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खरीन्यूज़ की संपादक रानी शर्मा गणेश शंकर विधार्थी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित

भोपाल:2 नवंबर/ पत्रकारों और समाजसेवियों के गणेश शंकर विधार्थी अलंकरण समारोह में आज खरीन्यूज़ की संपादक रानी शर्मा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कई अन्य समाज सेवियों और पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार और राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि देश में तेज विकास के लिए जनता को जानकारी हासिल करने के अधिकार के साथ साथ सवाल पूछने का अधिकार भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकार अपने कामकाज के दौरान तरह तरह के सवाल पूछते हैं, मीडिया की यही ताकत देश को सफल बनाने में सहयोगी साबित हो रही है।

श्री आत्मदीप ने कहा कि पत्रकारों को सूचना का अधिकार अधिनियम का भी उपयोग करना चाहिए। पत्रकार भी प्रशासन की सूचनाएं जनता को देते हैं। इस कानून में भी सरकार की ही सूचनाएं जनता को दी जाती हैं। इस तरह से दोनों कार्यों का उद्देश्य एक ही है।

पत्रकारों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिए जाने वाले सम्मान समारोह में श्री आत्मदीप ने कहा कि बाजार की ताकतें मीडिया के तकाजों पर हावी हो गईं हैं। इसकी वजह ये है कि पत्रकारों का प्रबोधन नहीं किया जा रहा है। अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सिखाया गया था कि पत्रकार की खबर का एक वाक्य भी समाज की शांति भंग कर सकता है। समाज में निराशा का माहौल पैदा कर सकता है। इसलिए खबर लिखने से पहले उसके सभी पहलुओं पर विचार होना चाहिए। श्री आत्मदीप ने कहा कि आज नागरिक केंद्रित सुशासन की बात पूरी दुनिया में हो रही है, इसलिए आज की पत्रकारिता को भी नागरिक केन्द्रित ही होना पड़ेगा। पहले घटनाओं को दबा दिया जाता था। अखबार उन्हें अपना नजरिया भी थोप देते थे लेकिन अब स्थितियां बदल गईं हैं। सोशल मीडिया के उदय के बाद घटनाओं को दबाना संभव नहीं रहा है। यही कारण है कि मतदाताओं की जागरूकता बढ़ाने में मीडिया अपना उल्लेखनीय योगदान दे सका है।

विशिष्ट अतिथि डॉ. राजपाल सिंह ने कहा कि पत्रकारिता आज भी चुनौतियों से घिरी है। इसके बावजूद पत्रकार अपनी जिजीविषा से सामाजिक बदलाव की खबरें उजागर करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, लहरों से डरने वालों की कश्ती कभी पार नहीं होती।

लोकस्वामी के संपादक रजनीकांत ने कहा कि समाचार माध्यमों के विस्तार के बीच खबरें फैक्टरी वाली मशीनों की तरह बनाई जाने लगीं हैं। जबकि खबरों के पीछे छुपे सामाजिक सरोकार मीडिया की रीढ़ होते हैं।

भोपाल चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष ललित जैन ने कहा कि मीडिया का स्वस्थ संवाद देश और समाज की दिशा बदलने की ताकत रखता है। आज की पीढ़ी के पत्रकार उन विषयों पर भी संवाद कर रहे हैं जिन पर बात करना पहले फिजूल की बात माना जाता था। पहले लोग बतोलेबाजी को पत्रकारिता कह देते थे पर अब नई पीढ़ी तथ्यों की छानबीन करके सटीक खबरें भी लिख रही है।

मध्यप्रदेश माध्यम के ओएसडी पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि सरदार भगत सिंह तो सामाजिक प्रतिबद्धता के चरम हैं उनके जैसा बनना संभव नहीं है। हम यदि स्व. गणेश शंकर विद्यार्थी की शहादत से भी प्रेरणा ले सकें तो हमारा जीवन सार्थक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता में स्व. विद्यार्थी की पत्रकारिता को जीवित रखने का प्रयास नहीं हो रहा है। पत्रकारिता का नाता विचारों से टूट सा गया है वह केवल समाचारों के प्रेषण तक सीमित रह गई है।

