बदायूं: 18 जनवरी/ दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की उपस्थिति को लेकर यूपी के केमिस्ट और फार्मासिस्ट संगठन में टकराव जारी है ! इसी क्रम में दोनों ही संगठनो ने जोर आजमाईश की ! जहाँ एक तरफ केमिस्ट संगठन ने बदाऊं क्लब में सभा की वही फार्मासिस्ट संगठनों ने विरोध मार्च निकाला !
क्या है मामला
लम्बे अरसे से यूपी के फार्मासिस्ट संगठन ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट और फार्मेसी एक्ट की मांग कर रहे हैं.सूत्रों के अनुसार यूपी में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की संख्या करीब ६५ हज़ार है जिसमे १५ हज़ार के करीब सरकारी कर्मचारी है. ज्यादातर फार्मासिस्ट वेहतर रोजगार हेतु राज्य से बाहर पलायन कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में एक लाख से ज्यादा दवा की दुकान चल रही है! हज़ारों की संख्या में दवा दुकानें ऐसी भी है जिनके पास कोई ड्रग लाइसेंस तक नहीं है. अधिकांश लाइसेंसी दवा की दुकान बगैर फार्मासिस्ट की मौजूदगी में चल रही है.
ऑनलाइन लाइसेंस को लेकर भी विवाद
फार्मासिस्ट संगठन के बढ़ते दबाब को लेकर यूपी की सरकार ने ड्रग लाइसेंस ऑनलाइन कर दिया। ऐसे में नए ड्रग लाइसेंस से लेकर रेनुअल तक की प्रक्रिया ऑनलाइन करनी पड़ती थी. यूपी में ज्यादातर जगहों में एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई कई दुकान चल रही थी फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर कंप्यूटर में डालने से यह पता चल जाता की फार्मासिस्ट अन्यत्र भी मेडिकल दुकान में निबंधित है. ऐसे में बाकि की दवा दुकान को अवैध घोषित कर औषधि विभाग बंद करने का नोटिस थमा देते! केमिस्ट संगठन ऑनलाइन सिस्टम का विरोध इसलिए भी कर रहे है.
विरोध के चलते नहीं पहुंचे सांसद
बदाऊं केमिस्ट संगठन ने बदाऊं के सांसद धर्मेन्द्र यादव को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था पर फार्मासिस्टों के भारी विरोध के कारण सांसद ने दौरा रद्द कर दिया। केमिस्ट संगठन में निराशा का माहोल देखने को मिला।
मजिस्ट्रेट को सौपा ज्ञापन
डिप्लोमा फार्मासिस्ट संगठन के जिलाध्यक्ष विजय कुमार मिश्रा ने राष्ट्रपति के नाम बदाऊं के मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप कर दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की उपस्थिति की मांग की है.
एकता की मिशाल बने फार्मासिस्ट संगठन
रैली में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, फार्मासिस्ट फाउंडेशन, द ग्रेट फार्मासिस्ट वेलफेयर सोसाइटी, प्रो इंडिया के सदस्यों ने भाग लिया! रैली में भाग लेने वालों में विजय कुमार मिश्र, आरसी कटिहार, उदय प्रताप सिंह, रविकांत भारती, अनिरुद्ध सक्सेना, प्रदीप चतुर्वेदी, राकेश गुप्ता, चन्द्र प्रकाश, राजेश वर्मा, श्यामलाल प्रियंका विनीता समेत करीब दो सौ फार्मासिस्ट मौजूद रहे.