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क्षेत्रीय अस्थिरता के लिए अमेरिकी नीतियां जिम्मेदार : अजीज

देर से मां-बाप बनने पर घटती है संतानों की उम्र

न्यूयार्क, 18 जनवरी (आईएएनएस)। अधिक उम्र में माता-पिता बनने वाले लोगों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि उनकी आने वाली संतान की लंबी आयु के लिए सिर्फ कामना ही की जा सकती है।

एक नए शोध के अनुसार, अधिक उम्र वाले व्यक्तियों की संतानें लंबी आयु तक जीवित नहीं रहतीं, क्योंकि उनकी उम्र का प्रभाव उनके टेलोमेयर पर पड़ता है।

अमेरिका की नॉर्थ डकोटा यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर ब्रिट हाइडिंगर ने बताया, "टेलोमेयर डीएनए के अंतिम सिरे में पाया जाता है और यह कोशिकाओं की उम्र को दर्शाता है। यह कोशिका विभाजन के समय डीएनए की सुरक्षा करता है। टेलोमेयर कोशिका प्रतिरूप का अभिन्न अंग है, जो व्यक्ति की लंबी उम्र से संबंधित होते हैं।"

इस शोध के लिए 30 सालों तक कई प्रजातियों पर अध्ययन किया गया। विभिन्न प्रजातियों में लंबे टेलीमेयर वाले जीवों की संतानों में लंबी उम्र देखी गई है।

इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि संतान की लंबी आयु पर पिता की उम्र से ज्यादा मां की आयु का प्रभाव पड़ता है।

यह शोध पत्रिका 'फंक्शनल इकोलॉजी' में प्रकाशित हुआ है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • क्षेत्रीय अस्थिरता के लिए अमेरिकी नीतियां जिम्मेदार : अजीज

    इस्लामाबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को कहा कि दक्षिण एशिया में अस्थिरता के लिए अमेरिकी नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने ओबामा प्रशासन से आग्रह किया कि वह क्षेत्र में अपनी भूमिका की समीक्षा करे।

    अजीज ने कहा, "अस्थिरता को पाकिस्तान का जवाब देश में लोकतंत्र को मजबूत करना है।"

    उन्होंने कहा, "अमेरिका ने अफगान जिहाद के दौरान हमारे कबायली इलाकों में धर्म योद्धा तैयार किए और उसके बाद युद्ध समाप्त होते ही उन्हें छोड़ दिया। इसने पाकिस्तान और क्षेत्र में दशकों से जारी अस्थिरता में योगदान किया।"

    डॉन के अनुसार, अजीज ने देश की अस्थिरता में बाहरी खतरों के बारे में कहा कि 2013 से पाकिस्तान हस्तक्षेप न करने और अन्य देशों के युद्धों में भाग न लेने की नीति का अनुसरण कर रहा है।

    उन्होंने कहा, "हमने तय किया है कि हम किसी दूसरे देश की लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे, और सरकार इस नीति का बखूबी पालन कर रही है।"

    अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पिछले स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन में चेताया था, "दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता दशकों तक जारी रहेगी। इसमें मध्य पूर्व, अफगानिस्तान और पाकिस्तान, मध्य अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कई हिस्से शामिल होंगे।"

    ओबामा ने आतंकवाद और अस्थिरता के बीच एक सूत्र की भी पहचान की और चेताया कि कुछ अस्थिर क्षेत्र आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गए हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • 'क्या मुल्ला पाकिस्तानियों को पागलपन की तरफ ढकेल रहे हैं?'

    इस्लामाबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के अग्रणी अखबार डेली टाइम्स ने सोमवार को लिखा कि 'क्या मौलवियों और मुल्लाओं की दासता मानकर पाकिस्तानी पागलपन की कगार पर पहुंच गए हैं।'

    अखबार ने 'एक्सीडेंटल ब्लैसफमी' शीर्षक के अपने संपादकीय में यह सवाल उठाया है। यह संपादकीय उस घटना के मद्देनजर लिखा गया है जिसमें 15 साल के एक लड़के ने यह समझकर कि उससे ईश निंदा हुई है, अपना हाथ काट लिया था।