आयोजन समिति की ओर से खरी न्यूज की संपादक रानी शर्मा, चेतना रतलाम के ब्यूरो प्रमुख दिनेश जोशी, एएनआई के आर.सी.साहू, स्वदेश के ओ.पी. श्रीवास्तव, हिंदुस्थान समाचार के मयंक चतुर्वेदी,  सूरी रिपोर्टर के प्रदीप सूरी, विदिशा के पत्रकार श्याम चतुर्वेदी, हरदा के डी.एस.चौहान, इंदौर के प्रकाश जोशी,  राज एक्सप्रेस के फोटो पत्रकार शिवनारायण मीणा, दैनिक जागरण के फोटो पत्रकार पृथ्वीराज सिंह, दैनिक भास्कर के फोटो पत्रकार एल.सी.वर्मा, नवभारत के फोटो पत्रकार असरफ अली, क्राईम हलचल के फोटो पत्रकार योगेन्द्र शर्मा, दैनिक राज एक्सप्रेस के मदन मोहन दुबे, बंसल न्यूज की सुश्री कोमल शर्मा, यलगार टाई स के राजेश सक्सेना, अखंड दूत के रघुवीर प्रसाद मालवीय, राजकुमार सोनी, सीहोर के मुकेश पंवार, मधु संदेश के कृष्णकांत परवाल, नवीन सामाजिक शोध के राजेन्द्र सक्सेना, सिटी न्यूज के वैभव गुप्ता, मेहर विचार के संपादक यतीश बड़ोनिया को उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। शाल, श्रीफल, स्मृतिचिन्ह, प्रशस्तिपत्र एवं पुष्पहार भेंट कर सम्मानित किया गया। समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवियों सर्वश्री ललित जैन, धर्मेन्द्र वर्मा, राधेश्याम अग्रवाल, रागिनी त्रिवेदी को भी इस अवसर पर गणेश शंकर विद्यार्थी समाजसेवी अलंकरण से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ में अतिथिद्वय ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। महासचिव रानी यादव एवं प्रेमा नेगी ने अतिथियों को बैच लगाये। संस्था अध्यक्ष ओम प्रकाश हयारण, सलाहकार मनमोहन कुरापा, कार्यक्रम सचिव दीपक शर्मा, सचिव अशोक द्विवेदी, नीतू गुप्ता, भावना सक्सेना, राज ठाकरे, मोहन माहेश्वरी ने अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया। अध्यक्ष ओम प्रकाश हयारण, कार्यक्रम सचिव दीपक शर्मा ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये। आयोजन समिति के सर्वश्री आलोक सिंघई, विमल भंडारी, विवेक बजाज, मुकेश अवस्थी, श्याम हयारण, तनवीर कुरैशी, उपेन्द्र तोमर, रानी यादव, प्रेमा नेगी, समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजधानी के सुप्रसिद्ध उद्घोषक विमल भंडारी ने किया। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक दीपक शर्मा ने किया।

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  • मप्र : किसानों की आड़ में कांग्रेस-भाजपा एक-दूसरे पर बरसे


    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सूखे पर चर्चा और किसानों को राहत देने के लिए गुरुवार को बुलाए गए विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विपक्ष (कांग्रेस) और सत्ता पक्ष (भाजपा) में तीखी नोंक-झोंक हुई। हाल यह रहा कि दोनों दल एक-दूसरे को किसान विरोधी और किसान के नाम पर राजनीति करने वाला कहते रहे।

    राज्य में सूखे की स्थिति और किसानों पर आए संकट पर चर्चा के लिए गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में चर्चा की शुरुआत होते ही कांग्रेस की ओर से सरकार पर लगाए गए आरोपों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुस्सा आ गया और उन्होंने कांग्रेस पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगा दिया।

    चौहान ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप लगाने के कई मौके मिलेंगे, मगर यह समय किसानों को फौरी राहत देने का है इसीलिए यह सत्र बुलाया गया है। किसानों को आज राहत की जरूरत है, मगर कांग्रेस घटिया राजनीति कर रही है।

