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मध्यप्रदेश पर्यटन इतिहास व्याख्यान माला में परमार शासकों के शासन पर विमर्श

भोपाल: 31 अक्टूबर/ पर्यटन वर्ष 2015-16 के अवसर पर म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में ‘‘मध्यप्रदेश पर्यटन इतिहास व्याख्यान माला’’ के अंतर्गत श्री संगीत वर्मा, प्रख्यात लेखक एवं छायाकार का व्याख्यान 31 अक्टूबर शनिवार को होटल पलाश रेजीडेंसी, भोपाल में आयोजित किया गया। व्याख्यान में श्री संगीत वर्मा ने मध्य भारत में परमार वंश की स्थापना एवं वंशावली तथा परमार शासकों का मध्यभारत में शासन एवं संक्षिप्त इतिहास के संबंध में श्रोताओं को जानकारी प्रदान की साथ ही परमार स्थापत्य से जुड़ी पर्यटन की संभावनाओं पर भी चर्चा की।

तथ्यपरक एवं ओजस्वी व्याख्यान में श्री संगीत वर्मा द्वारा परमार शासकों- राजा मुंज एवं राजा भोज के जीवन एवं शासन के संबंध में जानकारी देते हुए स्थापत्य कला के विस्तृत विवरण में माण्डू में परमारकालीन निर्माण, माण्डू का जल प्रबंधन, माण्डू की दुर्ग संरचना, उज्जयिनी में परमार स्थापत्य, भोजपाल नगर के पूर्व की स्थापनाऐं, भीमकुंड का निर्माण, भोजपाल और कालिया स्त्रोत का निर्माण, भोजपाल की नगर रचना, भोजपुर मंदिर का निर्माण, भोजताल में जलमग्न संरचनाऐं, सभामंडल, नलकक्षपुर का कागज का कारखाना तथा धारानगरी (धार) की रचना के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया साथ ही राजा भोज के समरांगण सूत्र धार के अनुसार नगर की रचना का वर्णन किया तथा भोपाल की प्राचीन नगर संरचना एवं ढ़ॉंचे को चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया जिसकों श्रोताओं द्वारा बड़ी तल्लीनता से सुना गया। उपरोक्त जानकारियॉं इतनी तथ्यपरक एवं आकर्षक थीं कि श्रोतागण अचंभित तथा मंत्रमुग्ध होकर व्याख्यान में अपनी पूर्ण रूचि दर्शाते रहे।

व्याख्यान माला कार्यक्रम में भोपाल नगर के लगभग समस्त इतिहास प्रेमी एवं शहर की गणमान्य हस्तियॉं उपस्थित थीं। पलाश रेज़ीडेंसी के खचाखच भरे ‘‘वार्ता सभागार’’ में श्रोताओं की उपस्थिति ने यह दर्शाया कि मध्यप्रदेश के इतिहास से रूबरू होने की भोपाल के नागरिकों में असीमित उत्कंठा है। कुल मिलाकर म.प्र. पर्यटन की यह व्याख्यान माला अपने उद्देश्यों पर पूर्णतः सफल होती प्रतीत होती है।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर श्रोताओं को बताया गया कि म.प्र. पर्यटन द्वारा यह व्याख्यान माला पूरे पर्यटन वर्ष में प्रति माह आयोजित की जावेगी, जिससे देश एवं प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक मध्यप्रदेश के गौरवशाली अतीत का इतिहास पहुंचेगा एवं हम आशा करते है कि हमारे गौरवशाली अतीत से परिचित होने पर पर्यटकों का रूझान मध्यप्रदेश की ओर और ज्यादा बढे़गा। म.प्र.पर्यटन द्वारा व्याख्यान कर्ता श्री संगीत वर्मा सहित समस्त श्रोताओं का आभार व्यक्त किया गया।

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  • नामी बिल्डर्स से बिजली के बकाया 24 लाख वसूले

