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Sunday, 05 June 2016 17:50
हिमाचल में किसानों के लिए खुलेंगे मार्केट यार्ड
शिमला, 5 जून (आईएएनएस)। किसानों को अपने उपज बेचने में सहायता करने के लिए पूरे हिमाचल प्रदेश में मार्केट यार्ड और छोटे सब्जी संग्रह केंद्र खुलेंगे। यह जानकारी रविवार को एक अधिकारी ने दी।
इसके अलावा सरकार शीत भंडार और फल-सब्जी यार्ड के जरिए बिक्री पर भी जोर दे रही है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 2014-15 में राज्य में रिकार्ड 16.74 लाख टन अनाज उत्पादन हुआ है। इसी दौरान 1.81 लाख टन आलू का भी उत्पादन हुआ है।
राज्य की जलवायु आलू, अदरक, लहसुन और बेमौसमी सब्जियों के लिए अनुकूल है।
राज्य के बजट में बेमौसमी फसलों और खासकर सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 482 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य ने जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी के सहयोग से जून 2011 में 321 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण परियोजना शुरू की है।
इस परियोजना के हिस्से के रूप में 247 छोटी सिंचाई परियोजनाएं और 147 संपर्क मार्गो का निर्माण किया जाएगा।
--आईएएनएस
इसके अलावा सरकार शीत भंडार और फल-सब्जी यार्ड के जरिए बिक्री पर भी जोर दे रही है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 2014-15 में राज्य में रिकार्ड 16.74 लाख टन अनाज उत्पादन हुआ है। इसी दौरान 1.81 लाख टन आलू का भी उत्पादन हुआ है।
राज्य की जलवायु आलू, अदरक, लहसुन और बेमौसमी सब्जियों के लिए अनुकूल है।
राज्य के बजट में बेमौसमी फसलों और खासकर सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 482 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य ने जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी के सहयोग से जून 2011 में 321 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण परियोजना शुरू की है।
इस परियोजना के हिस्से के रूप में 247 छोटी सिंचाई परियोजनाएं और 147 संपर्क मार्गो का निर्माण किया जाएगा।
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:50
बाप-दादा के भ्रष्टाचार की सजा बेगुनाह मासूम को भी
जबलपुर, 5 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक पांच साल के मासूम बच्चे को सिर्फ इसलिए जेल जाना पड़ा है, क्योंकि उसके दादा ने घोटाला किया और इस घोटाले की रकम में उसकी दादी व माता-पिता हिस्सेदार बने हैं। परिवार के इन सभी दोषियों को जब जेल की सजा चुनाई गई, तो न्यायालय ने मासूम को भी मां के साथ जेल में रहने की अनुमति दे दी।
सीबीआई के लोक अभियोजक प्रतीश जैन ने संवाददाताओं को बताया, "पेंशनर्स और मृत सैन्य कर्मचारियों को कर्ज बांटे जाने में हुए घोटाले का खुलासा वर्ष 2010 में हुआ था। सीबीआई ने मामले की जांच की तो पता चला कि तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी सूर्यकांत गौर ने 29 पेंशनर्स और मृत सैन्य कर्मचारियों के नाम पर धनराशि निकाली थी। जांच में पाया गया कि गौर ने इस राशि को पत्नी विनीता गौर, बेटा शिशिर गौर व बहू सुनीता गौर के नाम पर कई स्थानों पर निवेश किया है। इसके अलावा जबलपुर में एक मकान भी खरीदा है।"
जैन के अनुसार, सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर जुलाई 2010 में गौर के पास से 94 लाख रुपये के निवेश का ब्योरा पाया, जिसमें कई लाख रुपये आय से अधिक थे। इस पर सीबीआई ने प्रकरण दर्ज किया और विशेष न्यायाधीश योगेश चंद्र गुप्त की अदालत में चालन पेश किया।
लोक अभियोजक जैन ने कहा, "इस मामले की सुनवाई के दौरान गौर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया। इस मामले में गौर व उसके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को सजा सुनाई गई है।"
