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मुस्लिम महिला संगठन की 3 तलाक पर प्रतिबंध की मांग

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) ने शुक्रवार को समुदाय में तलाक के लिए कायम तीन तलाक प्रणाली पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि यह गैर इस्लामिक है और कई मुस्लिम देशों में प्रतिबंधित है।

समूह ने यहां आयोजित अपने नौवें वार्षिक सम्मेलन में पारित एक प्रस्ताव में कहा, "कुरान निकाह के दौरान मुस्लिम महिलाओं को अधिकार देता है और तीन तलाक को मान्यता नहीं देता।"

प्रस्ताव में कहा है, "फिर भी यह बुरी परंपरा भारत में कायम है। कई मुस्लिम देशों की तरह भारत में भी इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।"

सम्मेलन में समान आचार संहिता की बात को खारिज कर दिया और सरकार से आग्रह किया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं।

बीएमएमए की ओर से जारी एक बयान में संस्था की सहसंस्थापक नूरजहां साफिया नियाज ने कहा है कि भारत को न्याय एवं समानता पर आधारित एक मुस्लिम पर्सनल लॉ की कितनी आवश्यकता है।

संस्था की एक अन्य सहसंस्थापक जकिया सोमन ने इस बारे में बात की कि समान नागरिक संहिता किस तरह मुस्लिम महिलाओं की न्याय की खोज का जवाब नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह केवल मुस्लिम पर्सनल लॉ में सुधार से ही संभव हो सकता है, जहां निकाह की उम्र, तलाक और बहुविवाह प्रथा पर नियंत्रण लगाया जा सकता है।

सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से कोई 500 मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर 'अब तलाक, तलाक, तलाक नहीं : मुस्लिम महिलाएं एक गैरइस्लामिक परंपरा पर प्रतिबंध की मांग करती है', शीर्षक वाली एक रपट जारी की गई।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • उप्र : एमबीसी व ईबीसी को सम्मान दे सपा : लौटन राम
    लखनऊ, 7 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता चौधरी लौटन राम निषाद ने पार्टी नेतृत्व से अतिपिछड़ी (एमबीसी) एवं अत्यंत पिछड़ी (ईबीसी) जातियों को विभिन्न स्तरों पर राजनीतिक सम्मान दिए जाने की मांग की है।

    उन्होंने कहा कि छठे मंत्रिमंडल विस्तार व पुनर्गठन में भी अतिपिछड़ी व अत्यंत पिछड़ी जातियों को कैबिनेट में समुचित व आनुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।

    निषाद ने कहा कि कुशवाहा, मौर्य, निषाद, पाल, लोध, किसान जैसी मजबूत आधार वाली जातियों को कैबिनेट देने व कुछ को स्वतंत्र प्रभार बनाया जाना आवश्यक है। लोधी/किसान जाति के तीन, निषाद व कश्यप जाति के 2, पाल, चौरसिया, जाति के एक-एक लोगों को राज्यमंत्री बनाया गया है। प्रजापति व माली सैनी समाज के एक-एक लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

    उन्होंने कहा कि लोधी किसान, निषाद, मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, पाल, समाज का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व आवश्यक है।

    निषाद ने बताया कि 2007 की मतदाता सूची के अनुसार, निषाद समुदाय की मल्लाह, केवट, बिंद, धीवर, कहार, रायकवार, गोडिया, तुरहा, मांझी आदि जातियों की संख्या-1 करोड़ 73 लाख, 78 हजार तथा सामाजिक न्याय समिति-2001 की 12.92 प्रतिशत, लोधी किसान-6.06 प्रतिशत, कुशवाहा, मौर्य, काछी, सैनी आदि 8.56 प्रतिशत, पाल-बघेल-4.43 प्रतिशत, राजभर-2.44 प्रतिशत, चौहान-2.33, तेली-3.01, कांदू भुर्जी-1.43, विश्वकर्मा-3.72 प्रतिशत, नाई, सविता-1.01 प्रतिशत हैं।

    उन्होंने लक्ष्मीकांत पप्पू निषाद को खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री बनाये जाने पर सपा नेतृत्व व मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी दिये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

    निषाद ने रामजतन राजभर को मंत्रिमंडल में जगह देकर सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करने पर बल दिया। साथ ही निषाद, नाई, सविता, नोनिया, चौहान, रायकवाड़, तुरैहा, पासवान, भुर्जी, साहू, समाज को विभिन्न निगम, आयोग, परिषद व सरकारी संस्थाओं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार आदि बनाकर राजनीतिक हिस्सेदारी व सम्मान दिए जाने की मांग की।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • राहुल पर आरएसएस, भाजपा का पलटवार

    नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया और उन्हें राजनीति में नौसिखिया बताया।

    राहुल गांधी ने शनिवार को आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह उदार, और धर्मनिरपेक्ष भारत को नष्ट कर रहा है।

    राहुल ने यहां आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन भाषण में कहा, "पहली बार एक फासिस्ट संगठन ने निर्णायक शक्ति हासिल की है।"

    केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरराज सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "जिनके राजनीतिक दूध के दांत अभी तक टूटे नहीं हैं, वो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी पर टिप्पणी न करें।"

    आरएसएस ने भी अपनी प्रतिक्रिया में आशा जताई कि सिंह से कांग्रेस को माकूल जवाब मिल गया है।

    गिरिराज की टिप्पणी के बाद आरएसएस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, "लगता है कि कांग्रेस को गिरिराज जी से उचित जवाब मिल गया होगा।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भारत उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में उभरे : राष्ट्रपति
    नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि भारत के कम से कम पांच केंद्रीय उच्चतर शैक्षणिक संस्थान (सीएचईआई) विश्व के शीर्ष 200 संस्थानों में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत को अनिवार्य रूप से एक उच्चतर शिक्षा गंतव्य के रूप में उभरना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि सीएचईआई अब अपने पंखों को नई ऊंचाई तक ले जाएगा।

    राष्ट्रपति भवन में तीन दिवसीय कुलाध्यक्ष सम्मेलन के समापन पर शुक्रवार को राष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे उन पहल को पृथक करें जिनके लिए किसी कोष की आवश्यकता नहीं है और वैसी पहल जिनके लिए अतिरिक्त कोष की आवश्यकता है।

    एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने कहा कि इनमें से कुछ हैं- पाठ्यक्रमों का नियमित अद्यतीकरण एवं संशोधन, नई पद्धतियों को अपना कर शिक्षण की गुणवत्ता में बेहतरी लाना, वैसी शिक्षा प्रदान करना जो छात्रों का चरित्र और मूल्य प्रणाली का निर्माण करें, मौजूदा बुनियादी ढांचे का बेहतर रख-रखाव और उपयोग।

    उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर हम नए उत्साह के साथ उन पर काम करें तो इसका परिणाम काफी उत्साहवर्धक होगा।

    राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सीएचईआई की प्रशासनिक संरचना में पूर्व छात्रों की भागीदारी में जरूर वृद्धि देखी है, लेकिन अभी भी प्रायोजित अनुसंधान, वृत्तियों, पदों की स्थापना, चंदा एवं संकाय नियुक्ति में उत्प्रेरण के जरिए आपसी मेल-जोल के क्षेत्र को विस्तारित करने के मामले में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।

    उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से शीघ्र ही एक एकल खिड़की की स्थापना करने की अपील की जो सीएचईआई को मौजूदा प्रशासनिक एवं कानूनी प्रणालियों के अनुरूप समझौते करने में मदद करेगा।

    राष्ट्रपति ने कहा कि अन्वेषक, उद्यमी एवं वित्तदाता एक अन्वेषक आर्थिक प्रणाली के तीन महत्वपूर्ण हिस्से हैं। 'स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया' के संदर्भ में उद्यमशीलता को एक नया आयाम प्राप्त हुआ है।

    समापन सत्र में उपस्थित लोगों में केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर शामिल थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : पत्रकार की मौत की सीबीआई जांच की मांग
    लखनऊ, 7 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश का हिंदी पत्रकार एसोसिएशन वरिष्ठ पत्रकार राजीव चतुवेर्दी की थाना सरोजनी नगर प्रांगण में संदिग्ध हालात में हुई मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर 8 नवंबर को जीपीओ पार्क में धरना देगा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा।

    एसोसिएशन के प्रांतीय सचिव संतोष कुमार तिवारी ने आईपीएन को बताया कि धरने का नेतृत्व वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व न्यायाधीश रामचंद्र शुक्ल एवं केशव पांडेय द्वारा किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में एसोसिएशन शासन-प्रशासन द्वारा पत्रकारों पर निरंतर बढ़ रहे कातिलाना हमले एवं हत्याओं पर लगाम लगाने की मांग करेगा।

