BREAKING NEWS
धड़कनों की माप के लिए स्मार्टफोन एप
दिल्ली में बेल्जियम की युवती से छेड़छाड़, कैब चालक हिरासत में
चीन में भूस्खलन, 35 लापता
सीरिया में ईरान के 13 सैन्य सलाहकारों की मौत
हिमाचल प्रदेश में बस दुर्घटना, 9 की मौत
मदर्स डे पर मां को दीजिए सेहतमंद जीवन
मदर्स डे पर मां को दीजिए सेहतमंद जीवन
हल्के भूकंप से भी आ सकती है सुनामी
अगस्तावेस्टलैंड : पूर्व वायुसेना प्रमुख के भाइयों और वकील से पूछताछ
आईपीएल : मैच जिताऊ पारी से कोहली के नाम दो रिकार्ड

LIVE News

धड़कनों की माप के लिए स्मार्टफोन एप

दिल्ली में बेल्जियम की युवती से छेड़छाड़, कैब चालक हिरासत में

चीन में भूस्खलन, 35 लापता

सीरिया में ईरान के 13 सैन्य सलाहकारों की मौत

हिमाचल प्रदेश में बस दुर्घटना, 9 की मौत

न्यूजीलैंड में चीनी पर्यटकों की संख्या में रिकार्ड वृद्धि

बेलिंगटन, 1 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। न्यूजीलैंड में पिछले साल रिकार्ड पर्यटकों की आवक हुई, जिसमें सर्वाधिक वृद्धि चीनी पर्यटकों की संख्या में हुई। यह जानकारी सरकारी सांख्यिकी विभाग ने सोमवार को दी।

सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में कुल 4,44,900 पर्यटक न्यूजीलैंड आए जो कि मासिक आधार पर सर्वाधिक है। इनमें चीन से आए पर्यटकों की संख्या में सबसे तेज 43 फीसदी की वृद्धि देखी गई और कुल 11,000 चीनी पर्यटकों ने दिसंबर में न्यूजीलैंड का दौरा किया।

जनसंख्या सांख्यिकी प्रबंधक जो-एने स्किनर ने एक बयान में कहा कि पर्यटकों की संख्या का पिछला रिकार्ड दिसंबर 2014 में बना था, जब कुल 4,02,500 पर्यटक आए थे। हालांकि 2015 में आनेवाले पर्यटकों ने इस रिकार्ड को बड़ी आसानी से तोड़ दिया। इसका कारण छुट्टियां बितानेवालों में 17 फीसदी का इजाफा होना है। जबकि पूरे साल में रिकार्ड 31.3 लाख पर्यटक आए, जोकि साल 2014 से 10 फीसदी अधिक है।

पिछले साल आस्ट्रेलिया से 13.3 लाख, चीन से 3,55,900 और अमेरिका से 2,43,100 पर्यटक न्यूजीलैंड आए।

सरकारी न्यूजीलैंड पर्यटन एजेंसी के मुख्य कार्यकारी केविन बाउलर ने एक बयान जारी कर कहा कि पर्यटन के लिहाज से दिसंबर साल का एक महत्वपूर्ण महीना रहा है। पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से न सिर्फ पर्यटन क्षेत्र को फायदा होता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी इसका लाभ मिलता है।

न्यूजीलैंड जानेवाले चीनी पर्यटकों की तादात में अभी और भी इजाफा होने की संभावना है। बाउलर ने कहा कि जल्द ही चीनी नववर्ष की शुरुआत होनेवाली है। इस दौरान जनवरी से लेकर फरवरी तक चीनी पर्यटक आते रहेंगे और हम इनमें और भी वृद्धि की संभावना देखते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Related items

  • हल्के भूकंप से भी आ सकती है सुनामी


    न्यूयॉर्क, 8 मई (आईएएनएस)। धीमी गति के भूकंप या धीमी रफ्तार से प्लेटों के खिसकने की घटना भी किसी बड़े भूकंप और सुनामी का कारण बन सकती हैं।

    धरती के नीचे प्लेटों की धीमी गति से खिसकने की घटना का परिणाम भी भूकंप के समान होता है, लेकिन धरती की दो प्लेटों के बीच तनाव पैदा करने की घटना कुछ सेकंड से लेकर दिन या सप्ताह तक चल सकती है, जिसके कारण प्लेटों के बीच एक सेंटीमीटर तक का खिसाव हो जाता है।

    समुद्र के नीचे की सतह के दबाव को रिकॉर्ड करने वाले उच्च संवेदनशील रिकॉर्डर का इस्तेमाल कर अमेरिका, जापान और न्यूजीलैंड के शोधकर्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से दूर एक मामूली खिसाव का पता लगाया।

    जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह लेखक योशिहिरो इतो ने कहा, "हमारे परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि जहां प्लेटें खिसकती हैं वहां यह घटना भूकंप लाने या सुनामी पैदा करने में सक्षम हैं।"

    इतो ने कहा, "इसने कम गहरे पानी और समुद्र तट से दूर समुद्र में चट्टानों के खिसकने की घटनाओं पर लगातार नजर रखने की हमारी जरूरत को बढ़ा दिया है। जैसा जापान के समुद्र तट से दूर निगरानी के लिए स्थाई नेटवर्क स्थापित किया गया है, उसी तरह जिन क्षेत्रों में धरती के नीचे की प्लेटें खिसक रही हैं, वहां नेटवर्क बनाने की जरूरी है।

    दो हफ्तों के अंदर न्यूजीलैंड और प्रशांत महासागर से लगी प्लेटें 15-20 सेंटीमीटर खिसकीं। यह दूरी प्लेटों के तीन से चार साल के अंदर तय गई दूरी के बराबर है।

    यदि यह खिसकाव धीरे-धीरे नहीं होकर अचानक हुआ, होता तो इसकी वजह से 6.8 की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता था।

    इस दल ने धीमी खिसकाव की घटना का जहां अध्ययन किया है, वहां 1947 में 7.2 की तीव्रता वाला भूकंप आया था और उसकी वजह से एक बड़ी सुनामी आई थी।

    इस अध्ययन का निष्कर्ष धरती की प्लेटों के खिसकाव और सामान्य भूकंप के बीच संबंध की समझ को बढ़ाता है। यह दिखाता है कि दो तरह की भूकंपीय घटनाएं किसी एक ही प्लेट की सीमा क्षेत्र में हो सकती हैं।

    कुछ मामलों में तो इन हल्के खिसकावों का भी संबंध विनाशकारी भूकंप को उभारने से रहा है। जैसे वर्ष 2011 में जापान में आए 9 की तीव्रता वाले तोहोकु-ओकी भूकंप ने सुनामी पैदा की, जिसकी वजह से फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में तबाही हुई।

    इस अध्ययन के सह लेखक कोलंबिया विश्वविद्यालय के लैमोंट-दोहटी अर्थ ऑबजर्वेटरी के स्पार वेब कहते हैं, "हमारे न्यूजीलैंड के प्रयोग का परिणाम दर्शाता है कि सुनामी और भूकंप की पहले चेतावनी देने के लिए प्रशांत महासागर के पश्चिमोत्तर में जहां समुद्र तट से दूर पृथ्वी के नीचे की प्लेटें टकराती हैं, वहां निगरानी प्रणाली के इस्तेमाल करने की बहुत संभावना है।"

    --आईएएनएस

  • अमेरिका के लोग भी चखेंगे बिहार की लीची
    मनोज पाठक
    मुजफ्फरपुर, 7 मई (आईएएनएस)। लीची के लिए मशहूर बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची का स्वाद अब सात समंदर पार अमेरिका के लोग भी चखेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की पहल पर बिहार की लीची को अमेरिका भेजने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

    राष्ट्रीय शोध संस्थान के निदेशक डॉ. विशालनाथ ने आईएएनएस को बताया, "केंद्रीय कृषि मंत्री की निगरानी में बिहार की लीची के विकास के लिए लगातार पहल चल रही है। एनआरसी, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, कृषि मंत्रालय और कृषि एंव प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) लीची को बाजार देने के लिए एक साथ किसानों और व्यापारियों को प्रात्साहित कर रहे हैं।"

    उन्होंने बताया कि बाग से लीची तोड़कर सीधे अमेरिका के बाजार में भेजने की योजना बनाई गई है। विशालनाथ के मुताबिक, इस योजना में पहले प्रशिक्षण और उसके बाद संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुजफ्फरपुर से लीची कोलकता के बंदरगाह पहुंचेगा, जहां से यह अमेरिका भेजा जाएगा।

    राज्य में लीची की उत्पादकता को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने वर्ष 2001 में मुजफ्फरपुर में लीची के लिए एक राष्ट्रीय शोध संस्थान (एनआरसी) की स्थापना की राज्य में वैसे तो कई जिलों में लीची की खेती की जाती है, लेकिन मुजफ्फरपुर लीची उत्पादन का मुख्य केंद्र है।