जैन के अनुसार, "न्यायाधीश गुप्त ने गौर के अलावा उनकी पत्नी, बेटा व बहू को शुक्रवार को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई और सभी पर अलग-अलग ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। गौर के बेटे शिशिर का एक पांच साल का बेटा भी है, जो निर्दोष है, उसे परिजनों के आग्रह पर जेल में रखने की अनुमति दे दी गई है।"
--आईएएनएस
सीबीआई के लोक अभियोजक प्रतीश जैन ने संवाददाताओं को बताया, "पेंशनर्स और मृत सैन्य कर्मचारियों को कर्ज बांटे जाने में हुए घोटाले का खुलासा वर्ष 2010 में हुआ था। सीबीआई ने मामले की जांच की तो पता चला कि तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी सूर्यकांत गौर ने 29 पेंशनर्स और मृत सैन्य कर्मचारियों के नाम पर धनराशि निकाली थी। जांच में पाया गया कि गौर ने इस राशि को पत्नी विनीता गौर, बेटा शिशिर गौर व बहू सुनीता गौर के नाम पर कई स्थानों पर निवेश किया है। इसके अलावा जबलपुर में एक मकान भी खरीदा है।"
जैन के अनुसार, सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर जुलाई 2010 में गौर के पास से 94 लाख रुपये के निवेश का ब्योरा पाया, जिसमें कई लाख रुपये आय से अधिक थे। इस पर सीबीआई ने प्रकरण दर्ज किया और विशेष न्यायाधीश योगेश चंद्र गुप्त की अदालत में चालन पेश किया।
लोक अभियोजक जैन ने कहा, "इस मामले की सुनवाई के दौरान गौर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया। इस मामले में गौर व उसके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को सजा सुनाई गई है।"
जैन के अनुसार, "न्यायाधीश गुप्त ने गौर के अलावा उनकी पत्नी, बेटा व बहू को शुक्रवार को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई और सभी पर अलग-अलग ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। गौर के बेटे शिशिर का एक पांच साल का बेटा भी है, जो निर्दोष है, उसे परिजनों के आग्रह पर जेल में रखने की अनुमति दे दी गई है।"
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:40
'अवैध व्यापार से हिंदू कुश में वन्यजीवों को खतरा' (विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष)
विशाल गुलाटी
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। अवैध वन्यजीव व्यापार और प्राकृतिक निवास स्थान के टुकड़ों में बंटने से मनुष्य और वन्यजीवों में संघर्ष बढ़ा है जिससे हिमालय के पूरे हिंदू कुश इलाके में वन्यजीवों पर खतरा मंडरा रहा है। यह जानकारी एक अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ ने दी।
उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों से निपटने के लिए सीमा-पार हस्तक्षेपों की जरूरत है।
समेकित पहाड़ विकास के लिए काठमांडू स्थित अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीआईएमओडी) से जुड़े सीमा-पार भू-परिदृश्य के लिए क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक राजन कोत्रू ने आईएएनएस से कहा कि खाद्य पदार्थ, ऊन और फर, चमड़े की वस्तुओं, औषिधियों जैसे वन उत्पादों की लंबी सूची है जिनका पूरे हिंदू कुश इलाके में अवैध व्यापार होता है। इन चीजों के अवैध व्यापार में प्रजातियों को विलुप्त करने की क्षमता है।
'सस्टेनिंग आवर वाल्डलाइफ' शीर्षक से छपे एक लेख में उन्होंने कहा कि हिम तेंदुए की खाल और बाघों की हड्डियां सीमाओं पर लगातार तस्करों और शिकारियों से जब्त की जा रहीं हैं।
इस साल रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस का विषय 'गो वाइल्ड फॉर लाइफ' है।
कोत्रू ने कहा, "अवैध व्यापार को नियंत्रित करने की समस्याओं में एक समस्या यह है कि जंगली वनस्पतियों और जीवों की विलुप्तप्राय प्रजातियों की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संधि (सीआईटीईएस) जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और राष्ट्रीय कानूनों और इसके क्रियान्वयन की क्षमता में तारतम्य नहीं है।"
वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क, टीआरएफएफआईसी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वन्यजीव उत्पादों का वैध वैश्विक आयात 2009 में 160 अरब डॉलर से दो गुना से अधिक बढ़कर 323 अरब डॉलर हो गया था।
कोत्रू ने सकारात्मक तस्वीर पेश करते हुए कहा कि पृथ्वी सम्मेलन के दो दशक बाद वन्यजीव संरक्षण में कुछ प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि नेपाल में गैंडे का शिकार बंद हो गया है। यह एक प्रेरणादायक कदम है।
इसी तरह भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है और चीन में विलुप्त हो रहे तिब्बती मृगों की अबादी में सुधार हुआ है।
कोत्रू के मुताबिक हिन्दू कुश पश्चिम में हिमालय पर्वत श्रृंखला का विस्तार है जहां कई पारिस्थितिक तंत्र हैं और इनके बीच अंतरसंबंधों का क्षरण हुआ है। साथ ही इस इलाके में प्राकृतिक निवास विखंडण भी आम बात है।
लेख के मुताबिक वन्य जीवों के प्राकृतिक निवासों के विखंडण से मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ा है। नतीजा है कि फसलों की क्षति होती है और लोग हताहत होते हैं जिससे लोग वन्यजीवों के प्रति उदासीन हो गए हैं। यहां तक कि ग्रामीण लोग वन्यजीव संरक्षण का प्रतिरोध भी करते हैं।
इसके अलावा शहरी और ग्रामीण विकास के विस्तार से जैव गलियारे को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
कोत्रू ने कहा, "हम जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को अधिक समय तक नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं जो जंगली जानवरों के प्रकृतिक निवासों और जल सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों को साथ लेकर सहमति उन्मुख दीर्घकालीन योजना, क्रियान्वयन और निगरानी के साथ सीमा-पार बड़े पैमाने पर सही तरीके के हस्तक्षेपों को हमें मूर्तरूप देना चाहिए।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। अवैध वन्यजीव व्यापार और प्राकृतिक निवास स्थान के टुकड़ों में बंटने से मनुष्य और वन्यजीवों में संघर्ष बढ़ा है जिससे हिमालय के पूरे हिंदू कुश इलाके में वन्यजीवों पर खतरा मंडरा रहा है। यह जानकारी एक अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ ने दी।
उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण की चुनौतियों से निपटने के लिए सीमा-पार हस्तक्षेपों की जरूरत है।
समेकित पहाड़ विकास के लिए काठमांडू स्थित अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीआईएमओडी) से जुड़े सीमा-पार भू-परिदृश्य के लिए क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक राजन कोत्रू ने आईएएनएस से कहा कि खाद्य पदार्थ, ऊन और फर, चमड़े की वस्तुओं, औषिधियों जैसे वन उत्पादों की लंबी सूची है जिनका पूरे हिंदू कुश इलाके में अवैध व्यापार होता है। इन चीजों के अवैध व्यापार में प्रजातियों को विलुप्त करने की क्षमता है।
'सस्टेनिंग आवर वाल्डलाइफ' शीर्षक से छपे एक लेख में उन्होंने कहा कि हिम तेंदुए की खाल और बाघों की हड्डियां सीमाओं पर लगातार तस्करों और शिकारियों से जब्त की जा रहीं हैं।
इस साल रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस का विषय 'गो वाइल्ड फॉर लाइफ' है।
कोत्रू ने कहा, "अवैध व्यापार को नियंत्रित करने की समस्याओं में एक समस्या यह है कि जंगली वनस्पतियों और जीवों की विलुप्तप्राय प्रजातियों की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संधि (सीआईटीईएस) जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और राष्ट्रीय कानूनों और इसके क्रियान्वयन की क्षमता में तारतम्य नहीं है।"
वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क, टीआरएफएफआईसी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वन्यजीव उत्पादों का वैध वैश्विक आयात 2009 में 160 अरब डॉलर से दो गुना से अधिक बढ़कर 323 अरब डॉलर हो गया था।
कोत्रू ने सकारात्मक तस्वीर पेश करते हुए कहा कि पृथ्वी सम्मेलन के दो दशक बाद वन्यजीव संरक्षण में कुछ प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि नेपाल में गैंडे का शिकार बंद हो गया है। यह एक प्रेरणादायक कदम है।
