बेटियों को दें शिक्षा और बराबरी का हक : अमिताभ बच्चन
नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। बेटियों को भी शिक्षित करना चाहिए, उनका पोषण करना चाहिए और उनको बराबरी का हक देना चाहिए। यह बातें मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कही।
अमिताभ बच्चन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के एंबेसडर भी है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी की अलग-अलग रूपों में पूजा होती है। उन्होंने कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता।
अमिताभ ने सरकार की उपलब्धियों का बखान करने वाले 'एक नई सुबह' नाम के कार्यक्रम में कहा, "वर्तमान में केवल पुरुष और नारी के बीच समानता बहुत जरूरी है।"
उन्होंने देश के बिगड़ते लिंगानुपात को ठीक करने की अपील की।
उन्होंने कहा, "बेटी का पालन-पोषण करना चाहिए। उसे शिक्षित करना चाहिए, उसका ध्यान रखना चाहिए, ताकि वह समाज में अपना उपयोगी योगदान दे सके।"
उन्होंने कहा कि बेटा और बेटी के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, "अब लोगों को यह समझने की जरूरत है कि अगर वे आधे समाज को बराबरी के मौकों से वंचित करेंगे तो हम अपने समाज को पीछे धकेल देंगे। हमें महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का मौका देना चाहिए, ताकि हमारा देश विकसित देश बन सके।"
अभितान संयुक्त राष्ट्र बेटी बचाओ अभियान के भी एंबेसडर हैं।
इस मौके पर बिगबी ने कई स्कूलों की बच्चियों के साथ बातचीत की और अपने पिता की मशहूर किताब 'मधुशाला' की कुछ पक्तियां पढ़ी।
7वीं कक्षा की एक छात्रा ने अमिताभ से पूछा कि उनका नाम 'बिग बी' कैसे पड़ा। इसके जवाब में उन्होंने कहा, "कौन कहता है मैं बिग बी हूं। देखो में कितना छोटा हूं। जीवन में आप केवल अपना काम करते रहें और कड़ी मेहनत करें। जो आप करना चाहते हैं उसे करने का रास्ता ढूंढें और कड़ी मेहनत करें। वही आपको सफलता दिलाएगी।"
एक दूसरी बच्ची ने अमिताभ से पूछा कि उनके माता-पिता उन्हें डांस के जुनून को पूरा करने से रोकते हैं। इस पर अमिताभ ने उसके माता-पिता से गुजारिश की, "अपनी बेटियों को अपने सपनों को पूरा करने का मौका दें। उन्हें मत रोकें जब तक कि वे गलत रास्ते पर न हों।"
--आईएएनएस
खरी बात
मोदी के सरकार दो साल- क्या किसी के पास दूसरा तथ्य है या एक ही सत्य है
रवीश कुमार मई का महीना समीक्षा का होता है। भारतीय लोकतंत्र के इस रूटीन उत्सव में यही एक महीना होता है जिसमें सरकार हमेशा अच्छा करती है। दबी ज़ुबान आलोचना...
आधी दुनिया
14 फीसदी भारतीय कारोबार की लगाम महिलाओं के हाथ
ऋचा दूबे एक ऑनलाइन खुदरा कारोबार चलाती हैं, जो कारीगरों को उपभोक्ताओं से जोड़ता है। यह आधुनिक भारतीय महिला के लिए कोई अनोखी बात नहीं है। लेकिन हाल के आंकड़ों...
जीवनशैली
मस्तिष्क की अलग-अलग कोशिकाएं कराती हैं सकारात्मक, नकारात्मक घटनाओं का अनुभव
सैन फ्रांसिस्को, 29 मई (आईएएनएस/सिन्हुआ)। क्या आपको पता है कि हमारा मस्तिष्क सकारात्मक और नकारात्मक घटनाओं का कैसे अनुभव करता है। दरअसल, हमारे मस्तिष्क की अलग-अलग कोशिकाएं इसके लिए जिम्मेदार...