    लीची के किसान रामाशंकर ने कहा कि बिहार की लीची खासकर मुजफ्फरपुर की लीची की अपनी खास पहचान है। देशभर में सर्वाधिक लीची की उपज बिहार में होती है, लेकिन आज तक सही बाजार उपलब्ध कराने के लिए कोई खास पहल नहीं की गई।

    उन्होंने कहा कि पहली बार बिहार की लीची को बाजार उपलब्ध कराने की पहल से निर्यात करने के रास्ते भी खुलेंगे।

    बिहार में वैसे तो शाही, चाइना, लौंगिया, बेखना सहित कई प्रकार की लीची का उत्पादन किया जाता है, लेकिन मुजफ्फरपुर में शाही और चाइना लीची का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है।

    --आईएएनएस
  • सौर ऊर्जा क्षेत्र में 40 लाख रोजगार पैदा कर सकता है ब्राजील
    ब्रासिलिया, 7 मई (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ग्रीनपीस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि सरकार सहयोगात्मक उपाय अपनाए तो ब्राजील का सौर ऊर्जा क्षेत्र 40 लाख रोजगार पैदा कर सकता है और कर के रूप मे 3.2 अरब डॉलर की कमाई कर सकता है।

    अगर सरकार सौर ऊर्जा की कच्ची सामग्रियों पर कर कम करे और उन परियोजनाओं तक मजदूरों की पहुंच को आसान बनाए, तो साल 2030 तक अपनी छतों पर सौर पैनल लगाकर ब्राजील के लगभग 88 लाख घर व दुकान अपने लिए ऊर्जा का उत्पादन खुद कर सकते हैं।

    ग्रीनपीस अभियान की नेता बारबरा रूदीम ने कहा, "सभी उपायों का अध्ययन किया गया, जो दर्शाता है कि यह हासिल योग्य है और यह नगरपालिका, क्षेत्रीय व संघीय सरकार की जिम्मेदारी पर आधारित है। सार्वजनिक अधिकारियों के हाथ में यह शक्ति है कि आबादी के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली को मंजूरी प्रदान करे, जो उनके लिए लाभदायक साबित होगा।"

    अध्ययन के मुताबिक, अगर कच्ची सामग्रियों पर करों को कम किया जाता है, तो तत्काल सरकार को भले ही थोड़ा नुकसान होगा, लेकिन दीर्घकालिक तौर पर देखा जाए तो यह रोजगारों का सृजन, आर्थिक विकास करेगा, जिससे स्वाभाविक तौर पर कर में वृद्धि होगी।

    --आईएएनएस
  • सूखे से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत : मोदी
    नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र, राज्य, स्थानीय निकायों, गैर सरकारी संस्थाओं और नागरिकों को देश के विभिन्न हिस्सों में व्याप्त सूखे की समस्या से निपटने के लिए मिल कर काम करने की जरूरत है।

    महाराष्ट्र के कई इलाकों में सूखा और पानी की समस्या पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने कहा कि सूखे से निपटने के लिए अधिकारियों को मध्यकालिक और दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देना चाहिए।

    उन्होंने जोर दिया कि ड्रिप सिंचाई तकनीक का खेती में प्रयोग शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गन्ने की खेती में इस तकनीक के प्रयोग से चीनी की गुणवत्ता बेहतर होती है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जल संचय व भंडारण के आधुनिक और पारंपरिक दोनों तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा छत्रपति शिवाजी के द्वारा अपनाए गए जल प्रबंधन की तकनीकों से काफी कुछ सीखा जा सकता है।

    मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र के समूचे गन्ना उत्पादन पट्टी को अगले तीन सालों में ड्रिप सिंचाई तकनीक के दायरे में लाने की एक योजना पर काम कर रही है।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रदेश के जल जलसंरचनाओं को फिर से जीवंत करने पर काम कर रहे हैं।

    --आईएएनएस
  • नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण गिर रहा है शेयर बाजार (साप्ताहिक समीक्षा)
    रोहित वैद्य
    मुंबई, 7 मई (आईएएनएस)। नकारात्मक वैश्विक संकेतों, कंपनियों की चौथी तिमाही में निराशाजनक नतीजों और मुनाफा कमा कर निकलने वाले निवेशकों के कारण भारतीय शेयर बाजार में पिछले हफ्ते गिरावट का दौर रहा।

    इसके कारण पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का रुख सपाट से लेकर नकारात्मक रहा, क्योंकि प्रमुख शेयरों में गिरावट देखी गई।

    समीक्षाधीन हफ्ते में निफ्टी के प्रमुख 51 शेयरों का सूचकांक 116.35 अंक या 1.48 फीसदी की गिरावट के साथ 7,733.45 अंक पर बंद हुआ।