इसी तरह भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है और चीन में विलुप्त हो रहे तिब्बती मृगों की अबादी में सुधार हुआ है।
कोत्रू के मुताबिक हिन्दू कुश पश्चिम में हिमालय पर्वत श्रृंखला का विस्तार है जहां कई पारिस्थितिक तंत्र हैं और इनके बीच अंतरसंबंधों का क्षरण हुआ है। साथ ही इस इलाके में प्राकृतिक निवास विखंडण भी आम बात है।
लेख के मुताबिक वन्य जीवों के प्राकृतिक निवासों के विखंडण से मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ा है। नतीजा है कि फसलों की क्षति होती है और लोग हताहत होते हैं जिससे लोग वन्यजीवों के प्रति उदासीन हो गए हैं। यहां तक कि ग्रामीण लोग वन्यजीव संरक्षण का प्रतिरोध भी करते हैं।
इसके अलावा शहरी और ग्रामीण विकास के विस्तार से जैव गलियारे को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
कोत्रू ने कहा, "हम जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को अधिक समय तक नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं जो जंगली जानवरों के प्रकृतिक निवासों और जल सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों को साथ लेकर सहमति उन्मुख दीर्घकालीन योजना, क्रियान्वयन और निगरानी के साथ सीमा-पार बड़े पैमाने पर सही तरीके के हस्तक्षेपों को हमें मूर्तरूप देना चाहिए।"
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:20
केरल में मानसून की शुरुआत के लिए अनुकूल परिस्थिति : मौसम विभाग
तिरुवनंतपुरम, 5 जून (आईएएनएस)। अगले दो से तीन दिनों में केरल में दक्षिणी पश्चिमी मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थिति अनुकूल है। यह जानकारी मौसम विभाग (आईएमडी) ने दी है।
मौसम विभाग ने रविवार दोपहर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तटीय आंध्र प्रदेश में कई जगहों पर और छत्तीसगढ़, असम, मेघालय और केरल में कुछ जगहों पर वर्षा और गरज के साथ छींटे पड़े हैं।
विगत कुछ दिनों से केरल में वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के अधिकारी केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के मैंगलोर में स्थापित 14 मौसम केंद्रों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।
नियम यह है कि अगर इन 14 मौसम केंद्रों में से 60 प्रतिशत, 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिलीमीटर या इससे ज्यादा वर्ष होने की सूचना देते हैं तो इसके दूसरे दिन दिन केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा कर दी जाती है, बशर्ते कि हवा और बादल का बनना भी अनुकूल हो।
दक्षिणी पश्चिमी मानसून सामान्यत: केरल में 1 जून के आसपास सक्रिय होता है। यह तरंगों में पूर्वोत्तर की ओर आगे बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश में फैल जाता है।
गत साल मौसम विभाग ने 30 मई को मानसून की शुरुआत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन वास्तव में मानसून 5 जून को सक्रिय हुआ था।
मौसम विभाग 2005 से स्वदेश में विकसित सांख्यिकी मॉडल के आधार पर चार दिन आगे-पीछे की त्रुटि के साथ केरल में मानसून आने की तिथि की भविष्यवाणी करता है।
--आईएएनएस
मौसम विभाग ने रविवार दोपहर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तटीय आंध्र प्रदेश में कई जगहों पर और छत्तीसगढ़, असम, मेघालय और केरल में कुछ जगहों पर वर्षा और गरज के साथ छींटे पड़े हैं।
विगत कुछ दिनों से केरल में वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के अधिकारी केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के मैंगलोर में स्थापित 14 मौसम केंद्रों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।
