भोपाल: 10 फरवरी/ आईसेक्ट विश्वविद्यालय के एनसीसी नेवी विंग, छात्र प्रदीप जाटव और के गिरिजा कुमारी 26 जनवरी 2016 की दिल्ली परेड (रिपब्लिक डे कैम्प, नई दिल्ली) का हिस्सा बनकर इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया साथ ही हर साल एनसीसी यूथ एक्चेंज प्रोग्राम के तहत चुनिंदा कैडेट्स को विदेश भेजा जाता है, इससे कैडेट्स को वहां की संस्कृति और सभ्यता को समझने का मौका मिलता है, इसी क्रम में आईसेक्ट विश्वविद्यालय की एनसीसी छात्रा के गिरिजा कुमारी का यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में भी चयन हुआ है, जिसे दिसंबर 2016 तक सिंगापुर, श्रीलंका या रसिया भेजा जाएगा।
इस वर्ष मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगभग 1,50,000 एनसीसी कैडेट्स हैं। आईसेक्ट विश्वविद्यालय उन चुनिंदा विश्वविद्यालयों में से एक है जो कि एनसीसी स्थापना के लगातार द्वितीय वर्ष के निम्न अंतराल पर बुलंदी हासिल करने में सफल रहा। आईसेक्ट विश्वविद्यालय सर्वदा युवाशक्ति को देश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रेरित करता रहता है जिससे कि हमारे राष्ट्र का गौरव दिन ब दिन बढ़ता रहे।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के एनसीसी छात्र प्रदीप जाटव और के गिरिजा कुमारी इंटर ग्रुप काम्पीटिशन जो कि 30 सितंबर 2015 से प्रारंभ होकर 3 फरवरी 2016 तक चला, जो कि रिपब्लिक डे कैम्प (आरडीसी) की चयन प्रक्रिया का पहला चरण होता है, इसके बाद डायरेक्टर कंबाइन एनुवल ट्रेनिंग कैम्प 1, जबलपुर में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुल 6 ग्रुप, 800 कैडेट (भोपाल, सागर, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और रायपुर) हिस्सा लेते हैं जिसमें कुल 210 कैडेट्स का चयन होता है, इसके उपरांत डिकेट 2, 3 और प्री आर डीसी (प्री रिपब्लिक डे कैम्प) के अंतर्गत 120 कैडेट्स चयनित होते हैं जिसमें से 50 कैडेट्स, प्रधानमंत्री रैली जो कि 28 जनवरी 2016 को दिल्ली परेड में राष्ट्रध्वज को सलामी दी। छात्र प्रदीप जाटव का चयन आॅल इंडिया शिप मॉडलिंग में भी हुआ, जिसमें इन्होंने जल सेना के जहाजों का मॉडल ‘आई एनएस खुखरी’ तैयार किया। इन्हें पी एम रैली मेडल और 7 कार्नर मेडल भी मिला है जो कि चुनिंदा कैडेट्स को बेहतरीन परफार्मेंस के लिए दिया जाता है।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति श्री वी के वर्मा ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि तथा विश्वविद्यालय को गौरवान्वित करने के लिए बधाई दी तथा विश्वास जताया कि वे इसी तरह और कई सफलताएं प्राप्त करेंगे। इस सफलता से राष्ट्र के युवाओं को भी यह संदेश जाता है कि नेशनल कैडेट कोर का हिस्सा बनना केवल आपके कॅरियर के लिए ही मददगार नहीं है, बल्कि ये आपको जिदंगी में सही राह चलना भी सिखाता है। एक तरह से कह सकते हैं कि एनसीसी ट्रेनिंग आपको सभ्य समाज में रहने लायक बनाती है। इसलिए अगर आप इसे स्कूली या कॉलेज स्तर पर चुनते हैं, तो यकीनन फायदे में ही रहेंगे।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के एनसीसी नेवी विंग कैडेट्स प्रदीप जाटव और के गिरिजा कुमारी की जुबानी
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के एनसीसी नेवी विंग कैडेट प्रदीप जाटव को जब अपने रिपब्लिक डे कैम्प, नई दिल्ली जो कि एनसीसी का सबसे बड़ा कैम्प होता है, में चयनित होने की जानकारी मिली तब वे अपने कठिन परिश्रम, आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, एनसीसी आॅफिसर मनोज मनराल और मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर अनिल कुमार राव का सपोर्ट और मार्गदर्शन व माता-पिता के आशीर्वाद को सफलता का श्रेय देते हुए आनंदित हुए। छात्रा के गिरिजा कुमारी ने कुलपति प्रो. वी के वर्मा, एनसीसी आफिसर मनोज मनराल, उपकुलसचिव रित्विक चैबे व अपने माता-पिता को सफलता का श्रेय देती हैं। ये अपने आपको इसलिए भी सौभाग्यशाली मानते हैं कि ये देश के उस गौरवक्षण का हिस्सा बनीं जिसमें देश के लाखों कैडेट्स का सपना होता है कि वे रिपब्लिक डे कैम्प का हिस्सा बन सकें। इनका यह सफर काफी मुश्किल भरा रहा। दिन भर ड्रिल करना वो भी तब जब इनका स्वास्थ्य भी इनका साथ नहीं दे पा रहा था फिर भी लगन व दृढ़ निश्चय के बल पर अंत में ये अपने लक्ष्य के पहले पड़ाव को हासिल कर आगे की मंजिल पर बढ़ते हुए अपने अगले पड़ाव इंडियन नेवी में चयनित होकर राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं।