राकेश अचल
असहिष्णुता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और उनके समर्थक साधुओं और योगियों की तल्खी से लगता है कि ये आग फिलहाल बुझने वाली नहीं है. पद्मश्री के लिए केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के पहले से शीर्षासन कर रहे बाबा रामदेव की मांग है कि ‘अगर शाहरुख सच्चे देशभक्त हैं तो उन्हें पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद की अपनी सारी कमाई दान कर देनी चाहिए या फिर पीएम राहत कोष में डाल देनी चाहिए। नहीं तो हम समझेंगे कि जिसकी चाकरी करके उन्होंने अवॉर्ड पाया, उसे ही खुश करने के लिए शाहरुख खान असहिष्णुता की बात कर रहे हैं।’शाहरुख को 2005 में पद्मश्री मिला था, तब देश में यूपीए की सरकार थी.
बाबा रामदेव ने लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति में कूदने का मन भी बनाया था और देश व्यापी दौरा कर जनता की नब्ज भी टटोली थी लेकिन जब उन्हें भाजपा के श्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में हवा जान पड़ी तो वे घर जाकर बैठ गए थे. बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ विधि समारोह का भी बहिष्कार किया था लेकिन बाद में मोदी जी के सामने आत्म समर्पण कर दिया। अब बाबा मोदीमय हैं,हालांकि वे कालाधन का मुद्दा लील चुके हैं.उसका जिक्र कहीं भी नहीं करते.
अब कोई बाबा से कहे की वे केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद अपने कारोबार में हुए इजाफे को प्रधानमंत्री राहत कोष में डाल दें तो क्या ऐसा मुमकिन होगा? बाबा ने बीते देश साल में जमकर कमाई की है. पातंजलि पीठ के नाम पर देश के भाजपा शासित राज्यों में ठीक उसी तरह सरकारी जमीने हड़पन हैं जिस तरह की बाबा आसाराम ने हड़पीं थी.
उधर बीजेपी सांसद आदित्यनाथ ने शाहरुख और आतंकी हाफिज सईद की भाषा को एक जैसा बता कर इस विवाद को और भड़काने का प्रयास किया है, शायद बीजेपी परदे के पीछे से ऐसा ही चाहती है. योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''इस देश का बहुसंख्यक समाज अगर उनका बहिष्कार कर देगा तो उन्हें भी आम मुसलमान की तरह भटकना होगा। योगी कहते हैं की मुद्दों पर तथ्यों के साथ बहस होनी चाहिए। उनका आरोप है की दुनिया के सबसे सहिष्णु हिंदू समाज को बदनाम करने की कोई साजिश हो रही है तो उसकी सामूहिक निंदा होनी चाहिए।''
शाहरुख खान के बोलते ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कह दिया की अगर भारत में असहिष्णुता होती तो अमिताभ के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख़ न होते,विजयवर्गीय के पोस्ट की जब भाजपा के ही नेताओं ने विरोध किया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा की मेरे ट्वीट को कुछ लोगो ने अलग अर्थो में लिया है। मेरा उद्देश्य किसी को भी ठेस पहुँचाना कतई नहीं थाइसलिए मैं अपना कथन वापिस लेता हूं।
असहिष्णुता और सहिष्णुता पर चल रहे मुबाहिसे का मजा पड़ौसी देश पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मन और मुंबई हमलों के गुनहगार सईद नेभी लिया.सईद ने पाकिस्तान में बैठे-बैठे कह दिया की ''खेल,कला और संस्कृति के क्षेत्र में काम कर रहे मशहूर भारतीय मुस्लिम भी भारत में अपनी पहचान को लेकर लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं। कोई भी मुस्लिम, यहां तक कि शाहरुख खान, जो भारत में मुश्किलों और भेदभाव का सामना कर रहे हैं, वे इस्लाम की वजह से पाकिस्तान आकर रह सकते हैं।''
जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे लगने लगा है की बिहार चुनाव के बाद भाजपा इस विवाद ओर विरोधियों से या तो आरपार की लडाइलडेग़ी या फिर हथियार डाल देगी,क्योंकि इस विवाद के चलते ही बिहार का फैसला होने की उम्मीद है.यदि बीजेपी जीतती है तो विरोधी और असहिष्णुता का मुद्दा टांय-टांय फिस्स हो जाएगा और यदि हारती है तो बीजेपी को लेने के देने पड़ जायेंगे .मुद्दे का पटाक्षेप होए में अब कुछ ही दिन बाकी है,इन बाकी दिनों में जो भी अपने जौहर दिखा सकता है,दिखा कर मानेगा,चाहे फिर वो बाबा हो,स्वामी हो,या कोई तीसरा.