नियम यह है कि अगर इन 14 मौसम केंद्रों में से 60 प्रतिशत, 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिलीमीटर या इससे ज्यादा वर्ष होने की सूचना देते हैं तो इसके दूसरे दिन दिन केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा कर दी जाती है, बशर्ते कि हवा और बादल का बनना भी अनुकूल हो।
दक्षिणी पश्चिमी मानसून सामान्यत: केरल में 1 जून के आसपास सक्रिय होता है। यह तरंगों में पूर्वोत्तर की ओर आगे बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश में फैल जाता है।
गत साल मौसम विभाग ने 30 मई को मानसून की शुरुआत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन वास्तव में मानसून 5 जून को सक्रिय हुआ था।
मौसम विभाग 2005 से स्वदेश में विकसित सांख्यिकी मॉडल के आधार पर चार दिन आगे-पीछे की त्रुटि के साथ केरल में मानसून आने की तिथि की भविष्यवाणी करता है।
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:20
भोपाल में अस्पतालों के कचरे से बीमारियों का खतरा
भोपाल, 5 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संचालित अस्पतालों के कचरे का ठीक तरह से निष्पादन न होना कई बीमरियां का कारण बनता जा रहा है।
संभावना ट्रस्ट क्लीनिक की शहनाज अंसारी, प्रेम चंद्र, आनंद कुमार सुमन, अजय पटेल और अजीजा सुल्तान ने रविवार को कहा कि अस्पतालों के कचरे का असुरक्षित तरीके से निष्पादन होने के कारण भोपाल का पर्यावरण घातक रसायनों से प्रदूषित हो रहा है।
इन कार्यकर्ताओं ने यहां पर्यावरण दिवस पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "एक तरफ अस्पतालों के कचरे को सामान्य कचरे की तरह फेंक दिया जाता है, वहीं रसायनयुक्त कचरे को भस्मक (इंसीनेटर) में निष्पादित किया जाता है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने की वजह से हवा में बड़ी मात्रा में डायोक्सीन और पारा घुल जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं।"
कार्यकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा, "भस्मक से निकलने वाली डायोक्सीन सबसे जहरीला रसायन है, जिसकी वजह से कैंसर, विकृति, संतानोत्पत्ति की क्षमता में कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। भोपाल में इस तरह के नुकसान की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।"
उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि वह राजधानी में अस्पतालों का कचरा निपटाने वाले तीनों भस्मकों की विधिवत जांच करे, ताकि निर्धारित मापदंडों के मुताबिक ही कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया पूरी हो सके।
--आईएएनएस
संभावना ट्रस्ट क्लीनिक की शहनाज अंसारी, प्रेम चंद्र, आनंद कुमार सुमन, अजय पटेल और अजीजा सुल्तान ने रविवार को कहा कि अस्पतालों के कचरे का असुरक्षित तरीके से निष्पादन होने के कारण भोपाल का पर्यावरण घातक रसायनों से प्रदूषित हो रहा है।
इन कार्यकर्ताओं ने यहां पर्यावरण दिवस पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "एक तरफ अस्पतालों के कचरे को सामान्य कचरे की तरह फेंक दिया जाता है, वहीं रसायनयुक्त कचरे को भस्मक (इंसीनेटर) में निष्पादित किया जाता है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने की वजह से हवा में बड़ी मात्रा में डायोक्सीन और पारा घुल जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं।"
कार्यकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा, "भस्मक से निकलने वाली डायोक्सीन सबसे जहरीला रसायन है, जिसकी वजह से कैंसर, विकृति, संतानोत्पत्ति की क्षमता में कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। भोपाल में इस तरह के नुकसान की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।"
उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि वह राजधानी में अस्पतालों का कचरा निपटाने वाले तीनों भस्मकों की विधिवत जांच करे, ताकि निर्धारित मापदंडों के मुताबिक ही कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया पूरी हो सके।
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:20
