JS NewsPlus - шаблон joomla Продвижение
BREAKING NEWS
कोलकाता हिट एंड रन मामले में आरोपी गिरफ्तार
चीन में दिसंबर में घरों की कीमतों में उछाल जारी
जापान में बर्फबारी, 26 घायल
हैदराबाद विश्विद्यालय में पीएचडी छात्र ने की आत्महत्या
विप्रो का शुद्ध लाभ 2 फीसदी बढ़ा
मोदी असम, सिक्किम के 2 दिवसीय दौरे पर
बीबीवीए लीग में एटलेटिको शीर्ष पर, मेड्रिड व बार्सिलोना को आसान जीत
भारतीय रॉकेट के लांच की उल्टी गिनती शुरू
नवाज शरीफ का सऊदी अरब, ईरान दौरा शुरू
मैनचेस्टर युनाइटेड ने चीन में खोला 'एमयूटीवी' चैनल

LIVE News

कोलकाता हिट एंड रन मामले में आरोपी गिरफ्तार

चीन में दिसंबर में घरों की कीमतों में उछाल जारी

जापान में बर्फबारी, 26 घायल

हैदराबाद विश्विद्यालय में पीएचडी छात्र ने की आत्महत्या

विप्रो का शुद्ध लाभ 2 फीसदी बढ़ा

येसुदास : संघर्षो बीच सुरमई जिंदगानी (जन्मदिन : 10 जनवरी)


शिखा त्रिपाठी
नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)। सन् 70 के दशक में 'गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा' जैसे मधुर गीत से सभी पर अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने वाले के.जे. येसुदास देश के जाने-माने पाश्र्वगायकों में शुमार हैं। वह दक्षिण भारत में तो लोकप्रिय हैं ही, उत्तर भारत में भी संगीत प्रेमियों के उतने ही अजीज हैं। सर्वश्रेष्ठ गायन में 7 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह देश के एकमात्र गायक हैं।

सन् 1976 की फिल्म 'चितचोर' के गीतों के बाद उनके गाए पचासों हिंदी गीत सुनने वालों के दिलों में आज भी वही दीवानगी जगाता है, जो उस दौर में जगाता था।

कर्नाटक शास्त्रीय संगीत में निपुण और फिल्मों के पाश्र्वगायक के.जे.येसुदास ने अपने सुरीले गीतों से दर्शकों-श्रोताओं पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने हिन्दी के अलावा मलयालम, तमिल, कन्नड़, तेलुगू, बांग्ला, गुजराती, उड़िया, मराठी, पंजाबी, संस्कृत, रूसी तथा अरबी भाषाओं में भी गीतों को अपने सुरों से सजाया है। उन्होंने अपने 50 वर्षो के गायिकी करियर में 14 भाषाओं में 35,000 से भी अधिक गीत गाए हैं।

मखमली आवाज के धनी येसुदास का जन्म 10 जनवरी, 1940 को कोचीन (केरल) में हुआ। उनके पिता का नाम ऑगस्टाइन जोसेफ तथा माता का नाम एलिसकुट्टी है। पिता ऑगस्टाइन जोसेफ एक मंझे हुए मंचीय कलाकार एवं गायक थे, जो हर हाल में अपने बड़े बेटे येसुदास को पाश्र्वगायक बनाना चाहते थे। येसुदास की पत्नी का नाम प्रभा है और इनके तीन बेटे हैं- विनोद, विजय और विशाल।

संघर्ष का दौर :

येसुदास का बचपन कठिनाइयों में बीता। उन्होंने बहुत कम उम्र में अपने लक्ष्य निर्धारित कर लिए थे और अपने पिता का सपना पूरा करने का मन बना लिया था। वह आरएलवी संगीत अकादमी की फीस भी बड़ी मुश्किल से भर पाते थे, लेकिन मन में लगन और विश्वास हो तो कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती। बस यही बात ध्यान में रखकर वह आगे बढ़ते रहे।

येसुदास के जीवन में ऐसा भी दौर आया, जब चेन्नई के संगीत निर्देशक ने उनकी आवाज को बेकार बताया और कहा, 'इसमें दम नहीं है', यहां तक कि आकाशवाणी त्रिवेन्द्रम ने उनकी आवाज को प्रसारण के लायक नहीं समझा। लेकिन पिता का सपना आंखों में लिए येसुदास ने उस बुरे दौर को भी सहनशीलता के साथ बिताया।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1961 में की थी। उनके गाए गीत 'गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा', 'सुरमई अखियों में', 'दिल के टुकड़े-टुकड़े करके', 'जानेमन-जानेमन तेरे दो नयन', 'चांद जैसे मुखड़े पे' जैसी गीत काफी लोकप्रिय हुए। सर्वश्रेष्ठ गायन के क्षेत्र में 7 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह देश के एकमात्र गायक हैं। वर्ष 2002 में येसुदास को भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में महžवपूर्ण योगदान के लिए 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया गया।

