भावना अकेला
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एकमात्र महिला समाचारपत्र की पांच महिला पत्रकारों के उत्पीड़न और इस मुद्दे पर पुलिस के ढुलमुल रवैये ने देश के छोटे शहरों की महिला पत्रकारों की सुरक्षा की ओर एक बार फिर ध्यान खींचा है।
बांदा के 'खबर लहरिया' समाचारपत्र की संपादक कविता ने फोन पर आईएएनएस को बताया, "पुलिस ने एक अज्ञात कॉलर द्वारा महीनों तक हमारी टीम की पांच सदस्यों के उत्पीड़न को एक आम बात बताया और मामले को गंभीरता से लेने में बहुत वक्त लगाया।"
उन्होंने कहा, "स्वयं को नीशू बताने वाला एक अज्ञात व्यक्ति जनवरी से हमारी पांच पत्रकारों को फोन कर रहा था। कई-कई दिन तो मुझे और मेरी पत्रकारों को 90 से ज्यादा मिस कॉल आईं।"
कविता ने कहा कि तीन महीने से फोन कर रहे इस व्यक्ति ने महिला पत्रकारों को अलग-अलग फोन नंबर से धमकियां दीं। उनसे अश्लील बातें कीं और उनका पीछा भी किया।
उन्होंने कहा, "वह देर रात फोन करता। कभी कभी रात दो बजे फोन करता और गालियां बकता।"
कविता ने कहा कि 22 जनवरी को इस अज्ञात कॉलर के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई। पुलिस के लिए यह एक मामूली सा मामला था।
'खबर लहरिया' की संपादक ने कहा, "कस्बों और छोटे शहरों में महिला पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। महिलाओं की मदद करने वाली 1090 हेल्पलाइन कभी सेवा में नहीं होती। उत्तर प्रदेश के जिलों में महिला सहकर्मियों के प्रति पुरुष की असंवेदनशीलता के कई उदाहरण हैं।"
एक मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और आरोपी को हिरासत में लिया।
बांदा के पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर ने कहा कि आरोपी सद्दाम उर्फ नीशू के कब्जे से 40 से ज्यादा मोबाइल सिमकार्ड बरामद हुए हैं। ऐसे अपराधियों पर नकेल कसी जाएगी।