    इसके बाद कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि सत्ता पक्ष विधानसभा को राजनीतिक लाभ हासिल करने का मंच बना रहा है। कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेडा ने जमीनी हकीकत बताते हुए कहा कि सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर देती है, मगर किसानों को लाभ नहीं मिलता। वहीं रामनिवास रावत ने किसानों को पिछले वर्षो की गई घोषणाओं का अब तक लाभ नहीं मिलने की बात कही।

    कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने बिजली बिल वसूली के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कहती है कि बिजली के बिल माफ कर दिए गए हैं, कर्ज वसूली स्थगित कर दी गई है मगर किसानों के घर पहुंचकर बिजली बिल के नाम पर मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, साइकिल, पंखा आदि तक जब्त किया जा रहा है।

    सत्ता पक्ष की ओर से विधायक अर्चना चिटनीस ने सरकार की ओर से किसानों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया और कहा कि सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि किसान उतना परेशान नहीं हुए जितने बुरे हालात हैं। सरकार की कोशिशों ने किसानों को काफी हद तक राहत दी है।

    इसी तरह सत्ता पक्ष की ओर से केदारनाथ शुक्ला और यशपाल सिंह सिसौदिया ने सरकारी योजनाओं का हवाला दिया। शुक्ला ने सरकारी मशीनरी के कामकाज पर भी सवाल उठाए।

    ज्ञात हो कि राज्य के किसान सूखे के चलते बेहाल हैं, बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है और इसके कारण कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं तो कई किसानों को तो सदमे ने निगल लिया है। बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को हरसंभव मदद का एलान किया है।

    राज्य मंत्री परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में किसानों को मदद के लिए सात हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को मंजूरी दे दी गई थी, इसे विधानसभा में पारित किया जाना आवश्यक है, इसीलिए गुरुवार को एक दिवसीय सत्र बुलाया गया है।

    सत्र के एक दिन पहले रणनीति बनाने के लिए बुधवार को दोनों दलों के विधायक दलों की बैठक हुई। भाजपा ने जहां इस सत्र को पूरी तरह किसानों तक सीमित रखने का मन बनाया तो कांग्रेस ने किसानों की समस्या पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जो गुरुवार को सदन में भी नजर आ रही है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मप्र : शौचालय बना, सीमा लौट आई ससुराल

    बैतूल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक दलित महिला सीमा पटेल की ससुराल में शौचालय बनाने की जिद आखिरकार रंग ले आई। शौचालय बनने के बाद ही वह गुरुवार को ससुराल लौटी। गांव पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया।

    ससुराल में शौचालय न होने पर सीमा पटेल पति का घर छोड़कर मायके चली गई थी। उसने ऐलान कर दिया था कि जब तक शौचालय नहीं बनेगा, वह ससुराल नहीं लौटेगी। यह मामला परिवार परामर्श तक पहुंचा और प्रशासन के प्रयासों से सीमा के ससुराल में शौचालय बन गया। शौचालय बनने पर गुरुवार को सीमा अपनी ससुराल लौट आई और उसका जोरदार स्वागत कर अगवानी की गई।

    ज्ञात हो कि ससुराल में शौचालय न होने पर सीमा पटेल ने परिवार परामर्श केंद्र शाहपुर ने शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर केंद्र ने उल्लेखनीय पहल की थी, जिससे ससुराल में शौचालय बन गया और इसीलिए गुरुवार को सीमा पटेल (22) अपने परिजनों के साथ परिवार परामर्श केंद्र पहुंची। यहां पर उसका स्वागत किया गया और दोनों परिवारों को मिलाया। इसके बाद सरपंच मंगीताबाई उइके दोनों परिवारों को लेकर पंचायत भवन पहुंची, जहां समारोह का आयोजन किया गया।

    ग्राम पंचायत भवन में सरपंच मंगीताबाई और परिवार परामर्श केंद्र में वहां की सदस्यों ने तिलक लगाकर स्वागत किया। इसके बाद दंपति को गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों नागरिक ससुराल लेकर पहुंचे, जहां विधि विधान और रीति रिवाजों के साथ बहू का गृह प्रवेश कराया गया।

    जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर बी. पाटिल ने कहा कि दलित महिला सीमा पटेल ने स्वच्छता की दिशा में अभूतपूर्व साहस दिखाया है। उसने जो कदम उठाया है उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। पाटिल ने कहा कि सीमा पटेल द्वारा किए गए इस अतुलनीय कार्य के लिए उसे जिले का 'स्वच्छता दूत' बनाया जाएगा।

    ज्ञात हो कि बैतूल जिले के शाहपुर ब्लाक मुख्यालय पर स्थित पतौवापुरा मोहल्ला निवासी मोहन पटेल का विवाह इटारसी निवासी सीमा पटेल से हुआ था, लेकिन ससुराल में शौचालय नहीं होने से सीमा पटेल कुछ महीनों तक ससुराल में रहने के बाद रूठकर मायके चली गई थी। मामला परिवार परामर्श केंद्र में आया, जहां मोहन पटेल को शौचालय निर्माण करने के निर्देश दिए गए थे।

    आर्थिक रूप से कमजोर मोहन पटेल के पास इतने रुपये नहीं थे कि वह शौचालय का निर्माण करा सके। अंतत: ग्राम पंचायत शाहपुर की सरपंच ने इस मामले में पहल करते हुए स्वयं के खर्च पर शौचालय का निर्माण करा दिया।

    शाहपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एम.एल. विजयवर्गीय ने कहा कि स्वच्छता के लिए सीमा पटेल ने 20 माह तक ससुराल से दूर रहकर जो कुर्बानी दी, वह सराहनीय है। यह भी महत्वपूर्ण है कि परिवार परामर्श केंद्र ने परिवारों को जोड़ने में सहयोगी की भूमिका निभाई।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस ।

  • मप्र में किसानों के लिए 8400 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित

    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में सूखा पर चर्चा और किसानों को राहत देने के लिए गुरुवार को बुलाए गए विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विपक्ष (कांग्रेस) और सत्ता पक्ष (भाजपा) में हुई तीखी नोंक-झोंक के बीच 8400 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को पारित कर दिया गया।

    राज्य के किसान सूखे के चलते बेहाल हैं, बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है और इसके कारण कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं तो कई किसानों को तो सदमे ने निगल लिया है। बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को हरसंभव मदद का एलान किया है। उसी के चलते गुरुवार को विशेष सत्र बुलाया गया।

    सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और भाजपा के तेवर तल्ख थे। यह बात दिवंगत लोगों को श्रद्घांजलि अर्पित करने से जाहिर हो गई थी। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने किसानों को श्रद्घांजलि दी तो उस पर ही सत्ता पक्ष की ओर से सवाल उठाए गए। इसके बाद कांग्रेस विधायक ने सदन को बुलाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाए तो हंगामा हो गया।

    चर्चा की शुरुआत में कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने जमीनी हकीकत बताते हुए कहा कि सरकार घोषणाएं बड़ी-बड़ी कर देती है, मगर किसानों को लाभ नहीं मिलता है। सरकार के निर्देश के बाद अफसर जमीन पर उन्हें अमल में नहीं आने दे रहे हैं। वहीं रामनिवास रावत ने किसानों को पिछले वर्षो में की गई घोषणाओं का अब तक लाभ नहीं मिलने की बात कही।

    कांग्रेस के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तेजना में आकर यहां तक कह दिया कि कांग्रेस घटिया स्तर की राजनीति कर रही है। उन्होंने आह्वान किया कि संकट के समय साथ मिलकर किसानों को राहत पहुंचाने और उन्हें संकट से निकालने का काम करें। किसानों के संकट पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करें और हम सब मिलकर किसानों की सेवा करें।

    उन्होंने कहा कि किसानों को सूखे के अंधेरे से निकालेंगे। किसानों की आत्महत्या पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को जिंदगी नहीं हारने देंगे, उनको हर संभव राहत दी जाएगी।

    कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने चर्चा के दौरान किसानों की समस्या का जिक्र किया। उन्होंने बिजली बिल वसूली के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कहती है कि बिजली के बिल माफ कर दिए गए हैं, कर्ज वसूली स्थगित कर दी गई है मगर किसानों के घर पहुंचकर बिजली बिल के नाम पर मोटर साइकिल, ट्रैक्टर, साइकिल, पंखा आदि तक को जब्त किया जा रहा है। साथ ही कांग्रेस के काल में केंद्र सरकार से राज्य को मिलने वाली सहायता और अब मिल रही सहायता का सवाल उठाया।

