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सुषमा स्वराज ने इजराइल से बढ़ाई करीबी Featured


डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों दो महत्वपूर्ण विदेश यात्राएं कीं। पहले वह इजराइल गईं। यहां ़िद्वपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके बाद वह मनामा गईं। यहां उन्होंने अरब लीग की बैठक में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से भी मुलाकात की।

उन्होंने विश्वास दिलाया कि भारत का समर्थन फिलिस्तीन को मिलता रहेगा। इन यात्राओं से भारत ने जहां स्पष्ट किया कि सरकार बदलने के बाद भी अरब जगत और फिलिस्तीन के संबंध में उसकी परंपरागत विदेश नीति जारी रहेगी और भारत अरब देशों से बेहतर संबंधों के साथ-साथ फलस्तीन की स्वतंत्रता का हिमायती है, वहीं इसराइल के साथ खासतौर पर उन मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा, जो भारत के राष्ट्रीय हित में है।

राष्ट्रीय हित के इन बिंदुओं की तलाश पहले की जा चुकी थी, लेकिन पिछली सरकारों में इजराइल के साथ संबंधों को लेकर एक प्रकार का संकोच था। इसे वह वोट बैंक की राजनीति से भी जोड़कर देखते थे। इसलिए आवश्यकता महसूस करने के बावजूद उन्हें सही दिशा में कदम बढ़ाना मंजूर नहीं था, जबकि कई अरब देशों ने इजराइल से समझौते या द्विपक्षीय वार्ताएं की हैं। वैसे भी विदेश नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देना होता है। वोट बैंक की राजनीति से इसे जोड़कर देखना अनुचित था।

सुषमा स्वराज ने अरब जगत और फिलिस्तीन के साथ भारत की परंपरागत विदेश नीति को प्रभावी ढंग से जारी रखते हुए, इजराइल के साथ भी सहयोग बढ़ाने की शुरुआत की है। इसका परीक्षण भी सफल रहा।

वह पहले इजराइल गई थीं। इस यात्रा का कोई भी प्रतिकूल प्रभाव उनकी फिलिस्तीन और मनामा यात्रा पर नहीं पड़ा। यहां भारत के विचारों का स्वागत किया गया।

यरुशलम में सुषमा स्वराज ने इजराइल के शीर्ष नेताओं से आतंकवाद सहित द्विपक्षीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर वार्ता की। सुषमा की यात्रा को वहां अहमियत दी गई। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने सुषमा के साथ विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श किया। दोनों आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इसे सुषमा की यात्रा की बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है।

दोनों ही देश सीमा पार के आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच समन्वय से लाभ होगा। इस संबंध में सूचना का आदान-प्रदान सुगम बनाया जाएगा। इसके अलावा इस यात्रा के माध्यम से सुषमा ने उन क्षेत्रों की भी जानकारी ली, जिस पर दोनों देश सहयोग बढ़ा सकते हैं। नेतन्याहू ने भारत को विशेष देश माना और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का वह विशेष प्रयास कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इजराइल यात्रा पर गए थे। उसी समय यह तय हो गया था कि दोनों देशों के बीच सहयोग को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। यह भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की पहली विदेश यात्रा थी।

सीमा पार का आतंकवाद भारत की बड़ी समस्या है। इसके मुकाबले की रणनीति में इजराइल महत्वपूर्ण सहयोगी हो सकता है। उसने सफलतापूर्वक ऐसी हिंसक हरकतों का मुकाबला किया है। यह अच्छा है कि भारत सरकार इजराइल की तर्ज पर पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर तारबंदी की संभावना तलाश रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह नवंबर 2014 में इजराइल गए थे। तब उन्होंने सीमा सुरक्षा में इजराइली तकनीक की जानकारी ली थी। खासतौर पर गाजा सीमा पर इजराइल ने उच्च तकनीक युक्त सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है।

इजराइल के पास विश्व की बेहतरीन सीमा सुरक्षा प्रणाली है। यह मनुष्य पर कम तकनीक पर ज्यादा आधारित है। ऐसे में अपने जवानों तथा सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन सुरक्षित रखते हुए आतंकवादियों और घुसपैठियों को आसानी से जवाब दिया जा सकता है।

सीमा पार के आतंकवाद को रोकने के लिए इजराइल से बहुत पहले ही सहयोग की पहल होनी चाहिए थी। इससे पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर अब तक उच्च तकनीक की सुरक्षा प्रणाली स्थापित हो सकती थी, लेकिन इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं किए गए। सुषमा स्वराज की यात्रा से इस मुद्दे पर प्रगति की संभावना बनी है।

इजराइल के साथ मिलकर उच्च तकनीक प्रणाली युक्त सीमा सुरक्षा प्रणाली स्थापित करना अपरिहार्य है। इसका यह मतलब नहीं कि फिलिस्तीन के संबंध में भारत अपनी पुरानी नीति से पीछे हट रहा है। दोनों पर एक साथ अमल किया जा सकता है।