कोलकाता में व्यापारी की हत्या
कोलकाता, 5 जून (आईएएनएस)। एक व्यापारी की लाश रविवार को उसके घर में मिली। तेज धारदार हथियार से व्यापारी का गला काटा गया था। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस ने कहा कि लकड़ी के व्यापारी खुर्शीद आलम की खून से लथपथ लाश कोलकाता के जोरासांको इलाके में स्थित उनके घर में रविवार सुबह मिली। प्रथमदृष्टया यह हत्या का मामला लग रहा है।
कोलकाता के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हत्या की जांच करने वाला दस्ता मामले की जांच कर रहा है। हथियार अभी तक बरामद नहीं हुआ है।"
--आईएएनएस
पुलिस ने कहा कि लकड़ी के व्यापारी खुर्शीद आलम की खून से लथपथ लाश कोलकाता के जोरासांको इलाके में स्थित उनके घर में रविवार सुबह मिली। प्रथमदृष्टया यह हत्या का मामला लग रहा है।
कोलकाता के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हत्या की जांच करने वाला दस्ता मामले की जांच कर रहा है। हथियार अभी तक बरामद नहीं हुआ है।"
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:20
पूर्व मिस्टर यूनिवर्स मनोहर ऐच का निधन
कोलकाता, 5 जून (आईएएनएस)। पूर्व मिस्टर यूनिवर्स और मशहूर बॉडी बिल्डर मनोहर ऐच का निधन हो गया। वह 104 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी जटिलताओं से परेशान थे।
ऐच के दो बेटे तथा दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है।
हाल तक स्वस्थ रहे ऐच ने पूर्वोत्तर कोलकाता के बगुआती में अपने निवास स्थान पर रविवार दोपहर 2.30 बजे अंतिम सांस ली।
उन्होंने 1952 में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता। उन्हें उनकी चार फुट, 11 इंच लंबाई के कारण 'पॉकेट हरक्यूलिस' नाम दिया गया था।
--आईएएनएस
ऐच के दो बेटे तथा दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है।
हाल तक स्वस्थ रहे ऐच ने पूर्वोत्तर कोलकाता के बगुआती में अपने निवास स्थान पर रविवार दोपहर 2.30 बजे अंतिम सांस ली।
उन्होंने 1952 में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता। उन्हें उनकी चार फुट, 11 इंच लंबाई के कारण 'पॉकेट हरक्यूलिस' नाम दिया गया था।
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:10
ई-प्लेटफार्म के लिए क्राउड फंडिंग नियम 3-4 महीने में : अधिकारी
मेघना मित्तल
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। दुनियाभर में लोकप्रिय पीयर-टू-पीयर क्राउड-फंडिंग को नियमित करने से संबंधित नियम अगले तीन महीने में तैयार हो जाएंगे। यह बात वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही है। इसके तहत बड़े स्तर पर ऋण देने और लेने वालों के बीच संपर्क बनाया जाता है।
अधिकारियों ने कहा कि यह प्रस्ताव वेब आधारित प्लेटफार्म के लिए है, जिसमें ऋण लेने और देने वालों के बीच संपर्क स्थापित किया जाता है और ऋण लेने के लिए बैंकों, फंडिंग संस्थानों या असंगठित फाइनेंसरों के पास जाने की जरूरत नहीं रहती है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "बजट में इसकी घोषणा की गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस पर एक चर्चा पत्र भी जारी किया है। यह उनकी सिफारिशों के साथ हमारे पास परामर्श के लिए आएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिशानिर्देश जारी कर दिया जाएगा।"
अधिकारी ने कहा, "मेरे खयाल से यह अगले तीन-चार महीने में पूरा हो जाएगा।"
प्रस्तावित नियामकीय ढांचा के तहत अनुमति दी गई गतिविधियां, कुछ सरकारी मुद्दे, प्लेटफार्म की कारोबार जारी रखने की योजना और ग्राहक इंटरफेस तथा अनिवार्य रिपोर्टिग जैसे मुद्दे शामिल होंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश आम बजट में अन्य बातों के अलावा आरबीआई से ऋण देने और लेने वालों के लिए एक एक एनेबलिंग मैच-मेकिंग ई-प्लेटफार्म बनाने के लिए कहा गया था।
पीयर-टू-पीयर लेंडिंग में ब्याज दर या तो प्लेटफार्म तय करता है या फिर ऋण देने और लेने वाले आपसी सहमति से तय करते हैं।
