नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन के लायक नहीं है, जो कि दुनिया के सबसे बेहतरीन अर्थशाी हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या आरबीआई गर्वनर को दूसरा कार्यकाल दिया जाना चाहिए, चिदंबरम ने कहा, "मैं तो यह सोचने लगा हूं कि क्या यह सरकार डॉ. राजन जैसे काबिल व्यक्ति के लायक है?"
आरबीआई के गर्वनर का तीन साल का कार्यकाल सितंबर के पहले हफ्ते में समाप्त हो रहा है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी लगातार कहते आ रहे हैं कि राजन को विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए।
चिंदबरम ने आगे कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने दुनिया के सबसे उत्कृष्ट अर्थशाियों में से एक को आरबीआई के गर्वनर के पद पर नियुक्त किया था। हमने उस समय उन पर पूरा भरोसा जताया था। हम आज भी उन पर पूरा भरोसा जताते हैं।"
पूर्व वित्तमंत्री ने स्वामी द्वारा राजन को हटाने संबंधी पत्र पर कोई टिप्पणी नहीं की।
चिंदबरम ने पत्रकारों से कहा, "अगर प्रधानमंत्री या वित्तमंत्री ऐसा कोई बयान देते हैं तो मैं उस पर टिप्पणी करूंगा। इसलिए इस पर कांग्रेस पार्टी को बयान देने की जरूरत नहीं है।"
यह पूछे जाने पर कि वित्तमंत्री अरुण जेटली का ब्याज दरों को लेकर राजन के साथ मतभेद है। चिदंबरम ने कहा, "दुनिया भर में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों के बीच बातचीत होती रहती है। इसका मतलब यह नहीं है कि वित्तमंत्री आरबीआई गर्वनर की क्षमता पर सवाल उठा रहा है। हर कोई अर्थव्यवस्था को अपने नजरिए से देखता है। सरकार का नजरिया विकास दर का होता है तो केंद्रीय बैंक के गर्वनर का नजरिया मौद्रिक स्थिरता को लेकर होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "10 बार में से दो बार वित्तमंत्री कुछ निर्णयों को लेकर अपनी चलाते हैं। यह दुनिया भर के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों का सच है।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक हमारा सवाल है, हमारे सभी केंद्रीय बैंक के गर्वनरों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं और जब तक हम सरकार में थे, रघुराम राजन के साथ भी हमारे सबसे अच्छे संबंध थे।"
उन्होंने रघुराम राजन की आलोचना करनेवाली केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण की खिंचाई की और कहा, "अगर मैं यह प्रश्न आप सब के सामने रखूं कि एक तरफ डॉ. रघुराम राजन हो और दूसरी तरफ वाणिज्य मंत्री हो तो आप किसके समर्थन में होंगे। आपको पता है कि इसका जबाव क्या है।"
यह संकेत देते हुए कि आरबीआई और सरकार कई मुद्दों पर एकमत नहीं है। चिदंबरम ने कहा, "सीपीई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति जुलाई 2015 में 3.7 फीसदी था, जो अप्रैल 2016 में बढ़कर 5.4 फीसदी हो गया। यह साफ नहीं है कि सरकार और आरबीआई मुद्रास्फीति के प्रबंधन पर एकमत हैं या नहीं। इस सहमति के अभाव में मुद्रास्फीति और भी बढ़ती जाएगी।"
--आईएएनएस
मोदी सरकार रघुराम राजन के लायक नहीं : चिंदबरम
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