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दूध, कसरत से बच्चों में बढ़ता है विटामिन डी का स्तर


लंदन, 6 फरवरी (आईएएनएस)। विटामिन डी की खुराक के साथ दूध की पर्याप्त मात्रा और शारीरिक गतिविधियां जैसे कसरत इत्यादि से बच्चों में विटामिन डी की मात्रा बढ़ती है। पूर्वी फिनलैंड विश्वविद्यालय में किए गए अध्ययन से यह नई जानकारी सामने आई है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी का उच्च स्तर होना बहुत जरूरी है। साथ ही यह बहुत सारे पुराने रोगों का जोखिम भी कम करता है।

यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के दौरान जिन बच्चों के रक्त के नमूने गर्मियों के दिनों में ली गई, उनमें विटामिन डी का स्तर सबसे अधिक पाया गया। जबकि सर्दियों के दौरान इसका स्तर कम रहा, क्योंकि इस क्षेत्र में सर्दियों में धूप नहीं निकलती है।

इस शोध में 80 फीसदी बच्चों में विटामिन डी का स्तर कम मिला। विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने रोजाना ढाई-तीन गिलास दूध पीने की सिफारिश की है। साथ ही हफ्ते में दो से तीन बार मछली जरूर खाना चाहिए और वनस्पति तेल जरूर खाना चाहिए, क्योंकि इनमें विटामिन डी पाई जाती है। इसके अलावा बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में और खेलकूद में हिस्सा लेने के लिए बढ़ावा देना चाहिए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • आईएमए भी मनाएगी नेशनल डी-वर्मिग डे
    नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। लोगों में डी-वर्मिग को बढ़ावा देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 30 राज्यों और 1700 स्थानीय शाखाओं से जुड़े अपने सभी 2.6 लाख सदस्यों से अपील की है कि वे 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डी-वर्मिग डे) के तौर पर मनाएं।

    सभी सदस्यों को 1 से 19 साल तक के बच्चों को चबाने वाली एल्बेनडाजोल देने के लिए कहा गया है, ताकि उनके पेट में पनपे कीड़े खत्म हो जाएं। डी-वर्मिग डे परजीवी कीट के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए एक विलक्षण कदम है, क्योंकि यह समस्या केवल भारत में ही 24.1 लाख बच्चों को प्रभावित कर रही है।

    11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जिनमें हरियाणा, असाम, बिहार, छत्तीसगढ़ और दादरा नगर हवेली शामिल हैं, में नेशनल डी-वर्मिग डे का आयोजन किया जा रहा है। इस साल यह पूरे देश में मनाया जाएगा।

    मिट्टी से फैलने वाले हेल्मिंथज परजीवी कीट के संक्रमण के मामले में भारत दुनिया मे सबसे आगे है। यह परजीवी बच्चे के पोषण में रुकावट पैदा करके उनमें अनीमिया, कूपोषण पैदा करने के साथ ही उनके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा पैदा कर सकता है।

    भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्पलीटेशन की 2012 की एक रिपोर्ट चिल्ड्रन इन इंडिया 5 साल से कम उम्र के 19.8 प्रतिशत बच्चों को नुकसान पहुंचता है और उनमें से 48 प्रतिशत कुपोषित होते हैं, जो दर्शाता है कि देश के बच्चों की आधी आबादी कुपोषण की शिकार है।

    इस बारे में विचार देते हुए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एसएस अग्रवाल और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि यह देश के सभी डॉक्टरों की जिम्मेदारी है कि वह अपने मरीजों को डी-वर्मिग की गोलियां लेने के बारे में समझाएं और सभी मरीज नेशनल डी-वर्मिग डे के बाद दस दिन के अंदर-अंदर यह दवा ले लें।

    आईएमए और हार्ट केयर फाउंडेशन ने परजीवी कीटों के स्कूल जाने वाले बच्चों को उनकी सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष कीट-सीढ़ी वाला खेल बनाया है। बड़े स्तर पर इस मुहिम का मकसद कीट को बोझ को कम करना है।

    10 फरवरी को आईएमए अपने मुख्यालय, आईएमए हाउस, इंद्रप्रस्थ मार्ग (नई दिल्ली) में डी-वर्मिग कैंप का आयोजन कर रहा है, जहां पर चबाने वाली एल्बेनडाजोल गोलियां सभी बच्चों को मुफ्त बांटी जाएंगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सíवस।
  • इंदौर में 3 जिंदगियों की खातिर बने 2 ग्रीन कॉरिडोर
    इंदौर, 9 फरवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में तीन जिंदगियों की खातिर दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। ब्रेनडेड विश्वास दोषी (40) के परिजनों की अंगदान की इच्छा पर एक गुर्दे को चोइथराम अस्पताल से ग्रेटर कैलाश अस्पताल ले जाया गया और लिवर प्रत्यारोपण के लिए हवाई मार्ग से मेदांता अस्पताल ले जाया गया।

