न्यूयार्क, 17 जनवरी (आईएएनएस)। कहते हैं कि मोटापा स्वयं एक बीमारी है, जो अपने साथ कई अन्य बीमारियों को भी दावत देता है। अमेरिका में हुए एक शोध के अनुसार, मोटे व्यक्तियों को बड़ी आंत (कोलोन व रेक्टम) के कैंसर का खतरा सुडौल व्यक्तियों की तुलना में 50 फीसदी अधिक होता है।
कोलोरेक्टल कैंसर को पेट और आंत के कैंसर से भी जाना जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर बड़ी आंत के हिस्से कोलोन और रेक्टम में पनपता है।
अमेरिका के फिलाडेल्फिया में थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्कॉट वाल्डमन के अनुसार, "हमारे अध्ययन के मुताबिक, मोटे व्यक्तियों में कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सहायता से किया जाता है।"
शोधार्थियों ने मान्यता प्राप्त दवा 'लाइनोक्लोटाइड' की भी खोज की है, जो कैंसर के निर्माण को रोकने और मोटे व्यक्तियों के कोलोरेक्टरल कैंसर की रोकथाम के लिए कारगर है।
वाल्डमैन कहते हैं, "लाइनोक्लोटाइड दवा उस हॉर्मोन की तरह काम करता है, जिसकी कमी मोटापाग्रस्त लोगों में हो जाती है।"
शोधार्थियों ने इस बात की खोज की है कि मोटापे के कारण ग्वानिलीन हॉर्मोन की कमी हो जाती है, जिसका निर्माण आंत के एपिथिलियम कोशिकाओं द्वारा किया जाता है।
लाइनोक्लोटाइड दवा मोटापाग्रस्त व्यक्तियों में ट्यूमर को दबाने वाले हॉर्मोन रिसेप्टर्स को सक्रिय कर कैंसर का इलाज करती है।
जेनेटिक रिप्सेलमेंट से ट्यूमर को दबाने वाले हॉर्मोन सक्रिय हो जाते हैं।
यह शोध पत्रिका 'कैंसर रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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