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आईएमए भी मनाएगी नेशनल डी-वर्मिग डे
नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। लोगों में डी-वर्मिग को बढ़ावा देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 30 राज्यों और 1700 स्थानीय शाखाओं से जुड़े अपने सभी 2.6 लाख सदस्यों से अपील की है कि वे 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डी-वर्मिग डे) के तौर पर मनाएं।
सभी सदस्यों को 1 से 19 साल तक के बच्चों को चबाने वाली एल्बेनडाजोल देने के लिए कहा गया है, ताकि उनके पेट में पनपे कीड़े खत्म हो जाएं। डी-वर्मिग डे परजीवी कीट के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए एक विलक्षण कदम है, क्योंकि यह समस्या केवल भारत में ही 24.1 लाख बच्चों को प्रभावित कर रही है।
11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जिनमें हरियाणा, असाम, बिहार, छत्तीसगढ़ और दादरा नगर हवेली शामिल हैं, में नेशनल डी-वर्मिग डे का आयोजन किया जा रहा है। इस साल यह पूरे देश में मनाया जाएगा।
मिट्टी से फैलने वाले हेल्मिंथज परजीवी कीट के संक्रमण के मामले में भारत दुनिया मे सबसे आगे है। यह परजीवी बच्चे के पोषण में रुकावट पैदा करके उनमें अनीमिया, कूपोषण पैदा करने के साथ ही उनके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा पैदा कर सकता है।
भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्पलीटेशन की 2012 की एक रिपोर्ट चिल्ड्रन इन इंडिया 5 साल से कम उम्र के 19.8 प्रतिशत बच्चों को नुकसान पहुंचता है और उनमें से 48 प्रतिशत कुपोषित होते हैं, जो दर्शाता है कि देश के बच्चों की आधी आबादी कुपोषण की शिकार है।
इस बारे में विचार देते हुए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एसएस अग्रवाल और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि यह देश के सभी डॉक्टरों की जिम्मेदारी है कि वह अपने मरीजों को डी-वर्मिग की गोलियां लेने के बारे में समझाएं और सभी मरीज नेशनल डी-वर्मिग डे के बाद दस दिन के अंदर-अंदर यह दवा ले लें।
आईएमए और हार्ट केयर फाउंडेशन ने परजीवी कीटों के स्कूल जाने वाले बच्चों को उनकी सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष कीट-सीढ़ी वाला खेल बनाया है। बड़े स्तर पर इस मुहिम का मकसद कीट को बोझ को कम करना है।
10 फरवरी को आईएमए अपने मुख्यालय, आईएमए हाउस, इंद्रप्रस्थ मार्ग (नई दिल्ली) में डी-वर्मिग कैंप का आयोजन कर रहा है, जहां पर चबाने वाली एल्बेनडाजोल गोलियां सभी बच्चों को मुफ्त बांटी जाएंगी।
इंडो-एशियन न्यूज सíवस।
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सियाचिन हिमस्खलन : जिंदा मिला जवान कोमा में (राउंडअप)
नई दिल्ली/जम्मू, 9 फरवरी (आईएएनएस)। लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन की घटना के छह दिन बाद 35 फीट बर्फ के अंदर जीवित मिला कर्नाटक निवासी सेना का जवान दक्षिणी दिल्ली के सैन्य अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। शरीर में रक्त संचार सामान्य होने में 24 से 48 घंटे लगेंगे।
मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि उसकी हालत नाजुक है,वह कोमा में चला गया है।
अस्पताल द्वारा शाम चार बजे जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है और हालत अभी भी नाजुक है। शरीर के अंदर रक्त का बहाव थमा हुआ है। रक्त संचार सामान्य होने में अभी 24 से 48 घंटे लगेंगे।
बताया गया कि जवान को निमोनिया है तथा लीवर व किडनी में संक्रमण फैल चुका है। सौभाग्य से बर्फ के अंदर होने के कारण कोई अंग बेकार नहीं हुआ है और न ही हड्डियों को कोई नुकसान हुआ है।
हनुमानथप्पा का इलाज कई तरह के विशेषज्ञ मिलकर कर रहे हैं, जिनमें न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, एंड्रोक्राइनोलॉजिस्ट, इंटेंसिविस्ट और सर्जन शामिल हैं। उसके रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाने के लिए कई दवाइयां दी जा रही हैं।
तीन फरवरी को सियाचिन ग्लेशियर में जबर्दस्त हिमस्खलन हुआ था। इसके बाद से ही लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ सहित 19 मद्रास रेजीमेंट के 10 जवान लापता थे।
दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि हनुमानथप्पा की हालत नाजुक है।
उन्होंने बताया कि लांस नायक को दक्षिणी दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। यह लांस नायक बचावकर्मियों को सोमवार को मिला था।
जीओसी उत्तरी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, "अफसोस कि बाकी सैनिक अब हमारे बीच नहीं रहे।"
उन्होंने कहा, "हमें चमत्कार की उम्मीद है। दुआएं हमारे साथ हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सैन्य प्रमुख जनरल दलबीर सिंह यहां मंगलवार को आर्मी हॉस्पिटल में लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ की कुशलक्षेम लेने पहुंचे।