एक-दूसरे को परस्पर विरोधी मान लेना गलत था। इसके चलते भारत पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर अब तक इजराइल जैसी सुरक्षा प्रणाली स्थापित नहीं कर सका।

सुषमा स्वराज ने यह प्रमाणित किया कि इजराइल से सहयोग और फिलिस्तीन को समर्थन की नीति एक साथ चल सकती है। इसी का परिणाम है कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने स्वीकार किया कि भारत पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया में शामिल है। उसका योगदान महत्वपूर्ण है।

फिलिस्तीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। सुषमा स्वराज ने कुदस यूनिवर्सिटी में भारत-फिलिस्तीन डिजिटल लर्निग एंड इनोवेशन सेंटर का उद्घाटन किया। यहां सुषमा ने फिलिस्तीन के साथ भारत की एकजुटता का संदेश दिया।

मनामा में भारत और अरब लीग ने आतंकवाद की निंदा की तथा इसको रोकने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने की हिमायत की। यहां सुषमा स्वराज ने अरब लीग के सदस्य मिस्र, इराक, सऊदी अरब, लेबनान, यमन, जॉर्डन सीरिया, लीबिया, सूडान, मोरक्को, ट्यूनीशिया, कुवैत अल्जीरिया, बहरीन, ओमान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, मोस्लानिया, सोमालिया, फिलिस्तीन, जिबूती और को मोरोस के नेताओं से वार्ता की।

सुषमा स्वराज की इस यात्रा को सफल और उपयोगी माना जा सकता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • सुषमा नेपाल के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से मिलीं
    काठमांडू, 9 फरवरी (आईएएनएस)। नेपाल की यात्रा पर आईं विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली से शिष्टाचार मुलाकात की।

    प्रतिनिधिमंडल ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला को श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों नेताओं से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव शामिल थे।

    इन सभी ने भंडारी से राष्ट्रपति कार्यालय में और ओली से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।

    भंडारी ने भारतीय नेताओं से कहा कि भारत और नेपाल के रिश्ते बहुत गहरे, अभिन्न और राजनीति की सीमा से परे हैं।

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    ओली ने विश्वास जताया कि नेपाल के नए संविधान पर मतभेदों को मधेसियों से वार्ता में सुलझा लिया जाएगा। सरकार आंदोलनरत दलों से सलाह-मशविरा जारी रखेगी।

    सुषमा शाम को नई दिल्ली लौट गईं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • स्वीडिश प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया में लेंगे हिस्सा
    नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन आगामी 'मेक इन इंडिया' सप्ताह में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को देश की दिवसीय यात्रा पर आएंगे। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

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    वह स्वीडन-भारत सीईओ गोलमेज टेबल में भी दोनों देशों के कारोबारियों के साथ हिस्सा लेंगे।

    वह पुणे भी जाएंगे, जो 1960 से स्वीडन की कंपनियों का देश में एक प्रमुख गढ़ है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • वेलेंटाइन्स डे के लिए विशेष टेडी बीयर्स डिजाइन किए
    नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। आप वेलेंटाइन्स डे के मौके पर अपनों को टेडी बीयर देते ही रहे होंगे, लेकिन इस बार आप उन्हें खास डिजाइनर टेडी बीयर्स तोहफे में देकर उनकी खुशियों को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

    रितू कुमार, रीना ढाका, वरुण बहल और कई अन्य प्रख्यात भारतीय डिजाइनर्स ने वेलेंटाइन्स डे के मौके पर अद्वितीय टेडी बनाने के लिए अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल किया है।

    प्यार के इस उत्सव पर डीएलएफ एंपोरियो भी एक खास कार्यक्रम 'मेड विद लव' लेकर आया है, जिसमें वेलेंटाइन्स पॉप अप-स्टोर में डिजाइनर कलेक्शन्स का खास संग्रह पेश किया गया है।

    इस स्टोर से आप आशिमा-लीना, शांतनु एंड निखिल, गौरव गुप्ता, मोनिशा जयसिंह और नीरू कुमार जैसे डिजाइनर्स द्वारा खास तौर पर डिजाइन किए गए उपहार और टेडी बीयर्स ले सकते हैं।

    डीएलएफ एंपोरियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनाज मधुकर ने कहा, "हम इस वेलेंटाइन्स को बेहद खास बनाने की कोशिश में जुटे हैं और इसके तहत हमारे वेलेंटाइन पॉप-अप स्टोर में हमारे डिजाइनर्स द्वारा तैयार विशिष्ट उपहारों का संग्रह होगा।"

