रायपुर, 26 मई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में भीषण सूखे ने 14 साल बाद लोगों को शिवलिंग के दर्शन कराए हैं। भीषण गर्मी के चलते ब्लॉक के बेलरगांव से 10 किलोमीटर दूर दुधावा बांध के डूब क्षेत्र देवखुंट पारा में प्राचीन पुरातत्व देऊर मंदिर के भीतर स्थापित शिवलिंग के दर्शन 14 साल बाद हो रहे हैं।
शिवलिंग के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। नगरी-सिहावा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर पुरातत्व महत्व के अनेक प्राचीन मंदिर और प्रतिमाएं मौजूद हैं।
वर्षभर दुधावा बांध के पानी के भीतर देवखुंटपारा का पुरातत्व देऊर मंदिर डूबा रहता है। हर वर्ष यह मंदिर गर्मी के दिनों में लोगों को दिखता जरूर था, लेकिन मंदिर के भीतर गर्भगृह में स्थित शिवलिंग के दर्शन नहीं हो पाते थे। 14 साल बाद इस साल लोगों को भगवान शिव के दर्शन हो रहे हैं। यहां पूरा मंदिर पत्थरों पर एक-दूसरे के ऊपर रखकर बनाया गया है।
मंदिर के विषय में बेलर के शंभु साहू एवं मौर्यध्वज सेन ने बताया कि यह मंदिर 10वीं सदी का है। जनश्रुति के अनुसार छैमासी अंधेरे पक्ष में इसका निर्माण किया गया था।
नगरी क्षेत्र के कर्णेश्वर में स्थित सूर्य मंदिर एवं देवखुंट मंदिर की निर्माण कला में समानता देखने को मिलती है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों मंदिर एक ही काल में निर्मित हुए होंगे। देऊरमंदिर के पास ही अन्य मंदिर भी थे, जो ढह चुके हैं। उनके अवशेष यहां-वहां बिखरे पड़े हैं।
मंदिर के प्रांगण में ही एक ओर शिवलिंग है, चारों ओर प्राचीन पत्थर बिखरे पड़े हैं, जिन पर कलाकृति एवं नक्काशी का नायब नमूना देखने को मिलता है।
लोगों का कहना है कि धरातल में दबे इतिहास और पुरातात्विक महत्व को आगे लाने के लिए पुरातत्व विभाग को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।
-- आईएएनएस
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