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कब आएंगे बुंदेलखंड के अच्छे दिन?

लखनऊ, 8 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। दिन महीने और साल दर साल गुजरते चले जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के किसानों के 'अच्छे दिन' आने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।

एक दशक से कभी ओला कभी अतिवृष्टि तो कभी सूखा की मार झेलते-झेलते यहां का किसान अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहाने पर विवश हो गया है। हालत ये हैं कि बुंदेलखंड में सातों जनपदों- बांदा, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर का हर किसान घर की चौखट पर बैठकर यही सोचता है कि उनके भी कभी अच्छे दिन आएंगे या नहीं या फिर भीषण महंगाई, कर्ज और आर्थिक संकट के बोझ के तले यूं ही तड़पते रहना पड़ेगा।

बुंदेलखंड के 80 वर्षीय किसान गजोधर का कहना है कि संसाधनांे की कमी से बुंदेलखंड सदैव से कृषि के क्षेत्र में फिसड्डी रहा है। पहले सिंचाई की व्यवस्था नहीं थी, नलकूपों की कमी थी तो किसान मानसूनी वर्षा के आधार पर फसल उगाता था और उससे जो कुछ भी हासिल होता था परिवार का भरण पोषण करता था।

कम उत्पादन के कारण किसानों को आगे बढ़ने का अवसर कभी नहीं मिल पाया। अब जब नलकूप भी है नहरे भी हैं तो सिंचाई खाद बीज, जुताई, बुवाई कटाई का खर्च इतना बढ़ गया है कि उत्पादन का आधा भाग इसी में चला जाता है तो वहां के किसानों के जो हाल पहले थे, वही आज भी हैं।

एक अन्य किसान सेवालाल कहते हैं कि पहले तो कुछ गनीमत थी, लेकिन एक दशक से प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान उत्पादन के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं कर पा रहा है। वह टूटता चला जा रहा है।

कई किसान आर्थिक संकट का सदमा बर्दाश्त न कर पाने से काल के गाल मंे समा चुके हैं, यह सिलसिला अभी भी जारी है।

किसान हरिशंकर ने बताया कि बुंदेलखंड के किसानों का दुर्भाग्य है कि उन्हें सम्हलने का अवसर ही नसीब नहीं है। किसान उमेश सिंह परिहार का कहना है कि सालों से अच्छी फसल न होने से यहां किसानों की बुरी दशा है। थोड़ा बहुत जो हासिल होता है, वह बैंक का ऋण चुकाने बीमारी, शादी-विवाह में खर्च हो जाता है। खर्च को कुछ नहीं बचता तो किसानों की संताने अच्छी शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाती। रोजगार के अवसर भी नहीं मिल पाते।

उजनेड़ी के किसान नरेंद्र वीर सिंह चौहान का कहना है कि सोचा था कि केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद किसानों के भी अच्छे दिन आएंगे, क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोबा की जनसभा में कहा था कि जिस तरह प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत हर गांव को सड़क से जोड़ा गया, उसी तरह हर खेत को पानी तथा हर किसान को फसल की भरपूर लागत उपलब्ध कराने का काम भाजपा करेगी। इसके बावजूद हालात इस कदर खराब हैं कि बुंदेलखंड का किसान सूखे की चपेट आ गया है, लेकिन केंद्र का हो या प्रदेश का सरकारी अनुदान, कुछ नहीं मिल पा रहा है। ऐसी हालत में किसानों का हाल आगे क्या होगा, कहना कठिन है।

किसान राकेश त्रिपाठी का कहना है कि सरकारों के भरोसे यहां का किसान कुछ भी हासिल नहीं कर पाएगा, क्योंकि किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है।

वहीं, छानी के किसान रामकुमार का कहना है कि बुंदेलखंड के किसान हमेशा से उपेक्षित रहे हैं और आज भी हैं। उनकी समस्याओं को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है, शोषण अलग से होता है। ऐसी दशा मंे किसानों के अच्छे दिन आने का सवाल ही नहीं उठता।

कुल मिलाकर शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा तथा प्राकृतिक आपदाओं से यहां का किसान एकदम हताश व निराश हो चुका है। यदि समय रहते प्रदेश व केंद्र की सरकारों ने गौर नहीं किया तो हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती चली जाएगी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    ऋतुपर्ण दवे
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    दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इसे केंद्र में सत्तारूढ़ और दिल्ली चुनाव बुरी तरह हारी भारतीय जनता पार्टी की कारस्तानी बताई है। सच्चाई जो भी हो, मगर केंद्र के अधीनस्थ दिल्ली पुलिस सुरक्षा में कोताही के आरोप से पल्ला नहीं झाड़ सकती।

