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सानिया-हिंगिस ने जीता ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टेनिस खिताब


ब्रिस्बेन, 9 जनवरी (आईएएनएस)। विश्व की नंबर एक वरीयता प्राप्त महिला जोड़ी सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस ने साल की शुरुआत जीत के साथ की है। इस जोड़ी ने शनिवार को 10 लाख इनामी ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टेनिस प्रतियोगिता का महिला युगल का खिताब अपने नाम कर लिया।

पैट राफ्टर अरेना पर एक घंटे 10 मिनट तक चले इस मुकाबले में सानिया-हिंगिस की जोड़ी ने जर्मनी की अंजेलिक कर्बर और एंड्रिया पेटकोविच की वाइल्ड कार्ड जोड़ी को 7-5, 6-1 से हराकर खिताब अपने नाम किया।

कर्बर इससे पहले महिला एकल मुकाबले में बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका से हार गई थीं।

सानिया-हिंगिस की यह लगातार 26वीं जीत है और यह खिताब 2016 का उनका पहला खिताब। इस जोड़ी का यह छठा खिताब है। लगातार जीत के विश्व रिकॉड से यह जोड़ी महज दो कदम दूर है। लगातार जीत का विश्व रिकॉर्ड गिगी फर्नाडिस और नताशा ज्वेरेवा की जोड़ी के नाम है जिन्होंने 1994 के सत्र में लगातार 28 जीतें हासिल कर यह रिकॉर्ड कायम किया था।

यह सानिया की यहां दूसरी जीत है इससे पहले उन्होंने 2013 में अमेरिका की बेथानेई माटेक के साथ यह खिताब जीता था, जबकि मार्टिना ने यह खिताब बचाए रखा है। उन्होंने जर्मनी की सेबिने लिसिक्सी के साथ पिछले साल यह खिताब जीता था।

विश्व की शीर्ष वरीयता प्राप्त इस जोड़ी ने शुरुआत से ही शानदार खेल दिखाया, दूसरे गेम में 2-0 की बढ़त के साथ जोड़ी ने शानदार शुरुआत की, लेकिन जर्मन जोड़ी ने वापसी कर 4-2 से बढ़त बना ली।

पहला सेट उतार-चढ़ाव से भरा रहा। दोनों ही जोड़ी संघर्ष करती नजर आ रही थी। हाालांकि सानिया-हिंगिस की जोड़ी ने वापसी करते हुए पहले 4 ऑल से बराबरी की उसके बाद 5-4 से बढ़त बना ली।

इसके बाद जर्मन जोड़ी वापसी नहीं कर पाई और पहला सेट हार गई।

दूसरा सेट एकतरफा रहा। पहला सेट हारने से कमजोर दिख रही जर्मन जोड़ी दूसरे सेट में सानिया-हिंगिस के समाने जूझती नजर आई। सानिया-हिंगिस की जोड़ी ने दूसरे सेट में 5-0 से बढ़त बना ली। जर्मनी की जोड़ी ने किसी तरह एक गेम जीता लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसके थोड़ी देर बाद सानिया-हिंगिस की जोड़ी ने साल का पहला खिताब अपने नाम कर लिया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • महिलाएं अब क्रिकेट को अधिक समझती हैं : सुष्मिता

    मुंबई, 16 जनवरी (आईएएनएस)। अभिनेत्री और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन का मानना है कि अब महिलाएं क्रिकेट को अधिक समझती हैं।

    सुष्मिता ट्वेंटी20 टूनार्मेट के मास्टर्स चैंपियंस लीग में शामिल होने के लिए सुष्मिता संयुक्त अरब अमीरात जाएंगी, जहां वह कैप्रिकॉर्न कमांडर्स की टीम को चीयर करेंगी।

    सुष्मिता ने कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूं। बल्लेबाजों, गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों को मैदान में खेलते हुए देखना बहुत दिलचस्प होगा।"

    उन्होंने कहा, "मुझे टी-20 बहुत रोमांचक लगता है। खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैदान में भारी भीड़ होगी, जिनमें अधिकांश महिलाएं होंगी। आज महिलाएं क्रिकेट को पहले की तुलना में अधिक समझती हैं।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • बोपन्ना-मर्गिआ सिडनी इंटरनेशल टूर्नामेंट के फाइनल में हारे

    सिडनी, 16 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के रोहन बोपन्ना और उनके रोमानिया के जोड़ी दार फ्लोरिन मर्गिआ की जोड़ी शनिवार को हुए सिडनी इंटरनेशनल टूर्नामेंट के फाइनल में हार गई है।