येसुदास के दूसरे पुत्र विजय येसुदास अपने पिता के पदचिह्नें पर चल रहे हैं। वह भी एक संगीतकार हैं, जिन्हें वर्ष 2007 तथा 2013 में सर्वश्रेष्ठ पुरुष गायक के तौर पर 'केरल राज्य फिल्म अवॉर्ड' मिला था।

दक्षिण के सिनेमा में अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने के बाद येसुदास ने बॉलीवुड की ओर रुख किया। बॉलीवुड में उन्होंने फिल्म 'जय जवान जय किसान' के लिए पहला हिन्दी गीत गया। येसुदास ने 70 के दशक के मशहूर अभिनेताओं को अपनी आवाज दी। इनमें अमिताभ बच्चन, अमोल पालेकर, जितेंद्र और अरुण गोविल के नाम शामिल हैं।

उन्होंने कई लोकप्रिय गीत गाए, जिसके बाद वह सभी के पसंदीदा बन गए। उनके गाए ये गीत तो संगीत प्रेमियों की जुबां पर हैं- 'जब दीप जले आना', 'तू जो मेरे सुर में', 'का करूं सजनी', 'मधुबन खुशबू देता है', 'इन नजारों को तुम देखो', 'दिल के टुकड़े-टुकड़े करके', 'चांद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा', 'कहां से आए बदरा', 'सुरमई अखियों में' जैसे कई लोकप्रिय गीत शामिल हैं।

येसुदास को विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें 1975 में पद्मश्री और 2002 में पद्मभूषण पुरस्कार मिला। उन्हें सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायन के लिए 7 बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। वह विभिन्न भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायक का पुरस्कार भी जीत चुके हैं।

येसुदास महिलाओं पर एक विवादास्पद बयान देने के कारण पिछले साल विवादों में घिरे थे। उन्होंने गांधी जयंती के सिलसिले में एक स्वैच्छिक संस्था द्वारा तिरुवनंतपुरम में आयोजित समारोह में कहा था, "महिलाओं को जींस पहनकर दूसरों के लिए समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए। जो ढकने लायक है, उसे ढका जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा था कि इस तरह की पोशाकें भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं, क्योंकि सादगी और सौम्यता को महिलाओं के सबसे बड़े गुणों में गिनी जाती हैं। उनके इस बयान के बाद कई विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Related items

  • 'खतरों के खिलाड़ी' अक्षय को भी लगता है डर!
    मुंबई, 18 जनवरी (आईएएनएस)। अपने बेहतरीन स्टंट से दर्शकों को हैरान कर देने वाले 'खतरों के खिलाड़ी' अक्षय कुमार का कहना है कि उन्हें मैरी-गो-राउंड या हिंडोले (एक तरह का झूला) पर बैठने में मजा नहीं आता। उन्हें इस पर बैठने से डर लगता है।

    एक बयान में कहा गया कि अक्षय ने यह बात 'जूम' पर प्रसारित होने वाले शो 'यार मेरा सुपरस्टार' में कही।

    उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि मैं मैरी-गो-राउंड पर नहीं बैठा हूं, लेकिन इस पर बैठते ही मेरा सिर चकराने लगता है। मैं इस पर बैठने से डरता हूं।"

    अक्षय जल्द 'एयरलिफ्ट' में नजर आएंगे, जिसमें उनके साथ अभिनेत्री निमरत कौर भी हैं। यह 22 जनवरी को रिलीज हो रही है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • कोरिया युद्ध पर बन रही चीनी फिल्म
    बजिंग, 17 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन के मशहूर फिल्म निर्देशक ऑक्सिड पांग ने रविवार को कहा कि कोरियाई युद्ध पर एक फिल्म बन रही है, जिसमें युद्ध के दौरान चीनी सैनिकों की बहादुरी का किस्सा दिखाया जाएगा।

    लीयू ये अभिनीत फिल्म 'माई वार' 2016 के अंत में रिलीज होगी।

    इस फिल्म में सन् 1950 के दौरान कोरिया के साथ लड़े गए युद्ध में चाइनीज पीपुल्स वॉलंटियर आर्मी (सीवीपीए) के सैनिकों के समूह के बीच दोस्ती व रोमांस को पर्दे पर उतारा जाएगा।