    भोपाल: 05 नवम्बर/ मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बकाया राशि बसूलने के लिए भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत डी.आर.ए. की कार्यवाही की जा रही है। इसी तारतम्य में भोपाल ओएण्डएम संभाग के अंतर्गत रातीबड़ क्षेत्र में स्थापित मेसर्स इण्डो आयरिश फूड लिमि. के ऊपर उच्चदाब विद्युत कनेक्शन पर 24 लाख रूपये बकाया था। कई बार नोटिस देकर कुर्की की कार्यवाही की गई, फिर भी भुगतान प्राप्त न होने पर इण्डो आयरिश के प्रबन्धकों की लगभग साढ़े सात हेक्टेयर जमीन के खसरा/खतौनी में विद्युत कंपनी का नाम कैफियत (रिमार्क) के कॉलम में जुड़वाया गया फलस्वरूप इण्डो आयरिश के प्रबंधकों द्वारा मार्च 2015 तक 16 लाख का भुगतान कर दिया गया, बाकी रूपये 8.58 लाख जमा न करने पर विद्युत कंपनी द्वारा दोनों प्रबंधकों के आराधना नगर एवं चूनाभट्टी स्थित बंगलो के विद्युत कनेक्शनों को काटने का नोटिस दिया गया, तब प्रबंधकों द्वारा शीघ्र ही रूपये साढ़े 8 लाख की राशि बिजली कंपनी में तत्काल जमा करा दी।   

    गौरतलब है कि इण्डो आयरिश के मालिक भोपाल के नामी बिल्डर्स हैं। यह पहला मौका है जब किसी बिजली बकायादार की संपत्ति जमीन आदि को बिजली कंपनी के नाम कराया गया है। इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में भोपाल संभाग के ही वितरण केन्द्र र्इंटखेड़ी स्थित क्रेशर कनेक्शन पर रूपये 2.33 लाख बाकी होने पर कुर्की की कार्यवाही की गई, क्रेशर मालिक का एक चेक रूपये 1.00 लाख का बाउन्स होने पर माननीय जिला नयायालय में केस दर्ज किया गया, फिर भी भुगतान न करने पर क्रेशर मालिक के विरूद्ध वारन्ट जारी होने पर गिरफ्तारी से बचने के लिए उसके द्वारा पूर्ण भुगतान रूपये 2.33 लाख जमा कराया गया, साथ ही चेक बाउन्स का पैसा व विद्युत कंपनी के वकील की फीस भी जमा कराई गई। बिजली कंपनी की इस कार्यवाही का व्यापक असर देखा जा रहा है।

  • मप्र : किसानों की आड़ में कांग्रेस-भाजपा एक-दूसरे पर बरसे


    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सूखे पर चर्चा और किसानों को राहत देने के लिए गुरुवार को बुलाए गए विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विपक्ष (कांग्रेस) और सत्ता पक्ष (भाजपा) में तीखी नोंक-झोंक हुई। हाल यह रहा कि दोनों दल एक-दूसरे को किसान विरोधी और किसान के नाम पर राजनीति करने वाला कहते रहे।

    राज्य में सूखे की स्थिति और किसानों पर आए संकट पर चर्चा के लिए गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में चर्चा की शुरुआत होते ही कांग्रेस की ओर से सरकार पर लगाए गए आरोपों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुस्सा आ गया और उन्होंने कांग्रेस पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगा दिया।

    चौहान ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप लगाने के कई मौके मिलेंगे, मगर यह समय किसानों को फौरी राहत देने का है इसीलिए यह सत्र बुलाया गया है। किसानों को आज राहत की जरूरत है, मगर कांग्रेस घटिया राजनीति कर रही है।

    इसके बाद कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि सत्ता पक्ष विधानसभा को राजनीतिक लाभ हासिल करने का मंच बना रहा है। कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेडा ने जमीनी हकीकत बताते हुए कहा कि सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर देती है, मगर किसानों को लाभ नहीं मिलता। वहीं रामनिवास रावत ने किसानों को पिछले वर्षो की गई घोषणाओं का अब तक लाभ नहीं मिलने की बात कही।

    कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने बिजली बिल वसूली के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कहती है कि बिजली के बिल माफ कर दिए गए हैं, कर्ज वसूली स्थगित कर दी गई है मगर किसानों के घर पहुंचकर बिजली बिल के नाम पर मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, साइकिल, पंखा आदि तक जब्त किया जा रहा है।

    सत्ता पक्ष की ओर से विधायक अर्चना चिटनीस ने सरकार की ओर से किसानों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया और कहा कि सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि किसान उतना परेशान नहीं हुए जितने बुरे हालात हैं। सरकार की कोशिशों ने किसानों को काफी हद तक राहत दी है।