    उज्जैन जिले के महिदपुर निवासी विश्वास दोषी (40) पिछले दो साल से हृदय की बीमारी से पीड़ित थे, उनका इंदौर स्थित मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोमवार शाम को मस्तिष्क में रक्तस्राव हो जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया। उनके परिजनों द्वारा अंगदान की इच्छा जताए जाने पर विश्वास के शरीर को चोइथराम हॉस्पिटल ले जाकर अंग निकालने की व्यवस्था की गई।

    चोइथराम अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक, विश्वास के ब्लड ग्रुप के आधार पर दिल्ली में लिवर ट्रांसप्लांटेशन का एक मरीज और इंदौर में गुर्दे के दो मरीज मिले। इन अंगों को जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए सुबह चोइथराम अस्पताल से हवाईअड्डे और ग्रेटर कैलाश नर्सिग होम के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए।

    दोनों ही मार्गो पर अंग ले जाने वाली एम्बुलेंस को रास्ता देने के लिए लगभग आठ मिनट के लिए अन्य वाहनों की आवाजाही थम गई।

    मेदांता अस्पताल की टीम हवाईअड्डे से एयर एम्बुलेंस के जरिए लिवर लेकर दिल्ली गई। वहीं एक गुर्दा ग्रेटर कैलाश अस्पताल में, जबकि दूसरा गुर्दा चोइथराम अस्पताल के एक मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया।

    सूत्रों का कहना है कि विश्वास की दोनों आंखों को चोइथराम अस्पताल में सुरक्षित रखा गया है। इंदौर में इससे पहले भी मानव अंगों को ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा चुके हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • दिल की बीमारी की दवाएं कैंसर में कारगर
    न्यूयॉर्क, 9 फरवरी (आईएएनएस)। दिल की बीमारियों में इस्तेमाल की जानेवाली दवाएं कैंसर के इलाज में उपयोगी पाई गई हैं। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।

    कनाडा के युनिवर्सिटी ऑफ मॉन्ट्रियल में प्रोफेसर व अध्ययन के पहले लेखक नोअल रायनाल ने कहा, "हमने दर्जनों ऐसी दवाओं की खोज की है, जो ट्यूमर को बढ़ावा देनेवाले जींस के प्रभाव में एक एपीजेनेटिक प्रक्रिया के माध्यम से कमी लाते हैं। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।"

    उन्होंने कहा, "एपीजेनेटिक प्रक्रिया जीन के प्रभाव का नियंत्रण करती है। कैंसर कोशिकाओं में यह प्रक्रिया पूरी तरह अनियंत्रित हो जाती है। जिस प्रक्रिया की हमने खोज की है, वह कोशिका के अंदर कैल्सियम स्तर को निशाना बनाकर जीन के प्रभाव को नियंत्रित करती है।"

    जिन दवाओं की पहचान हुई है, उन्हें यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से मान्यता मिल चुकी है।

    रायनाल ने कहा, "मानवों में चूंकि इन दवाओं की सुरक्षा और क्षमता पहले से ही ज्ञात है, इसलिए चिकित्सा मान्यता की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है, ताकि मरीजों को यह जल्द से जल्द मुहैया हो।"

    यह निष्कर्ष पत्रिका 'कैंसर रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • जीका वायरस से निपटने के लिए 1.8 अरब डॉलर के आपात कोष का प्रस्ताव : ओबामा
    वाशिंगटन, 9 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जीका वायरस से निपटने के लिए 1.8 अरब डॉलर के आपात कोष के लिए अमेरिकी संसद के समक्ष प्रस्ताव पेश करेंगे।

    जीका एक मच्छर जनित रोगाणु है, जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर सामान्य आकार से छोटा हो जाता है। इस प्रस्ताव को ओबामा के वित्तीय बजटीय योजना 2017 के तहत मंगलवार को कांग्रेस के समक्ष रखा जाएगा, जिसमें जीका वायरस से निपटने के लिए रणनीतियां पेश की जाएगी।

