने पर आए सूबे की सतारूढ़ पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के समधी सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट पर अब कदाचार का आरोप लगा है।

    लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता और शिकायतकर्ता उर्वशी शर्मा ने बिष्ट पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 15(6) और नियुक्ति की आवश्यक शर्तो के शासनादेश का उल्लंघन कर कारोबार करने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और यूपी के राज्यपाल को पत्र भेजकर बिष्ट को अधिनियम की धारा 17 के तहत सूचना आयुक्त के पद से तत्काल हटाने की मांग की है।

    उर्वशी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और राज्य मुख्य सूचना आयुक्त को भी पत्र लिखा है और उनसे सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदंड पूरा न करने पर भी राज्य सरकार द्वारा बिष्ट को नियुक्ति प्रदान किए जाने की अनियमितता की जांच कराकर दोषियों को दंडित कराने की नियमपूर्ण कार्यवाही कराने की मांग की है।

    उर्वशी ने बताया कि वर्ष 2013 के उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सुधार विभाग के जिस विज्ञापन के आधार पर बिष्ट की नियुक्ति हुई है, उसकी आवश्यक शर्तो में एक शर्त यह भी थी कि सूचना आयुक्त कोई कारोबार या वृत्ति नहीं करेगा।

    इस विज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया था कि सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पूर्व ही संबंधित व्यक्ति को लाभ का पद, कोई कारोबार या व्यापार छोड़ना होगा।

    उर्वशी का कहना है कि भारत सरकार की आरएनआई वेबसाइट के अनुसार, बिष्ट आज भी लखनऊ से प्रकाशित होने वाली अंग्रेजी मासिक पत्रिका 'लाइफ एंड टाइम्स' के मालिक हैं और इस प्रकार पद धारण की तिथि से आज तक न केवल वह आरटीआई एक्ट की धारा 15(6) का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि नियुक्ति की शर्तों के शासनादेश का भी उल्लंघन कर रहे हैं।

    उर्वशी ने अपने पत्र में लिखा है कि इस प्रकार सूचना आयुक्त बिष्ट कदाचार के दोषी हैं। इनके खिलाफ सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 17 के तहत कार्रवाई कर इन्हें तत्काल हटाया जाए।

    उर्वशी इससे पहले आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी के साथ बदसलूकी करने को लेकर बिष्ट की शिकायत संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय, भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त, राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुख्य सचिव अलोक रंजन, डीजीपी और लखनऊ के जिलाधिकारी व एसएसपी से कर चुकी हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : ट्रेन से उतरते ही यात्री की मौत
    झांसी, 18 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। लखनऊ से झांसी आ रहे एक यात्री की अचानक दिल का दौरा पड़ने पर ट्रेन से उतरते ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही जीआरपी व आरपीएफ प्लेटफार्म पर पहुंची और घटना की जानकारी ली।

    लखनऊ से भोपाल जा रही ट्रेन नंबर 12593 में सवार झांसी के न्यू रायगंज निवासी महेश सिंह अपने साथियों के साथ यात्रा कर रहा था। लखनऊ से चलकर ट्रेन झांसी स्टेशन पहुंची। महेश ट्रेन से उतरा और ओवरब्रिज के रास्ते बाहर आ रहा था। इसी अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा और वह बेहोश हो गया।

    इसकी सूचना डिप्टीएसएस और जीआरपी व आरपीएफ को दी गई। सूचना मिलते ही डिप्टी एसएस रेलवे डॉक्टर के साथ मौके पर पहुंचे। रेलवे डॉक्टर ने महेश की जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के साथियों ने इसकी सूचना उसके परिजनों को दी। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को अपने साथ ले गए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • दलित छात्र की आत्महत्या को लेकर प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री पर मामला दर्ज (राउंडअप)
    हैदराबाद/नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित शोध छात्र की आत्महत्या के खिलाफ विश्वविद्यालय और दिल्ली में प्रदर्शन हुए। इस मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दो नेताओं पर मामला दर्ज किया है। इन सभी पर छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति-जनजाति (उत्पीड़न निवारण) अधिनियम के उल्लंघन का आरोप है।

    दलित छात्र रोहित वेमुला ने विश्वविद्यालय के छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना के खिलाफ हैदराबाद के केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रदर्शन शुरू हो गए। दिल्ली में भी छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के दफ्तर के घेराव की कोशिश की। छात्रों ने बैरिकेड तोड़ दिया। पुलिस ने पानी की बौछार से इन्हें तितर-बितर किया। कई छात्र गिरफ्तार किए गए हैं। इन छात्रों के हाथ में बाबा साहेब अंबेडकर के चित्र थे। ये सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए पुलिस से भिड़ गए।

    केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आत्महत्या के मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाई है। समिति दो दिन में अपनी रपट देगी।

    स्मृति ईरानी ने रोहित के घरवालों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने घटना पर सिर्फ इतना ही कहा कि उनके मंत्रालय का केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है।

    हैदराबाद में विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बना हुआ है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पोस्टमार्टम के लिए रोहित का शव लेने पहुंची पुलिस को भी रोकने का प्रयास किया। वे 'पुलिस लौट जाओ' के नारे लगा रहे थे। उन्होंने शव को कमरे में बंद कर दिया था। उनका कहना था कि कुलपति को बुलाया जाए।

    पुलिस ने छात्रों पर काबू पाने के लिए लाठियां भाजीं। आठ छात्रों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए उस्मानिया अस्पताल पहुंचाया।

    विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज अध्ययन विभाग के द्वितीय वर्ष के शोध छात्र रोहित वेमुला (28) को रविवार रात शोध छात्रों के छात्रावास में अपने दोस्त के कमरे में छत से लटकता पाया गया था।

    पिछले साल अगस्त में एबीवीपी कार्यकर्ताओं से झड़प के कारण अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एएसए) से संबद्ध पांच दलित छात्रों को निलंबित कर छात्रावास से निकाला गया था। रोहित इनमें से एक था।

    इन छात्रों को उनके छात्रावास से दिसंबर में निष्कासित कर दिया गया था। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में स्थित छात्रावासों और अन्य इमारतों में जाने से रोक दिया गया था। उन्हें सिर्फ अपने विषय से संबंधित कक्षा, पुस्तकालय, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में जाने की अनुमति थी।

    अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन वेमुला और चार अन्य छात्रों के निष्कासन के खिलाफ बीते 15 दिनों से प्रदर्शन कर रहा था। उसका कहना था कि ये 'भेदभाव' और 'सामाजिक बहिष्कार' के खिलाफ प्रदर्शन है।

    गुंटूर के गरीब परिवार से संबंध रखने वाले रोहित ने छह पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।

    रोहित ने लिखा है, "मैं हमेशा एक लेखक बनना चाहता था। विज्ञान का लेखक, जैसे कार्ल सैगन। आखिर में, बस यही एक पत्र है जिसे मैं लिख सका।"

    रोहित की मां राधिका ने छात्रों और कई दलित संगठनों के नेताओं के साथ विश्वविद्यालय में धरना दिया। उनका कहना था कि कुलपति को बुलाया जाए और वह बताएं कि उन्होंने उनके बच्चे को क्यों निलंबित किया था।

    विभिन्न छात्र समूहों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा कि वेमुला निलंबन और निष्कासन के कारण काफी निराश था। जेएसी का कहना है कि परिसर में दक्षिणपंथी समूहों के बढ़ते प्रभाव की वजह से यह घटना हुई। जेएसी के एक नेता ने कहा कि बीते पांच साल में नौ दलित छात्र खुदकुशी कर चुके हैं।

    केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री दत्तात्रेय और कुलपति के साथ एबीवीपी के नेताओं, सुशील कुमार और विष्णु के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। मामला साइबराबाद पुलिस कमिश्नरी क्षेत्र के गचिबावली थाने में दर्ज किया गया है।

    गचिबावली थाने के पुलिस अफसर ने आईएएनएस से कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में पांच दलित छात्रों के निलंबन से न तो उनका कोई संबंध है और न ही उनकी भारतीय जनता पार्टी का।

    लेकिन, मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजे अपने उस पत्र का बचाव किया जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में 'राष्ट्र विरोधी' और 'समाज विरोधी' तत्वों की गतिविधियों की जानकारी दी थी।

    दत्तात्रेय ने अपने खिलाफ दर्ज मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।

    तेलंगाना राष्ट्र समिति की सांसद के.कविता ने आरोप लगाया कि दो केंद्रीय मंत्रियों के दबाव की वजह से कुलपति ने पांच दलित शोध छात्रों को निलंबित किया।

    कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी.एन.सिंह ने नई दिल्ली में दत्तात्रेय को मंत्री पद से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मंत्री के साथ कुलपति को भी हटाया जाए।

    विवाद की शुरुआत बीते साल अगस्त में हुई थी। यह मामला दिल्ली विश्वविद्यालय में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर एबीवीपी के हमले के बाद शुरू हुआ। एएसए ने एबीवीपी के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में परिसर में प्रदर्शन किया था। एबीवीपी के सुशील कुमार ने बाद में शिकायत दर्ज कराई थी कि एएसयू कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीटा है। एएसयू ने इसे गलत बताया था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

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