    पांग ने कहा कि फिल्म निर्माण के दौरान एक लाख चक्र से अधिक असली कारतूसों को फायर किया गया है, जिसकी शूटिंग सितंबर में शुरू हुई थी और हाल में खत्म हुई है।

    पूर्वोत्तर चीन में स्थित एक संग्रहालय में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, इस युद्ध में सीवीपीए के 1.83 लाख सैनिक मारे गए थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • कभी अभिनेत्री बनने की नहीं सोची थी : मिरेन
    लंदन, 17 जनवरी (आईएएनएस)। ऑस्कर विजेता हॉलीवुड अभिनेत्री हेलेन मिरेन कहती हैं कि वह कभी अदाकारा नहीं बनना चाहती थी।

    वेबसाइट 'फीमेलफर्स्ट डॉट को डॉट यूके' ने मिरेन के हवाले से कहा, "मेरी तमन्ना कभी भी हॉलीवुड अभिनेत्री बनने की नहीं थी। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि अभिनेत्री बनना संभव होगा।"

    मिरेन हॉलीवुड की प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक हैं।

    उन्होंने कहा, "मैं एक ऐसी पृष्ठभूमि वाले परिवार से हूं, जहां दुनिया एक दुर्ग या किले के जैसी दिखाई पड़ती है। एक ऐसी जगह, जिसमें आप दाखिल नहीं हो सकते। मैं रंगमंच की अदाकारा बनना चाहती थी, इसलिए मैं हॉलीवुड के बारे में नहीं सोच रही थी। मैं तो रोज-रोज फिल्म देखने भी नहीं जाती थी।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • अमिताभ सर्वश्रेष्ठ शोस्टॉपर : नेहा धूपिया
    मुंबई, 17 जनवरी (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया का कहना है कि महानायक अमिताभ बच्चन 'सर्वश्रेष्ठ शोस्टॉपर' हैं।

    अमिताभ (73) फैशन डिजाइनर विक्रम फडणीस के फैशन शो में उनके डिजाइनर परिधान में रैंप पर उतरे। नेहा भी इस शो में पहुंचीं और उनकी जमकर सराहना की।

    नेहा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की और इसके कैप्शन में लिखा, "अब तक के सर्वश्रेष्ठ शोस्टॉपर हैं अमिताभ बच्चन। उन्हें रैंप पर देखने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। बधाई हो विक्रम फडणीस।"

    इस फैशन शो का आयोजन फैशन जगत में फडणीस के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया था।

    महानायक ने भी इस शो की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कीं।

    उन्होंने लिखा, "ए.बी. की जिंदगी का एक दिन। सुबह में एक विज्ञापन की शूटिंग और उसके बाद विक्रम फडणीस के लिए रैंप वॉक की।"

    फैशन शो में उनके साथ उनकी पत्नी जया बच्चन और बेटी श्वेता नंदा भी पहुंची थीं।

    इसके अलावा रितेश देशमुख, जेनेलिया डिसूजा, जूही चावला, सुशांत सिंह राजपूत, अंकिता लोखंडे, मलाइका अरोड़ा खान, बोमन ईरानी व आयुष्मान खुराना सरीखी हस्तियों ने भी इसमें शिरकत की।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • पाकिस्तान : राज कपूर की हवेली आंशिक रूप से ध्वस्त
    पेशावर, 17 जनवरी (आईएएनएस)। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता रहे दिवंगत राज कपूर ने यहां पाकिस्तान में जिस हवेली में जन्म लिया था, उसके मौजूदा मालिक ने उसे आंशिक रूप से ढहा दिया है।

    समाचार पत्र डॉन की रविवार की रपट के मुताबिक, पुरातत्व निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ढाकी मुन्नवर शाह इलाके में स्थित ऐतिहासिक इमारत को बचाने की आखिरी कोशिश की, लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम रही।

    डॉन के मुताबिक, अधिकारियों के पहुंचने तक 98 साल पुरानी चार मंजिला इमारत 'कपूर हवेली' की ऊपरी मंजिल को ढहा दिया गया था। उन्होंने बताया कि शेष इमारत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

    खबर पख्तूनख्वा सरकार ने इससे पूर्व पेशावर में जन्मे राज कपूर और दिलीप कपूर के घरों को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करते हुए उन्हें बचाने की घोषणा की थी।

    अधिकारियों ने डॉन को बताया कि शनिवार सुबह उन्हें हवेली को ढहाए जाने की सूचना मिली और उन्होंने इसे ढहाने से रोकने के लिए पुलिस की मदद मांगी।