प्रधानमंत्री एवं सैन्य प्रमुख ने आईसीयू के चिकित्सकों से लांस नायक का हाल पूछा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सेना प्रमुख को संदेश भेजकर बर्फ में दबे हनुमानथप्पा कोप्पड़ को जीवित निकाल लिए जाने पर खुशी जताई और जिंदगी के लिए संघर्ष करने की शक्ति कायम रहने की कामना की।
उधर जम्मू में सेना ने मंगलवार को जानकारी दी कि सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन में जिंदा दफन हुए 9 सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं, इनमें एक जूनियर कमीशन अधिकारी भी शामिल हैं।
जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में 20,500 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर के दक्षिणी हिस्से में 3 फरवरी को हुए हिमस्खलन में 10 सैन्यकर्मी बर्फ में जिंदा दफन हो गए थे।
सेना के उत्तरी कमांड, जिसका मुख्यालय ऊधमपुर है, के प्रवक्ता कर्नल एस.डी. गोस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "सियाचिन में लापता जवानों की तलाश पूरी हो गई है। इसका श्रेय बचाव दल के दृढ़ संकल्प को जाता है, जिन्होंने बेहद चरम स्थितियों में भी लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ को बर्फ के 30 फीट अंदर से जिंदा निकालने में सफलता प्राप्त की।"
कर्नल गोस्वामी ने कहा, "लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़ ने बर्फ के नीचे छह दिनों तक दबे रहने के बाद भी जिंदा बचकर अपनी अलौकिक क्षमता का प्रदर्शन किया है। उसे वायु मार्ग से दिल्ली स्थित रिसर्च एंड रेफरेल अस्पताल ले जाया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "गहरे अफसोस के साथ हम बाकी के 9 शहीदों के शव मिलने की पुष्टि करते हैं, जिनमें एक जेसीओ भी शामिल है। कानूनी औपचारिकताओं के बाद इन सभी के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द उनके गृहनगर ले जाया जाएगा।"
सेना ने 5 फरवरी को उन 10 सैनिकों के नामों की सूची जारी की जो बुधवार को सियाचिन ग्लेशियर में आए हिमस्खलन की वजह से मारे गए थे।
जिन सैनिकों की मौत हुई है, उनके नाम हैं : सूबेदार नागेश टीटी (तेजूर, जिला हासन, कर्नाटक), हवलदार इलम अलाई एम. (दुक्कम पाराई, जिला वेल्लोर, तमिलनाडु), लांस हवलदार एस. कुमार (कुमानन थोजू, जिला तेनी, तमिलनाडु), लांस नायक सुधीश बी(मोनोरोएथुरुत जिला कोल्लम, केरल), सिपाही महेश पीएन (एचडी कोटे, जिला मैसूर, कर्नाटक), सिपाही गणेशन जी (चोक्काथेवन पट्टी, जिला मदुरै, तमिलनाडु), सिपाही राम मूर्ति एन (गुडिसा टाना पल्ली, जिला कृष्णागिरी, तमिलनाडु), सिपाही मुश्ताक अहमद एस (पारनापल्लै, जिला कुर्नूल, आंध्र प्रदेश) और सिपाही नर्सिग असिस्टेंट सूर्यवंशी एसवी (मस्कारवाडी, जिला सतारा, महाराष्ट्र)।
वहीं, लांस नायक हनुमानथप्पा कोप्पड़, (बेटाडुर, जिला धारवाड़, कर्नाटक) की हालत गंभीर बनी हुई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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वामपंथी विचारधारा पुरानी पड़ चुकी है : राहुल
तिरुवनंतपुरम, 9 फरवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वामपंथी विचारधारा अब पुरानी पड़ चुकी है और केरल का विकास एक ऐसी विचारधारा के जरिए मुमकिन नहीं है, जो पिछली सदी की है।
कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष वी.एम.सुधीरन की राज्यव्यापी यात्रा के समापन पर शंगमुखम समुद्र तट पर एक सभा में राहुल ने कहा, "वामपंथी विचारधारा अब पुरानी हो गई है। इसका संबंध पिछली सदी से है। केरल का निर्माण बीती सदी की सोच से नहीं हो सकता।"
कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ संयुक्त लोकतांत्रित मोर्चे (यूडीएफ) के चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी वामपंथी मोर्चा और भाजपा पर बरसे और ओमन चांडी सरकार के काम की सराहना की।
कांग्रेस की इस रैली में जुटी भारी भीड़ ने औरों के साथ-साथ खुद कांग्रेस के नेताओं को भी चकित कर दिया।
केरल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
राहुल ने वामपंथी मोर्चे से यह भी कहा कि वह राज्य के बारे में अपनी शराब नीति की घोषणा करे।
उन्होंने कहा, "हम और केरल के लोग जानना चाहते है कि क्या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी बंद किए गए मयखानों को फिर से खोल देगी?"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन्होंने अपने वादों को पूरा नहीं कर लोगों को धोखा दिया है।
मुख्यमंत्री चांडी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि चांडी ने काम करके दिखाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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इंटरनेट पर कुछ लोगों का एकाधिकार न हो : प्रसाद
नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने, भेदभावपूर्ण डाटा शुल्क पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के फैसले की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि इंटरनेट मानव मस्तिष्क की एक सर्वोत्कृष्ट रचना है और इस पर चंद लोगों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।
ट्राई ने सोमवार को जारी अपने आदेश में कहा कि किसी भी सेवा प्रदाता कंपनी को विषय सामग्री के आधार पर डाटा सेवा के लिए अलग-अलग शुल्क लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम ट्राई के इस फैसले की पूरी सराहना करते हैं, जिसमें डाटा सेवा के लिए भेदभावपूर्ण शुल्क को खारिज किया गया है। शुरू से हमारी सरकार की राय स्पष्ट थी, जिसे मैंने संसद में भी जाहिर किया था कि इंटरनेट मानव मस्तिष्क की एक सर्वोत्कृष्ट रचना है और इस पर कुछ लोगों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।"
मंत्री ने कहा, "चाहे फ्री बेसिक्स हो या कोई और तरीका डाटा का भेदभावपूर्ण तरीके से शुल्क लगाना स्वीकार्य नहीं है। इंटरनेट बिना किसी भेदभाव के सबके लिए उपलब्ध रहना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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उप्र : मेले में चोरी की आरोपी 4 महिलाएं गिरफ्तार
फैजाबाद (उप्र), 9 फरवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्सवों और मेला के मौके पर श्रद्धालुओं के जेवर तथा पर्स चोरी करने की आरोपी चार महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इन महिलाओं ने रविवार की रात एक मेले में चोरी को अंजाम दिया था। पुलिस की घेराबंदी में सभी गिरफ्त में आ गईं। पुलिस ने इनके मददगार एक युवक को भी गिरफ्तार किया है।
नया घाट चौकी प्रभारी श्रीनिवास पाण्डेय ने बताया कि आनंद कुमार ने अपने जेवर तथा पैसों के चोरी होने की शिकायत की थी। इस पर मुकदमा कायम हुआ था। पुलिस ने जब घेराबंदी की तो चार महिलाएं संदेहावस्था में पाई गईं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
इनके साथ एक पुरुष को भी गिरफ्तार किया गया है। ये सभी मध्यप्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार लोगों में शिखर, मोहिनी पत्नी शिखर, कल्लो पत्नी जगबली, साधना पुत्री शिखर, राखी पुत्री दशरथ शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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अरुणाचल के 2 विधायकों की याचिका खारिज (लीड-1)
नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस के दो बागी पूर्व विधायकों की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया द्वारा एक अक्टूबर, 2015 को स्वीकार किए गए इस्तीफे को चुनौती दी थी। पूर्व विधायकों द्वारा हस्ताक्षर करने के 15 दिनों बाद इस्तीफे स्वीकार किए गए थे।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 12 जनवरी के आदेश में दखलंदाजी से इंकार करते हुए न्यायमूर्ति अनिल आर.दवे तथा न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की एक पीठ ने उनसे कहा कि इस्तीफा स्वीकार करने के 15 दिन पहले तक वे क्यों चुप रहे।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा वांगलम साविन तथा गैब्रिएल डी.वांग्सु के इस्तीफे के स्वीकार करने के कदम को सही ठहराया था।
याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, "सतर्क रहिए, आप भविष्य में हस्ताक्षर नहीं कीजिएगा।" वरिष्ठ वकील एल.नागेश्वर राव ने पीठ से कहा कि इस्तीफे को पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस में सत्ता संघर्ष के तौर पर देखा जाना चाहिए।
राव ने तर्क दिया कि इस्तीफा उन्होंने अपनी मर्जी से नहीं दिया और यह प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ एकता दर्शाने के तौर पर दिया गया था। उन्होंने कहा कि वे इस बात से इंकार नहीं कर रहे कि हस्ताक्षर उनके मुवक्किल के नहीं हैं, लेकिन जिन परिस्थितियों के तहत इस्तीफा दिया गया, उसपर विचार किया जाना चाहिए और उसमें संदेह करने के पर्याप्त कारण हैं।
उन्होंने कहा, "दोनों त्यागपत्रों की भाषा एक समान है और यह निर्धारित प्रारूप में नहीं है, जैसा नियमों के तहत होता है। इस्तीफे का कारण नैतिक है।"
राव ने कहा, "क्या एक इस्तीफा वापस हो सकता है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अध्यक्ष को इस बात की तह में जाना चाहिए था कि किन परिस्थितियों के तहत इस्तीफा दिया गया।"
लेकिन न्यायालय उनके तर्क से सहमत नहीं हुआ।
पीठ ने राव से कहा, "क्या इस बारे में लेकर कोई कानून है कि अध्यक्ष द्वारा किसी इस्तीफे को स्वीकार करने से पहले वे उसपर संदेह करें और उसकी तह तक जाने के लिए जांच करें।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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