    25 मार्च, 2014 को भी वाराणसी में केजरीवाल के रोड शो में स्याही फेंकी गई थी और इस मामले में अम्बरीश सिंह नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था। इससे पहले भी एक बार 18 नवंबर, 2013 को नचिकेता नामक व्यक्ति ने दिल्ली में ही केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी। उस समय भी इसे विरोधियों की हरकत करार दिया गया था।

    इंक अटैक के दुनियाभर में कई मामले चर्चित हैं। भारत में यह चलन हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। निश्चित रूप से ऐसी घटनाएं कानूनी दृष्टिकोण से बड़े मामले नहीं बनते, लेकिन यह भी ठीक नहीं कि इसी आड़ में कानूनी रूप से छोटा लगने वाला, पर सुर्खियों में कई दिनों तक छाए रहने वाले कृत्यों की छूट हो।

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    (लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं टिप्पणीकार हैं)

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मप्र : नेपाली परिचय सम्मेलन में 200 युवक-युवतियों की हिस्सेदारी
    भोपाल, 17 जनवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नेपाली समाज का देश का पहला युवक-युवती परिचय सम्मेलन रविवार को आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में देशभर से आए विवाह योग्य 200 युवक-युवतियों ने हिस्सा लिया।

    सम्मेलन में दिल्ली, मुंबई, नागपुर, इंदौर, पुणे, सागर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, देवास, रायसेन सहित विभिन्न शहरों से युवक-युवतियां पहुंचे थे।

    श्री पशुपतिनाथ नेपाली समाज की ओर से जानकारी दी गई कि गोविंदपुरा क्षेत्र में स्थित मंदिर प्रांगण में आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से आए 200 से अधिक विवाह योग्य युवक-युवतियों ने मंच से अपना परिचय देते हुए भावी जीवनसाथी के बारे में बेबाक राय रखी।

    राज्य सरकार के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने समाज की स्मारिका का विमोचन करते हुए कहा कि यह सम्मेलन भारत और नेपाल के ऐतिहासिक संबंध को और प्रगाढ़ बनाएगा।

    विधायक, विश्वास सारंग एवं महिला आयोग की पूर्व सदस्य शशि सिन्हा ने समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान कर मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया।

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    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • एचसीएल फाउंडेशन सामाजिक कार्यो पर 100 करोड़ रुपये खर्चेगा
    नोएडा, 17 जनवरी (आईएएनएस)। एचसीएल फाउंडेशन ने रविवार को कहा कि अगले पांच साल में वह देश के उत्थान संबंधित परियोजनाओं में लगे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

    फाउंडेशन ने यहां एक बयान में कहा, "देश के विकास और उत्थान के लिए परियोजना का कार्यान्वयन करने वाले एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद के लिए फाउंडेशन ने एचसीएल अनुदान शुरू किया है।"

    एचसीएल फाउंडेशन एक कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिट ट्रस्ट है। इसमें कर्मचारी हर दिन एक रुपये का अंशदान करते हैं और कर्मचारियों से मिलने वाले कोष के बराबर अंशदान प्रबंधन द्वारा किया जाता है।

    बयान में कहा गया, "प्रथम वर्ष में एक चयनित एनजीओ को पांच करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। इस पहल के जरिए अगले पांच साल में 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।"

    इस पहल के लिए देशभर के 400 में से छह एनजीओ का चुनाव किया गया है। विजेता एनजीओ की घोषणा सोमवार को होगी।

    फाउंडेशन ने कहा कि प्रथम वर्ष में सिर्फ शिक्षा क्षेत्र के एक एनजीओ को कोष दिया जा रहा है। आने वाले वर्षो में स्वास्थ्य सेवा और पारिस्थितिकी विकास जैसे क्षेत्रों में भी एक-एक एनजीओ तथा एक-एक सामाजिक कार्यकर्ता पांच करोड़ रुपये का अनुदान पा सकेंगे।

    एचसीएल टेक्न ोलॉजीज बोर्ड सदस्य और एचसीएल ग्रांट के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष रॉबिन अब्राहम ने कहा, "एचसीएल ग्रांट के जरिए हम प्रक्रिया और प्रारूप का संस्थानीकरण कर एनजीओ की मदद करना चाहते हैं और देश के उत्थान में योगदान करने वालों को मान्यता भी देना चाहते हैं।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • हरिद्वार में है भटके हुए देवता का मंदिर
    हरिद्वार, 17 जनवरी (आईएएनएस)। आपने कभी सुना है कि भटके हुए देवताओं के भी मंदिर होते हैं? नहीं तो हरिद्वार जाकर भटके हुए देवता का मंदिर जरूर देखिए। गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने शांतिकुंज परिसर में यह मंदिर बनवाया है। यहां आने वाले साधक इस मंदिर में ध्यान करते हैं।