ऋण देने और लेने वाले विभिन्न सेवाओं के लिए प्लेटफार्म को शुल्क देते हैं।
ब्रिटेन के पीयर-टू-पीयर फाइनेंस एसोसिएशन के मुताबिक ऐसे प्लेटफार्म के जरिए वैश्विक ऋण 2012 के 2.2 अरब पाउंड से बढ़कर 2015 में 4.4 अरब पाउंड हो गए हैं।
एसोसिएशन की रपट के मुताबिक, भारत में गत एक साल में करीब 20 ऑनलाइन पीयर-टू-पीयर लेंडिंग कंपनियों की स्थापना हुई है, जिससे ऐसी कंपनियों की कुल संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। दुनियाभर में लोकप्रिय पीयर-टू-पीयर क्राउड-फंडिंग को नियमित करने से संबंधित नियम अगले तीन महीने में तैयार हो जाएंगे। यह बात वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही है। इसके तहत बड़े स्तर पर ऋण देने और लेने वालों के बीच संपर्क बनाया जाता है।
अधिकारियों ने कहा कि यह प्रस्ताव वेब आधारित प्लेटफार्म के लिए है, जिसमें ऋण लेने और देने वालों के बीच संपर्क स्थापित किया जाता है और ऋण लेने के लिए बैंकों, फंडिंग संस्थानों या असंगठित फाइनेंसरों के पास जाने की जरूरत नहीं रहती है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "बजट में इसकी घोषणा की गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस पर एक चर्चा पत्र भी जारी किया है। यह उनकी सिफारिशों के साथ हमारे पास परामर्श के लिए आएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिशानिर्देश जारी कर दिया जाएगा।"
अधिकारी ने कहा, "मेरे खयाल से यह अगले तीन-चार महीने में पूरा हो जाएगा।"
प्रस्तावित नियामकीय ढांचा के तहत अनुमति दी गई गतिविधियां, कुछ सरकारी मुद्दे, प्लेटफार्म की कारोबार जारी रखने की योजना और ग्राहक इंटरफेस तथा अनिवार्य रिपोर्टिग जैसे मुद्दे शामिल होंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश आम बजट में अन्य बातों के अलावा आरबीआई से ऋण देने और लेने वालों के लिए एक एक एनेबलिंग मैच-मेकिंग ई-प्लेटफार्म बनाने के लिए कहा गया था।
पीयर-टू-पीयर लेंडिंग में ब्याज दर या तो प्लेटफार्म तय करता है या फिर ऋण देने और लेने वाले आपसी सहमति से तय करते हैं।
ऋण देने और लेने वाले विभिन्न सेवाओं के लिए प्लेटफार्म को शुल्क देते हैं।
ब्रिटेन के पीयर-टू-पीयर फाइनेंस एसोसिएशन के मुताबिक ऐसे प्लेटफार्म के जरिए वैश्विक ऋण 2012 के 2.2 अरब पाउंड से बढ़कर 2015 में 4.4 अरब पाउंड हो गए हैं।
एसोसिएशन की रपट के मुताबिक, भारत में गत एक साल में करीब 20 ऑनलाइन पीयर-टू-पीयर लेंडिंग कंपनियों की स्थापना हुई है, जिससे ऐसी कंपनियों की कुल संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
--आईएएनएस
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Sunday, 05 June 2016 17:10
जेटली सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ तिमाही प्रदर्शन समीक्षा बैठक करेंगे। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है।
बयान में कहा गया है, "जेटली वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान पीएसबी के समग्र प्रदर्शन और कृषि, बीमा तथा सूक्ष्म और लघु उद्यम तथा अन्य क्षेत्रों को ऋण प्रवाह की समीक्षा करेंगे।"
बयान के मुताबिक, मंत्री स्टैंड-अप इंडिया, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा करेंगे।
बयान में कहा गया है कि समीक्षा बैठक में सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के अलावा वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली चिब दुग्गल और कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकारी बैंकों की कुल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) मार्च 2015 के 2,67,065 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2015 में 3,61,731 करोड़ रुपये हो गई हैं।
आनुपातिक रूप से यह इस दौरान कुल ऋण के 5.43 फीसदी से बढ़कर 7.3 फीसदी हो गई है।
--आईएएनएस
