नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला शनिवार से शुरू हो गया। यह मेला 17 जनवरी तक चलेगा। मेले का उद्घाटन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किया।
स्मृति ने कहा, "हम अतिथि देवो भव में विश्वास रखते हैं। हमारे यहां अतिथियों की पूजा की जाती है। हम आशा करते हैं कि चीन से आए हमारे मित्रों को भारत में अपने घर जैसा ही अहसास होगा।"
भारत-चीन के आत्मीय संबंधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्र में चीनी रेशम की पोशाक का उल्लेख यह प्रदर्शित करता है कि भारतीय इतिहास में भी चीन के साथ संबंधों की गूंज सुनाई देती है। उन्होंने आशा जताई कि मेले के माध्यम से दोनों देश केवल सांस्कृतिक विनिमय ही नहीं, बल्कि अपने परस्पर संबंधों को भी सुदृढ़ करेंगे।
मंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी), इंडिया द्वारा शुरू की गई नवलेखन पुस्तक माला की सराहना की। इसके अंतर्गत 16 पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं। स्मृति ने आशा जताई कि आने वाले समय में एनबीटी द्वारा इस पुस्तकमाला में 22 प्रमुख भारतीय भाषाओं में भी पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु, केरल, असम सहित अनेक राज्यों से बच्चे तथा चुनिंदा फोटोग्राफरों को शोध यात्रियों के रूप में श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया जैसे देशों में भेजा जाएगा तथा उनके संस्मरणों को पुस्तकों के माध्यम से प्रकाशित किया जाएगा।
उन्होंने मेले में स्कूली, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों तथा दिव्यांगों के लिए नि:शुल्क प्रवेश जैसे प्रयास की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मेले में बाल मंडप पर आयोजित होने वाले गतिविधियां बच्चों को अत्याधिक आकर्षित करेंगी।
प्रख्यात लेखक एस.एल. भैरप्पा ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि रामायण तथा महाभारत जैसे महाकाव्यों ने भारत की संस्कृति को समृद्ध बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि कवि, लेखक, कलाकार तथा विद्वान हमारे शास्त्रों से अत्याधिक प्रेरित हुए हैं। भारतीय नृत्य जैसे कथकली, भरतनाटयम, ओडिसी आदि अपनी थीम के लिए इन्हीं शास्त्रों पर आश्रित हैं। ये शास्त्र ही नृत्य एवं संगीत के मानदंड साबित होते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृति को संप्रेषण, प्रशासन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भाषा बनाने का प्रयास करना चाहिए।
उद्घाटन अवसर पर एनबीटी के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने बताया कि नवलेखक पुस्तकमाला में 40 वर्ष की आयु तक के लिए नए लेखकों की 16 पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मेले में थीम पैवेलियन में पुस्तकों का प्रदर्शन भोज-पत्र से ई-बुक्त तक किया गया है।
पुस्तक मेले के उद्घाटन अवसर पर प्रख्यात चीनी लेखक लिउं जेनयू, भारत में चीन के राजदूत ली यूचेंग तथा सचिव, उच्चतर शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय विनयशील ओबेरॉय ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
दिल्ली में विश्व पुस्तक मेला शुरू
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