    एनएसडब्ल्यू टेनिस सेन्टर के केन रोसवेल अरेना में हुए फाइनल मुकाबले में बोपन्ना-मर्गिआ की जोड़ी को जैमी मरे और ब्रूनो सोरेस की जोड़ी ने 3-6, 6-7(6) से हराया। मरे-सोरेस की जोड़ी ने एक घंटे 30 मिनट तक चले मुकाबले में शिकस्त दी।

    बोपन्ना इस साल अपने खिताब को बचाने में नाकाम रहे। उन्होंने पिछले साल कनाडा के डेनियल नेल्सन के साथ यह खिताब जीता था।

    पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाने वाली बोपन्ना-मर्गिआ की जोड़ी ने पहले सेट की शुरु आत अच्छी की, लेकिन मरे-सोरेस की जोड़ी ने मौकों का फायदा उठाया और पहले सेट में जीत हासिल की।

    बोपन्ना-मर्गिआ ने दूसरे सेट में वापसी की और दो ब्रेकप्वाइंट हासिल किए, लेकिन वे दोनों मौकों पर इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे। मरे-सोरेस ने भी सात ब्रेकप्वाइंट हासिल किए, लेकिन वह भी इसका फायदा नहीं उठा पाए और सेट टाई ब्रेक में गया।

    टाई ब्रेक में भी कांटे का मुकाबला देखने को मिला, लेकिन मरे-सोरेस की जोड़ी ने अच्छा खेल खेलते हुए सेट के साथ साथ खिताब पर भी अपना कब्जा जमाया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • गाबा मैदान पर शतक लगाने वाले पहले भारतीय बने रोहित

    ब्रिस्बेन, 15 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा गाबा मैदान पर एकदिवसीय मैच में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।

    रोहित ने शुक्रवार को आस्ट्रेलिया के साथ जारी दूसरे एकदिवसीय मैच में 124 रनों की पारी खेली। रोहित से पहले सचिन तेंदुलकर ने इस मैदान पर भारत के लिए सबसे अधिक 91 रनों की पारी खेली थी।

    सचिन ने यह पारी 2008 में खेली थी। उससे पहले भी इस मैदान पर सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी सचिन के ही नाम थी। सचिन ने 2004 में 86 रन बनाए थे लेकिन सचिन से पहले 2004 में यहां सौरव गांगुली ने 61 रन बनाए थे।

    रोहित गाबा मैदान पर शतक पूरा करने के साथ एक इलीट क्लब में शामिल हो गए। वह आस्ट्रेलिया में उसी के खिलाफ लगातार दो पारियों में शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं।

    रोहित से पहले दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम हिक और भारत के वीवीएस लक्ष्मण आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में लगातार दो पारियों में शतक लगा चुके हैं।

    रोहित ने वाका मैदान पर हुए पहले मैच में भी शतक लगाया था। यह इस टीम के खिलाफ उनका पांचवां शतक है।

    रोहित ने चार शतक आस्ट्रेलिया में और एक शतक भारत में लगाया है। वह इस टीम के खिलाफ उसी के घर में सबसे अधिक शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। इसके बाद लक्ष्मण का नाम है।

    यही नहीं, रोहित ने सबसे कम 20 पारियों में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच शतक लगााए हैं। सचिन ने भी इस टीम के खिलाफ पांच शतक लगाए हैं लेकिन ये शतक 21 पारियों में बने हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • ब्रिस्बेन एकदिवसीय : रोहित का शतक, भारत ने बनाए 308 रन

    बिस्बेन, 15 जनवरी (आईएएनएस)। रोहित शर्मा (124), अंजिक्य रहाणे (89) और विराट कोहली (59) की शानदार पारियों की मदद से भारतीय क्रिकेट टीम ने गाबा मैदान पर शुक्रवार को जारी पांच एकदिवसीय मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में आस्ट्रेलिया के सामने 309 रनों का लक्ष्य रखा है।

    टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 308 रन बनाए।

    रोहित ने अपनी पारी में 127 गेंदों का सामना किया जिसमें तीन छक्के और 11 चौके शामिल हैं। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (6) के जल्दी आउट हो जाने के बाद रोहित ने कोहली के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 125 रनों की साझेदारी की।

    टीम का स्कोर जब 134 था तब कोहली रन आउट होकर पवेलियन लौटे। उन्होंने अपनी पारी में 67 गेंदो का सामना किया और चार चौके लगाए। इसके बाद रहाणे ने रोहित के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की।