    उन्होंने कहा, "ये सीमित संस्करण टेडी बीयर्स और वेलेंटाइन्स प्रेरित संग्रह सालों से हमारे उपभोक्ताओं का पसंदीदा रहा है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर सैन्य दबाव बढ़ाया
    बीजिंग, 9 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा उपग्रह लांच करने के बाद उस पर सैन्य दबाव बढ़ा दिया है।

    अमेरिकी रक्षा अधिकारी संयुक्त कमान के अध्यक्ष जोसेफ डनफोर्ड अपने जापानी और दक्षिण कोरियाई समकक्षों के साथ इस हफ्ते हवाई में मुलाकात करने वाले हैं।

    दक्षिण कोरियाई सेना के संयुक्त कमान के अध्यक्ष आर्मी जनरल ली सून-जिन और जापान के सेल्फ डिफेंस फोर्स के प्रमुख कटासूटोशी कावानो इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके आयोजन की घोषणा उत्तर कोरिया द्वारा छह जनवरी को चौथे परमाणु परीक्षण के बाद की गई थी।

    पेंटागन ने सोमवार को एक अन्य बयान में बताया कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया लाकहीड मार्टिन हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) मिसाइल सुरक्षा प्रणाली को कोरियाई प्रायद्वीप क्षेत्र में तैनात करने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। यह बातचीत रविवार को उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लांच के बाद हो रही है, जिसमें उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने का दावा किया था।

    चीन ने अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र में थाड प्रणाली को तैनात करने की योजना को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। चीन ने कहा है कि इससे उत्तरपूर्व एशिया क्षेत्र की पहले से ही नाजुक स्थिति और भी खराब हो जाएगी।

    चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुंगइंग ने रविवार को कहा, "चीन की मिसाइल रोधी प्रणाली को लेकर सुसंगत और स्पष्ट रुख है। अपनी सुरक्षा को लेकर किसी देश को दूसरे की सुरक्षा भंग नहीं करनी चाहिए।"

    उत्तर कोरिया ने रविवार को कहा कि उसने ख्वाग्मयोंगसोंग-4 नामक भू-अवलोकन उपग्रह स्थानीय समयानुसार नौ बजकर 10 मिनट से भी कम सयम में धरती की कक्षा में भेजा।

    इसके एक महीने पहले उत्तर कोरिया ने अपने पहले हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण करने का दावा किया। इसके बाद दुनिया भर में चिंता की लहर दौड़ गई थी और संयुक्त राष्ट्र उस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में जुट गया।

    उत्तर कोरिया को किसी भी प्रकार के रॉकेट लांच जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का प्रयोग किया गया हो, करने का संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कई प्रस्तावों में प्रतिबंध लगाया गया है।

    उत्तर कोरिया द्वारा छह जनवरी को किए गए परीक्षण के बाद सुरक्षा परिषद उस पर नए प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार कर रही है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नीतीश ने कोइराला के निधन पर शोक जताया
    पटना, 9 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को नेपाली कांग्रेस के प्रख्यात नेता और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला के निधन पर शोक जताया।

    नीतीश ने अपने शोक संदेश में कहा, "कोइराला नेपाल के प्रख्यात राजनेता थे। उन्होंने दशकों तक नेपाल की सेवा की तथा एक लोकतांत्रिक नेता के रूप में भारत से उनका गहरा लगाव था।"

    उन्होंने कहा कि कोइराला के निधन से भारत ने अपना एक महत्वपूर्ण मित्र खो दिया है।

    मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

    उल्लेखनीय है कि सोमवार रात कोइराला का काठमांडू में निधन हो गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • सुशील कोइराला की अंत्येष्टि में जाएंगी सुषमा स्वराज (लीड-1)
    नई दिल्ली/काठमांडू, 9 फरवरी (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पड़ोसी देश नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला की अंत्येष्टि में शामिल होगा और शोकाकुल परिवार से मिलकर संवेदना प्रकट करेगा। सुशील कोइराला का मंगलवार सुबह निधन हो गया।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया, "इस शोक की घड़ी में हम नेपाल के साथ हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला के अंतिम संस्कार में शामिल होगा।"

    अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि सुषमा यहां शाम पांच (स्थानीय समयानुसार) बजे पहुंचेंगी और देर शाम वापस नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।

    विदेश मामलों के लिए प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के सलाहकार गोपाल खनाल ने बताया कि इस दौरान वह ओली से भी मुलाकात करेंगी।

    इस अल्पकालिक यात्रा के दौरान सुषमा के साथ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के समहासचिव सीताराम येचुरी भी होंगे।

    नेपाल की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि करने का फैसला लिया है।

    पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला (80) ने सोमवार देर रात यहां अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनकी अंत्येष्टि पशुपतिनाथ मंदिर के निकट बागमती नदी के किनारे किया जाएगा।

    सरकार ने उनके निधन पर शोक स्वरूप बुधवार को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा भी की है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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