    वहीं, सेंसेक्स के प्रमुख 30 शेयरों का सूचकांक 378.12 अंकों या 1.47 फीसदी गिरावट के साथ 25,228.50 अंक पर बंद हुआ।

    बीएसई के सेक्टरों में मेटल सूचकांक में 3.6 फीसदी और आईटी सूचकांकमें 2.7 फीसदी की गिरावट देखी गई।

    एंजल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष और शोध प्रमुख वैभव अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया, "नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय बाजारों में अस्थिरता बनी रही और प्रमुख शेयरों में थोड़ी गिरावट देखी गई है।"

    जियोजित बीएनपी पारिबास फाइनेंसियल सर्विसेज के मुख्य बाजार विश्लेषक आनंद जेम्स ने बताया कि पिछले हफ्ते एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) द्वारा लगातार शेयरों की बिक्री करने के कारण भारतीय बाजार गिरे हैं।

    शेयर एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के पता चलता है कि एफपीआई ने समीक्षाधीन हफ्ते में 747.60 करोड़ के शेयरों की बिकवाली की है।

    नेशनल सिक्युरिटी डिपॉजिटरी लि. (एनएसडीएल) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2 से 6 मई के बीच एफपीआई ने 773.62 करोड़ रुपये या 116.58 करोड़ डॉलर की निकासी की।

    वैश्विक बाजारों में एशियाई बाजारों में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीन और जापान में मंदी की संभावना की चेतावनी के कारण मंदी देखी गई।

    वहीं, अन्य अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में वैश्विक बाजार में कमोडिटी की कीमतें गिरने और आगे इसमें गिरावट जारी रहने के अनुमानों के कारण गिरावट देखी गई।

    जेम्स ने बताया, "दुनिया भर से मिले आर्थिक आंकड़ों से यह पता चलता है कि उत्पादन गतिविधियां कमजोर पड़ रही हैं और इसी के कारण इस हफ्ते हर जगह गिरावट का रूख रहा।"

    "जापान जहां हफ्ते के दौरान ज्यादातर बंद रहा, वहीं अन्य एशियाई बाजारों जैसे चीन में कारोबार लाल निशान में देखे गए और शुक्रवार को चीन में 3 फीसदी की गिरावट देखी गई।"

    जेम्स आगे कहते हैं कि अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होने के कारण आगे भी उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा।

    इसके अलावा निवेशकों द्वारा मुनाफा निकालने और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के निराशाजनक रहने के कारण भी घरेलू बाजार में निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुई।

    इसके अलावा अप्रैल में सेवा क्षेत्र में हल्की कमी का आंकड़ा सामने आने से भी निवेशकों को निराशा हुई है।

    इस साल हालांकि अच्छे मॉनसून की भविष्यवाणी और निचले स्तर पर खरीदारी के कारण गिरावट को थामने में सफलता मिली। साथ ही लोकसभा में वित्त विधेयक 2016 को 55 संशोधनों के साथ मंजूरी मिलने से और संसद द्वारा अन्य प्रमुख आर्थिक विधेयकों को हरी झंडी देने के कारण भी निवेशकों को मनोबल मजबूत रहा।

    --आईएएनएस
  • रूसी पर्यटन विभाग को खल रही अंग्रेजी में अकुशलता
    मायाभूषण नागवेंकर
    मास्को, 7 मई (आईएएनएस)। रूसी पर्यटन प्राधिकरण का मानना है कि भाषा की समुचित जानकारी के अभाव में विशेष रूप से भारत से आने वाले अंग्रेजी भाषी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में परेशानी आ रही है। ऐसे में विभाग ने अपने कस्टम और इमीग्रेशन (आव्रजन) अधिकारियों से अंग्रेजी बोलने की शैली में सुधार लाने को कहा है।

    आव्रजन काउंटर पर अक्सर होने वाली देर और अंग्रेजी की जानकारी न होना रूसी अधिकारियों के लिए खतरे की घंटी बनी हुई है, जबकि रूसी पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि 2020 तक भारतीय पर्यटकों से करीब 40 अरब डॉलर का व्यापार होगा।

    मॉस्को के डोमोडेडोवा हवाईअड्डे पर ट्रेवल एजेंटों के एक दल को करीब तीन घंटे तक रोके रखने की घटना के मद्देनजर पर्यटन विकास के लिए सेंट पीटर्सबर्ग समिति की उपाध्यक्ष रीमा सखुनोवा ने आईएएनएस को बताया कि कस्टम अधिकारियों की अंग्रेजी की जानकारी की कमी से ऐसी घटना घटी है।