    अखबार ने संपादकीय में लिखा है कि एक ऐसे देश में जहां धार्मिक कट्टरता इतने नग्न रूप में आम आदमी के होशोहवास पर छा गई हो और जहां मस्जिद के लाउडस्पीकर पर किया गया एक ऐलान किसी बदकिस्मत आरोपी के पीछे भीड़ को दौड़ा देता हो, वहां कोई भी बात अब चकित नहीं करती।

    संपादकीय में कहा गया है, "हाल में एक बेहद भयावह घटना हुई। 15 साल के एक लड़के ने अपना हाथ काट लिया। उसने खुद को सजा देने के लिए ऐसा किया क्योंकि उसे लगा था कि उससे ईशनिंदा हुई है।"

    अखबार ने लिखा है कि लाहौर के पास एक गांव में इमाम ने पूछा था कि जो लोग पैगंबर मुहम्मद को प्रेम करते हैं, वे नमाज पढ़ते हैं। फिर उसने पूछा कि किसने नमाज पढ़ना छोड़ दिया है। जिसने छोड़ा है, वह हाथ उठाए।

    बच्चे ने सवाल समझा नहीं और हाथ उठा दिया। लोगों ने तुरंत उस पर धर्म विरोधी होने की तोहमत लगाई। बच्चा घर गया। जो हाथ उठाया था, उसे काटा और तश्तरी में रखकर कटे हुए हाथ को इमाम को दे दिया। उसने कहा कि उसे इसमें किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई।

    संपादकीय में कहा गया है कि लड़के पर पागलपन सवार था। लेकिन, समुदाय के अन्य लोग और खुद उसके घरवाले इस पर खुशी मना रहे थे। ताजा सूचना यह है कि इमाम को पुलिस ने पकड़ लिया है।

    अखबार ने लिखा है कि बातों को या तो सही या गलत में देखने के नजरिए ने समाज को धर्म के उदात्त मूल्यों से दूर कर इसे औरों से हिंसक प्रतिशोध लेने का जरिया बना दिया है।

    अखबार ने लिखा है कि लड़के में पैदा हुआ डर साफ है। वह अपनी चेतना पर विश्वास नहीं कर पा रहा है। यही डर हमें धर्म से बेहद दूर के भी किसी मामले में किसी भी तरह के वाद-विवाद से दूर ले जाकर दिमाग को एक कोठरी में बंद कर देने वाला साबित हो रहा है।

    अखबार ने लिखा है कि अगर इस डर से नहीं निपटा गया तो इससे होने वाले खतरों से पार पाना नामुमकिन हो जाएगा। अखबार ने इसके लिए सरकार, मीडिया और अन्य नागरिक संस्थानों पर पर्याप्त जोर नहीं देने का आरोप लगाया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मुस्लिम महिलाओं को अंग्रेजी सिखाने पर 3 करोड़ डॉलर खर्च करेगा ब्रिटेन
    लंदन, 18 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ब्रिटेन में रह रही 1,90,000 मुस्लिम महिलाएं अंग्रेजी बोलने में सक्षम नहीं हैं। ये ब्रिटेन की स्थानीय मुस्लिम आबादी की 22 फीसदी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उन्हें अंग्रेजी सिखाने पर 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च करने की सोमवार को घोषणा की।

    कैमरन ने कहा कि जो मुस्लिम महिलाएं स्थायी रूप से ब्रिटेन में बसना चाहती है, उन्हें ब्रिटिश पासपोर्ट की अर्हता प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी में धाराप्रवाह हो जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन में अलग-अलग समुदायों की 'निष्क्रिय सहिष्णुता' एक मजबूत समाज के निर्माण में मदद करेगी।

    कैमरन ने कहा कि लैंगिक अलगाव व भेदभाव और समाज से कुछ महिलाओं के कटे रहने से कट्टरता और उग्रवाद में बढ़ोतरी होगी।

    उन्होंने आगे कहा, "हमारा अगला लक्ष्य महिलाओं का सशक्तीकरण करना और उनके अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को बढ़ाना है। मैं समझता हूं कि हम ब्रिटेन के समाज को एकजुट रखते हुए एक मजबूत समाज का निर्माण कर सकते है जो कि वह है।"

    मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रस्तावित अंग्रेजी की कक्षाएं उनके घरों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाएंगी। ब्रिटेन के नए वीजा नियमों के मुताबिक जीवनसाथी वीजा पर ब्रिटेन आने वाली महिलाओं को अंग्रेजी में धाराप्रवाह होना ही होगा। जो महिलाएं ढाई साल बाद अपने वीजा की अवधि बढ़वाना चाहेंगी उन्हें अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की परीक्षा से गुजरना होगा।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • बगदाद में अमेरिकियों के अपहरण की पुष्टि

    बगदाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी दूतावास ने यहां 'कई' अमेरिकियों के अपहरण की पुष्टि की है।

    बीबीसी के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, "हम अगवा लोगों को खोजने के लिए इराकी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।"

    इराक के सुरक्षा गलियारों से आई अपुष्ट खबरों में बताया गया है कि बगदाद के दक्षिणी इलाके में तीन अमेरिकियों और उनके इराकी अनुवादक का अपहरण किया गया है।

    लेकिन, अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि कितने लोगों का अपहरण हुआ है या किस जगह से हुआ है।

    वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया, "एक कंपनी ने रविवार को रपट दर्ज कराई कि उसके तीन कर्मचारी दो दिन से लापता हैं। ये सभी अमेरिकी ठेकेदार हैं। हम जांच कर रहे हैं।"

    अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा, "विदेश में अमेरिकियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • सऊदी की अगुवाई में यमन में हवाई हमले, 25 की मौत
    सना, 18 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। सऊदी की अगुवाई में यमन की राजधानी सना में पुलिस मुख्यालय पर रातभर हवाई हमले किए गए जिनमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई।

    अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि 25 पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि अन्य का इलाज चल रहा है, जिनमें नागरिक भी शामिल हैं।

    घटनास्थल पर मौजूद एक सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, " लगभग 30 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है जिनमें पुलिसकर्मी और पुलिस मुख्यालय के नजदीक रहने वाले लोग भी शामिल हैं।"

    उन्होंने कहा, "अभी भी एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी मलबे के नीचे दबे हैं और बचाव दल सुरक्षित बचे लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।"

    सऊदी के नेतृत्व वाला गठबंधन राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी के शासन को बहाल करने और हौतियों द्वारा कब्जे में किए गए शहरों से उन्हें हटाने के लिए मार्च 2015 से विद्रोही हौतियों और उनसे संबंद्ध बलों पर हवाई हमले कर रहे हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ईरान को 1.7 अरब डॉलर का भुगतान करेगा अमेरिका : केरी
    वाशिंगटन, 18 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने रविवार को कहा कि उनका देश ईरान को 1.7 अरब डॉलर का भुगतान करेगा। यह भुगतान दोनों देशों के बीच 35 साल पुराने एक वित्तीय मामले के निपटान के तौर पर किया जाएगा।

    केरी ने एक बयान में कहा कि ईरान ट्रस्ट फंड के तौर पर 40 करोड़ डॉलर हासिल करेगा और करीब 1.3 अरब डॉलर ब्याज के निपटान के तौर पर हासिल करेगा।

    1981 में दोनों देशों के बीच देनदारियों के निपटारा के लिए हेग में ईरान-अमेरिका दावा न्यायाधिकरण स्थापित किया गया था। तेहरान ने अमेरिका पर एक मुकदमा करते हुए हथियारों के लिए किए गए भुगतान को वापस किए जाने की मांग की थी।

    बयान में बताया गया है कि ईरान ने अमेरिका से कूटनीतिक संबंध समाप्त होने से पहले उससे हथियार खरीदने के लिए 40 करोड़ डॉलर के ट्रस्ट फंड का इस्तेमाल किया था।

    केरी ने कहा, "ईरान को भुगतान की जाने वाली राशि एक वाजिब ब्याज दर के आधार पर तय की गई है।"

    केरी ने साथ ही बताया कि न्यायाधिकरण में ईरान के विरुद्ध अमेरिका के सभी दावे बहुत पहले निपटा दिए गए हैं। जिसके तहत ईरान ने अमेरिका को 2.5 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान किया है।

    केरी ने बताया कि ईरान के और भी दावे हैं, जिस पर फैसला नहीं हुआ है और अमेरिका इन दावों पर फैसले की प्रक्रिया जारी रखेगा।

    उल्लेखनीय है कि यह भुगतान उन अरबों डॉलर की अमेरिका में फ्रीज किए हुए खातों से अलग है, जिसका उपयोग अब ईरान परमाणु प्रतिबंध की समाप्ति के बाद कर सकता है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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