बयान में कहा गया है, "जेटली वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान पीएसबी के समग्र प्रदर्शन और कृषि, बीमा तथा सूक्ष्म और लघु उद्यम तथा अन्य क्षेत्रों को ऋण प्रवाह की समीक्षा करेंगे।"
बयान के मुताबिक, मंत्री स्टैंड-अप इंडिया, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा करेंगे।
बयान में कहा गया है कि समीक्षा बैठक में सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के अलावा वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली चिब दुग्गल और कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकारी बैंकों की कुल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) मार्च 2015 के 2,67,065 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर 2015 में 3,61,731 करोड़ रुपये हो गई हैं।
आनुपातिक रूप से यह इस दौरान कुल ऋण के 5.43 फीसदी से बढ़कर 7.3 फीसदी हो गई है।
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Sunday, 05 June 2016 17:00
नौसेना सौर, महासागरीय ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। नौसेना अधिक से अधिक सौर तथा महासागरीय ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सके। इसके लिए इसने 21 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और बिजली उत्पादन के लिए महासागरीय ऊर्जा के दोहन पर भी विचार कर रही है।
नौसेना ने रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक बयान में कहा कि इसके लिए अपने बजट का 1.5 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा उत्पादन पर खर्च किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नौसेना ने 21 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
यह पहल 2022 तक 100 गीगावाट सौर प्रणाली की स्थापना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेशनल मिशन से जुड़ा है।
बयान में कहा गया, "नौसेना ने अपने बजट का 1.5 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा उत्पादन की दिशा में इस्तेमाल करने का भी प्रण लिया है।"
कहा गया, "इस योजना के तहत देशभर में सभी कमानों पर विभिन्न नौसना स्टेशनों पर सौर परियोजनाओं को चालू किया जा रहा है। कम जमीन वाले नौसेना स्टेशनों ने छत पर लगे सौर पीवी पैनलों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।"
बयान में यह भी कहा गया कि देश में अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में सौर व पवन ऊर्जा का दबदबा है, हालांकि नौसेना महासागरों में भी अक्षय ऊर्जा की संभावनाएं तलाश रही है।
सेना के ग्रीन इनिशिएटिव्स प्रोग्राम को रविवार को दो साल पूरे हो गए।
--आईएएनएस
नौसेना ने रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक बयान में कहा कि इसके लिए अपने बजट का 1.5 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा उत्पादन पर खर्च किया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नौसेना ने 21 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
यह पहल 2022 तक 100 गीगावाट सौर प्रणाली की स्थापना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेशनल मिशन से जुड़ा है।
बयान में कहा गया, "नौसेना ने अपने बजट का 1.5 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा उत्पादन की दिशा में इस्तेमाल करने का भी प्रण लिया है।"
कहा गया, "इस योजना के तहत देशभर में सभी कमानों पर विभिन्न नौसना स्टेशनों पर सौर परियोजनाओं को चालू किया जा रहा है। कम जमीन वाले नौसेना स्टेशनों ने छत पर लगे सौर पीवी पैनलों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।"
बयान में यह भी कहा गया कि देश में अक्षय ऊर्जा परिदृश्य में सौर व पवन ऊर्जा का दबदबा है, हालांकि नौसेना महासागरों में भी अक्षय ऊर्जा की संभावनाएं तलाश रही है।
सेना के ग्रीन इनिशिएटिव्स प्रोग्राम को रविवार को दो साल पूरे हो गए।
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