    उन्होंने शिकायत की कि हवेली को ढहाने से रोकने की जगह पुलिस अधिकारी औपचारिकताओं में ही लगे रहे और उन्होंने एक लिखित आवेदन की मांग की।

    एक अधिकारी ने कहा, "काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी हमारे साथ घटनास्थल पर पहुंचे और हवेली ढहाने की कार्रवाई रोकी गई।"

    समाचार पत्र के मुताबिक, पुरातत्व निदेशालय हवेली के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहता है।

    रपट के मुताबिक, हवेली के मौजूदा मालिक ने कहा कि उसकी हालत जर्जर थी और वह कभी भी गिर सकती थी, इसलिए उसके पास मकान को गिराने का नगर निगम का नोटिस था।

    हालांकि अधिकारियों ने कहा, "हवेली को और हानि न पहुंचे, इसकी हम पूरी निगरानी रखेंगे।"

    स्थानीय पार्षद मियां जुल्फिकार ने डॉन को बताया कि इलाके के निवासी प्रशासन को चेतावनी देते रहे थे कि इमारत की हालत जर्जर है और इससे उनकी जिंदगी को खतरा है।

    उन्होंने कहा कि अगर वह एक ऐतिहासिक इमारत थी तो बाद में कार्रवाई करने के स्थान पर निदेशालय को पहले ही उसकी देखभाल करनी चाहिए थी।

    'सरहद कंजर्वेशन नेटवर्क' का कहना है कि हवेली ढहाने की कार्रवाई से पेशावर के इतिहास प्रेमी और लोग स्तब्ध हैं और अगर सरकार ने उसे बचाने के लिए शीघ्र कदम नहीं उठाए तो यह इमारत एक इतिहास की बात हो जाएगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • यथार्थवादी फिल्मों का महत्व समझते हैं युवा : अक्षय

    मुंबई, 17 जनवरी (आईएएनएस)। बॉलीवुड के 'खिलाड़ी' अक्षय कुमार का मानना है कि आज दर्शकों की पसंद में बदलाव आया है। विशेष तौर पर युवा यथार्थवादी फिल्मों का महत्व समझ रहे हैं।

    अक्षय ने फिल्म 'एयरलिफ्ट' के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "समय बदल रहा है। युवा हर तरह के सिनेमा को समझ रहे हैं। जैसे 'बेबी', यह रॉ पर आधारित थी। इसमें कोई गीत नहीं था, लेकिन इसने अच्छा कारोबार किया। इससे याथार्थवाद के मूल्य में वृद्धि का पता चलता है।"

    फिल्म की मुख्य अभिनेत्री निमरत कौर ने भी अपने विचार साझा किए, "मैं कहना चाहूंगी कि 'द लंचबॉक्स' सबसे बड़ा उदाहरण है। इस छोटी-सी फिल्म में व्यावसायिक फिल्म कोई भी पक्ष नहीं था। ऐसी फिल्मों की व्यावसायिक सफलता और फिल्मों की संख्या भी इस बात का सबूत है।"

    फिल्म 'एयरलिफ्ट' इराक-कुवैत युद्ध के दौरान कुवैत में स्थित भारतीयों को वहां से निकालने के अभियान पर आधारित है। इसमें अक्षय और निमरत कौर मुख्य भूमिका में हैं।

    फिल्म के बारे में अक्षय ने बताया कि टीम ने कुछ दिन पहले फिल्म देखी, "फिल्म को जो रूप दिया गया है, उससे मैं बहुत खुश हूं। हमें गर्व महसूस होता है कि हमने इस फिल्म को बनाया है। मैं लोगों को यह फिल्म दिखाने के लिए उत्सुक हूं।"

    फिल्म 'एयरलिफ्ट' 22 जनवरी को रिलीज होगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

खरी बात

'इंक अटैक' सस्ती लोकप्रियता, सुरक्षा पर भारी

अब स्याही फेंकना अहिंसक तरीके से अपनी बात कहने का माध्यम बनता जा रहा है या फिर एक अपरंपरागत तरीके से सोशल मीडिया, समाचार चैनलों के इस दौर में चर्चित...

आधी दुनिया

सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

उपासना बेहार “.....ज्ञान बिना सब कुछ खो जावे,बुद्धि बिना हम पशु हो जावें, अपना वक्त न करो बर्बाद,जाओ, जाकर शिक्षा पाओ......” सावित्रीबाई फुले की कविता का अंश अगर सावित्रीबाई फुले...