    फॉल्कनर ने रोहित को रन आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। रोहित गाबा मैदान पर एकदिवसीय मैच में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।

    रोहित से पहले सचिन तेंदुलकर ने इस मैदान पर भारत के लिए सबसे अधिक 91 रनों की पारी खेली थी। सचिन ने यह पारी 2008 में खेली थी।

    रोहित गाबा मैदान पर शतक पूरा करने के साथ एक इलीट क्लब में शामिल हो गए। वह आस्ट्रेलिया में उसी के खिलाफ लगातार दो पारियों में शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं।

    रोहित से पहले दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम हिक और भारत के वीवीएस लक्ष्मण आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में लगातार दो पारियों में शतक लगा चुके हैं।

    रोहित ने वाका मैदान पर हुए पहले मैच में भी शतक लगाया था। यह इस टीम के खिलाफ उनका पांचवां शतक है।

    रोहित ने चार शतक आस्ट्रेलिया में और एक शतक भारत में लगाया है। वह इस टीम के खिलाफ उसी के घर में सबसे अधिक शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। इसके बाद लक्ष्मण का नाम है।

    यही नहीं, रोहित ने सबसे कम 20 पारियों में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच शतक लगााए हैं। सचिन ने भी इस टीम के खिलाफ पांच शतक लगाए हैं लेकिन ये शतक 21 पारियों में बने हैं।

    बहरहाल, रोहित के साथ शतकीय साझेदारी करने वाले रहाणे भी फॉल्कनर का शिकार हुए, उन्होंने अपनी पारी में 80 गेंदों का सामना किया और छह चौके और एक छक्का लगाया।

    इसके बाद निचले क्रम में कोई भी बल्लेबाज अच्छी शुरूआत का फायदा नहीं उठा सका और नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे।

    कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी (11) तेजी से रन बटोरने के कारण स्कॉट बोलैंड की गेंद पर मैक्सवेल को कैच दे बैठे।

    आस्ट्रेलिया की तरफ से जेम्स फॉल्कनर को दो विकेट मिले। जोएल पेरिस, स्कॉट बोलैंड, और जॉन हेस्टिंग्स को एक-एक विकेट मिला, जबकि तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • एचआईएल से बदली है भारतीय हॉकी की तस्वीर : सरदार

    मोनिका चौहान
    नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। बचपन में पढ़ा था कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है लेकिन जैसे-जैसे इसकी वास्तविकता से परिचय हुआ, तो समझ में आया कि अपने देश में यह खेल केवल किताबों में ही अपने गौरवमयी इतिहास को बरकरार रख पाया है।

    आज के युवाओं को जुबान पर विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और सचिन जैसे क्रिकेट खिलाड़ियों का नाम है, लेकिन कम ही लोग होंगे, जिन्हें राष्ट्रीय हॉकी टीम के किसी खिलाड़ी के बारे में कुछ जानकारी हो।

    क्रिकेट की छवि ने हॉकी पर काफी नकारात्मक प्रभाव डाला और इसका भुगतान हॉकी के खिलाड़ियों को भी करना पड़ा, लेकिन हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) जब से शुरू हुआ है, इससे खेल को काफी फायदा हुआ है।

    वर्तमान में एचआईएल के चौथे संस्करण की शुरुआत से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में इस लीग में हिस्सा लेने वाली सभी टीमों के कप्तानों को साथ बातचीत हुई।

    इस सम्मेलन में आए जेपी पंजाब वारियर्स और भारत की राष्ट्रीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह उर्फ सरदारा सिंह के साथ हुए साक्षात्कार में यह बात समझ में आई कि हॉकी के स्तर में भी विकास हो रहा है और आज इन खिलाड़ियों को भी पहचान मिल रही है।

    आईएएनएस ने सरदार से जब एक साक्षात्कार में पूछा कि एचआईएल से पहले और बाद में हॉकी के स्तर में किस तरह का बदलाव आया है, तो उन्होंने कहा, "सकारात्मक बदलाव हुआ है। एचआईएल के बाद अगर आप हमारी राष्ट्रीय टीम पर नजर डालें, तो सभी खिलाड़ियों को लोग जानने लगे हैं। एचआईएल के परिणाम भारतीय हॉकी के स्तर के लिए काफी सकारात्मक रहे हैं। यूट्यूब पर भी देखा जाए, तो प्रशंसकों की संख्या भी काफी बढ़ी है।"