    चौहान ने कहा कि किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील है। इसलिए सूखे और राहत के मुद्दे पर एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया, ताकि संकट का समाधान निकले। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या अत्यंत दु:खद है, क्योंकि मानव जीवन महत्वपूर्ण है। आत्महत्या के प्रकरणों को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में 17 हजार 187 किसानों ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या को राजनीति से जोड़ने से किसानों का भला नहीं होगा।

    चौहान ने कहा कि सरकार ने फसल नुकसान की राहत राशि में कई गुना वृद्घि की है। कांग्रेस के 10 साल के शासन में फसल नुकसान होने पर किसानों को केवल 670 करोड़ रुपये की राहत दी गई थी, जबकि भाजपा शासन में 7,600 करोड़ रुपये राहत राशि दी गई है।

    कांग्रेस की ओर से कहा गया कि बिजली बिल माफ करने की बात कही गई मगर ऐसा हो नहीं रहा। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विद्युत बिल संबंधी कठिनाइयों को भी समाप्त करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति से पीड़ित किसानों से विद्युत बिल की वसूली स्थगित की गई है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा पांच हार्स-पवर के कनेक्शन पर 31 हजार रुपये की दर तय की गई है। सरकार द्वारा स्थायी कनेक्शनधारक किसान से मात्र 6000 रुपये का वार्षिक बिल लिया जाता है। इस प्रकार सरकार द्वारा प्रत्येक कनेक्शनधारी को 25 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है।

    चौहान ने किसानों के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि मनरेगा में ज्यादा से ज्यादा राहत कार्य खोले जाएंगे। इसमें 100 दिन की मजदूरी बढ़ाकर 150 दिन कर दी गई है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि रबी में खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।

    मुख्यमंत्री चौहान के उद्बोधन के साथ ही वित्त मंत्री जयंत मलैया द्वारा प्रस्तुत 8,407 करोड़ 24 लाख 81 हजार 840 रुपये के द्वितीय अनुपूरक अनुमान को पारित कर दिया गया। तत्पश्चात मलैया द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक को भी सर्व-सम्मति से पारित किया गया।

    सत्ता पक्ष की ओर से विधायक अर्चना चिटनीस ने सरकार की ओर से किसानों को राहत देने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया और कहा कि सरकार के प्रयासों से किसान उतना परेशान नहीं हुआ जितने बुरे हालात हैं। सरकार की कोशिशों ने किसान को काफी हद तक राहत दी है।

    इसी तरह सत्ता पक्ष की ओर से केदारनाथ शुक्ला और यशपाल सिंह सिसौदिया ने सरकारी योजनाओं का हवाला दिया। शुक्ला ने सरकारी मशीनरी के कामकाज पर भी सवाल उठाए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • मप्र : कृषि विभाग के मैदानी अमले को प्रशिक्षण

    भोपाल, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के किसानों पर छाए सूखे के संकट ने सरकार को कई कदम उठाने को मजबूर कर दिया है। इसी क्रम में कृषि विभाग के मैदानी अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि किसान की समस्या का त्वरित निराकरण हो सके और उच्च तकनीक में सक्षम किया जा सके।

    कृषि विभाग की ओर से आधिकारिक तौर पर गुरुवार को दी गई जानकारी में बताया गया है कि विभाग का मैदानी अमला किसानों को उच्च तकनीक से अवगत कराए और उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण कर सके, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक और वरिष्ठ अधिकारी उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके लिए संभागीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, शुरुआत गुरुवार को भोपाल से हो गई है।

    कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी फसल उत्पादन की आधुनिक उच्च तकनीक के साथ ही फसल के विभिन्न चरण में आने वाली समस्याओं के निराकरण के संबंध में प्रशिक्षण देंगे। साथ ही मैदानी अमले को वर्तमान दौर में कृषि के प्रति समझ बढ़ाने की भी जानकारी दी जाएगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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