    तिवारी ने बताया कि ज्ञापन में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग भी मुख्यमंत्री से की जाएगी। साथ ही आरोपी थाना प्रभारी को बर्खास्त करने, हत्या का मुकदमा दर्ज करने एवं सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की जाएगी।

    एसोसिएशन ने देश के चौथे स्तंभ को सुरक्षित रखने के लिए पत्रकारों, लेखकों, विचारकों से धरने में शामिल होने का आह्वान किया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • देश के सभी गांवों में मार्च 2017 तक बिजली
    नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदशों ने सर्वसम्मति से दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना (डीडीयूजेवाई) के तहत मिशन मोड में 31 मार्च, 2017 तक विद्युतीकरण से वंचित सभी गांवों में विद्युतीकरण सुनिश्चित करने का फैसला किया है।

    राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली, नवीन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन शनिवार को यहां समाप्त हुआ, जिसमें देश में सबके लिए 2019 तक या उससे पहले 24 घंटे बिजली सुलभ कराने की योजना निर्माण से संबंधित गतिविधियों को मिशन मोड में पूर्ण करने के लिए काम करने का संकल्प किया गया।

    सम्मेलन में फैसला किया गया कि सबके लिए बिजली पर जिन राज्यों के योजना दस्तावेज अभी तक तैयार नहीं हुए हैं, उन्हें सलाहकारों एवं केंद्रीय टीम सदस्यों की सहायता से जल्द तैयार कर लेना चाहिए, ताकि ये दस्तावेज 31 दिसंबर, 2015 तक तैयार हो जाएं।

    सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय बिजली, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने की।

    राज्यों ने मंजूरी की तारीख से 30 महीनों के भीतर इसे लागू करने, समेकित बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) परियोजनाओं के त्वरित अमल सुनिश्चित करने का भी संकल्प किया।

    उन्होंने 2019-20 तक राष्ट्रीय स्तर पर 15 प्रतिशत सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक नुकसान (एटी एंड सी) ले आने के प्रति भी संकल्प किया।

    राज्यों में स्मार्ट ग्रिड गतिविधियों की योजना बनाने के लिए एक राज्यस्तरीय मिशन की भी स्थापना की जाएगी।

    राज्यों ने 2018-19 तक सभी मौजूदा पारंपरिक स्ट्रीट लाईट की जगह एलईडी लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का संकल्प किया है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे नौ राज्यों ने एक वर्ष के भीतर सौर ऊर्जा सहित किफायती पम्पों को मौजूदा 10 प्रतिशत कृषि जल पम्पों की जगह लगाने का भी फैसला किया है।

    राज्यों ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सौर पार्क स्थापित करने और सरकारी भवनों की छतों पर सौर टॉप स्थापित करने पर भी सहमति जताई है। जो राज्य पवन संसाधन में समृद्ध हैं, उन्होंने पहली जनवरी, 2016 तक पवन ऊर्जा के पूवार्नुमान एवं कार्यक्रम निर्धारण के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर भी सहमति जताई है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : रेलवे ट्रैक पर मिला नवजात का शव
    हरदोई, 7 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के हरदोई में शनिवार की सुबह रेलवे ट्रैक पर एक नवजात का शव पड़ा पाया गया। शव को आवारा जानवर नोंचने की फिराक में थे, तभी जीआरपी ने शव को कब्जे में ले लिया।

    हरदोई रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पर खदरा रेलवे फाटक के पास रेवले ट्रैक के किनारे शव मिलने की घटना ने सभी को शर्मसार कर दिया है। रेलवे ट्रैक के किनारे लाइन चेक कर रहे रेलवे कर्मचारी को जब शव पड़ा मिला तो उसने फौरन इसकी सूचना जीआरपी को दी। नवजात के शव के पास मौजूद आवारा जानवरों को भगाया।

    मौके पर पहुंची रेलवे पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। शव होने की सूचना पर आसपास के बस्ती के लोग जमा हो गए। आसपास के लोगों के मुताबिक, शव को देखने से लग रहा है कि उसका जन्म कुछ समय पहले हुआ होगा और किसी ने जन्म के बाद ही उसको बेदर्दी से रेलवे लाइन के किनारे फेंक दिया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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