    एचआईएल के बाद हॉकी की लोकप्रियता बढ़ने से खिलाड़ियों को भी आर्थिक तौर पर और खेल सुविधाओं के रूप में काफी मदद मिली है।

    सरदार से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "इस तरह की लीग को भविष्य में भी जारी रखना चाहिए, क्योंकि इससे आर्थिक फायदे हो रहे हैं, जो खिलाड़ी अपने आप को फिट रख रहे हैं। इससे खिलाड़ियों में आगे बढ़ने के विश्वास और देश के लिए अधिक पदक जीतने के जज्बे को बढ़ावा मिला है।"

    विश्व हॉकी दिग्गजों में शामिल सरदार से जब रियो ओलंपिक में भारत की रणनीति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "फिलहाल, हमने रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने के बाद थोड़ा ब्रेक लिया और अब हम एचआईएल में हिस्सा ले रहे हैं। इसके बाद, जो हमारे कोच और अध्यक्ष रणनीति बनाएंगे, उसके मुताबिक हम आगे बढ़ेंगे।"

    आईएएनएस ने जब सरदार से पूछा कि एचआईएल का अनुभव ओलंपिक में किस तरह मदद करेगा, तो उन्होंने कहा, "इससे काफी मदद मिलेगी, क्योंकि इन्ही खिलाड़ियों के खिलाफ हमें खेलना है और यह हमारे लिए यह काफी अच्छी बात है कि ओलंपिक से पहले हमारे लिए अभ्यास स्वरूप टूर्नामेंट मिल रहा है।"

    इस लीग में खेलने के दौरान हम विदेशी खिलाड़ियों के खिलाफ और साथ खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों के स्तर का अध्ययन करना चाहिए और हम अपनी कमियों में भी सुधार कर सकते हैं।

    आज की युवा पीढ़ी भी हॉकी को एक करियर के तौर शामिल करने के लिए आगे बढ़ रही है। इस बारे में सरदार ने कहा, "इस लीग के बाद जो परिणाम आ रहे हैं, मैं कहूंगा कि हॉकी के प्रति युवा पीढ़ी के विचार सकारात्मक हुए हैं। पहले अधिकतर लोग क्रिकेट में हिस्सा लेने की कोशिश करते थे, लेकिन अब लोग हॉकी में शामिल होने के प्रति रुचि दिखा रहे हैं, जो कि बहुत अच्छी बात है।"

    उल्लेखनीय है कि ओलंपिक में आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत चुकी भारतीय टीम की पहचान धुंधली पड़ने लगी थी, लेकिन एचआईएल ने कहीं न कहीं इस पहचान को बढ़ाने में एक मुख्य भूमिका निभाई है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • बोपन्ना-मार्गिआ सिडनी इंटरनेशनल टूर्नामेंट के फाइनल में

    सिडनी, 15 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के रोहन बोपन्ना और रोमानिया के उनके जोड़ीदार फ्लोरिन मार्गिआ ने शुक्रवार को सिडनी इंटरनेशनल टूनार्मेंट के पुरुष युगल वर्ग के फाइनल में जगह पक्की कर ली है।

    इस जोड़ी ने एनएसडब्ल्यू टेनिस सेन्टर पर हुए सेमीफाइनल मैच में थॉमस बेलुची और लियोनाडरे मायेर की जोड़ी को सीधे सेटों में 7-6 (8), 6-4 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह मुकाबला एक घंटा 23 मिनट तक चला।

    फाइनल में उनका मुकाबला जैमी मरे और ब्रूनो सोरेस की जोड़ी से शनिवार को होगा।

    दोनों जोड़ियों को पहले सेट में ब्रेकप्वाइंट मिले जिसका वह फायदा नहीं उठा पाए जिसके कारण सेट टाई ब्रेक में गया जहां बोपन्ना-मार्गिआ की जोड़ी ने 10-8 से सेट अपने नाम किया।

    बेलुची और मायेर को दूसरे सेट में तीन ब्रेक प्वाइंट मिले जिनका फायदा उठाने में यह जोड़ी नाकाम रही। दूसरे सेट में शानदार खेल दिखाते हुए बोपन्ना-मार्गिआ ने सेट अपने नाम कर मैच जीत लिया और फाइनल में जगह पक्की कर ली।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।



    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

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उपासना बेहार “.....ज्ञान बिना सब कुछ खो जावे,बुद्धि बिना हम पशु हो जावें, अपना वक्त न करो बर्बाद,जाओ, जाकर शिक्षा पाओ......” सावित्रीबाई फुले की कविता का अंश अगर सावित्रीबाई फुले...