    इन योजनाओं में तेजी से बढ़ रहे मच्छरों को रोकने के लिए नियंत्रण कार्यक्रम, टीका अनुसंधान में तेजी लाना, नैदानिक विकास शामिल हैं।

    इस धनराशि से स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित करने, गर्भवती महिलाओं और उनके साझेदारों को प्रशिक्षित करने, महामारी विज्ञान में सुधार एवं प्रयोगशाला में विस्तार, नैदानिक परीक्षण क्षमता, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, कम आय वाली गर्भवती महिलाओं को सहयोग देने जैसे कार्यो में मदद पहुंचाई जाएगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • सुशील कोइराला का निधन, मोदी ने बताया मूल्यवान मित्र

    काठमांडू, 9 फरवरी (आईएएनएस)। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का यहां सोमवार देर रात निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत ने एक मूल्यवान मित्र खो दिया है।

    सुशील कोइराला(80) नेपाली कांग्रेस (एनसी) दल के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने राजधानी काठमांडू के महाराजगंज इलाके में स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

    उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने मीडिया को बताया कि उनका श्वसन प्रणाली फेल होने की वजह से सोमवार देर रात करीब 12.50 बजे निधन हो गया।

    कोइराला 11 फरवरी, 2014 से 10 अक्टूबर, 2015 तक प्रधानमंत्री रहे। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिनके नेतृत्व में सितंबर 2015 में नेपाल ने संविधान सभा के जरिए नए संविधान को लागू किया।

    कोइराला नेपाल में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के दौरान निर्वासन में 16 साल तक भारत में रहे। उन्होंने पूर्व में जीभ व फेंफड़े के कैंसर का डटकर सफलतापूर्वक सामना किया था।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि 'भारत ने एक मूल्यवान मित्र खो दिया है।'

    मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, "सुशील कोइराला जी के रूप में एक बड़ा नेता खो दिया है, जिसने दशकों तक नेपाल की सेवा की। वहीं, भारत ने एक मूल्यवान दोस्त खो दिया है। उनके निधन का दुख है। उनकी आत्मा को शांति मिले।"

    उन्होंने लिखा, "सुशील कोइराला जी की सादगी हम सभी के लिए सीख है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं कोइराला परिवार और नेपाल वासियों के साथ हैं।"

    केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि नेपाल ने एक दमदार आवाज और एक बेहतरीन इंसान को खो दिया है।

    उन्होंने कहा, "वह नेपाल के सबसे अनुभवी और सच्चे राजनेताओं में से एक थे।"

    उनका निधन नेपाली कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। मार्च में नेपाली कांग्रेस की 13वीं महासभा का चुनाव होना है।

    कोइराला के निधन की खबर जंगल की आग की तरह फैली, जिसके बाद नेपाली कांग्रेस के सैंकड़ों नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थक महाराजगंज स्थित उनके आवास पर शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। एनसी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह इस खबर से सकते में हैं।

    पूर्व प्रधानमंत्री कोइराला को उनकी ईमानदारी व सादगीपूर्ण जीवनशैली के लिए जाना जाता है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • नेपाल : पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला नहीं रहे

    काठमांडू, 9 फरवरी (आईएएनएस)। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस(एनसी) के अध्यक्ष सुशील कोइराला का सोमवार देर रात निधन हो गया। उन्हें निमोनिया हुआ था। वह 80 वर्ष के थे।

    पूर्व प्रधानमंत्री ने राजधानी काठमांडू के महाराजगंज इलाके में स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने मीडिया को बताया कि उनका निधन श्वसन प्रणाली फेल होने की वजह से हुआ।

    कोइराला 11 फरवरी, 2014 से 10 अक्टूबर, 2015 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिनके नेतृत्व में सितंबर 2015 में नेपाल ने संविधान सभा के जरिए नए संविधान को लागू किया।

    कोइराला ने पूर्व में जीभ व फेंफड़े के कैंसर का डटकर सफलतापूर्वक सामना किया था।

    उनका आकस्मिक निधन नेपाली कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। मार्च में नेपाली कांग्रेस की 13वीं महासभा का चुनाव होना है।

    कोइराला के निधन की खबर जंगल की आग की तरह फैली, जिसके बाद नेपाली कांग्रेस के सैंकड़ों नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थक महाराजगंज स्थित उनके आवास पर शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। एनसी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि 'मैं उनके निधन से सकते में हूं।'

    पूर्व प्रधानमंत्री कोइराला को उनकी ईमानदारी व सादगीपूर्ण जीवनशैली के लिए जाना जाता है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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