    उन्होंने कहा, "हमें इसका खेद है कि पर्यटकों को काफी परेशानी हुई है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि रूसी कस्टम अधिकारियों को अपनी अंग्रेजी में सुधार लानी चाहिए।"

    रीमा ने कहा कि हम कस्टम सेवा को अधिकारिक रूप से पत्र लिखेंगे, क्योंकि हमें भारतीय पर्यटन बाजार से काफी उम्मीदें हैं।

    पर्यटन विशेषज्ञों को विश्वास है कि रूस पर्यटन के लिए सही मायने में अपने द्वार खोलेगा और यह बेहद जरूरी भी है। हालांकि रूस के लिए यह आसान काम नहीं है, क्योंकि एक ऐसा देश जो हमेशा लोहे की चारदीवारी में बंद रहा हो और अब लोकतंत्र की ओर अग्रसर होते हुए पर्यटन नियमों को सरल बनाने जा रहा है।

    भारतीय पर्यटकों को रूस यात्रा में अग्रणी भूमिका निभाने वाली इंडिगो टूर की मरीना सोकोलोव ने कहा कि हमें खुद को बदलने में थोड़ा समय जरूर लगेगा।

    मॉस्को पर्यटन कार्यालय से जुड़ी कैटेरीना बोरीसोवा ने आशा जताई कि संघीय सरकार मुख्य पारगमन केंद्रों पर एक पर्यटन कार्यालय स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे रूसी कस्टम और आव्रजन काउंटर पर होने वाली अतिरिक्त देर को कम किया जा सकेगा।

    उन्होंने कहा, "हम कस्टम और आव्रजन को और खुला बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इसमें थोड़ा वक्त लग रहा है। आशा है कि जल्द ही हवाईअड्डा, रेलवे स्टेशन के अलावा जहां कहीं भी पर्यटकों की अधिक आवाजाही होगी, वहां पर एक पर्यटन कार्यालय खुल जाएगा।"

    सुखोनोवा ने बताया कि शहर की सड़कों और मेट्रो में अंग्रेजी में साइनबोर्ड लगाने का काम चल रहा है।

    उन्होंने कहा कि सेंट पीटर्सबर्ग में अंग्रेजी में लिखे और भी साइनबोर्ड लगाए जा रहे हैं। दरअसल, पूरे रूस में एक मात्र सेंट पीटर्सबर्ग ही एक ऐसा शहर है, जहां सभी मेट्रो स्टेशनों पर अंग्रेजी में साइनबोर्ड लगे हैं।

    हालांकि भारतीय पर्यटकों की संख्या के विकास में अधिकारियों और जनता में अंग्रेजी की जानकारी की कमी काफी खल रही है। भारतीय रूसी सूचना केंद्र के परेश नवानी का कहना है कि नियमों को यदि ठीक कर दिया जाए, तो भारतीय आसानी से रूस की यात्रा कर सकेंगे।

    नवानी का कहना है कि रूसी सरकार पर्यटन को सरल बनाने के लिए अपनी सीमाओं और नीतियों में परिवर्तन कर रही है, जिससे अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में भारतीय पर्यटक आराम से और कम खर्च में रूस की यात्रा कर सकेंगे।

    प्रतिवर्ष करीब 50 हजार भारतीय रूस की यात्रा करते हैं, जबकि करीब दो लाख रूसी यात्री भारत में मुख्य रूप से गोवा की यात्रा करते हैं।

    --आईएएनएस

खरी बात

तो ये है देश का इकनॉमिक मॉडल

पुण्य प्रसून बाजपेयी गुजरात में पाटीदारों ने आरक्षण के लिए जो हंगामा मचाया- जो तबाही मचायी । राज्य में सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति स्वाहा कर दी उसका फल...

आधी दुनिया

पश्चिम बंगाल : यौन दासता में भारत के उछाल का केंद्र

हिमाद्री घोष साल 2005-06 से पिछले 9 सालों में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 76 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इस आर्थिक बदलाव का श्याह पहलू यौन...

जीवनशैली

क्या वास्तविक दोस्त तय करने में हम हैं फिसड्डी?

लंदन, 7 मई (आईएएनएस)। बहुत सारे लोग यह महसूस करते हैं कि दोस्ती दोतरफा रास्ता है, लेकिन आपके केवल आधे जिगरी दोस्त ही आपको अपना दोस्त समझेंगे। इसका पता एक...