    इसी तरह सत्ता पक्ष की ओर से केदारनाथ शुक्ला और यशपाल सिंह सिसौदिया ने सरकारी योजनाओं का हवाला दिया। शुक्ला ने सरकारी मशीनरी के कामकाज पर भी सवाल उठाए।

    ज्ञात हो कि राज्य के किसान सूखे के चलते बेहाल हैं, बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है और इसके कारण कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं तो कई किसानों को तो सदमे ने निगल लिया है। बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को हरसंभव मदद का एलान किया है।

    राज्य मंत्री परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में किसानों को मदद के लिए सात हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को मंजूरी दे दी गई थी, इसे विधानसभा में पारित किया जाना आवश्यक है, इसीलिए गुरुवार को एक दिवसीय सत्र बुलाया गया है।

    सत्र के एक दिन पहले रणनीति बनाने के लिए बुधवार को दोनों दलों के विधायक दलों की बैठक हुई। भाजपा ने जहां इस सत्र को पूरी तरह किसानों तक सीमित रखने का मन बनाया तो कांग्रेस ने किसानों की समस्या पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जो गुरुवार को सदन में भी नजर आ रही है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मप्र : शौचालय बना, सीमा लौट आई ससुराल

    बैतूल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक दलित महिला सीमा पटेल की ससुराल में शौचालय बनाने की जिद आखिरकार रंग ले आई। शौचालय बनने के बाद ही वह गुरुवार को ससुराल लौटी। गांव पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया।

    ससुराल में शौचालय न होने पर सीमा पटेल पति का घर छोड़कर मायके चली गई थी। उसने ऐलान कर दिया था कि जब तक शौचालय नहीं बनेगा, वह ससुराल नहीं लौटेगी। यह मामला परिवार परामर्श तक पहुंचा और प्रशासन के प्रयासों से सीमा के ससुराल में शौचालय बन गया। शौचालय बनने पर गुरुवार को सीमा अपनी ससुराल लौट आई और उसका जोरदार स्वागत कर अगवानी की गई।

    ज्ञात हो कि ससुराल में शौचालय न होने पर सीमा पटेल ने परिवार परामर्श केंद्र शाहपुर ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर केंद्र ने उल्लेखनीय पहल की थी, जिससे ससुराल में शौचालय बन गया और इसीलिए गुरुवार को सीमा पटेल (22) अपने परिजनों के साथ परिवार परामर्श केंद्र पहुंची। यहां पर उसका स्वागत किया गया और दोनों परिवारों को मिलाया। इसके बाद सरपंच मंगीताबाई उइके दोनों परिवारों को लेकर पंचायत भवन पहुंची, जहां समारोह का आयोजन किया गया।

    ग्राम पंचायत भवन में सरपंच मंगीताबाई और परिवार परामर्श केंद्र में वहां की सदस्यों ने तिलक लगाकर स्वागत किया। इसके बाद दंपति को गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों नागरिक ससुराल लेकर पहुंचे, जहां विधि विधान और रीति रिवाजों के साथ बहू का गृह प्रवेश कराया गया।

    जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर बी. पाटिल ने कहा कि दलित महिला सीमा पटेल ने स्वच्छता की दिशा में अभूतपूर्व साहस दिखाया है। उसने जो कदम उठाया है उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। पाटिल ने कहा कि सीमा पटेल द्वारा किए गए इस अतुलनीय कार्य के लिए उसे जिले का 'स्वच्छता दूत' बनाया जाएगा।

    ज्ञात हो कि बैतूल जिले के शाहपुर ब्लाक मुख्यालय पर स्थित पतौवापुरा मोहल्ला निवासी मोहन पटेल का विवाह इटारसी निवासी सीमा पटेल से हुआ था, लेकिन ससुराल में शौचालय नहीं होने से सीमा पटेल कुछ महीनों तक ससुराल में रहने के बाद रूठकर मायके चली गई थी। मामला परिवार परामर्श केंद्र में आया, जहां मोहन पटेल को शौचालय निर्माण करने के निर्देश दिए गए थे।

    आर्थिक रूप से कमजोर मोहन पटेल के पास इतने रुपये नहीं थे कि वह शौचालय का निर्माण करा सके। अंतत: ग्राम पंचायत शाहपुर की सरपंच ने इस मामले में पहल करते हुए स्वयं के खर्च पर शौचालय का निर्माण करा दिया।

    शाहपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एम.एल. विजयवर्गीय ने कहा कि स्वच्छता के लिए सीमा पटेल ने 20 माह तक ससुराल से दूर रहकर जो कुर्बानी दी, वह सराहनीय है। यह भी महत्वपूर्ण है कि परिवार परामर्श केंद्र ने परिवारों को जोड़ने में सहयोगी की भूमिका निभाई।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस ।

  • मप्र में किसानों के लिए 8400 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित

    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सूखा पर चर्चा और किसानों को राहत देने के लिए गुरुवार को बुलाए गए विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विपक्ष (कांग्रेस) और सत्ता पक्ष (भाजपा) में हुई तीखी नोंक-झोंक के बीच 8400 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को पारित कर दिया गया।

    राज्य के किसान सूखे के चलते बेहाल हैं, बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है और इसके कारण कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं तो कई किसानों को तो सदमे ने निगल लिया है। बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को हरसंभव मदद का एलान किया है। उसी के चलते गुरुवार को विशेष सत्र बुलाया गया।

    सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और भाजपा के तेवर तल्ख थे। यह बात दिवंगत लोगों को श्रद्घांजलि अर्पित करने से जाहिर हो गई थी। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने किसानों को श्रद्घांजलि दी तो उस पर ही सत्ता पक्ष की ओर से सवाल उठाए गए। इसके बाद कांग्रेस विधायक ने सदन को बुलाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए तो हंगामा हो गया।

    चर्चा की शुरुआत में कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने जमीनी हकीकत बताते हुए कहा कि सरकार घोषणाएं बड़ी-बड़ी कर देती है, मगर किसानों को लाभ नहीं मिलता है। सरकार के निर्देश के बाद अफसर जमीन पर उन्हें अमल में नहीं आने दे रहे हैं। वहीं रामनिवास रावत ने किसानों को पिछले वर्षो में की गई घोषणाओं का अब तक लाभ नहीं मिलने की बात कही।

    कांग्रेस के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तेजना में आकर यहां तक कह दिया कि कांग्रेस घटिया स्तर की राजनीति कर रही है। उन्होंने आह्वान किया कि संकट के समय साथ मिलकर किसानों को राहत पहुंचाने और उन्हें संकट से निकालने का काम करें। किसानों के संकट पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करें और हम सब मिलकर किसानों की सेवा करें।

    उन्होंने कहा कि किसानों को सूखे के अंधेरे से निकालेंगे। किसानों की आत्महत्या पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को जिंदगी नहीं हारने देंगे, उनको हर संभव राहत दी जाएगी।

    कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने चर्चा के दौरान किसानों की समस्या का जिक्र किया। उन्होंने बिजली बिल वसूली के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कहती है कि बिजली के बिल माफ कर दिए गए हैं, कर्ज वसूली स्थगित कर दी गई है मगर किसानों के घर पहुंचकर बिजली बिल के नाम पर मोटर साइकिल, ट्रैक्टर, साइकिल, पंखा आदि तक को जब्त किया जा रहा है। साथ ही कांग्रेस के काल में केंद्र सरकार से राज्य को मिलने वाली सहायता और अब मिल रही सहायता का सवाल उठाया।

    चौहान ने कहा कि किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील है। इसलिए सूखे और राहत के मुद्दे पर एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया, ताकि संकट का समाधान निकले। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या अत्यंत दु:खद है, क्योंकि मानव जीवन महत्वपूर्ण है। आत्महत्या के प्रकरणों को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में 17 हजार 187 किसानों ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या को राजनीति से जोड़ने से किसानों का भला नहीं होगा।

    चौहान ने कहा कि सरकार ने फसल नुकसान की राहत राशि में कई गुना वृद्घि की है। कांग्रेस के 10 साल के शासन में फसल नुकसान होने पर किसानों को केवल 670 करोड़ रुपये की राहत दी गई थी, जबकि भाजपा शासन में 7,600 करोड़ रुपये राहत राशि दी गई है।

    कांग्रेस की ओर से कहा गया कि बिजली बिल माफ करने की बात कही गई मगर ऐसा हो नहीं रहा। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विद्युत बिल संबंधी कठिनाइयों को भी समाप्त करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति से पीड़ित किसानों से विद्युत बिल की वसूली स्थगित की गई है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा पांच हार्स-पवर के कनेक्शन पर 31 हजार रुपये की दर तय की गई है। सरकार द्वारा स्थायी कनेक्शनधारक किसान से मात्र 6000 रुपये का वार्षिक बिल लिया जाता है। इस प्रकार सरकार द्वारा प्रत्येक कनेक्शनधारी को 25 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।

    चौहान ने किसानों के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि मनरेगा में ज्यादा से ज्यादा राहत कार्य खोले जाएंगे। इसमें 100 दिन की मजदूरी बढ़ाकर 150 दिन कर दी गई है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि रबी में खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।

    मुख्यमंत्री चौहान के उद्बोधन के साथ ही वित्त मंत्री जयंत मलैया द्वारा प्रस्तुत 8,407 करोड़ 24 लाख 81 हजार 840 रुपये के द्वितीय अनुपूरक अनुमान को पारित कर दिया गया। तत्पश्चात मलैया द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक को भी सर्व-सम्मति से पारित किया गया।

    सत्ता पक्ष की ओर से विधायक अर्चना चिटनीस ने सरकार की ओर से किसानों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया और कहा कि सरकार के प्रयासों से किसान उतना परेशान नहीं हुआ जितने बुरे हालात हैं। सरकार की कोशिशों ने किसान को काफी हद तक राहत दी है।

    इसी तरह सत्ता पक्ष की ओर से केदारनाथ शुक्ला और यशपाल सिंह सिसौदिया ने सरकारी योजनाओं का हवाला दिया। शुक्ला ने सरकारी मशीनरी के कामकाज पर भी सवाल उठाए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मप्र : कृषि विभाग के मैदानी अमले को प्रशिक्षण

    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के किसानों पर छाए सूखे के संकट ने सरकार को कई कदम उठाने को मजबूर कर दिया है। इसी क्रम में कृषि विभाग के मैदानी अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि किसान की समस्या का त्वरित निराकरण हो सके और उच्च तकनीक में सक्षम किया जा सके।

    कृषि विभाग की ओर से आधिकारिक तौर पर गुरुवार को दी गई जानकारी में बताया गया है कि विभाग का मैदानी अमला किसानों को उच्च तकनीक से अवगत कराए और उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण कर सके, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक और वरिष्ठ अधिकारी उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके लिए संभागीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, शुरुआत गुरुवार को भोपाल से हो गई है।

    कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी फसल उत्पादन की आधुनिक उच्च तकनीक के साथ ही फसल के विभिन्न चरण में आने वाली समस्याओं के निराकरण के संबंध में प्रशिक्षण देंगे। साथ ही मैदानी अमले को वर्तमान दौर में कृषि के प्रति समझ बढ़ाने की भी जानकारी दी जाएगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • देश का सम्मान कम करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे : विजयवर्गीय

    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बयान पर आपत्ति दर्ज कराने वाला ट्वीट करके वापस लेने वाले भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने देश में असहिष्णुता का बयान देने वालों पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि देश का सम्मान कम करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।

    मध्य प्रदेश विधानसभा में हिस्सा लेने आए विजयवर्गीय से गुरुवार को संवाददाताओं ने चर्चा की। संवाददाताओं के साहित्यकारों द्वारा सम्मान लौटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे हैं जो वामपंथी विचारधारा के हैं, तो कुछ कांग्रेस के समर्थक हैं। कुछ लोग देश की सहिष्णुता पर सवाल उठा रहे हैं।

    एक सवाल के जवाब में विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ लोग अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी बात कह रहे हैं जैसे सहिष्णुता खत्म हो गई हो, असहिष्णुता का देश हो गया है, इससे सारे विश्व में भारत का सम्मान कम हो रहा है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि जो भी देश का सम्मान कम करने की कोशिश करेगा, चाहे वह कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा।

    ज्ञात हो कि फिल्म अभिनेता शाहरुख खान द्वारा देश में असहिष्णुता बढ़ने का बयान देने पर विजयवर्गीय ने ट्वीट कर तीखा हमला बोला था, मगर पार्टी की ओर से मिली फटकार के बाद उसे वापस ले लिया था। गुरुवार को उन्होंने नाम लिए बगैर फिर हमला बोला है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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