    इस मंदिर के अंदर पांच बड़े-बड़े आइने लगे हुए हैं और इन पर आत्मबोध व तत्वबोध कराने वाले वेद-उपनिषदों के मंत्र लिखे हंै। आइनों पर चारों वेदों के चार महावाक्य लिखे हैं, जिनमें जीव-ब्रह्म की एकता की बात कही गई है। साधक यहां आकर 'सोùहं' से 'अहम्' या आत्मब्रह्म तक के सूत्रों की जाप करते हैं। कहा जाता है कि यहां आकर साधकों में आत्मबोध की अनुभूति होती है।

    शांतिकुंज से जुड़े गायत्री भक्त कीर्तन देसाई ने बताया कि यहां नौ दिन के सत्रों व एक मासिक प्रशिक्षण शिविर में आने वाला प्रत्येक साधक आचार्य द्वारा लिखित पुस्तक 'मैं कौन हूं?' में निर्दिष्ट साधना प्रणाली का सतत अभ्यास करता है। भटके हुए देवता के मंदिर में उसी साधना-विधान का संक्षिप्त निर्देश है।

    उन्होंने बताया कि यहां पत्थर की प्रतिमाओं पर धूप-दीप, गंध-पुष्प चढ़ाकर ईश्वर के प्रति भक्ति भावना निविदेत की जाती है। साथ ही भक्त दर्पण के सामने खड़े होकर अपने स्वरूप को निहारकर अंत:करण की गहराई में झांकने का अभ्यास करते हैं।

    मान्यता है कि इससे मनुष्य रूपी भटके हुए देवताओं को देर-अबेर अपने देव स्वरूप, ब्रह्म स्वरूप यानी 'अहं ब्रह्माùस्मि' की अनुभूति अवश्य होगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मप्र : 'जल-महोत्सव' के लिए सोशल मीडिया का सहारा
    भोपाल, 17 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में पहली बार इंदिरा सागर बांध के हनुवंतिया टापू पर अगले माह प्रस्तावित 'जल-महोत्सव' के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।

    राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा रविवार को दी गई जानकारी में कहा गया है कि नर्मदा सागर बांध के नजदीक हनुवंतिया टापू पर अगले माह फरवरी में आयोजित 'जल-महोत्सव' की गतिविधियों से अवगत कराने के लिए सोशल साइट का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। सोशल नेटवर्क साइट पर लोगों की जिज्ञासा शांत किए जाने के साथ ही उन्हें मनचाही जानकारी दी जा रही है।

    बयान में कहा गया है, "हनुवंतिया जल-महोत्सव के लिए फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब, गूगल प्लस तथा इंस्टाग्राम पर भी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इन पर प्रतिदिन नवीन जानकारी अपलोड एवं अपडेट की जा रही है।"

    उल्लेखनीय है कि खण्डवा जिले में इंदिरा सागर बांध के नजदीक स्थित हनुवंतिया टापू पर आगामी 12 से 21 फरवरी, 2016 तक जल-महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस 10 दिवसीय महोत्सव में विविध रोमांचक और साहसिक गतिविधियां होंगी। पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

    प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे जल-महोत्सव को सफल बनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर रोड-शो भी किए जा रहे हैं। इस श्रंखला में नई दिल्ली में रोड-शो का आयोजन किया गया। इस मौके पर जल-महोत्सव पर केन्द्रित पोस्टर का विमोचन किया गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नोबेल विजेता युयु की बॉयोग्राफी का होगा अंग्रेजी अनुवाद
    बीजिंग, 17 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन की नोबेल पुरस्कार विजेता औषध विज्ञानी तु युयु की बॉयोग्राफी का अंग्रेजी में भी अनुवाद किया जाएगा। बॉयोग्राफी के प्रकाशक ने रविवार को यह जानकारी दी।

    पीपल्स के पब्लिशिंग हाउस के अनुसार, ब्रिटेन में एलेन चार्ल्स पब्लिशिंग ने इसका अंग्रेजी अनुवाद शुरू कर दिया है और प्रारंभ में इसकी करीब 10,000 प्रतियां छापने की योजना बनाई जा रही है।

    पीपल्स के पब्लिशिंग हाउस ने इस बॉयोग्राफी को दिसंबर में जारी किया था। इसे चीन की भाषा में जारी किया गया था।

    फ्रांस की प्रकाशन संस्था एडिशन्स योउ फेंग इसके फ्रांसीसी संस्करण पर काम कर रहा है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

आधी दुनिया

सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

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उपासना बेहार “.....ज्ञान बिना सब कुछ खो जावे,बुद्धि बिना हम पशु हो जावें, अपना वक्त न करो बर्बाद,जाओ, जाकर शिक्षा पाओ......” सावित्रीबाई फुले की कविता का अंश अगर सावित्रीबाई फुले...